गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

जापान में होगी प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति की मुलाकात

जापान में होगी प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति की मुलाकात

सुनील श्रीवास्तव  

वाशिंगटन डीसी/नई दिल्ली।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अगले महीने दक्षिण कोरिया और जापान जाएंगे और तोक्यो में वह क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। तोक्यो में वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अगले महीने दक्षिण कोरिया और जापान जाएंगे और तोक्यो में वह क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। तोक्यो में वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। बाइडन 20 से 24 मई के बीच दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा करेंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को कहा, यह यात्रा स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए बाइडन-हैरिस प्रशासन की प्रतिबद्धता को और प्रगाढ़ करेगी।

कमला हैरिस अमेरिका की उप राष्ट्रपति हैं।

बाइडन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमिओ के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
साकी ने कहा, ‘‘ ये नेता हमारे महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधों को गहरा करने, आर्थिक संबंधों को बढ़ाने और हमारे निकट सहयोग को विस्तार देने के अवसरों पर चर्चा करेंगे। तोक्यो में राष्ट्रपति बाइडन क्वाड के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के संबंध अन्य जानकारी जल्द साझा की जाएगी।
क्वाड समूह में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं।

निर्यात बंद, खाने के तेल महंगे होने की आशंका

निर्यात बंद, खाने के तेल महंगे होने की आशंका

सुनील श्रीवास्तव 

जकार्ता। ‌आज यानी 28 अप्रैल से इंडोनेशिया ने खाद्य तेलों का निर्यात बंद कर दिया है और इसका असर कई देशों पर देखा जा सकता है। हालांकि भारतीयों के लिए ये खबर और ज्यादा परेशान करने वाली हो सकती है क्योंकि देश में खाने के तेल और महंगे होने वाले हैं। 

शैंपू-साबुन तक के दाम बढ़ने वाले हैं
पहले ही यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण देश में सनफ्लार ऑयल (सूरजमुखी का तेल) महंगा हो चुका है, वहीं देश में सरसों के तेल के दाम पहले ही अब तक के हाई स्तर पर हैं। अब पाम तेल के महंगे होने से ना केवल देश में एडिबल ऑयल (खाने के तेल) महंगे होंगे बल्कि कई उपभोक्ता वस्तुएं जैसे केक, बिस्कुट और चॉकलेट से लेकर शैंपू-साबुन तक के दाम बढ़ने वाले हैं।

भारत के लिए क्यों है चिंता बढ़ाने वाली खबर
भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी पाम तेल इंडोनेशिया से आयात करता है और 30 फीसदी तेल मलेशिया से आयात करता है। देश में करीब 90 लाख टन पाम तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से आता है और इंडोनेशिया से एक्सपोर्ट बंद होने के चलते देश में पाम तेल की उपलब्धता कम होगी जिससे यहां महंगाई बढ़ेगी। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एफएमसीजी और सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियां भी बड़ी मात्रा में पाम तेल का यूज करती हैं। इनके चलते वो एफएमसीजी प्रोडक्ट्स जिनमें पाम तेल यूज होता है, महंगे होने वाले हैंं। पाम तेल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल खाने के तेल की तरह तो होता ही है, इसके अलावा इंडस्ट्री के बहुत से प्रोडक् जैसे शैंपू, टूथपेस्ट, नहाने का साबुन, विटामिन की गोलियां, सौंदर्य प्रसाधन प्रोडक्ट्स, केक और चॉकलेट वगैरह में भी इनका खूब यूज होता है।

देश में कई कंपनियां करती है पाम तेल का यूज
इंडोनेशिया ने पाम ऑयल का निर्यात बंद किया है जिससे खाद्य तेलों की कीमत में तो इजाफा होगा ही, शैंपू-साबुन, केक, बिस्कुट और चॉकलेट महंगे होने के संकेत भी मिल रहे हैं।इन कंपनियों ने तो पहले ही बता रखा है कि वो अपने प्रोडक्ट्स में पाम ऑयल का यूज करती हैं। जैसे एचयूएल, नेस्ले, प्रॉक्टर एंड गैम्बल और लॉरियल ने अपने उत्पादों में पाम तेल की मात्रा रखने के बारे में जानकारी दे रखी है। जाहिर है अब अगर पाम तेल की कमी होगी तो इसकी कीमतें बढ़ेंगी और ये कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ा सकती हैं। 

