शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का अच्छा अवसर

दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का अच्छा अवसर

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि जी20 की अध्यक्षता भारत के लिए दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का अच्छा अवसर है।उन्होंने शुक्रवार को यहां आईसीएआई के बहरीन चैप्टर (बीसीआईसीएआई) द्वारा न्यू होराइजन बेकॉन्स विषय पर आयोजित 14वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

भारत ने एक दिसंबर से आधिकारिक तौर पर जी20 की अध्यक्षता संभाल ली है। यह दुनिया के विकसित एवं विकासशील देशों का समूह है। गडकरी ने कहा, भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना हमारा सपना है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यहां बड़ी संख्या में अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, आज बड़ी संख्या में निवेशक भारत में निवेश करना चाहते हैं।

युवा और प्रतिभाशाली इंजीनियरों की बड़ी मौजूदगी भारत की सबसे बड़ी ताकत है। गडकरी ने कहा कि फिलहाल देश के वाहन उद्योग का आकार 7.5 लाख करोड़ रुपये है। अगले पांच साल में यह 15 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।उन्होंने कहा, हम दुनिया में वाहन विनिर्माण केंद्र के रूप में पहले स्थान पर होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है और यह निवेश के लिए एक अच्छा गंतव्य है।

3.25 लाख करोड़ अतिरिक्त व्यय के लिए मंजूरी मांगी

3.25 लाख करोड़ अतिरिक्त व्यय के लिए मंजूरी मांगी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिये अनुदान की अनुपूरक मांग के तहत 3.25 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय के लिए संसद की मंजूरी मांगी। लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वर्ष 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच को दर्शाने वाला विवरण प्रस्तुत किया।

निचले सदन में वर्ष 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में 4.36 लाख करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय के लिये मंजूरी मांगी गई है। इसमें से 3.25 लाख करोड़ रूपया नकद निवल व्यय के रूप में है, जबकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 1.10 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया जायेगा।

मजबूत हाइब्रिड मॉडल तैयार करने में मदद: फैसला 

मजबूत हाइब्रिड मॉडल तैयार करने में मदद: फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने शुक्रवार को कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थित आईटी परिसरों में कार्यरत कर्मचारियों को दिसंबर, 2023 तक घर से ही काम करने (डब्ल्यूएफएच) की अनुमति देने का फैसला कामकाज का एक मजबूत हाइब्रिड मॉडल तैयार करने में मदद करेगा। सरकार ने एक दिन पहले ही एसईजेड में स्थित आईटी कंपनियों को यह मंजूरी दी कि वे अपने कर्मचारियों को अगले साल के अंत तक पूरी तरह घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) का विकल्प दे सकती हैं। इसके लिए सरकार ने एसईजेड नियमों को संशोधित भी किया है।

नैसकॉम ने इस फैसले को कारोबारी सुगमता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा, ‘‘इससे एसईजेड में मौजूद आईटी कंपनियों को भविष्य के लिए एक मजबूत हाइब्रिड मॉडल बनाने के लिए जरूरी लचीलापन मिल पाएगा।’’ नैसकॉम ने बयान में कहा कि अब इन आईटी कंपनियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा अपने कर्मचारियों को देने के लिए सरकार से मंजूरी नहीं लेनी होगी।

ये कंपनियां दिसंबर, 2023 तक जरूरत पड़ने पर अपने सभी कर्मचारियों से हाइब्रिड या रिमोट तरीके से काम ले सकती हैं। हालांकि, एसईजेड में स्थित आईटी कंपनियों को इसके बारे में स्थानीय विकास आयुक्त को ईमेल के जरिये सूचित करना जरूरी होगा।

मुआवजे व एमएसपी की कानूनी गारंटी, मांग

मुआवजे व एमएसपी की कानूनी गारंटी, मांग

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस (एआईकेसी) से जुड़े कृषक शुक्रवार को यहां जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल के आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे व एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग की। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।

कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कृषकों के साथ सहयोग नहीं करने और उनसे किए गए वादों से मुकरने का भी आरोप लगाया। कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में आए प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों से पिछले साल किए गए वादों को पूरा करने में नाकामी के लिये मोदी सरकार की आलोचना की।

उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार को “किसान विरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार के किसान विरोधी दृष्टिकोण के कारण है। यह एक कारण है कि उन्हें एमएसपी को लागू करने में कठिनाई हो रही है।” उन्होंने कहा, “यह विरोध जंतर-मंतर तक सीमित नहीं होना चाहिए। हमें इसे आगे बढ़ाना चाहिए और देश का पेट भरने वाले किसानों के अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।”

पार्टी नेता अलका लांबा ने कहा, “भले ही कांग्रेस चुनाव हार गई है, उसने लड़ने का साहस नहीं खोया है। मोदी सरकार एमएसपी कानून लागू करने के वादे को पूरा करने में विफल रही है।” एआईकेसी के संयुक्त समन्वयक हरगोबिंद सिंह तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “केंद्र सरकार न तो किसानों के साथ सहयोग कर रही है और न ही उनके मुद्दों का समाधान कर रही है। कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन को समाप्त हुए एक साल से अधिक हो गया है, लेकिन किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने का सरकार का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।” उन्होंने कहा, “केंद्र को अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों के परिवारों का मुआवजा तुरंत जारी करना चाहिए।

दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र के पास जान गंवाने वाले किसानों की सूची तक नहीं है। वे मुआवजा भी कैसे जारी करेंगे?” उन्होंने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना को शीघ्र लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि देश में अब भी किसानों के लिए एक उचित कानून नहीं है, जो उन्हें सीधे लाभ हो सके। कांग्रेस पार्टी का झंडा लिए और “जय जवान, जय किसान” के नारे लगाते हुए, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और कुछ दक्षिणी राज्यों के किसान जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए। किसानों ने कहा कि वे भाजपा सरकार की “किसान विरोधी नीतियों” के खिलाफ हैं।

पंजाब के रहने वाले दिलीप सिंह ने कहा कि किसानों को उनका वाजिब हक मिलना चाहिए। जयपुर से आए कैलाश यादव ने कहा, “हम यहां किसानों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए हैं। हम यहां अपने किसानों के साथ एकजुटता के लिए हैं, जो वर्तमान सरकार के तहत कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।” 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-59, (वर्ष-06)

2. शनिवार, दिसंबर 10, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:44, सूर्यास्त: 05:24। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 20+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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बुधवार, 7 दिसंबर 2022

नगर निगम चुनाव में हर तरह के हथकंडे अपनाए

नगर निगम चुनाव में हर तरह के हथकंडे अपनाए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नगर निगम चुनाव की मतगणना के नतीजों पर अपनी खुशी जताते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के ऊपर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी नेताओं ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में हर तरह के हथकंडे अपनाए हैं। लेकिन दिल्ली की जनता ने विधानसभा के बाद अब नगर निगम के चुनाव में भी बीजेपी को ठुकरा दिया है। जिसके चलते बीजेपी को हार झेलने को विवश होना पड़ रहा है। बुधवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने नगर निगम चुनाव को लेकर हर तरह की डर्टी पॉलिटिक्स की है।

सारे हथकंडे बीजेपी द्वारा नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपनाए गए। लेकिन जनता के आगे उसकी एक नहीं चली और इसी के चलते उसे अब हार का मुंह देखना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि पिछले पंद्रह सालों से नगर निगम की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा 8 मुख्यमंत्री, सैकड़ों सांसद तथा 17 केंद्रीय मंत्री नगर निगम चुनाव को लेकर लगा दिए।

तमाम संसाधन झोंकने के बावजूद दिल्ली के लोगों ने साफ संदेश दिया है कि दिल्ली का बेटा अरविंद केजरीवाल कट्टर इमानदार है। इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी के लोग पिछली बार के मुकाबले इस बार 80 से 90 सीटें हार रहे हैं। फिर भी बेशर्मी से बयान दे रहे हैं।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...