शनिवार, 24 दिसंबर 2022

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट ट्वीट कर लिखा 

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट ट्वीट कर लिखा 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2022 की अपनी पसंदीदा फिल्मों की एक लिस्ट ट्वीट कर लिखा है, मैंने इस साल कुछ बेहतरीन फिल्में देखीं...क्या मैंने कुछ मिस किया? सूची में द फेबलमैन्स, टॉप गन: मेवरिक, टिल और आफ्टर यैंग शामिल हैं। ओबामा ने अपने प्रोडक्शन हाउस हायर ग्राउंड प्रोडक्शंस की फिल्म डिसेंडेंट का नाम भी इसमें शामिल किया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हर साल दिसंबर के महीने में अपनी पसंदीदा फिल्में और पढ़ी किताबों की लिस्ट जारी करते हैं। अब उन्होंने शुक्रवार को साल 2022 में दिखीं फिल्मों की लिस्ट जारी की है और लोगों से पूछा है कि उन्हें इस साल कुछ खास जो देखने लायक हो वो छोड़ तो नहीं दिया है।  

इस लिस्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया हैं। मिस्टर प्रेसिडेंट की इस लिस्ट में कोरियन ब्लॉकबस्टर फिल्म डिसीजन टू लीव, साइंस फिक्शन सेंसेशन एवरीवेयर ऑल एट वंस, फ्रेंच ड्रामा पेटिट मैमन, के साथ-साथ टॉप गम मेवरिक, आफ्टर यांग, टार, द वुमन किंग, हैपनिंग, टिल, द गुड बॉस, ए हीरो, हिट ए रोड और व्हील ऑफ फॉर्च्यून एंड फैंटेसी जैसी ब्लॉकबस्टर जैसी फिल्में शामिल हैं। इस लिस्ट में ओबामा की प्रोडक्शन कंपनी की डॉक्यूमेंट्री भी शामिल है, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी।

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, मैंने इस साल कुछ बेहतरीन फिल्में देखीं हैं- यहां मेरी कुछ पसंदीदा फिल्में हैं। मुझसे देखने में क्या छूट गया? वहीं, ट्विटर पर इस लिस्ट के सामने आने के बाद लोग उन्हें रीट्वीट कर दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म आरआरआर देखने की सलाह दी है। जबकि यूएसए टुडे के फिल्म क्रिटिक्स ब्रायन ट्रुइट ने लिखा, मुझे लगता है कि आप सच में आरआरआर को देखेंगे।

राम चरण और जूनियर एनटीआर अभिनीत इस फिल्म को  प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स, 2023 में बेस्ट नॉन-अंग्रेजी फिल्म और सॉन्ग नाटु-नाटु सहित बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग में नॉमिनेशन किया गया है, जिससे दावा किया जा रहा है कि इस फिल्म में ऑस्कर अवार्ड, 2023 में एंट्री का रास्ता साफ कर लिया है।

आज धूमधाम से मनाया जाएगा 'क्रिसमस डे'

आज धूमधाम से मनाया जाएगा 'क्रिसमस डे'

सरस्वती उपाध्याय 

जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल बेल ऑल द वे... इस समय सोशल मीडिया से लेकर बाजार और घरों में यही एक धुन सुनाई दे रही है। क्रिसमस का पर्व अब पूरी दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है। ऐसे तो यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। लेकिन अब हर धर्म के लोग इसे लेकर उत्साहित रहते हैं। महीनों पहले से लोग क्रिमसम पार्टी की तैयारी में जुट जाते हैं। वहीं कई लोगों के मन में अब भी यह सवाल उठता है कि आखिर 25 दिसंबर के दिन क्यों क्रिसमस डे मनाया जाता है? तो आज हम आपको क्रिसमस से जुड़ी कई दिलचस्प बाते बताने जा रहे हैं। 

