रविवार, 26 जून 2022

थियेटराइजेशन के तहत सेना की इकाइयां शामिल

थियेटराइजेशन के तहत सेना की इकाइयां शामिल
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी ने रविवार को कहा कि ‘थियेटराइजेशन’ योजना पर चल रहे विचार-विमर्श में निश्चित तौर प्रगति हुई है और भारतीय वायुसेना व्यापक राष्ट्रीय युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी के लिए तीनों सेना (थल, वायु, नौसेना) के एकीकरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि वायुसेना को उम्मीद है कि जब कभी अंतिम संरचना सामने आएगी, वह मौजूदा और भविष्य के खतरों से निपटने में सशक्त, मजबूत और सक्षम होगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बलों के ‘थियेटराइजेशन’ की प्रक्रिया इस समय विमर्श की अवस्था में है।
कुछ मुद्दे हैं, जिनपर चर्चा हो रही है और निश्चित तौर पर इन पहलुओं पर प्रगति हुई है।’’ तीनों सेना के एक संयुक्त कमान को थियेटर कमान की संज्ञा दी जाती है और ‘थियेटराइजेशन’ योजना के तहत प्रत्येक थियेटर कमान में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की विशिष्ट इकाइयां शामिल होंगी तथा एक अभियान कमांडर के नेतृत्व में विशेष भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न चुनौतियों से एकल यूनिट के तौर पर निपटेंगी। मौजूदा समय में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के अलग-अलग कमान हैं। शुरुआत में वायु रक्षा कमान और समुद्री थियेटर कमान गठित करने की योजना थी।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘विचार-विमार्श चल रहा है। हमें उम्मीद है कि अंतिम संरचना जब तैयार होगी तो वह शक्तिशाली, मजबूत और मौजूदा तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जो संयुक्त संरचना तैयार होगी, वह हमारे पर्यावरण के लिए खास होगी और पर्याप्त विचार-विमर्श कर युद्ध में (सेना के) प्रत्येक अंग के कार्य और भूमिका की दृष्टि से स्पष्ट होगा।’’ वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जब संयुक्त संरचना के गठन के विस्तृत पहलुओं की बात आती है तो तीनों सेनाएं ‘‘एकमत’’ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वायुसेना व्यापक राष्ट्रीय युद्धक क्षमता में परिवर्तनकारी बदलाव लाने और इसमें बढ़ोतरी के लिए एकीकरण के प्रति कटिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि सशस्त्र बल राष्ट्र की महत्वाकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे और ऐसे मॉडल के साथ आएंगे, जो भविष्य के खतरों से निपटने में सक्षम होगा।’’ वायुसेना प्रमुख ने यह बात उस वक्त कही जब कहा गया कि ऐसी धारणा है कि वायुसेना ‘थियेटराइजेशन’ की पहल को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है।

हेमंत सरकार चल नहीं रही, रेंग रही है: दास

हेमंत सरकार चल नहीं रही, रेंग रही है: दास
इकबाल अंसारी 
रांची। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य की वर्तमान हेमंत सरकार न चल रही है, नहीं रेंग रही है; सिर्फ नींद में विभोर है।  दास ने आज यहां कहा कि और जो सरकार नींद में विभोर हो उससे संवेदना की उम्मीद करना पानी गर्म कर गाढ़ा करने की नाहक कोशिश भर है।उन्होंने राज्य की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि राज्य में बालू और गिट्टी की अनुपलब्धता राज्य के विकास को और पीछे ढकेल रही है। दरअसल इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। 2020 से न तो बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई है न पत्थर खदानों की निलामी।
सरकार के संरक्षण में अवैध बालू एवं गिट्टी का कारोबार की खबर समाचार पत्रों में आती रही है। कहा जाता है कि अवैध बालू एवं गिट्टी बांग्लादेश तक भेजा गया है। अब ईडी द्वारा इसकी जांच-पड़ताल करने एवं लगातार समाचार पत्रों में धंधे का खुलासा होने पर दिखावे के लिए छापेमारी की जा रही है। सरकार अगर दूरदर्शी सोच रखती और समय पर बालू घाटों की बंदोबस्ती एवं पत्थर खदानों की निलामी की गयी होती तो आज बालू-गिट्टी के लिए हाहाकार नहीं होता।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम्य सेतु योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का निर्माण कार्य बालू गिट्टी के आभाव में दम तोडऩे वाली है। बालू और गिट्टी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ प्रति दिन चौदह से पंद्रह सौ आवास बन रहे थे, वहीं अब यह घटकर पांच सौ से नीचे पहुँच गया है ।इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम्य सेतु योजना के तहत बनने वाली पुल-पुलिया का निर्माण कार्य लगभग ठप है। जहाँ काम हो रहा है वहां काम करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। सरकारी निकम्मेपन की वजह से रियल एस्टेट का कारोबार लगभग ठप है । जो लोग निजी घर के निर्माण का सपना देख रहे थे, उनका सपना टूट कर बिखर रहा है।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-261, (वर्ष-05)
2. सोमवार, जून 27, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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शनिवार, 25 जून 2022

