इस सेंटर पर कैंप 4 मार्च से बिना रुके लगाकर वैक्सीन लगाने का कार्य किया गया। कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर में लोगों की रक्षा के लिए वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरूआत की गई थी। वैक्सीनेशन महाअभियान में अपनी भागदारी निभाते हुए भाजपा पार्षद मनोज गोयल ने भी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र को गोद लिया और टीकाकरण के लिए लगातार वैक्सीनेशन शुरू कराया। इस सेंटर में 1 लाख 20 हजार लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया।
सेंटर इंचार्ज डॉ. ऋतु वर्मा का कहना है कि यह कार्य पार्षद के अथक प्रयास से संभव हो पाया है। वह प्रतिदिन व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहते थे और वैक्सीन की डोज लेने के लिए आ रहे लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करते हुए टीकाकरण तेजी में तेजी के लिए लगातार संपर्क में रहे। उनकी सतर्कता के चलते ही क्षेत्र का एक भी सदस्य वैक्सीन से अछूता नहीं है। पार्षद मनोज गोयल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी भयावह थी। जिसे आज भी सोचकर रूह कांप उठती है। क्षेत्र के लोगों ने जो विश्वास दिखाकर टीकाकरण अभियान में अपना योगदान दिया है। वह बहुत ही सराहनीय है।
इस मौके पर भाजपा नेता अवधेश कटिहार, डॉक्टर एसएन शर्मा, मंडल मंत्री शुभम सिंह, श्याम सुंदर सिंह, केएल शर्मा, भूपेंद्र यशपाल जग्गी, दुष्यंत गौतम, पूजा मेहरा, ममता त्रिपाठी, नीतू जैन, पवित्रा, रश्मि, मोहित, गौरी, शिखा चौधरी आदि क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।
उन्होने कहा कि कोरोना काल में लोगों को भयानक त्रासदी से गुजरना पड़ा। मौतों का सिलसिला नहीं थमने से लाशें भी टोकन पर जलने लगी थी। अस्पतालों में दवा, इलाज के अभाव में मरीज तड़पते रहे। आक्सीजन के लिए मारामारी मची रही। बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन हुआ। नौजवानों की नौकरियां छूट गईं। इसके लिए दुःख जताने के बजाय भाजपा नेतृत्व घंटा, थाली बजाकर खुशियां मनाने में लगा रहा। कोरोना में मौतों का उत्सव मनाकर भाजपा ने जनता के जख्मों पर क्या खूब मलहम लगाया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के अब चंद दिन ही बचे है। पूरी अवधि में एक यूनिट विद्युत का उत्पादन नहीं किया फिर भी झूठे दावे का उत्सव मनाने में कोई शर्म नहीं। शिलान्यास का शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करते हुए भी भाजपा का उत्सव जारी है। समाजवादी सरकार के कामों पर भाजपा अपनी पट्टिका लगाती रही है और पूरे कार्यकाल का उत्सव मनाती रही।
उन्होने कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट समाजवादी सरकार की योजना थी पर भाजपा खुद श्रेय लेते हुए उत्सव मनाने में लग गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी समाजवादी सरकार की देन है उसका उत्सव भी भाजपा को मनाने में दिक्कत नहीं। सच तो यह है कि भाजपा को झूठ और फरेब की राजनीति ही आती है। अपने पूरे कार्यकाल में उसने जनहित में कुछ किया नहीं। उसके कार्यकाल में लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं, जनता महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त हुई है। उसका भी उत्सव मनाने में भाजपा को परहेज नहीं होगा।
शिक्षा: आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालन
दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रदेश के बच्चों को इंग्लिश माध्यम में शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोला गया है। इन स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है। लेकिन कुछ स्कूलों में अभी भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि सरकार की ओर से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए शिक्षक सहित 6 हजार 826 पदों पर भर्ती का निर्देश जारी किया गया है। इनमें से आधे से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ स्कूलों में शिक्षकों का आभाव है। इसी के मद्देनजर सीएम भूपेश बघेल ने जल्द ही शिक्षकों की भर्ती करने का निर्देश दिया है।
यौन संबंध दोषी ठहराते हुए एचसी ने टिप्पणी की
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी महिला लड़की का यौन संबंध बनाने का आदी होना किसी व्यक्ति को बलात्कार के मामले में दोषमुक्त करने का कारण नहीं हो सकता, वह भी खासतौर पर एक पिता को, जिससे अपनी बेटी की रक्षा करने और आश्रय देने की उम्मीद की जाती है। अदालत ने बार-बार अपनी बेटी का बलात्कार करने और उसके गर्भवती हो जाने को लेकर एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए यह टिप्पणी की।
उच्च न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि जब एक पिता अपनी बेटी का बलात्कार करता है, तब यह एक रक्षक के भक्षक बनने से भी बदतर हो जाता है। न्यायमूर्ति आर नारायण पिशारदी ने यह टिप्पणी पीड़िता के पिता के यह दावा करने के बाद की कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि उसकी बेटी ने स्वीकार किया है कि उसका किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध था। उच्च न्यायालय ने उसकी बेगुनाही के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के परिणामस्वरूप मई 2013 में जन्में बच्चे की डीएनए जांच से यह खुलासा होता है कि पीड़िता के पिता बच्चे के जैविक पिता हैं।