प्रभु यीशु का हुआ था जन्म

क्रिसमस का पर्व प्रभु यीशू के जन्म की खुशी में मनाई जाती है। प्रभु यीशू (जीसस क्राइस्‍ट) को भगवान का बेटा यानी Son Of God कहा जाता था।ईसाईयों की मान्यता के मुताबिक, प्रभु यीशू का जन्म 4 ईसा पूर्व हुआ था। उनके पिता का नमा यूसुफ और मां का नाम मरियम था। यीशू का जन्म एक गौशाला में हुआ था, जिसकी पहली खबर गडरिय सब को मिली थी और उसी समय एक तारे ने ईश्वर के जन्म की भविष्यवाणी को सत्य किया था।

यीशू ने 30 साल की आयु से मानव सेवा में जुट गए थे। वह घूम घूम कर लोगों को संदेश देते थे। प्रभु यीशू के इस कदम से यहूदी धर्म के कट्टरपंथी लोग नाराज हो गए और उनका विरोध करना शुरू कर दिया। फिर एक दिन रोमन गवर्नर के सामने प्रभु यीशू को लाया गया और फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया।  मान्यताओं के मुताबिक, सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईश्‍वर के चमत्‍कार से यीशू फिर से जीवित हो गए और फिर उन्‍होंने ईसाई धर्म की स्‍थापना की।

क्रिसमस डे मनाने की शुरुआत कब हुई थी?

ईसाईयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल में प्रभु ईसा मसीह की जन्मतिथि की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन ही उनका जन्मदिन मनाया जाता है। 25 दिसंबर की तारीख को लेकर कई बार काफी विवाद भी हुआ है।  रोमन कैलंडर के अनुसार पहली बार 336 इसवीं को 25 दिसंबर को पहली बार आधिकारिक तौर पर यीशू का जन्मदिन मनाया गया। कहते हैं तब से ही 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाने लगा। वहीं यह भी कहा जाता है कि पश्चिमी देशों ने चौथी शताब्‍दी के मध्‍य में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाने की मान्‍यता दी। आधिकारिक तौर पर 1870 में अमेरिका ने क्रिसमस के दिन फेडरेल हॉलिडे की घोषणा की थी।

क्रिसमस ट्री का इतिहास

क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में कई हजार साल पहले हुई थी। उस वक्त फर नाम के एक पेड़ को सजाकर यह त्यौहार मनाया जाता था। धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन बढ़ने लगा। मान्यता यह भी है कि ईसा मसीह के जन्म के वक्त सभी देवताओं ने सदाबहार पेड़ को सजाया था। तभी से इस पेड़ को क्रिसमस ट्री के नाम से पहचाना जाने लगा। क्रिसमस ट्री को कई गिफ्ट्स, लाइट्स, चॉकलेट और घंटियों समेत तमाम चीजों से सजाया जाता है।

सेंटा क्लॉज की कहानी

सेंटा के बिना तो क्रिसमस का पर्व अधूरा-सा ही लगता है। सेंटा को लेकर प्रचलित एक कहानी के अनुसार, संत निकोलस का जन्म 340 ई० की 6 दिसंबर को हुआ था। बताया जाता है कि बचपन में ही इनके माता पिता का निधन हो गया था। बड़े होने के बाद वह एक पादरी बन गए। उन्हें लोगों की मदद करना काफी पसंद था। कहा जाता है कि वह रात में बच्चों को इस लिए गिफ्ट देते थे, ताकि कोई उन्हें देख न सके। मान्यता है कि आगे चलकर यही संत निकोलस बाद में सांता क्लॉज बन गए।

भारत: 'एक्सबीबी और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें मिलें 

भारत: 'एक्सबीबी और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें मिलें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विषाणु विज्ञानी गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत में ओमीक्रोन के उपस्वरूपों 'एक्सबीबी' और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें सामने आए हैं। लेकिन इनमें तेज वृद्धि नहीं देखी गई है, लिहाजा उन्हें कोविड मामलों में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है। चीन समेत कई देशों में ओमीक्रोन के बेहद संक्रामक स्वरूपों-विशेषकर बीएफ.7 के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि देखे जाने के बीच उन्होंने यह बात कही। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइंसेज’ विभाग की प्रोफेसर कांग ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “वे सभी ओमीक्रोन उपस्वरूपों की तरह हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को भेदकर लोगों को संक्रमित करने के मामले में तो बहुत आगे हैं, लेकिन डेल्टा से अधिक गंभीर संक्रमण पैदा नहीं कर रहे हैं।”

