सोमवार, 23 जनवरी 2023

जज के सामने गुटखा खाकर पेश हुआ वकील

जज के सामने गुटखा खाकर पेश हुआ वकील

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। लोकतंत्र में न्याय का मंदिर न्यायालय को कहा जाता है। जज की कुर्सी एक ऐसी कुर्सी होती है, जिसपर बैठा शख्स न्याय और अनुशासन की प्रतिमूर्ति होता है। उसके सामने हर व्यक्ति एक समान होता है। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी, फिर छोटे-मोटे पदों पर बैठे अधिकारियों को तो छोड़ ही दीजिए। कोर्ट में दलील देने वाले वकीलों को भी जज के सामने अनुशासन में ही रहना पड़ता है और अगर कभी उनका अनुशासन डगमगाता है तो फिर जज साहब उन्हें कायदे से समझाते भी हैं और जरूरत पड़ने पर डांट-फटकार भी मिलती है।

फिलहाल सोशल मीडिया पर ऐसे ही एक वकील का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने कोर्ट में जज साहब के सामने गुटखा खाकर जाने की गलती कर दी। फिर उसे जज साहब ने जो भरपूर डोज दिया, उसे सुनकर यकीनन आपके चेहरे पर मुस्कान बिखर जाएगी।

वीडियो में आप देख सकते हैं कि दो जज अपनी-अपनी कुर्सियों पर विराजमान हैं और सामने दो वकील खड़े होकर किसी केस के सिलसिले में उन्हें दलीलें दे रहे हैं। इसी बीच जज साहब की नजर अचानक एक वकील के दांतों पर पड़ी, तो उन्होंने झट से वकील को ब्रश करके आने की सलाह दे दी। इसपर वकील उन्हें सॉरी बोलता है, लेकिन जज साहब यहीं पर नहीं थमते, बल्कि वो वकील से पूछ ही लेते हैं कि क्या आप कोर्ट में पान खा रहे हैं? इसपर वकील कहता है कि जज साहब वो पान नहीं खा रहे बल्कि गुटखा चबा रहे हैं। फिर क्या, भड़के जज साहब ने उन्हें ऐसी-ऐसी बातें कही कि वो सॉरी-सॉरी की रट लगाने लगे ?

इस मजेदार वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर किया गया है और कैप्शन में लिखा है, बिन अनुशासन रे मना, सफल न होते काम! जीवन स्तर गिरने लगे, सके न कोई थाम! जगह कोई भी हो, अनुशासन बनाए रखना चाहिए। इसके साथ-साथ वकील साहब पर 5000 का जुर्माना भी लगा दिया।

राज्यपाल कोश्यारी ने पद छोड़ने की इच्छा जताई 

राज्यपाल कोश्यारी ने पद छोड़ने की इच्छा जताई 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पद छोड़ने की इच्छा जताई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने जीवन का बाकी समय पढ़ने-लिखने समेत अन्य गतिविधियों में बिताना चाहेंगे।

कोश्यारी ने कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री के हालिया मुंबई दौरे के दौरान मैंने सभी राजनीतिक दायित्यों से मुक्त होने और बाकी जीवन पढ़ने-लिखने एवं अन्य गतिविधियों में बिताने की अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराया।’’ राजभवन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री से उन्हें हमेशा प्यार और स्नेह मिला तथा वह उम्मीद करते हैं इस संबंध में भी उन्हें वही स्नेह मिलेगा। प्रधानमंत्री गत 19 जनवरी को कई परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्धाटन के लिए मुंबई में थे।

कोश्यारी ने कहा, ‘‘राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की धरती महाराष्ट्र जैसे महान राज्य की सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात है।’’

महिला का अधिकार, गर्भपात कराना या नहीं ?

महिला का अधिकार, गर्भपात कराना या नहीं ?