गुलकंद का सेवन, गर्मी से पा सकते हैं राहत

गुलकंद का सेवन, गर्मी से पा सकते हैं राहत

सरस्वती  उपाध्याय 
गर्मी से राहत पाने के लिए लोग तरह-तरह की चीजों का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गुलकंद का सेवन किया है। बता दें कि गुलकंद का सेवन करके आप गर्मी से तो राहत पा ही सकते हैं साथ ही कई तरह की दिक्कतों से भी निजात पा सकते हैं। गुलकंद (Gulkand) का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है और इसको आप सीधे तौर पर भी खा सकते हैं।
वैसे विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर होने के कारण जहां दूध को प्रोटीन का बेस्ट सोर्स माना जाता है। वहीं गुलाब के फूलों से बना गुलकंद खाना भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।इसलिए दूध के साथ गुलकंद का सेवन करने से इसके फायदे और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं। आइये thehealthsite के अनुसार जानते हैं गुलकंद के फायदों के बारे में।
एसिडिटी से मिलेगी राहत
पेट में गैस, कब्ज और एसिडिटी से निजात पाने के लिए दूध के साथ गुलकंद का सेवन काफी कारगर नुस्खा होता है। दूध में गुलकंद मिलाकर पीने से पेट की सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। ये गट बैक्टिरिया को बढ़ाने में मददगार है और आंतों की कार्य प्रणाली को प्रॉपर तरह से काम करने के लिए भी मदद करता है। आप गुलकंद को सीधे तौर पर भी खा सकते हैं।

एनर्जी देता है
गुलकंद का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बूस्ट होता है क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा काफी होती है। जिससे आप दिन भर स्फूर्ति का अनुभव करते हैं। इतना ही नहीं गुलकंद खाने से आंखों की रोशनी भी तेज होती है।
अच्छी नींद लाने में मददगार है
आजकल की बिजी दिनचर्या में काम के प्रेशर की वजह से तनाव होना काफी आम बात हो गई है। हालांकि गुलकंद की तासीर ठंडी होने के कारण इसका सेवन करने से दिमाग की नसों को आराम मिलने लगता है और आपका स्ट्रैस चुटकियों में गायब हो सकता है। जिससे अच्छी और सुकून भरी नींद आना काफी आसान हो जाता है।
पिम्पल्स से पाएं निजात
गर्मी के मौसम में धूप, धूल और मिट्टी की वजह से चेहरे पर पिम्पल्स होना काफी कॉमन प्राब्लम होती है। ऐसे में गुलकंद का सेवन करने से आपको पिम्पल्स से छुटकारा मिलने लगता है। दरअसल गुलकंद एंटी-बैक्टिरियल और एंटी-वायरल तत्वों से भरपूर होता है, जो पिम्पल्स या एक्ने मार्क्स को कम करने में मदद करता है।

अब कोका कोला में कोकीन मिलाने का मन

अब कोका कोला में कोकीन मिलाने का मन
अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को खरीदने के बाद दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने एक चौंकाने वाला ट्वीट करके संकेत दिया है कि उनकी नजर अब कोका कोला को खरीदने पर है। ताकि वह इसमें एक बार फिर कोकीन मिला सकें।
यह तो हालांकि सिर्फ एलन मस्क ही जानते हैं कि उन्होंने यह ट्वीट मजाक में किया है या नहीं। टेस्ला के संस्थापक हालांकि अपने ट्विटर पर कभी-कभी हल्के-फुल्के मजाक करने के लिए जाने जाते हैं और फ्री स्पीच जैसे कई मुद्दों पर उनके ट्वीट अक्सर विभिन्न मुद्दों पर बहस छेड़ते रहते हैं।मस्क ने गुरुवार को ट्वीट किया कि वह बहुराष्ट्रीय पेय कंपनी को खरीदेंगे और उसमें फिर से कोकीन मिलाएंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “इसके बाद, मैं कोका-कोला खरीद रहा हूं, ताकि उसमें कोकीन मिला सकूं।उल्लेखनीय है कि कोका कोला एक कार्बोनेटेड शीतल पेय है। इसका मुख्यालय अटलांटा द कोका-कोला कंपनी नाम से है।

