बुधवार, 5 जुलाई 2023

एक-एक बूंद पानी    'संपादकीय' 

एक-एक बूंद पानी    'संपादकीय'   

जिसके पांव न फटी बिवाई, 

वो क्या जाने पीर पराई ?

प्रचंड प्रत्यंचा पर आरुढ भीषण गर्मी का प्रहार जन-जन को आहत करने का कार्य कर रहा है। अत्याधुनिक समाज में समर्थवान और सुविधा भोगी वर्ग को दरकिनार कर दिया जाए तो देश की 52 प्रतिशत आबादी इस भीषण गर्मी का तरह-तरह से दंश झेल रही है और विभिन्न तरह की पीड़ा सहती है। "यह विधाता ने जनता के भाग्य में नहीं लिखा है।" यह राज्यों और राष्ट्र में सत्तारूढ़ प्रजापतियों की देन है। जो केवल और केवल किसी भी क्रिया अनुरूप अधिपत्य प्राप्त करना चाहते हैं। राज धर्म से विमुख कोई भी राजनेता जन संरक्षक कैसे हो सकता है? 

वर्तमान समय में संपूर्ण देश पेयजल की विकट समस्या से जूझ रहा है। 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार देश में 14 वर्ष से कम आयु के 1000 बालक प्रत्येक घंटे में अतिसार का शिकार हो जाते हैं। अशुद्ध पेयजल से होने वाली यह बीमारी देश में प्रति घंटा 1000 बच्चों को निगल जाती है। भाजपा सरकार में कई विधायक और सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने पेयजल को कभी गंभीरता से नहीं लिया। उत्तर प्रदेश की लोनी विधानसभा से विधायक ने तो 1 प्याऊ तक नहीं लगवाई। हालांकि ऐसे खोखले जनप्रतिनिधित्व को जनता एक सिरे से खारिज कर देती है। किंतु परिणाम स्वरूप भोली-भाली जनता को कितना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है? जो व्यक्ति अनुभव कर सकता है, वही 'एक-एक बूंद पानी' का मूल्य समझ सकता है।

2014 से मोदी नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 'स्वच्छ भारत अभियान' का आगाज किया था। जिसमें भारत को 2019 तक स्वच्छ पेयजल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था। परंतु राजनीतिक चिंताओं में सभी विदूषक इसमें असफल सिद्ध हुए। पेयजल की वस्तुतः परिभाषा को देश की आधे से अधिक आबादी समझती ही नहीं है। इसी कारण किसी राजनेता ने इसे चुनौतीपूर्ण विषय ही नहीं समझा। संपूर्ण भारत के 196 लाख घरों में उपयोग होने वाले पानी में फ्लोराइड और आर्सेनिक  जैसे खतरनाक रसायन मौजूद है। जो मानव जीवन को पीड़ा कारक बनाने के लिए काफी है। देश के 718 जनपदों में दो तिहाई हिस्सों में पेयजल की अत्यधिक कमी है।

रिपोर्ट के मुताबिक देश में 3 करोड़ भूजल आपूर्ति केंद्रों (बोरिंग) से ग्रामीण क्षेत्रों में 85 प्रतिशत एवं नगरीय क्षेत्रों में 48 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति की जा रही है। कुल आबादी में 30 प्रतिशत आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। इस विषय पर राज्य स्तरीय एवं राष्ट्र स्तरीय कमेटियों का गठन किया जाता रहा है। परंतु इस विकराल समस्या के स्थाई समाधान की कोई योजना धरातल पर उपस्थित नहीं है। देश की जनता की आवश्यकता और अपेक्षा अनुरूप कोई कार्य नहीं किया गया है। जनता को मीठे स्वप्न दिखाने के बजाय कटु सत्य से अवगत कराना चाहिए। संभवत नागरिक स्वयं समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगा। 

राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'

आशिक दरोगा से महिला सिपाही परेशान: यूपी

आशिक दरोगा से महिला सिपाही परेशान: यूपी  

आदर्श श्रीवास्तव   

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश पुलिस का एक दारोगा फिर अपनी आशिक मिजाती के कारण चर्चा में है। यह दारोगा विभाग की ही महिला सिपाहियों से अश्लील हरकतें करता है। एक नहीं कई महिला सिपाहियों ने दारोगा पर संगीन आरोप लगाए हैं।

