गुरुवार, 9 जून 2022

भारत में ऑनलाइन गेम्स पर कोई प्रतिबंध नहीं

भारत में ऑनलाइन गेम्स पर कोई प्रतिबंध नहीं 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव

नई दिल्ली/बीजिंग। ऑनलाइन गेम्स के बढ़ते प्रचलन देश और समाज के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। बच्चों में इसका दुष्प्रभाव इस कदर बढ़ चुका है कि बच्चे हिंसक होते जा रहे हैं। हाल ही में लखनऊ की घटना ने ऑनलाइन गेम्स के प्रति समाज को एक बड़ा संदेश दिया है।
जिसमें एक बच्चे ने पब जी गेम खेलने के लिए मना करने पर अपनी मां को ही मौत के घाट उतार दिया। ऑनलाइन गेम्स 15 देशों में प्रतिबंधित है, चीन में हफ्ते में 3 घंटे खेल सकते हैं। लेकिन भारत में इस पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है। अक्सर, ऑनलाइन गेम्स की लत और इनकी वजह से होने वाले खतरनाक नतीजों की खबरें सामने आती रहती हैं। दुनिया के कई देश इस गेम्स या कहें लत से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर हैं। दूसरी तरफ, भारत में अब तक इन्हें लेकर कोई सख्त या पुख्ता नियम नहीं हैं।

पाबंदी के बाद भी रहा बेअसर...
दुनिया के 15 देश कई साल पहले ही वीडियो/ऑनलाइन गेम्स पर तरह-तरह के बैन लगा चुके हैं। चीन ने भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हफ्ते में 3 घंटे से ज्यादा ऑनलाइन गेम नहीं खेलने के लिए नए नियम बना दिए हैं। जबकि, चीन दुनिया में वीडियो गेम का सबसे बड़ा मार्केट है। भारत अभी तक ऑनलाइन गेम्स को लेकर कोई सख्त कानून नहीं बना पाया है। हालांकि, भारत पबजी जैसे कई चाइनीज ऑनलाइन गेम्स पर दो साल पहले ही पाबंदी लगा चुका है, लेकिन अब भी ये गेम उपलब्ध हो रहे हैं।
इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमेन बिहैवियर एंड एलाइड साइंस के पूर्व निदेशक डाॅ. निमेश जी देसाई के अनुसार  मोबाइल गेम्स की लत से बच्चों और किशोरों, यहां तक कि वयस्कों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है। कुछ मामलाें में माेबाइल लेने से बच्चे डीप डिप्रेशन में चले जाते हैं। इसे टेक्नाेलाॅजी एडिक्शन कह सकते हैं। जेएएमए नेटवर्क ओपन की रिसर्च के अनुसार, जाे बच्चे गन वायलेंस वाले वीडियो गेम खेलते हैं, उनमें गन पकड़ने और ट्रिगर दबाने की ज्यादा इच्छा होती है। 200 बच्चों पर रिसर्च के बाद यह नतीजे मिले हैं।

सबसे खतरनाक है, ऑनलाइन गेमिंग का एडिक्शन...
आज का यूथ किताबों से ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग में टाइम बिता रहा है। इसीलिए इंटरनेट एडिक्शन एक बीमारी हो गई है। कुछेक मामले तो ऐसे भी देखने को मिले हैं, जहां गेमिंग से मना करने पर बच्चों ने हत्या या सुसाइड जैसे एक्सट्रीम कदम उठा लिए हैं।

लखनऊ में पबजी न खेलने देने से बेटे ने मां को मारी गोली....
लखनऊ में एक महिला की हत्या हुई। हत्या का आरोप महिला के ही 16 साल के बेटे पर है। उसने तीन दिनों तक घर में 10 साल की बहन के साथ मां की लाश को रखा। हत्या की वजह मोबाइल गेम पबजी बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि पबजी न खेलने देने से नाराज किशोर ने मां को 6 गोलियां दाग दीं। मर्डर के बाद पार्टी भी की। हालांकि पुलिस पूछताछ में मर्डर की एक दूसरी वजह भी सामने आ रही है।