हल्द्वानी: सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य

हल्द्वानी: सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य
पंकज कपूर
हल्द्वानी। इस समय की सबसे बड़ी खबर आ रही हैं नैनीताल जिले से, जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर जिलाधिकारी ने बड़ा फैसला लिया है।
जिलाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि, कोविड-19 की रोकथाम के मद्देनजर पूर्व की भांति सार्वजनिक स्थानों अथवा घर के बाहर मास्क पहनना अनिवार्य है और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित है।इसके साथ ही सार्वजनिक स्थल पर कोविड-19 के द्वितीय संशोधन नियमवाली के उल्लंघन करने पर ₹500 से ₹1000 तक जुर्माना वसूला जाएगा। और इस आदेश को तत्काल प्रभाव से कड़ाई से लागू किया जाएगा।जिलाधिकारी ने जारी आदेश में कहा, आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराने का दायित्व संबंधित अप जिला मजिस्ट्रेट, नगर मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी (पुलिस)/थानाध्यक्ष का होगा।

किन्नर की हत्या में चौथा आरोपी गिरफ्तार

किन्नर की हत्या में चौथा आरोपी गिरफ्तार
कविता गर्ग 
मुंबई। मुंबई के बिल्डर समरजीत उर्फ समय चौहान की हत्या के मामले में चौथे आरोपी की गिरफ्तारी मुंबई क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड से की है। मुंबई से आई टीम ने एसओजी की मदद से आज हरिद्वार से आरोपी सुपारी किलर गिरोह के अर्जुन सिंह को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि गत 26 फरवरी, 2022 को मुंबई के विरार क्षेत्र अंतर्गत डी-मार्ट के सामने बिल्डर समरजीत उर्फ समय चौहान की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब यह खुलासा हुआ था कि किसी बड़े किन्नर की सरपरस्ती और एक भूखंड के विवाद को लेकर बिल्डर की हत्या सुपारी किलर द्वारा कराई गई थी। इस मामले में 04 शातिर बदमाशों के नाम सामने आये थे। जिसके बाद UP STF ने हत्या में वांछित दो शूटरों को वाराणसी के कंदवा क्षेत्र की आनंद नगर कॉलोनी से गत माह गिरफ्तार किया था। गिरफ्त में आए शूटरों की शिनाख्त मुंबई के सांताक्रूज गोलीवार में रहने वाले और वाराणसी के सिंधोरा थाना के बरांव कटौना निवासी राहुल शर्मा उर्फ राम और कपसेठी थाना के लोहराडीह गांव के अभिषेक सिंह उर्फ अंकुर के तौर पर हुई थी।
ज्ञात रहे कि इनमें से शातिर अपराधी राहुल शर्मा वर्ष 2013 में मुंबई के निर्मल नगर में विजय पुजारी उर्फ बट्टा की हत्या में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है और तभी से वह फरार चल रहा था। फरारी के दौरान ही वर्ष 2013 में राहुल ने मुंबई में अजील शेख की हत्या की नीयत से उसे गोली मारी थी। वर्ष 2015 में मुंबई के मीरारोड थाना क्षेत्र में पुष्पक होटल के पास राहुल ने बंटी प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं बीते साल 21 मार्च को वाराणसी में हुई मुठभेड़ में दो लाख रुपए का इनामी अपराधी मनीष सिंह उर्फ सोनू भी मारा गया था, जो कि समरजीत चौहान हत्याकांड में शामिल रहा था। यानी विगत वर्ष मुंबई के बिल्डर हत्याकांड में एक आरोपी का एनकाउंटर कर दिया गया था, जबकि 02 की ​उत्तर प्रदेश से गिरफ्तारी कर ली गई थी।मुंबई से आई क्राइम ब्रांच की टीम ने एसओजी पुलिस को साथ लेकर हरिद्वार के कनखल जगजीतपुर में काफी समय से रह रहे हत्या आरोपी अर्जुन पुत्र राजेंद्र चौधरी, निवासी चांदपुर रोड, बुलंदशहर को रेलवे फाटक ज्वालापुर से धर दबोचा है। इस आरोपी की पुलिस बीते दो माह से तलाश कर रही थी। इधर इस मामले में एसओजी प्रभारी रंजीत सिंह तोमर ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने अपराधी की लोकेशन हरिद्वार में बतायी और उनसे संपर्क साधा। जिसके बाद एसओजी टीम ने आरोपी को ज्वालापुर रेलवे फाटक के पास से गिरफ्तार कर लिया। यह फिलहाल कनखल के जगजीतपुर क्षेत्र में किराए के मकान पर रह रहा था। अब मुंबई क्राइम ब्रांच इसे कोर्ट में पेश कर इसकी ट्रांजिट रिमांड ले रही है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-202, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, अप्रैल 29, 2022
3. शक-1984, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2078‌। 
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 30 डी.सै., अधिकतम-44+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
http://www.universalexpress.page/
www.universalexpress.in
email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :- +919350302745 
           (सर्वाधिकार सुरक्षित)