कविता गर्ग 

मुंबई। बंबई हाई कोर्ट ने 32 सप्ताह की गर्भवती एक महिला को भ्रूण में गंभीर विसंगतियों का पता लगने के बाद गर्भपात की अनुमति देते हुए कहा है कि महिला को यह तय करने का अधिकार है कि वह गर्भावस्था को जारी रखना चाहती है या नहीं ? न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति एस जी दिगे की खंडपीठ ने 20 जनवरी के अपने आदेश में चिकित्सकीय बोर्ड की इस राय को मानने से इनकार कर दिया कि भले ही भ्रूण में गंभीर विसंगतियां हैं, लेकिन गर्भपात नहीं कराया जाना चाहिए, क्योंकि इस मामले में गर्भावस्था का अंतिम चरण है। 

आदेश के प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई। सोनोग्राफी के बाद पता चला था कि भ्रूण में गंभीर विसंगतियां हैं और शिशु शारीरिक एवं मानसिक अक्षमताओं के साथ पैदा होगा, जिसके बाद महिला ने अपना गर्भपात कराने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा, भ्रूण में गंभीर विसंगतियों के मद्देनजर गर्भधारण की अवधि मायने नहीं रखती। याचिकाकर्ता ने सोच-समझकर फैसला किया है। यह आसान निर्णय नहीं है, लेकिन यह फैसला उसका (याचिकाकर्ता का), केवल उसका है। यह चयन करने का अधिकार केवल याचिकाकर्ता को है। यह चिकित्सकीय बोर्ड का अधिकार नहीं है।

अदालत ने कहा कि केवल देर हो जाने के आधार पर गर्भपात की अनुमति देने से इनकार करना न केवल होने वाले शिशु के लिए कष्टकारी होगा, बल्कि उस भावी मां के लिए भी कष्टदायक होगा, और इसकी वजह से कारण मातृत्व का हर सकारात्मक पहलू छिन जाएगा। अदालत ने कहा, कानून को बिना सोचे समझे लागू करने के लिए महिला के अधिकारों से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा कि चिकित्सकीय बोर्ड ने दंपति की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति पर गौर नहीं किया। उसने कहा, बोर्ड वास्तव में केवल एक चीज करता है, क्योंकि देर हो गई, इसलिए अनुमति नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह गलत है, जैसा कि हमने पाया है। पीठ ने यह भी कहा कि भ्रूण में विसंगतियों और उनके स्तर का पता भी बाद में चला।

उद्योगों के लिए पूरा सहयोग देगी राज्य सरकार: सीएम 

उद्योगों के लिए पूरा सहयोग देगी राज्य सरकार: सीएम 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि उद्योगों के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग देगी, आइए और मध्य प्रदेश में उद्योग लगाइए। सीएम चौहान ने भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में गोकलदास एक्सपोर्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित रेडीमेड गारमेंट इकाई का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन इस क्षेत्र के लिए सौभाग्य का दिन है, मात्र 16 माह में फैक्ट्री खड़ी कर देना चमत्कार से कम नहीं है। गारमेंट इकाई में विभिन्न प्रकार के परिधान निर्मित होंगे, जिनसे 5 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि परिधान इकाइयों में बहन-बेटियों के लिए रोजगार के अवसर अधिक होंगे। 

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि स्थानीय जन को आवश्यक प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। चौहान ने इससे पहले परिसर में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में पूजा की। मंत्रोच्चार के बीच फीता काट कर और शिला पट्टिका का अनावरण कर रेडीमेड गारमेंट इकाई का उद्घाटन किया। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बैरसिया विधायक विष्णु खत्री और गोकलदास एक्सपोर्ट के शिव रामाकृष्णन गणपति तथा प्रभात कुमार सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 मुख्यमंत्री ने हाल ही में इंदौर में संपन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में मिले 15 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों का उल्लेख करते हुए उद्योगपतियों से आह्वान किया कि वे आएं और औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन मिलते ही तेजी से काम शुरू करें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वस्त्र उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है और यहां के परिधान दुनिया में धूम मचाएंगे। उन्होंने उद्योगपतियों से महिला स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण देने का आह्वान भी किया। 