पुलिस ने मस्जिदों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया

पुलिस ने मस्जिदों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया 

सत्येंद्र पंवार     
मेरठ। कानपुर हिंसा के बाद जुमे की नमाज को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में हैं। बृहस्पतिवार को सुबह से ही भारत बंद का एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, कानपुर में बवाल के बाद यह पहला जुमा हैं। इसलिए, पुलिस मिश्रित आबादी वाले इलाकों में खासतौर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट है।
दंगों की जमीन मेरठ में भी बृहस्पतिवार को पुलिस ने ड्रोन से मस्जिदों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। शहर में कोतवाली मस्जिद सहित दूसरी मस्जिदों में पुलिस ने ड्रोन उड़ाकर पूरे इलाके की चैकिंग की है, कहीं कुछ संदिग्ध मिले तो उस पर एक्शन लिया जा सके। भारी पुलिस बल मस्जिदों के बाहर नमाज के समय तैनात रहेगा।
बृहस्पतिवार को सुबह से ही सोशल मीडिया खासकर मुस्लिम ग्रुपों में एक पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है। 
इसमें लिखा है- ‘बतला दो गुस्ताख ए नबी को, गैरत ए मुस्लिम जिंदा है, दीन पे मर मिटने का जज्बा कल भी था और आज भी है’। इन दो पंक्तियों के साथ नीचे लिखा है- ‘पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम की शान में गुस्ताखी के खिलाफ 10 जून जुमा भारत बंद’। भारत बंद के आह्वान से जुड़े इसी तरह के कई और पोस्टर रिलीज हो रहे हैं। भारत बंद के ये मैसेज वायरल होने के बाद पुलिस, प्रशासन ने जुमे की नमाज को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। चौरसिया का कहना है कि भारत बंद जैसा कुछ नहीं है, लेकिन जुमे पर सभी अलर्ट रहेंगे और प्रमुख मस्जिदों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।