बुधवार, 27 अप्रैल 2022

इबादत स्थलों से 'लाउडस्पीकर' उतारने पर चर्चा

इबादत स्थलों से 'लाउडस्पीकर' उतारने पर चर्चा    

भानु प्रताप उपाध्याय         

मुजफ्फरनगर। जिला मुजफ्फरनगर का एक प्रतिनिधि मंडल जमीअत उलेमा, मौलाना नजर मोहम्मद के नेतृत्व में डीएम चंद्रभूषण सिंह से मिला। जिसमें जमीअत के पदाधिकारियों ने जिलें में इबादत स्थलों से लाउडस्पीकर उतारें जाने के सिलसिले में चर्चा की। मौलाना नजर मोहम्मद ने डीएम को बताया, कि पूरे जिले की मस्जिदों और धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकर को अनुमति होने के बावजूद उतरवाया जा रहा है। जिससे रमजान मुबारक के पवित्र महीने में खासतौर से अजान, सहरी और इफ्तार के वक्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर जमीअत के पदाधिकारियों से डीएम ने कहा की यह एक कानूनी प्रक्रिया है और सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार, किसी भी धर्म स्थल पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा कि सब इस कानूनी प्रक्रिया का पालन करें और जहां-जहां तेज आवाज के लाउडस्पीकर लगे हुए हैं। उनकी आवाज़ धीमी करें। डीएम ने जमीअत के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि अपनी-अपनी तहसीलों में जाकर एसडीएम से लाउडस्पीकर की अनुमति प्राप्त कर लें। अगर इन नियमों का पालन सभी धर्मों के लोगों द्वारा या किसी कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा किया गया तो कहीं कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जमीअत उलेमा के पदाधिकारियों ने तमाम मुसलमानों से अपील की कि अपनी-अपनी मस्जिदों के लाउडस्पीकर को नीचे की ओर प्रशासन की अनुमति से लगाएं और धीमी आवाज में रखें। जिन मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने की परमिशन नहीं है। उनकी परमिशन अपने एसडीएम से प्राप्त कर लें। डेलिगेशन में प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना नज़र मुहम्मद क़ासमी, जिलाध्यक्ष मौलाना क़ासिम क़ासमी, मौलाना ताहिर क़ासमी, सलीम मलिक, कलीम त्यागी, कारी अब्दुल रहमान, फैसल खान आदि मौजूद रहे।