चौहान ने कहा कि गोकलदास गारमेंट बेंगलुरू से आए हैं और रोजगार का तोहफा लाएं हैं। उन्होंने कंपनी से आग्रह किया कि वे युवाओं को प्रशिक्षित करें, जिससे उनके पास स्किल्ड वर्क फोर्स हों। उन्होंने कंपनी की तारीफ की कि वे अपने उद्योग में 80 प्रतिशत महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कंपनी से कहा कि वे यहां और भी निवेशकों को लेकर आएं। श्री चौहान को कंपनी के एमडी श्री कृष्णन ने फैक्ट्री में बने पहले उत्पाद भेंट किए। 

मुख्यमंत्री ने फैक्ट्री की विभिन्न इकाइयों का भ्रमण कर रेडीमेड गारमेंट तैयार करने का जायजा भी लिया। इकाई में अधिकांश महिलाएं कार्यरत थी। उन्होंने बड़ी संख्या में बहन-बेटियों को रोजगार देने पर प्रसन्नता व्यक्त की और महिलाकर्मियों से कार्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिलाकर्मियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दी।

गुरबत का सांप    'संपादकीय'

गुरबत का सांप    'संपादकीय'


कभी-कभी जिंदगी में,

ऐसा समय आता है।

एक निर्जीव पत्थर भी,

जीवन बन जाता है।

विश्व के आलेखन के अनुसार,  विश्व में अक्सर अनेकों तरह के अजूबे होते रहते है। इसके अनुरूप पृथ्वी पर प्रकट हुए अनेक प्रकार के सांप पत्थरों पर चलना ही अधिक पसंद करते है। लेकिन, इन सबसे अलग एक सांप, जिसे 'गुरबत का सांप' कहा जाता है। वह ना दिखता है, ना चलता है, ना उड़ता है और ना तैरता है‌‌। वह फिर भी 'गुरबत का सांप' कहलाता है। वर्तमान में देखा जाए, तो भारत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर 'गुरबत का सांप' सवार है। उसके पश्चात अब 'गुरबत के सांप' के कटघरे में भाजपा आ गई है। हालांकि, यह ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। वैसे, एक नजरिए से देखा जाएं, तो कुछ-कुछ ऐसा ही लगता है। इसके बाद भी इस मामले की गंभीरता से पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी यह एक कड़वा सच लगता है। 

कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु अभियान चलाया गया था। टीकाकरण अभियान भाजपा की 'भयावह' रणनीति का एक अहम हिस्सा है। इसके अतिरिक्त आपको यह भी बताते चलें, कि (कोविड-19) महामारी को मजाक में लेना, भारी पड़ सकता है। दुनिया भर में अभी तक कोरोना के कुल केसों की संख्या-66,86,46,404 हो गई। इसके साथ-साथ अभी तक कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या-67,38,653 हो गई। इससे अधिक खास बात यह है, कि दुनिया भर में कोरोना की कुल 13,22,61,15,781 खुराकें दी गईं। 

इससे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है, कि भारत में बीते वर्ष-2020 में कोविड-19 महामारी का आर्थिक प्रभाव काफी हद तक विघटनकारी रहा है। सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में भारत की विकास दर घटकर 3.1% रह गई। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, कि यह गिरावट मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के कारण है। विशेष रूप से, भारत भी महामारी से पहले मंदी का सामना कर रहा था और विश्व बैंक के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी ने "भारत के आर्थिक दृष्टिकोण के लिए पहले से मौजूद जोखिमों को बढ़ा दिया है"।

(कोविड-19) महामारी भी एक 'गुरबत के सांप' की तरह ही है, जो अगर किसी पर चिपक जाएं, तो छाप मारकर ही दम लेती है। अगर एक अलग दृष्टिकोण से देखा जाए, तो इसमें भाजपा की एक महत्वपूर्ण भूमिका एवं प्रतिस्पर्धा भी हो सकती है। भाजपा की सख्त नजर भी, एक 'गुरबत के सांप' की तरह ही है।

चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'