महिला सिपाहियों का आरोप है कि दारोगा उन पर गंदे-गंदे कमेंट करता है। अपने आफिस में बुलाकर कमरा बंद कर लेता है। महिला सिपाहियों ने वाट्सएप कॉल करके परेशान करने का भी आरोप लगाया है। मामला मुरादाबाद के कटघर का है। महिला सिपाहियों ने इसकी शिकायत डीजीपी, एसएसपी, महिला आयोग समेत तमाम उच्चाधिकारियों से की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी हेमराज मीणा ने दारोगा जितेंद्र कुमार को लाइन हाजिर कर दिया है। पूरे प्रकरण की जांच सीओ कटघर शैलजा मिश्रा को दी है। सीओ ने थाने पर पहुंच कर शिकायत करने वाली सिपाहियों के बयान लिए हैं।

कटघर थाने की कई महिला सिपाहियों ने संयुक्त रूप से एक शिकायती पत्र पुलिस के उच्चाधिकारियों को दिया है। इसमें महिला सिपाहियों ने आरोप लगाया कि थाने के एसएसआई जितेंद्र कुमार उन्हें देख कर गंदे-गंदे कमेंट करते हैं। यह भी आरोप लगाया कि एसएसआई अपने ऑफिस में बुलाकर गेट बंद कर लेते हैं और इतना ही नहीं रात में महिला सिपाहियों को वाट्सएप कॉल करके परेशान करते हैं। वाट्सएप मैसेज कर मनचाही जगह ड्यूटी लगाने का प्रलोभन देकर अेकले में मिलने तक की बात एसएसआई कह चुके हैं।

शिकायतकर्ता महिला सिपाहियों ने एसएसआई के आपत्तिजनक वाट्सएप मैसेज के स्क्रीन शॉट भी शिकायती पत्र के साथ दिए हैं। शिकायत मिलने के बाद एसएसपी हेमराज मीणा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसआई कटघर के पद पर तैनात दरोगा जितेंद कुमार को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है।

सामूहिक हत्या या आत्महत्या, क्षेत्र में हड़कंप 

सामूहिक हत्या या आत्महत्या, क्षेत्र में हड़कंप   

संदीप मिश्रा  

जौनपुर। जिले में मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के जयरामपुर गांव में बुधवार की सुबह एक टेंट व्यवसायी ने अपने तीन बच्चों व पत्नी को मारकर खुद फंदा लगाकर जान दे दी। इस घटना में पांचों की मौत से गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

जयरामपुर गांव निवासी नागेश कठियांव मार्ग पर टेंट का व्यवसाय करता था। बुधवार की सुबह देर तक जब नागेश के परिवार का कोई नहीं जगा तो लोगों ने उसके भाई को फोन करके बताया।

भाई ने जब दरवाजा खोलकर अंदर देखा तो नजारा देखकर अवाक रह गए। घर के एक कमरे में चारपाई पर दो बेटियों निकिता और आयुषी, पुत्र आदर्श के शव पड़े थे। थोड़ी दूरी पर पत्नी राधिका का भी शव पड़ा था। नागेश फंदे से लटक रहा था। परिवार के सदस्यों ने इस तरह का कदम क्यों उठाया गया यह अभी पता नहीं चल सका है।

ज्योति पहले से ग्रेजुएट, दिखाया शादी कार्ड  

ज्योति पहले से ग्रेजुएट, दिखाया शादी कार्ड   

संदीप मिश्रा  

बरेली। पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्य की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बनारस की रहने वालीं ज्योति मौर्य एक बेहद साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता की अपनी एक चक्की की दुकान है। वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थीं, लेकिन पिता ने ग्रेजुएशन करने के बाद अपनी बेटी की शादी साल 2010 में आलोक मौर्य से कर दी थी। 

चर्चा है कि आलोक से शादी के बाद जब ज्योति अपने ससुराल पहुंचीं तो पति ने अपनी पत्नी को पढ़ा लिखा कर कुछ अच्छा बनाने का बीड़ा उठाया। यानी आप कह सकते हैं कि कुछ हद तक दोनों की कहानी अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्म सूर्यवंशम की तरह है। वहीं, इस बीच ज्योति ने अपनी शादी का कार्ड मीडिया के सामने रखा है, जिसे आलोक ने फर्जी बता दिया है।