गंगा के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाईं डुबकी

गंगा के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाईं डुबकी

सत्येंद्र पंवार
मेरठ। गंगा दशहरे पर गुरुवार को वेस्‍ट यूपी में गंगा के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्‍था की डुबकी लगाईं। हर ओर बड़ी संख्‍या में श्रद्धालुओं तांता ही नजर आया। सुबह से भी लोग परिवार सहित घाटों पर पहुंच गए और पूजा अर्चना के साथ स्‍नाना आदि किया। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर बुलंदशहर के नरोरा के गांधी घाट पर बड़ी संख्‍या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। वहीं बागपत यमुना नदी में महिलाओं सहित अन्‍य श्रद्धालुओं ने स्‍नान किया। लेकिन यहां पर पानी बहुत कम होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी भी हुई।
वहीं मुजफ्फरनगर के मोरना में पौराणिक तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में ज्येष्ठ गंगा दशहरा पर दूर दराज क्षेत्रों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने हर हर गंगें जय गंगे मैया के नारों की जय घोष के साथ पतित पावनी गंगाजी में डुबकी लगाई और नगरी के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना कर श्रद्धा भाव से प्रसाद चढ़ाया। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मेले में भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। यह सिलसिला पूरे दिन ही जारी रहेगा।
वहीं शामली के कैराना में स्थित यमुना नदी में हरियाणा व यूपी के हजरों श्रद्धालुओं ने गंगा दशहरा के पर्व पर स्नान कर धर्म लाभ उठाया। इस दौरान विशेष पूजा अर्चना कर सुख शांति एवं मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए प्रार्थना की गई।
आपको बता दें कि इस साल गंगा दशहरा का पर्व 9 जून गुरुवार को मनाया जा रहा है और इस दिन चार शुभ संयोग भी बन रहे हैं। सनातन धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व बताया गया है। गंगा दशहरा पर ग्रह-नक्षत्रों से मिलकर चार शुभ योग बन रहे हैं। गुरु-चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध रहेगा। इससे गज केसरी और महालक्ष्मी योग का निर्माण होगा। वहीं, वृष राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इसके अलावा, सूर्य और चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवि योग रहेगा। इस शुभ घड़ी में दान स्नान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा।
गंगा दशहरा के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे आस्था की डुबकी लगाई। सुबह से ही भीषण गर्मी होने के बावजूद श्रद्धालु गंगा में गोता लगाने के लिए भारी संख्या में बैराज, गंज, नारकौर समेत कई घाट पर पहुंचे। गंगा किनारे पर मेला लगा रहा। चौकसी के लिए में गोताखोर और पुलिसकर्मी तैनात रहे। जिले में बालावाली, बैराज घाट, दारानगर गंज, नारनौर आदि घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु भारी तादाद में पहुंचना शुरू हो गए थे। निजी वाहनों के अलावा बस और ई रिक्शा तक से श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे।
सूरज निकलने से पहले ही श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगानी शुरू कर दी और ये सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा किनारे आते रहे। गंगा में किशोरों व युवाओं ने खूब मस्ती की और गर्मी से भी राहत पाई। स्नान करने के बाद मां गंगा को प्रसाद चढ़ाकर परिवार में सुख-शांति की कामना की। कुछ सामाजिक संस्थाओं ने गंगा किनारे भंडारा करके श्रद्धालुओं को प्रसाद भी वितरित किया। गंगा दशहरा पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहे। सभी घाटों पर स्थानीय गोताखारों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लगाया गया था। इसके अलावा रास्तों व घाटों पर पुलिस तैनात रही। पुलिस ने बैराज रोड पर जाम नहीं लगने दिया जिससे राहगीरों को बहुत राहत मिली। जगह-जगह पुलिस तैनात रही।
गंगा दशहरा के पावन पर्व पर जिले के गंगाघाट पर श्रद्धालुओं का सैलाव उमड़ा। हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। पुलिस-प्रशासन सुरक्षा में मुस्तैद रहा। घाट पर गोताखोर लगाए गए हैं। मनोरंजन के लिए विभिन्न गंगाघाटों पर मेले भी आयोजित किए गए हैं। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु जहां स्टाल पर पहंचकर खरीदारी कर रहे हैं। चाट-पकौड़ी एवं अन्य व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं। झूले झूलकर मनोरंजन कर रहे हैं।
दरअसल, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था। इसलिए इस पर्व को मां गंगा “के अवतरण दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन पूजा-पाठ दान पुण्य का बहुत ही महत्व होता है। ज्योतिषाचार्य पं. मुकेश मिश्रा के अनुसार इस बार गंगा दशहरा विशेष संयोग संजोए हुए हैं। सूर्य देव और बुध ग्रह वृषभ राशि में विराजित होने पर बुधादित्य योग बना है। रवि योग के शुभ संयोग के साथ हस्त नक्षत्र और व्यतिपात योग का भी निर्माण इस दिन हुआ। हस्त नक्षत्र में मां गंगा का अवतरण होने के कारण गंगा दशहरा के दिन यह योग बनना बेहद शुभ माना गया है।
गंगा दशहरा पर जिले में स्थित छोटी काशी के नाम से विख्यात अनूपशहर, आहार के अवंतिका देवी घाट, सिद्ध बाबा आश्रम घाट, नरौरा, कर्णवास आदि गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालु जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन, सुहाग सामग्री, नमक, तेल, गुड़ और स्वर्ण का दान कर पुष्य लाभ कमा रहे हैं। संकटों से छटकारा पाने की कामना कर रहे हैं। इसके अलावा बुलंदशहर नगर के वलीपुरा, खुर्जा के मूड़ाखेड़ा, पलड़ा झाल क्षेत्र से होकर गुजर रही गंगनहर के घाटों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