प्रयागराज: 2 युवकों की हत्या से फैली सनसनी

प्रयागराज: 2 युवकों की हत्या से फैली सनसनी  

बृजेश केसरवानी           
प्रयागराज। जनपद में हत्या की वारदातों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। थरवई थाना इलाके के खेवराजपुर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की गुत्थी अभी सुलझी नहीं थी, कि मीरापट्टी में दो लोगों की हत्या का मामला सामने आया है। प्रयागराज में धूमनगंज थाना क्षेत्र के मीरापट्टी में दिन दहाड़े दो युवकों की हत्या से सनसनी फैल गई। धूमनगंज के कसारी में रहने वाले यासिर और सुल्तान दीपक नामक शख्स के घर आए थे। तभी किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसी दौरान हुई फायरिंग में मौके पर ही यासिर और सुल्तान की मौत हो गई।
सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है। मामले की छानबीन की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक यासिर, सुल्तान सहित दो अन्य लोग दीपक के घर आए थे। इसी दौरान प्लाट की रजिस्ट्री कराने को लेकर झगड़ा हुआ तो चारो लोगों ने असलहों से फायरिंग शुरू कर दी। दीपक ने एक पिस्टल छीनकर फायरिंग की जो यासिर और सुल्तान को लगी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। मौके से दो तमंचा और दो पिस्टल बरामद की हैं।

122 सालों के दौरान सबसे गर्म मार्च: हीटवेव

122 सालों के दौरान सबसे गर्म मार्च: हीटवेव
कविता उपाध्याय

नई दिल्ली। उत्तरी भारत के तमाम हिस्सों में फ़िलहाल लगभग हर कोई इस वक़्त एक जानलेवा हीटवेव का अनुभव कर रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत समेत पाकिस्तान में भी जानलेवा हीटवेव तैयार हो रही है। ये वो इलाका है जहां दुनिया के हर पांच में से एक व्यक्ति गुजर-बसर करता है।

पाकिस्तान के जैकबाबाद में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने का अनुमान है। यह धरती के सबसे गर्म स्थानों में से एक माने जाने वाले इस शहर में गर्मी के सर्वकालिक उच्चतम स्तर के नजदीक पहुंच रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली भी 44-45 डिग्री सेल्सियस की तपिश से बेहाल है और यह अब तक के सबसे गर्म अप्रैल के आसपास ही है। वहींभारत के उत्तरी इलाकों के कुछ हिस्सों में पारा 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। हीटवेव से जुड़ी चेतावनियां जारी की जा रही हैं। जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि साल के शुरुआती महीनों में ही इतनी प्रचंड गर्मी खासतौर पर खतरनाक है।

पर्यावरण वैज्ञानिकों के एक ताजा विश्लेषण के मुताबिक हीटवेव का सीधा सम्बन्ध जलवायु परिवर्तन से है।

इंपीरियल कॉलेज लंदन की डॉक्टर मरियम जकरिया और डॉक्टर फ्रेडरिक ओटो ने पाया कि इस महीने के शुरू से ही भारत में जिस तरह की तपिश पड़ रही हैवह पहले ही एक आम बात हो चुकी है क्योंकि इंसान की गतिविधियों की वजह से वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है।

इंपीरियल कॉलेज लंदन के ग्रंथम इंस्टीट्यूट में रिसर्च एसोसिएट डॉक्टर मरियम ने कहा "भारत में हाल के महीनों में तापमान में हुई बढ़ोत्तरी का बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है। वैश्विक तापमान में वृद्धि में इंसान की गतिविधियों की भूमिका बढ़ने से पहले हम भारत में 50 वर्ष में कहीं एक बार ऐसी गर्मी महसूस करते थेजैसे कि इस महीने के शुरू से ही पड़ रही है लेकिन अब यह एक सामान्य सी बात हो गई है। अब हम हर 4 साल में एक बार ऐसी भयंकर तपिश की उम्मीद कर सकते हैं और जब तक प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन पर रोक नहीं लगाई जाएगी तब तक यह और भी आम होती जाएगी।"

इंपीरियल कॉलेज लंदन के ग्रंथम इंस्टिट्यूट में जलवायु विज्ञान के सीनियर लेक्चरर डॉक्टर फ्रेडरिक ओटो ने कहा "भारत में मौजूदा हीटवेव जलवायु परिवर्तन की वजह से और भी गर्म हो गई है। ऐसा इंसान की नुकसानदेह गतिविधियों की वजह से हुआ है। इनमें कोयला तथा अन्य जीवाश्म ईंधन का जलाया जाना भी शामिल है। अब दुनिया में हर जगह हर हीटवेव के लिए यही मामला होता जा रहा है। जब तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बंद नहीं होगातब तक भारत तथा अन्य स्थानों पर हीटवेव और भी ज्यादा गर्म तथा और अधिक खतरनाक होती जाएगी।"