प्रयागराज: बाथरूम में पड़ा मिला, उप निरीक्षक का शव

प्रयागराज: बाथरूम में पड़ा मिला, उप निरीक्षक का शव

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। प्रयागराज के नवाबगंज थाने में तैनात उप निरीक्षक अतुल सिंह का शव उनके आवास के बाथरूम में पड़ा मिला। सूचना पर नवाबगंज थाना पुलिस मौके में पहुंच कर जांच में जुटी। उसी के कुछ ही देर बाद पुलिस के आला अधिकारी एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार भी पहुंचे। गहनता से जांच-पड़ताल की जा रही है। फिलहाल, अभी यह रहस्य बना हुआ है कि दरोगा की मौत कैसे हुई ?
प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग पर नवाबगंज चौराहे के घर में लाश मिलीं। चंदौली जिले के रहने वाले अतुल सिंह पुलिस विभाग में दारोगा थे। इन दिनों उनकी तैनाती प्रयागराज के गंगापार इलाके के नवाबगंज थाने में बतौर उप निरीक्षक तैनाती थी। प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग पर स्थित नवाबगंज चौराहे पर अतुल सिंह किराए के मकान पर रहते थे। जिस मकान में वे रहते थे, वह रिटायर्ड रेल चालक राधेश्याम यादव का है। मकान के बाथरूम में उनका शव मिला। इसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। दारोगा की मौत की जानकारी मिलने पर लोग अवाक रह गए।

जावेद को अगले 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया

जावेद को अगले 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया 

बृजेश केसरवानी/हरिशंकर त्रिपाठी     
प्रयागराज/देवरिया। अटाला हिंसा में साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी मो. जावेद पंप को कोर्ट के आदेश पर प्रयागराज पुलिस ने अगले 48 घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर ले लिया है। शनिवार सुबह ही खुल्दाबाद पुलिस देवरिया जेल पहुंच गई थी। वहां पर कोर्ट का आदेश दिखाकर जावेद को पुलिस कस्टडी में ले लिया। प्रिजन वैन से जावेद को लेकर पुलिस लौट रहीं थीं, और रास्ते में ही उससे पूछताछ शुरू हो गई है। जावेद को प्रयागराज लाने के बाद कई सवाल पूछे जाने हैं। अटाला हिंसा से जुड़े अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ होनी है। 
पुलिस को शक है कि अटाला हिंसा के पीछे कोई नया चेहरा भी हो सकता है। जावेद पर आरोप है कि वह कानपुर में हुई हिंसा के बाद से ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान जारी करने लगा था, आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद पुलिस ने पांच जून को उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उसी बयान से अटाला में भी भीड़ एकत्र हुई और बाद में आगजनी शुरू हो गई।