प्रदर्शन कर रहें, कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में लिया

प्रदर्शन कर रहें, कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में लिया

अमित शर्मा
चंडीगढ़। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, कानून एवं व्यवस्था और पंजाब सरकार की कथित ‘प्रतिशोध की राजनीति‘ के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास पर प्रदर्शन कर रहें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा वडिंग समेत कई कांग्रेसी नेताओं को चंडीगढ़ पुलिस ने बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया। वडिंग के अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता परताप सिंह बाजवा, पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओपी सोनी, विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत कई विधायक, पूर्व विधायक मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमा हुए थे।
करीब आधे घंटे बाद कांग्रेसी नेताओं को आवास के अंदर जाने दिया गया।
लेकिन मुख्यमंत्री व्यस्तता के कारण इनसे नहीं मिले और कल दोपहर एक बजे का समय दिया। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने समय देने के बावजूद न मिलने और ‘अपमान करने’ का आरोप लगाते हुए धरना और नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बात की और जब वह धरना उठाने को तैयार नहीं हुए तो सबको पुलिस वैन में बिठाकर पुलिस थाने ले गई।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें अफसोस है कि ‘कांग्रेस के अवशेष’ बिना समय गंवाए उनके घर पर उन नेताओं के समर्थन में विरोध करने आ गये जिन पर रिश्वतखोरी का आरोप है। उनका समर्थन करने का मतलब है कि कांग्रेस रिश्वतखोरी की समर्थक है। वह लोग ‘साडा हक ऐथे रख’ नारे लगा रहे हैं तो क्या रिश्वतखोरी उनका हक है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धरमसोत को अवैध पेड़ कटाई के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आकाशीय बिजली गिरने से 6 महिलाएं झुलसी

आकाशीय बिजली गिरने से 6 महिलाएं झुलसी 

इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। असम के कई जिलों में हो रही भारी बारिश और तूफान के बीच विश्वनाथ जिले में आकाशीय बिजली गिरने से चाय बगान में काम करने वाली कम से कम छ: महिलाएं झुलस गई। झुलसी हुयी महिलाएं मजुलीगढ़ टी एस्टेट तथा पाभोई टी एस्टेट काम करती है। इन महिलाओं की पहचान चरित ओरांग, लक्ष्मी कलांदी, ममी भूमिज, गोपी ओरिया (पाभोई), पिंकी तशा तथा कुम्ली खादल के तौर पर हुयी है। इन सभी को उपचार चल रहा है। 
इधर, भारतीय मौसम विभाग ने आठ और नौ जून को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है।