आलोक मौर्या ने कहा कि यह कार्ड मुझे फंसाने के लिए छपवाया गया है, क्योंकि जब शादी हुई तब यह अध्यापिका नहीं थीं, सिर्फ पढ़ रही थीं। कार्ड पूरी तरीके से झूठा है। आलोक मोर्या का यह भी कहना है कि उनकी पत्नी के पास कोई एलिमेंट नहीं है, इसलिए उनपर इल्जाम लगाने के लिए शादी के कार्ड को एक जरिया बनाया जा रहा है। आलोक के अनुसार, शादी के कार्ड पर तारीख, दिन, नाम, पता तो सही है लेकिन उनके नाम की नीचे लिखा गया ग्राम पंचायत अधिकारी गलत है।

पार्टनर में ये लक्षण हैं, रिलेशनशिप खत्म करें  

पार्टनर में ये लक्षण हैं, रिलेशनशिप खत्म करें  

कविता गर्ग  

किसी भी रिश्ते में प्यार और भरोसा रहना बहुत जरूरी होता है। वहीं अगर रिलेशनशिप की बात करें तो उसमें तो ये दो चीजें बहुत मायने रखती हैं। प्यार और भरोसे की वजह से ही दो लोग एक दूसरे से सालों-साल तक बंधे रहते हैं। वहीं अगर इनमें से किसी भी एक चीज की कमी हो, तो रिश्ते को आगे बढ़ाना एक चुनौती समान लगता है। 

आजकल ये देखा जा रहा है कि मारपीट, लड़ाई-झगड़े, डाइवोर्स के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इसकी एक वजह ये है कि हम पार्टनर की कुछ आदतों को इग्नोर करते रहते हैं, जो आगे चलकर आपकी पूरी लाइफ पर प्रभाव डालती है तो इन्हें नजरअंदाज करने की गलती बिल्कुल न करें। तो चलिए आज हम आपको कुछ आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पार्टनर में नजर आएं, तो ब्रेकअप करने में जरा भी वक्त न लगाएं। 

पार्टनर की इन आदतों तो बिल्कुल भी न करें इग्नोर

बात-बात पर झूठ बोलना

रिलेशनशिप में भरोसा बहुत जरूरी है बल्कि यही रिश्ते की बुनियाद मानी जाती है, लेकिन अगर आपको महसूस होता है कि आपका पार्टनर आपसे बेवजह झूठ बोलता है और आपने कई बार उसे चीटिंग करते पकड़ा भी है, तो फिर रिश्ते को आगे बढ़ाने की कोई वजह नहीं बाकी ये समझ लीजिए। छोटे-मोटे झूठ कब धोखे की बड़ी वजह बन जाते हैं, पता भी नहीं चलता। बेहतर होगा ऐसे रिलेशनशिप को वहीं खत्म कर दें।

एक्स के बारे में बातें करना

बता दें किसी के साथ रिलेशनशिप में रहना कोई गलत बात नहीं, लेकिन अगर अब वो आपके साथ हैं लेकिन फिर भी अपने एक्स को याद करते रहते हैं या उससे आपकी कंपेरिजन करते रहते हैं, तो इस आदत को भी सहन करने की जरूरत नहीं, क्योंकि आगे चलकर ये रिलेशनशिप को और ज्यादा खराब कर सकती हैं। ऐसे में बेहतर होगा ऐसे रिलेशनशिप से बाहर निकलें।

हर टाइम झगड़ा करना

क्या आपका पार्टनर भी हर छोटी बात को लड़ाई का मुद्दा बना लेता है, तो समझ जाएं कि वो इस रिलेशनशिप को आगे नहीं बढ़ाना चाहता और आपसे अलग होने के बहाने ढूंढ़ रहा है। हर वक्त होने वाले लडा़ई-झगड़े एक अलग ही तरह की मानसिक परेशानी देते हैं, जिसे लंबे वक्त तक झेलने के बजाय ऐसे व्यक्ति से दूरी बना लेने में ही समझदारी है।