शरीफा पोषक तत्वों से भरपूर, सेवन के फायदे

शरीफा पोषक तत्वों से भरपूर, सेवन के फायदे

सरस्वती उपाध्याय 
शरीफा पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इस फल में पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होती है। शरीफा के सेवन से कई तरह के रोगों में लाभ होता है। आज के इस लेख में हम आपको शरीफा खाने के फायदे बताने जा रहे हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है‌। शरीफा में पर्याप्त मात्रा में कॉपर और डाइट्री फाइबर मौजूद होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनातें है। शरीफा भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता है। इसके साथ ही, शरीफा में मौजूद मैग्नीशियम अपच और कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या को दूर करने में मदद करता है। आँखों की रोशनी के लिए शरीफा बहुत फायदेमंद होता है। शरीफा में विटामिन-सी और विटामिन-ए जैसे आवश्यक विटामिन मौजूद होते हैं। जो आँखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं। 
इसके साथ ही शरीफे में राइबोफ्लेविन और विटामिन बी 12 होता है जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से लड़ता है और आंखों को तमाम समस्याओं से बचाता है। दिल की सेहत के लिए शरीफा बहुत फायदेमंद माना जाता है। शरीफा में मैग्नीशियम और पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है जो दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए मैग्नीशियम और पोटेशियम बहुत फायदेमंद है। यह मांसपेशियों को रिलैक्स करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते है। शरीफा में नियासिन और फाइबर मौजूद होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन बी 6, हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। शरीफा में विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है जो घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। शरीफे का गूदा अल्सर और फोड़े के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह न केवल घाव को जल्दी भरता है, बल्कि सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके साथ शरीफा का छिलका मसूड़ों के दर्द और दांतों की सड़न को रोकने में कारगर है। शरीफा एक नेचुरल एनर्जी बूस्टर की तरह काम करता है। यह थकावट और कमजोरी को कम करने के साथ-साथ दिनभर के कामों के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। शरीफे में मौजूद पोटेशियम मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है और रक्त की आपूर्ति में सुधार करके थकान को खत्म करता है। शरीफे में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो जोड़ों की सूजन कम करने में मदद करता है। गठिया के मरीजों के लिए शरीफा बहुत फायदेमंद होता है।

भारत में एक्शन जॉनर में नया बेंचमार्क, पठान

भारत में एक्शन जॉनर में नया बेंचमार्क, पठान
कविता गर्ग  
मुंबई। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में शाहरुख खान ने शानदार 30 साल पूरे कर लिए हैं। फिल्म दीवाना से एक्टिंग करियर की शुरुआत की शुरुआत करने वाले बॉलिवुड के किंग खान की अपकमिंग फिल्म पठान से बड़ा अपडेट भी सामने आया है। यशराज फिल्म्स ने मोशन पोस्टर के जरिए फिल्म पठान से शाहरुख के बेहद इंटेंस लुक को रिलीज किया है। ट्विटर पर पठान के पोस्टर और मोशन पोस्टर ने आते ही धमाल मचा दिया है और वह लगातार ट्रेंड हो रहे हैं।
पठान से शाहरुख खान का लुक
पठान के मोशन पोस्टर में शाहरुख गन-फ्लेक्सिंग डेंजरस लुक में नज़र आ रहे हैं, जो एक खतरनाक मिशन के लिए तैयार है। इंटरनेट पर आते ही उनके इस लुक ने तहलका मचा दिया है।
क्या बोले पठान के डायरेक्टर
पठान के रूप में शाहरुख के लुक  के बारे में सिद्धार्थ कहते हैं, “इस एक्शन थ्रिलर में वह अल्फा मैन ऑन द मिशन हैं जो भारत में एक्शन जॉनर में नया बेंचमार्क स्थापित करेगा। जब आपकी फिल्म में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम जैसे सुपरस्टार हों, तो आपको हर मामले में शानदार रहना होगा और मुझे नहीं लगता कि पठान के साथ हम दर्शकों को कहीं से भी निराश करेंगे।

एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल व एनाल्जेसिक गुण

एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल व एनाल्जेसिक गुण
सरस्वती उपाध्याय 
लौंग का इस्‍तेमाल भारतीय आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है। बदलते मौसम के दौरान होने वाली खांसी, सर्दी, पेट की समस्‍या या किसी तरह के संक्रमण को दूर करने के लिए लौंग काफी फायदेमंद होता है। खबर के मुताबिक, लौंग में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी माइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो गले में खराश को कम करने में असरदार होते हैं। इसके अलावा, लिवर हेल्‍थ को इंप्रूव करने, ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और डाइजेशन को बेहतर रखने का भी काम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ इसमें एंटी-वायरल और एनाल्जेसिक गुण भी होते हैं। अगर आप लौंग की चाय या काढ़ा पिएं, तो इससे आप मौसमी बीमारियों से भी खुद को बचा सकते हैं।
मेटाबॉलिज्म बूस्ट करे
लौंग का काढ़ा पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। अगर आप रोजाना सुबह के समय लौंग का काढ़ा पिएं तो आपका वजन भी कम होगा और डाइजेशन भी बेहतर होगा।