हिजाब पर प्रतिबंध, सुनवाई के लिए 'एससी' तैयार 

हिजाब पर प्रतिबंध, सुनवाई के लिए 'एससी' तैयार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकारी स्कूल कॉलेजों में हिजाब पर लगाए गए प्रतिबंध के मामलें को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तुरंत तैयार हो गया है। सीजेआई ने कहा है कि वह इस मामले को देखेंगे और फिर इसे तीसरी बेंच को सुपुर्द करेंगे। सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा की ओर से सीजेआई के सामने हिजाब पर प्रतिबंध का मामला रखा गया। इस मामले की अर्जेंट सुनवाई की मांग करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि अगले दिनों विभिन्न बोर्डों एवं कालेजों की परीक्षाएं आरंभ हो रही है, जिसमें मुस्लिम लड़कियों को भी परीक्षा देनी है। ऐसे में मुस्लिम लड़कियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए तत्काल आदेशों की आवश्यकता है। 

सीनियर वकील ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि सरकारी आर्डर के हिसाब से राज्य के स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब की इजाजत नहीं है। ऐसे हालातों में मुस्लिम लड़कियों को अपनी परीक्षा की चिंता सता रही है। याचिका पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वह इस मामले को देखेंगे और फिर तीसरी बेंच के सामने हिजाब पर बैन के मामले को रखा जाएगा। वकील का कहना है कि कई छात्राएं पहले भी 1 साल का नुकसान उठा चुकी है। सरकारी कालेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगने के बाद अनेक छात्राओं ने निजी कॉलेजों में एडमिशन ले लिया है‌ लेकिन परीक्षाएं सरकारी कॉलेजों में ही कराई जानी है। ऐसे में हम अंतरिम दिशानिर्देशों की सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं।

अक्षय व इमरान की फिल्म 'सेल्फी' का ट्रेलर रिलीज 

अक्षय व इमरान की फिल्म 'सेल्फी' का ट्रेलर रिलीज 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की आने वाली फिल्म 'सेल्फी' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। राज मेहता के निर्देशन में बन रही सेल्फी वर्ष 2019 में प्रदर्शित मलयालम भाषा की कॉमेडी-ड्रामा 'ड्राइविंग लाइसेंस' की रीमेक है। इस फिल्म में अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की मुख्य भूमिका है। करण जौहर के नेतृत्व वाले धर्मा प्रोडक्शंस ने बैनर तले बन रही सेल्फी का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। अक्षय कुमार ने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया है।अक्षय कुमार ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "इस कहानी का विलेन तो पता नहीं, पर हीरो सेल्फी है। सेल्फी का ट्रेलर अभी देखें। सेल्फी 24 फ़रवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।"

ट्रेलर में अक्षय कुमार का एक्शन सबका दिल जीत रहा है तो वहीं इमरान हाशमी की अदाकारी खूब पसंद आ रही है। अक्षय और इमरान के अलावा नुसरत भरूचा और डायना पेंटी की झलक भी ट्रेलर में देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि मलयालम फिल्म 'ड्राइविंग लाइसेंस' में पृथ्वीराज सुकुमारन ने एक पॉपुलर सुपरस्टार का रोल निभाया था, जबकि विजय वेंजरममूदु मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रोल में नजर आए थे। अक्षय कुमार इस फिल्म में पृथ्वीराज सुकुमारन वाला किरदार निभा रहे हैं, जबकि इमरान हाशमी विजय वेंजरममूदु वाले किरदार में दिखाई देंगे।

इस फिल्म की कहानी एक मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक सुपरस्टार का फैन है। वह एक मुश्किल परिस्थिति से उसे निकालने का फैसला लेता है। लेकिन शर्त रख देता है कि वह उससे पर्सनली मिलना चाहता है। दोनों की मुलाक़ात होती है और मीटिंग में दोनों के बीच ऐसा कुछ होता है कि दोनों आपस में भिड़ जाते हैं। उनकी लड़ाई का असर उनकी प्रोफेशनल लाइफ पर भी पड़ता है।

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...