डॉक्टर फ्रेडरिक ओटो वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के नेतृत्वकर्ता हैं और टाइम मैगजीन ने वर्ष 2021 के सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों में उन्हें नामित किया था।

जिन तापमानों का पूर्वानुमान लगाया गया है वह मई-जून 2015 में भारत और पाकिस्तान में बड़ी जानलेवा हीटवेव के जैसे ही हैंजिनमें कम से कम 4500 लोगों की मौत हुई थी। जून 2015 की जानलेवा हीटवेव के दौरान नई दिल्ली हवाई अड्डे पर अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं उड़ीसा के झाड़सुगुड़ा में पारा 49.4 डिग्री सेल्सियस के सर्वोच्च स्तर पर जा पहुंचा था। पाकिस्तान के कराची में 45 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था। वहींबलूचिस्तान और सिंध प्रांतों के अन्य कुछ शहरों में पारा 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

भारत में गुजरा मार्च का महीना पिछले 122 सालों के दौरान सबसे गर्म मार्च रहा। इस अप्रत्याशित गर्मी की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में गेहूं के उत्पादन में 10 से 35 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।

भारत के कुछ विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न भीषण गर्मी से लोगों को राहत दिलाने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत पर भी जोर दे रहे हैं।

गुजरात इंस्टिट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर और कार्यक्रम प्रबंधक डॉक्टर अभियंत तिवारी ने कहा

"न्यूनीकरण संबंधी कदम उठाते वक्त भविष्य की वार्मिंग को सीमित करना बहुत आवश्यक है। तपिश के चरमबार-बार और लंबे वक्त तक चलने वाले दौर अब भविष्य के खतरे नहीं रह गए हैंबल्कि वे एक नियमित आपदा बन चुके हैं और अब उन्हें टाला नहीं जा सकता।"

"गर्मी से निपटने की हमारी कार्य योजनाओं में अनुकूलन के उपायों को भी सुनिश्चित करना आवश्यक होगा। जैसे कि जन अवशीतलन क्षेत्रनिर्बाध बिजली आपूर्ति की सुनिश्चिततासुरक्षित पेयजल की उपलब्धता और सर्वाधिक जोखिम वाले वर्ग में आने वाले श्रमिकों के काम के घंटों में विशेषकर अत्यधिक तपिश वाले दिनों में बदलाव किया जाना चाहिए।"

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ गांधीनगर के निदेशक डॉक्टर दिलीप मावलंकर ने कहा :

"भारतीय मौसम विभाग भारत के 1000 शहरों के लिए अगले 5 वर्षों तक की अवधि में पूर्वानुमान परामर्श जारी कर रहा है। अहमदाबाद ऑरेंज अलर्ट वाले जोन में है और यहां तापमान 43-44 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है और इसमें वृद्धि भी हो सकती है।"

उन्होंने कहा "लोगों को इन परामर्श पर गौर करने की जरूरत है। घर के अंदर रहेंखुद को जल संतृप्त रखें और गर्मी से संबंधित बीमारी के सामान्य लक्षण महसूस करने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। खास तौर पर बुजुर्गों और कमजोर वर्गों का ध्यान रखेंजैसा कि हमने कोविड-19 महामारी के दौरान रखा थाक्योंकि इन लोगों को घर के अंदर बैठे रहने पर भी हीट स्ट्रोक का असर हो सकता है।"

नगरों को रोजाना विभिन्न कारणों से होने वाली मौतों के आंकड़ों पर नजर रखनी चाहिए। खासकर अस्पतालों में दाखिल किए जाने वाले मरीज और एंबुलेंस को की जाने वाली कॉल के डाटा पर ध्यान देना चाहिए ताकि पिछले 5 वर्षों के डाटा से उसका मिलान किया जा सके और मृत्यु दर पर गर्मी के असर के वास्तविक संकेत को देखा जा सके।