किसानों ने विद्युत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया

किसानों ने विद्युत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया
सत्येंद्र पंवार 
मेरठ। किसानों के खेत में लगे ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाने का विरोध कर रहे किसानों का आज ऊर्जा भवन में आक्रोश फूट पड़ा। पश्चिमी उप्र के 14 जिलों के किसानों ने इसके विरोध में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। मेरठ के ऊर्जा भवन में शनिवार को वेस्ट यूपी के 14 जिलों के किसानों ने पहुंचकर सरकार के खिलाफ धरना दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार अपने वादे से पीछे हट गई है। सरकार अब किसानों का हित नहीं कर रही। इससे तो अच्छा है कि वो हमको मौत ही दे दे। किसान अपने घरों के बिजली के बिल तो चुका नहीं सकता।
किसानों का आरोप था कि जिस सरकार को बनवाने में उन्होंने अपना वोट दिया वहीं सरकार अब उनके साथ धोखा कर रही है। सरकार के द्वारा ट्यूबवेल और बिजली बिलों पर जो मीटर लगाये जा रहे है। उनकी गलत नीतियों के खिलाफ किसानों का धरना व पंचायत हुई। सहारनपुर,मेरठ, बागपत, मुरादाबाद, हापुड़, बिजनौर, नोएडा,गाजियाबाद,मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर सहित पश्चिमी उप्र के किसान मेरठ के ऊर्जा भवन में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने टयूबवेल पर इलेक्ट्रिक मीटर और उसमें आने वाले बढ़े बिजली बिलों का विरोध करते हुए धरना प्रद्रर्शन शुरू कर दिया।
किसानों ने कहा कि भाजपा कि सरकार ने 2014 में सरकार बनने पर भी फ्री बिजली देने का वादा किया था। और वह वादा पूरा करने में नाकाम रही। वही छल वह 2022 चुनाव जीतकर दोबारा करना चाहती है। 2022 चुनाव में सरकार ने हमसे जीतने के बाद फ्री बिजली देने का वादा किया था। बिजली तो फ्री हुई नहीं, बिल भी माफ नहीं कियें लेकिन सरकार ने ट्यूबवेलों पर भी मीटर लगवा दिए। किसान आज दहशत में है और पुलिस उनके घरों पर छापेमारी कर उन्हे पकड़ रही है। बिजली के बिल के बोझ के तले कई किसानों की मौत हो गई। सरकार बिजली फ्री नहीं करेगी तब तक किसान सड़को पर ही रहेगा।

काला लहसुन: कम तीखा, पोषक तत्वो से भरपूर

काला लहसुन: कम तीखा, पोषक तत्वो से भरपूर
सरस्वती उपाध्याय
आज तक आपने एक ही प्रकार के लहसुन को देखा होगा और वो है सफेद लहसुन। पर क्या आप जानते हैं कि काला लहसुन भी होता है। जी हां, इसका छिलका तो सफेद ही रहेता है पर ये अंदर से पूरी तरह से काला नजर आएगा। आपको बतादें कि यह काला लहसुन का आज का नहीं बल्कि पुराने समय से हमारे देश में है। जिसका आयुर्वेद में कई औषधीय के तौर पर उपयोग किया जाता है।
आपको बतादें कि यह काला लहसुन कहीं अलग से उगाया नहीं जाता बल्कि यह सफेद लहसुन का फर्मेंटेशन रूप है। जो स्वाद में सफेद लहसुन के तुलना में कम तीखा होता है और पोषक तत्व इसमें भरपूर होते हैं। इस लहसुन का अगर आप लगातार सेवन करते हैं तो इससे सेहत को कई प्रकार के फायदें मिलते हैं।आइए जानते हैं इन फायदों (Benefits)के बारे में।
काला लहसुन में एंटी.बैक्टीरियल और एंटी.वायरल के गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से शुगर कंट्रोल में रहता है।
अगर आप भी अपने दिल का ख्याल रखना चाहते हैं तो आपको काले लहसुन का सेवन करना चाहिए। काले लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन गुण खून को पतला करने और हार्ट ब्लॉकेज से बचाने में मदद करता है।
काला लहसुन के सेवन से डाइजेशन भी अच्छी रहती है।इनमें पाए जाने वाले गुण खाना को पचाने में मदद करता है।
काला लहसुन के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। दरअसल इसमें पाए जाने वाला एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
अगर आप काला लहसुन का लगातार सेवन करते हैं तो एलर्जी संबंधित रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। जैसे आप इसके सेवन से ठंड वाली और धूल से होने वाली एलर्जी को ठीक कर सकते हैं।