काशीपुर: मानक से 2 गुना अधिक बढ़ा, वायु प्रदूषण

काशीपुर: मानक से 2 गुना अधिक बढ़ा, वायु प्रदूषण

पंकज कपूर
काशीपुर। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का काशीपुर में स्थापित क्षेत्रीय कार्यालय पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। अधिकारियों की गलत नीतियों के कारण काशीपुर की फिजा धीरे-धीरे दिल्ली के मानिंद प्रदूषण का शिकार होती जा रही है। जानकार बताते हैं कि वायु प्रदूषण यहां मानक से करीब दो गुना अधिक बढ़ गया है। यही नहीं, बल्कि देश के सर्वाधिक प्रदूषित 102 शहरों में पौराणिक नगरी काशीपुर का भी नाम शुमार हो चुका है।
सरकार को समय रहते अधिकारियों की कार गुजारियों पर गौर करना होगा अन्यथा भविष्य के परिणाम गंभीर प्रतीत होते हैं। ज्ञातव्य है कि औद्योगिक आस्थान महुआखेड़ा गंज समेत आसपास के क्षेत्रों में नियम कायदों को दरकिनार कर चल रही आधा दर्जन से अधिक पेपर मिलों के अलावा कल कारखानों से निकलने वाले जहरीले धुएं एवं प्रदूषित पानी के कारण स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर भारी खतरा मंडराने लगा है। जानकार बताते हैं कि कुंडा थाना क्षेत्र के हल्दुआ साहू इलाके में संचालित एक पेपर मिल से निकलने वाले जहरीले हुए एवं प्रदूषित पानी के कारण आसपास के ग्रामीण पीलिया एलर्जी अस्थमा छय रोग के अलावा गले फेफड़े एवं पेट के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। दूसरी ओर क्षेत्र में कीट पतंगे गिलहरी नेवले कछुए घोंघे जुगनू मेंढक जैसे जीव भी तेजी से बढ़ते प्रदूषण के कारण लगभग समाप्त होते जा रहे हैं। आरोप है कि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी स्थानीय प्रशासन एवं क्षेत्रीय नेताओं के दबाव में कार्य कर रहे हैं। आरोप यह भी है कि मिलों द्वारा प्राधिकरण को दिए गए हलफनामे असत्य हैं। मिलो में आज भी पूर्ववत भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है जिससे ना केवल पानी के स्रोत खत्म हो रहे हैं बल्कि मिल के द्वारा केमिकल युक्त पानी को प्राकृतिक नालों में छोड़ने से स्थानीय लोगों के हैंडपंपों का पानी पीने योग्य भी नहीं रह गया है।
जल जनित गंभीर बीमारियों से अकाल मौतों का खतरा पैदा हो गया है। कल कारखाने हवा और पानी दोनों को समान रूप से प्रदूषित कर रहे हैं। उद्योगों से निकलने वाले धुएं एवं प्रदूषित जल तय मानकों से अधिक खतरनाक रूप धारण कर चुके हैं। आसपास बसी इंसानी आबादी के साथ-साथ पशु-पक्षी भी प्रभावित हो रहे हैं पर्यावरण संतुलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कीट पतंगों की प्रजातियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं। हवा में सल्फर डाइऑक्साइड एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा लगातार बढ़ने के कारण यहां लोगों को अब गंभीर बीमारी का खतरा सताने लगा है। बताते हैं कि विभागीय अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। मिलों में लगे इक्यूबमेंट भली प्रकार से संचालित नहीं किए जा रहे। साथ ही मार्ग से होकर गुजरने वाले वाहनों के प्रदूषण स्तर नहीं मांपे जा रहे हैं।

अतिक्रमण न हटानें पर 18 दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा

अतिक्रमण न हटानें पर 18 दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा 

अतुल त्यागी  
हापुड़। पुलिस-प्रशासन की लाख चेतावनी के बावजूद सड़कों पर कियें अतिक्रमण को न हटानें पर पुलिस ने जनपद के 18 दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैं। हापुड़ थाना प्रभारी सोमवीर सिंह ने बताया कि हापुड़ के खुर्जा पेंच के सामने व्यापारी मुकेश कुमार निवासी प्रेमपुरा, चंडी रोड पर दीपक निवासी मेरठ गेट, बलदेव उर्फ बॉबी निवासी राजेंद्र नगर ने अतिक्रमण कर रखा था। थाना हापुड़ देहात क्षेत्र में गढ़ रोड पर कासिम निवासी कोटला सादात हापुड़, बाबूगढ़ थाना क्षेत्र में उर्वशी मेडिकल स्टोर के बाहर देवेंद्र सिंह ने अतिक्रमण कर रखा है।
वहीं, पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र में बस अड्डा क्षेत्र में मनोज निवासी कृष्ण गंज, अनस, नईम निवासी सद्दीकपुरा, कस्बा चौकी क्षेत्र में नितिन निवासी गांधी बाजार, ललित निवासी मोहल्ला पुरा ने फुटपाथ पर अतिक्रमण कर रखा है। वहीं धौलाना क्षेत्र में राहुल, रिजवान, ग्राम सपनावत में इरफान निवासी इस्लामनगर, शंकरलाल खारौल, निवासी लुहारिया ने अतिक्रमण कर रखा है।
इसके अलावा थाना हाफिजपुर क्षेत्र में सोना पेट्रोल पंप के निकट फुटपाथ पर फुरकान निवासी कोटला मेवातियान व सदाकत निवासी कोटला सादात ने अतिक्रमण कर रखा है। इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। एसपी दीपक भूकर ने कहा कि सड़क पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...