मंगलवार, 14 जून 2022

दिल्ली: न्यूनतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज

दिल्ली: न्यूनतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग ने दिन में आमतौर पर बादल छाए रहने के साथ ही हल्की बारिश या बूंदा-बांदी का पूर्वानुमान लगाया है। जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 40 प्रतिशत रहा। दिल्ली में सोमवार को भीषण गर्मी रही और कई मौसम केंद्रों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक दर्ज किया गया।
हालांकि, आने वाले दो दिन में गर्मी से थोड़ी राहत मिलने के आसार हैं।
मानसून पूर्व गतिविधियों के 16 जून से बढ़ने की उम्मीद है और अगले दो-तीन दिन में अधिकतम तापमान में सात से आठ डिग्री तक की गिरावट आ सकती है। विभाग के अनुसार, मंगलवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही।
सुबह साढ़े नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 203 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

महत्व: 15 जून को मनाई जाएंगी 'मिथुन संक्रांति'

महत्व: 15 जून को मनाई जाएंगी 'मिथुन संक्रांति'

सरस्वती उपाध्याय
सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश करने की स्थिति सूर्य की मिथुन संक्रांति कहलाती है। मिथुन संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। वहीं, इस बार मिथुन संक्रांति 15 जून 2022 (बुधवार) को मनाई जाएंगी। एक साल में 12 संक्रांति होती हैं। जिसमें सूर्य अलग-अलग राशि और नक्षत्र में विराजमान होते है। सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश करने की स्थिति सूर्य की मिथुन संक्रांति कहलाती है। मिथुन संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। माना जाता है कि इसी दिन से वर्षा ऋतु की शुरूआत हो जाती है। साथ ही लोग इस दिन अच्छी फसल के लिए भगवान से अच्छी बारिश की मनोकामना करते हैं। इसे रज संक्रांति भी कहा जाता है।

त्योहार की तरह मनाई जाती है‌ मिथुन संक्रांति...

उड़ीसा में इस दिन को त्योहार की तरह मनाया जाता है। जिसे राजा परबा कहा जाता है। यहां ये चार दिन पहले से ही शुरु हो जाता है। जिसमें भू देवी यानी धरती माता की विशेष पूजा की जाती है। इस त्योहार में महिलाओं के साथ कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना के लिए हिस्सा लेती हैं। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन को पहिली राजा, दूसरे दिन को मिथुन संक्रांति या राजा, तीसरे दिन को भू दाहा या बासी राजा और चौथे दिन को वसुमती स्नान कहा जाता है।

क्यों की जाती है सिलबट्‌टे की पूजा ?
मान्यताओं के अनुसार जैसे महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म होता है, जो उनके शरीर के विकास का प्रतिक है वैसे ही ये तीन दिन भू देवि यानी धरती मां के मासिक धर्म वाले होते हैं जो कि पृथ्वी के विकास का प्रतीक है। वहीं चौथा दिन धरती के स्नान का होता है। जिसे वसुमती गढ़ुआ कहते हैं।
सिलबट्‌टे को धरती माता का रूप माना गया है। इसलिए इन तीन दिनों में इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। चौथे दिन सिलबट्‌टे को जल और दूध से स्नान कराया जाता है। फिर चंदन, सिंदूर और फूल से भू देवी यानी सिलबट्‌टे की पूजा की जाती है। इस दिन दान का बहुत महत्व है। गेहूं, गुड़, घी, अनाज आदि का दान करना चाहिए।

सीएम ने पेट्रोलियम पदार्थों की कमी का आरोप लगाया

सीएम ने पेट्रोलियम पदार्थों की कमी का आरोप लगाया

मनोज सिंह ठाकुर

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरे प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की कमी का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार खरीफ की बोवनी के इस समय में पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित कराए। कमलनाथ ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि प्रदेश की जनता को रोज संकटों में डालना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है। अब पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा कर दिया गया है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पंप ड्राय होने लगे हैं।

जनता पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रही है। आगे हालात और भी भयावह होने का भय है। उन्होंने कहा कि खरीफ की बोवनी के समय में डीजल की मांग लगातार बढ़ रही है और आपूर्ति अभी से बाधित होने लगी है। पूर्व से ही खाद, बीज और बिजली संकट की मार झेल रहे किसान अब डीजल की कमी की मार भी झेलने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि समय रहते तत्काल पेट्रोल डीजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।

जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए

जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/श्रीराम मौर्य   
नई दिल्ली/श्रीनगर/शिमला। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां लेह इलाके में सुबह 7 बजकर 29 मिनट पर हल्का भूकंप आया। हालांकि, किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई।
नैशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलजी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के लेह से 186 किमी दूर उत्तर की ओर भूकंप का केंद्रबिंदु रहा। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 रही। इस लिहाज से हल्के झटके महसूस किए गए।
इससे पहले मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यहां सोमवार को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 रही। जबकि इसका केंद्र जमीन के अंदर 5 किमी गहराई में रहा।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी संख्या अधिक मजबूत की

राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी संख्या अधिक मजबूत की

मनोज सिंह ठाकुर  
भोपाल। मध्य प्रदेश में अन्य दलों और निर्दलीय मिलाकर कुल तीन विधायकों के मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के बाद सत्तारूढ़ दल ने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रदेश विधानसभा में अपनी संख्या अधिक मजबूत कर ली है। मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि बसपा के संजीव सिंह कुशवाह (भिंड से विधायक), समाजवादी पार्टी के राजेश कुमार शुक्ला (बिजावर सीट से) और निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा (सुसनेर से) भाजपा में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शर्मा ने विधायकों का भाजपा में स्वागत किया।
इन तीन विधायकों के शामिल होने के साथ ही 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 130 हो गई है। जबकि विपक्षी दल कांग्रेस के पास 96 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा के पास एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं। 
अब, मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कोई विधायक नहीं है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का कुल वोट मूल्य इन तीन विधायकों के पार्टी में शामिल होने से बढ़ेगा। इसके साथ ही प्रदेश में चल रहे पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में भी पार्टी की संभावनाएं मजबूत होंगी। तीन विधायकों को शामिल किए जाने के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में शर्मा ने कहा कि तीनों विधायकों ने प्रदेश में मुख्यमंत्री चौहान और राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।
शर्मा ने कहा कि ये तीनों विधायक बहुत लोकप्रिय हैं और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में समर्पण के साथ काम करते हैं।इस मौके पर चौहान ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा को 109 सीटें मिलीं लेकिन यह बहुमत (116 से) कम थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास भी ‘‘जादुई आंकड़ा’’ नहीं था। चौहान ने इस मौके पर खुलासा करते हुए कहा, ‘‘इन दोस्तों ने उस समय भी भाजपा से संपर्क किया था लेकिन मैंने कहा था कि हमारे पास आवश्यक संख्या नहीं है इसलिए हमें सरकार नहीं बनानी चाहिए। वे (जिन्होंने समर्थन की पेशकश की थी) भी निराश थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक शासन (कांग्रेस के नेतृत्व में) सत्ता में आया, लेकिन यह सिर्फ 15 महीने तक चला। ये तीनों दोस्त विधानसभा और राज्यसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के साथ थे और लगातार भाजपा के संपर्क में थे, लेकिन अब वे हमारे साथ हैं और मैं खुश हूं। तथा पार्टी में उनका स्वागत करता हूं।

भर्ती करने के लिए दिए गए निर्देश को लेकर कटाक्ष किया

भर्ती करने के लिए दिए गए निर्देश को लेकर कटाक्ष किया

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में अगले डेढ़ साल के दौरान 10 लाख लोगों की भर्ती करने के लिए दिए गए निर्देश को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है। कांग्रेस ने कहा कि हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा करने के बाद अब सरकार ने वर्ष 2024 तक सिर्फ 10 लाख नौकरी देने की बात की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘वादा था दो करोड़ नौकरी हर साल देने का, आठ साल में देनी थीं 16 करोड़ नौकरिया। अब कह रहे हैं साल 2024 तक केवल 10 लाख नौकरी देंगे। 60 लाख पद तो केवल सरकारों में खाली पड़े हैं, 30 लाख पद केंद्र सरकार में खाली पड़े हैं। 

जुमलेबाजी कब तक?’’ प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से कहा है कि वे ‘‘मिशन मोड’’ में काम करते हुये अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करें। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। पीएमओ ने कहा कि सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री का यह निर्देश आया है।

3-5 साल के लिए मुआवजे को जारी रखने का आग्रह

3-5 साल के लिए मुआवजे को जारी रखने का आग्रह

मिनाक्षी लोढी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उनसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के साथ राज्यों को मिलने वाले मुआवजे को इस महीने के बाद अगले 3-5 साल के लिए जारी रखने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के वित्त विभाग के प्रमुख मुख्य सलाहकार मित्रा ने कहा कि क्षतिपूर्ति व्यवस्था के विस्तार से राज्यों को बड़ी राहत मिलेगी।

मित्रा ने सोमवार को दो पन्नों के पत्र में लिखा, ‘‘यह निराशाजनक और अशुभ संकेतों वाला है कि केंद्र ने जुलाई 2022 से राज्यों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को वापस लेने का फैसला किया है। यदि ऐसा फैसला किया जाता है, तो यह जीएसटी को अपनाने की भावना के विपरीत है।उन्होंने कहा कि सभी राज्यों, सभी राजनीतिक दलों ने जीएसटी को इस शर्त पर अपनाने का फैसला किया था, कि केंद्र उन्हें पांच साल के लिए राजस्व नुकसान की भरपाई करेगा। मित्रा ने आगे कहा कि लेकिन 2016 में जब उक्त निर्णय लिया गया था, तो किसी ने नहीं सोचा था कि दुनिया कोविड महामारी की चपेट में आ जाएगी और अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व तनाव में होगी।

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...