6 की मृत्यु, 38 में 20 लड़के और 18 लड़कियां

6 की मृत्यु, 38 में 20 लड़के और 18 लड़कियां
डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत  
कंपाला। 6 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। अभी जीवित 38 बच्चों में 20 लड़के और 18 लड़कियां हैं, जिन्हें वे अकेले ही पाल रही हैं।
मरियम जब 12 साल की थीं, तब उनके माता-पिता ने उन्हें शादी के बहाने बेच दिया था। 13 साल की उम्र में उन्होंने पहले बच्चे को जन्म दिया था। पहले बच्चे के जन्म के बाद मरियम को अहसास हुआ कि उनकी फर्टिलिटी अन्य महिलाओं की अपेक्षा अधिक है। जब उनके लगातार इतने अधिक बच्चे होते गए तो वह डॉक्टर के पास गईं और तब उन्हें डॉक्टर ने एक मेडिकल कंडिशन के बारे में बताया था।
डॉक्टर्स ने मरियम को बताया, उसके अंडाशय असामान्य रूप से बड़े हैं, जिसके कारण उसके शरीर में हाइपर ओव्यूलेशन नामक स्थिति बनी है। हाइपर-ओव्यूलेट स्थिति आनुवांशिक होती है। इस स्थिति में ज्यादा बच्चे पैदा करने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
युगांडा की राजधानी कंपाला के मुलगो हॉस्पिटल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चार्ल्स किगगुंडु के मुताबिक, मरियम की फर्टिलिटी काफी अधिक थी, इस कारण वह इतने अधिक बच्चे पैदा कर रही थीं। मरियम की स्थिति में कोई भी बर्थ कंट्रोल तकनीक काम नहीं करती और अगर ऐसा किया भी जाता तो उन्हें गंभीर बीमारियां का खतरा भी हो सकता था। हालांकि, हाइपर ओव्यूलेशन का इलाज मौजूद है लेकिन युगांडा के ग्रामीण इलाके में उन तकनीकों का आना काफी मुश्किल था‌।
जानकारी के मुताबिक, मरियम का पति 2016 में घर से सारा पैसा लेकर भाग गया था। उसी साल उसने अपने सबसे छोटे बच्चे को जन्म दिया था। मरियम अपने बच्चों के साथ नॉर्थ कंपाला से 31 मील दूर खेतों से घिरे एक गांव में रहती है। मरियम अपने बच्चों के साथ चार सीमेंट से बने तंग घरों में रहती है। मरियम के पति के छोड़कर जाने के बाद एक महिला ने उसे कुछ पलंग दिए थे। मरियम और बच्चे उन पर ही सोते हैं। एक गद्दे पर दो बच्चे सोते हैं।
मरियम का सारा समय बच्चों की देखभाल और पैसा कमाने में गुजरता है। वह अपने बच्चों को पालने के लिए कई सारे काम कर चुकी हैं, जिसमें कटिंग करना, कबाड़ इकट्ठा करना, दवाई बेचना शामिल है।

'अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस' को धूमधाम से मनाया

'अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस' को धूमधाम से मनाया  पंकज कपूर  देहरादून। रविवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज परिसर देहराखास में राज्य के...