कांग ने कहा कि “फिलहाल, भारत की स्थिति ठीक है” लेकिन “वायरस के व्यवहार में किसी भी बदलाव के संकेत का पता लगाने” के लिए निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए।” बीएफ.7, ओमीक्रोन के स्वरूप बीए.5 का एक उपस्वरूप है और यह काफी संक्रामक है। इसकी ‘इनक्यूबेशन’ अवधि कम है। यह पुन: संक्रमित करने या उन लोगों को भी संक्रमित करने की उच्च क्षमता रखता है, जिनका (कोविड-19 रोधी) टीकाकरण हो चुका ह

कांग ने कहा कि "फिलहाल जो संक्रमण फैला रहे हैं वे ओमीक्रोन के उपस्वरूप हैं, जो टीका लगवा चुके लोगों के बीच पनपे हैं और इसलिए ये बहुत संक्रामक हैं।" उन्होंने कहा कि चीन की अधिकतर आबादी को टीकों की दो खुराक दी जा चुकी हैं। कांग ने कहा, "इस समय, भारत ठीक स्थिति में है। हमारे यहां कुछ मामले सामने आए हैं, हमारे यहां कुछ समय के लिए एक्सबीबी और बीएफ.7 के मामले सामने आए, लेकिन भारत में इनसे संक्रमण के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई।

मुझे संक्रमण के मामलों में वृद्धि की आशंका नहीं है।" उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमित लोगों की संख्या के हिसाब से तो गंभीर कहा जा सकता है, लेकिन यह उतना गंभीर संक्रमण नहीं फैलाता, जितना डेल्टा स्वरूप फैलाता है। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-74, (वर्ष-06)

2. रविवार, दिसंबर 25, 2022

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दूज/तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:44, सूर्यास्त: 05:24। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 18+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

'कलम के सिपाही' मिश्र की आठवीं पुण्यतिथि मनाई 

'कलम के सिपाही' मिश्र की आठवीं पुण्यतिथि मनाई 


नम आंखों से याद किए गए कलम के सिपाही अमरेश मिश्र, दी गई श्रद्धांजलि

कौशाम्बी। 8 वर्ष पूर्व मार्ग हादसे का शिकार हुए कलम के सिपाही अमरेश मिश्र की बृहस्पतिवार को आठवीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर परिवारजनों के साथ साथ क्षेत्र के तमाम लोगों ने अमरेश मिश्र के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। दारानगर कस्बा के रहने वाले पत्रकार अमरेश मिश्र प्रतापगढ़ में 22 दिसंबर 2014 को एक मार्ग हादसे का शिकार हो गए थे। बृहस्पतिवार को अमरेश मिश्र की पुण्यतिथि उनके पैतृक आवास में मनाई गई।

इस मौके पर उनके भाई बृजेश मिश्र भारत समाचार और शैलेश मिश्र ने अपने अन्य परिवार जनों के साथ अमरेश मिश्रा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं, कौशाम्बी जिले के पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव भी पहुंचे और अमरेश मिश्र के छायाचित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित किया है।

गणेश साहू 

ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर समस्याओं को सुना

ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर समस्याओं को सुना

ग्राम प्रधान के साथ कोतवाल ने की बैठक

कौशाम्बी। मोहब्बत पुर पैंसा कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के साथ गुरुवार को बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना। बैठक के दौरान कोतवाल ने कहा कि राजस्व के विकास के कार्यों में आने वाले अवरोध को वह थाना आकर जरूर बताएं। जिससे उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस दौरान उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि अपराध और अपराधियों पर भी वह कड़ी नजर रखें। यदि कोई अपराधी छिपकर अपराध कर रहा है तो उसकी सूचना पुलिस को जरूर दें। बैठक के दौरान कोतवाल ने कहा कि आम जनमानस के सहयोग से अपराध पर पूर्ण रुप से अंकुश लगाया जा सकता है।

गणेश साहू

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...