"यह बहुत ही जल्दी आई हीटवेव है और इनकी वजह से मृत्यु दर भी आमतौर पर ज्यादा होती है क्योंकि मार्च और अप्रैल के महीनों में लोगों का गर्मी के प्रति अनुकूलन कम होता है और वे एकाएक तपिश को सहन करने के लिए तैयार नहीं होते। केंद्र और राज्य तथा नगरों की सरकारों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। खासतौर पर जब मौसम विभाग के अलर्ट ऑरेंज और रेड जोन की घोषणा करें तो उन्हें इस बारे में अखबारों में विज्ञापन के तौर पर चेतावनी प्रकाशित करानी चाहिए। इसके अलावा टेलीविजन और रेडियो के माध्यम से भी जनता को आगाह किया जाना चाहिए। यह एक चेतावनी भरा संकेत है कि आगामी मई और जून में क्या होने वाला है। अगर हम अभी से प्रभावी कदम उठाते हैं तो हम बड़ी संख्या में लोगों को बीमार होने और मरने से बचा सकते हैं।"

पश्चिम बंगाल में स्थानीय सरकार ने स्कूलों को यह सलाह दी है कि वे जल्द सुबह कक्षाएं शुरू करें और रिहाइड्रेशन साल्ट्स की व्यवस्था करें ताकि अगर कोई बच्चा बीमार हो जाए तो उसका समुचित उपचार हो सके। राज्य के कुछ स्कूलों ने तो ऑनलाइन क्लास शुरु कर दी है ताकि बच्चों को भयंकर तपिश में स्कूल ना आना पड़े। इसी बीचउड़ीसा में उच्च शिक्षा की कक्षाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है ।

जहां दक्षिण एशिया में इस हफ्ते तापमान के सर्वाधिक चरम पर पहुंच जाने की आशंका हैवही यह भी सत्य है कि सिर्फ यह उपमहाद्वीप ही इस वक्त ऐसी भयंकर गर्मी से नहीं जूझ रहा है। अर्जेंटीना और पराग्वे में भी तपिश अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। पराग्वे में आज तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की आशंका है। वहींचीन में 38 डिग्री और तुर्की तथा साइप्रस में 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने की संभावना है। जैसे-जैसे प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन की वजह से तापमान और भी ज्यादा बढ़ेगाखतरनाक तपिश और भी ज्यादा सामान्य बात होती जाएगी।

निकाय की समस्याओं का समाधान, कन्ट्रोल रूम


निकाय की समस्याओं का समाधान, कन्ट्रोल रूम 
संदीप मिश्र
कानपुर। जिलाधिकारी नेहा जैन के मार्ग दर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी सौन्या पाण्डेय के निर्देशन में समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु निकाली गई नई पहल के तहत नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं के समस्याओं के समाधान हेतु कन्ट्रोल रूम की स्थापना कलेक्ट्रेट कार्यालय आईसीसीसी में की गयी है। जिसका स्लोगन है कि "आपका नगर आपके द्वार वन स्टाप सॉल्यूशन" है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि नागरिक निम्न नम्बर पर शिकायत कर अपना समाधान 24 घण्टे में पा सकते है। इसके लिए मोबाइल नम्बर 7388074008 को जारी किया गया है। कंट्रोल रूम पर सभी ग्रामवासी एवं आम जनमानस प्रातः 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक अपनी समस्या बता सकते है।
इसी प्रकार मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी अधिशाषी अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए है कि सभी नगर पंचायतों में एक सुझाव पेटिका लगाई जाए ताकि जनपद के नागरिक  अपने अपने सुझाव पेटिका में डाल सके ताकि उनके सुझावों को जमीनी स्तर पर करते हुए नगर पंचायतों को और सुद्रण बना सके। जिलाधिकारी के मार्गदर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में जनपद में एक विशेष पहल की गई है जिससे जनपद के नागरिक जनपद की साइट https://kanpurdehat.nic.in/ पर सुझावों को ऑनलाइन माध्यम से भी भेज सकते है जिसका त्वरित निस्तारण करवाया जाएगा। इसी प्रकार मुख्य विकास अधिकारी समस्त अधिशाषी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपनी अपनी नगर पंचायतों में वार्ड मेंबरों से संपर्क करते हुए वार्डों में वार्ड चौपाल लगाए जाए। ताकि वार्डों में उत्पन्न हो रही समस्याओं का भी निस्तारण कराया जा सके। अतिक्रमण, गन्दगी और अन्य समस्याओं के मद्देनजर मुख्य विकास अधिकारी ने इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरूआत की है। ताकि नगरीय क्षेत्र के नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके, जिस भी नगर क्षेत्र की समस्या इस नम्बर पर आयेगी तुरन्त ही वहां के अधिशाषी अधिकारी को समस्या से अवगत कराकर त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया जायेगा।