संविदा कर्मियों को नियमित करने की कवायद

संविदा कर्मियों को नियमित करने की कवायद

दुष्यंत टीकम  

रायपुर। कांग्रेस ने 2018 के अपने चुनावी जन घोषणा पत्र में सरकार के विभिन्‍न विभागों में काम करने वाले संविदा, दैनिक वेतन भोगी (दैवेभो) और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। यह वादा अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। कर्मचारी संगठन यह वादा पूरा करने के लिए लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार भी अपने इस वादा को पूरा करने की दिशा में 2019 से ही प्रयास कर रही है, लेकिन विभागों से पूरी जानकारी नहीं मिलने के कारण मामला अटका हुआ है। अब सरकार जल्‍द ही अपना यह वादा भी पूरा करने जा रही है। चर्चा है कि छह जुलाई को प्रस्‍तावित कैबिनेट की बैठक में सरकार इस पर बड़ा फैसला ले सकती है।

अफसरों के अनुसार विधानसभा के मानसून सत्र की अधिसूचना जारी हो चुकी है। ऐसे समय में सरकार विधानसभा के बाहर कोई भी बड़ी घोषणा करने से बचती है। चर्चा है कि छह जुलाई को कैबिनेट की बैठक में यदि इसको लेकर कोई निणर्य होता है तो बहुत संभव है कि इसकी घोषणा 18 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र के दौरान की जाए। वहीं, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सरकार यह घोषणा जरुर करेगी। ऐसे में सरकार के पास अभी 15 अगस्त तक का समय है।

केवल 24 विभागों ने ही भेजी है पूरी जानकारी

 कर्मचारियों के नियमितकरण को लेकर सामान्‍य प्रशासन विभाग (जीएडी) 2019 से ही सक्रिय है। बीते चार वर्षों जीएडी ने कई बार विभागों को पत्र लिखकर उनके यहां कार्यरत संविदा, दैवेभो और अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांग चुका है। विभागीय अफसरों के अनुसार अभी तक केवल 24 विभागों ने ही पूरी जानकारी भेजी है। बाकी 23 विभागों से अभी तक जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई है।

ऐसे करे नंदी की पूजा, मनोकामना पूर्ण होगी    

ऐसे करे नंदी की पूजा, मनोकामना पूर्ण होगी    

सरस्वती उपाध्याय   

सावन का महीना शुरू हो चुका है और इस बार सावन का महीना 59 दिन का होने के कारण 8 सावन सोमवार भी होंगे। यदि आप इस दौरान भगवान शिव की पूरे भक्ति भाव के साथ आराधना कर रहे हैं तो नंदी देव की पूजन में भी कोई कमी न रखें। पौराणिक मान्यता है कि सावन माह में  शिव की उपासना करने से जीवन बल, बुद्धि, विद्या और धन की प्राप्ति होती है, लेकिन यदि आप नंदी देव की पूजा विधि विधान से करते हैं तो यही मनोकामना जल्द पूरी होती है।

जानें कौन है नंदी महाराज

हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक  भगवान शिव के प्रिय गण हैं और वह उनके प्रिय वाहन हैं। यही कारण हैं कि शिवालय में भगवान शिव के पास हमेशा ही एक नंदी महाराज भी एक प्रतिमा होती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के पवित्र महीने में नंदी महाराज को अपनी इच्छा बताने से साधक की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। भगवान शिव जब तपस्या में लीन रहते हैं और भगवान नंदी उनकी सेवा में रहते हैं। ऐसे में लोग नंदी जी को ही अपनी मनोकामना बताते हैं, जो बाद में भगवान शिव तक उस मनोकामना को पहुंचाते हैं।

नंदी महाराज के कान में कहें मनोकामना

नंदी महाराज की उपासना करते समय और उनके कान में अपनी इच्छा बताने से पहले ‘ॐ’ शब्द जरूर बोलना चाहिए। ‘ॐ’ का दूसरा नाम प्रणव अर्थात परमेश्वर है और कई ग्रंथों में बताया गया है कि ‘ॐ’ ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी त्रिदेवों के प्रतीक हैं, यही कारण है कि वैदिक मंत्र के प्रारंभ में ‘ॐ’ का उच्चारण जरूर किया जाता है।

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...