ड्रोन से फसलों की निगरानी, कीटनाशक छिड़काव

ड्रोन से फसलों की निगरानी, कीटनाशक छिड़काव

आदर्श श्रीवास्तव 
शाहजहांपुर। खेती-बाड़ी में लगातार नई तकनीकों का इजाफा हो रहा है। इन्हीं नई तकनीकों में अब ड्रोन की मदद से खेती-बाड़ी की जाएगी। ड्रोन की मदद से फसलों की निगरानी के साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराने की व्यवस्था की जा रही है। शासन ने सभी जिला गन्ना अधिकारियों को पत्र जारी कर ड्रोन खरीदने के निर्देश दिए हैं। शासन से निर्देश मिलने के बाद जिला स्तर पर ड्रोन खरीदने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
जनपद की समितियां ड्रोन खरीदेगी, जिसके माध्यम से पोषक तत्वों, कवक नाशी एवं कीटनाशी रसायनों का छिड़काव किया जाएगा। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्संजय आर भूसरेड्डी जिला गन्ना अधिकारियों से ड्रोन खरीदने के लिए प्रस्ताव मांगा, जिस पर विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेज दिया है। जनपद में चार ड्रोन खरीदे जायेंगे। दो सहकारी गन्ना विकास समिति पुवायां और दो ड्रोन सहकारी गन्ना विकास समिति रोज़ा से खरीदे जायेंगे।
इस नई तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को फायदा होगा। कम समय मे अधिक क्षेत्रफल पर छिड़काव हो जायेगा, मजदूरों की समस्या से भी निजात मिलेगा। इसके साथ ही फसल पर समान रुप से छिड़काव से अच्छी उपज मिलेगी। किसानों को अधिक उपज मिले इसके लिये जरूरी हो जाता है कि नवीनतम तकनीक का खेती में प्रयोग किया जाए।
ड्रोन तकनीक का प्रयोग इनमें से एक बेहतर विकल्प है। ड्रोन के उपयोग से बड़े क्षेत्रफल पर कम समय में कीटनाशक दवाओं एवं पोषक तत्वों का छिड़काव किया जा सकता है। इसके साथ ही फसल की निगरानी भी आसानी से की जा सकेगी। मानव सेहत एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्परिणाम को भी कम किया जा सकेगा। ड्रोन के उपयोग से उत्पादन लागत भी कमी आएगी। इससे लागत में कमी के साथ ही समय की बचत होगी।
बड़ी फसल में छिड़काव के लिए कारगर होगा ड्रोन
जब गन्ने की फसल बड़ी हो जाती है। ऐसे में किसानों को दवाओं का छिड़काव करने में काफी दिक्कतें होती है। अब ड्रोन व्यवस्था शुरू होने से छिड़काव में काफ़ी मदद मिलती है। सबसे खास बात सीमित समय मे अधिक छिड़काव होगा।
जनपद की पुवायां और रौजा में दो दो समितियों पर ड्रोन खरीदी जाएगी। ड्रोन संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जब भी कोई किसान ड्रोन की मांग करेगा, इस पर सम्बन्धित कर्मचारी खेत पर गतिविधि पूरी करेगा। इसके लिए किसानों को निर्धारित शुल्क चुकाना होगा। हालांकि इसको लेकर एक गाइडलाइन भी आनी है। गाइडलाइन के अनुसार ड्रोन का संचालन किया जाएगा।
जनपद में चार ड्रोन खरीदे जाएंगे, जिसका प्रस्ताव शासन में भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही ड्रोन की खरीदारी कर ली जाएगी। नई तकनीकी खेती में ड्रोन की अहम भूमिका रहेगी—डॉ. खुशीराम, जिला गन्ना अधिकारी।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...