रविवार, 19 सितंबर 2021

बरेली और यूपी में ऐतिहासिक काम किये गए: सांसद

सदींप मिश्र           
बरेली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार ने राज्य सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने के मौके पर विकास भवन सभागार में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि बरेली और यूपी में ऐतिहासिक काम किये गये हैं। बिना भेदभाव के प्रत्येक एरिया में कार्य कराए गए हैं। बरेली तेजी से बदल रही है।
पुलों के निर्माण से यातायात सुगम हो गया है। प्रदेश सरकार की साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में किसान सम्मान निधि लागू करने में प्रथम, आवास योजना में प्रथम, -स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण में प्रथम, ‘सौभाग्य योजना’ में विद्युत कनेक्शन देने में प्रथम आया है।
गन्ना, चीनी, गेहूं, आलू, हरी मटर, आम, आंवला और दुग्ध उत्पादन में प्रथम आया है।
गन्ना किसानों को 1.43 लाख करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ है। गरीब कल्याण अन्न योजना में 15 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन वितरण किया गया है। डेढ़ करोड़ से अधिक श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार और नौकरी एवं रोज़गार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
प्रदेश में बेरोज़गारी दर जो वर्ष 2017 में 17.5 प्रतिशत थी वो मार्च 2021 में घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई है। इस दौरान सांसद धर्मेंद्र कष्यप, शहर विधायक डा अरुण कुमार, राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, डीएम नितीश कुमार, सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग आदि मौजूद रहे।

संस्करणों में 6 एयरबैग उपलब्ध कराएं: गड़करी

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि छोटी कारों में भी सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में एयरबैग होने चाहिए। आमतौर पर छोटी कारों की खरीद कम आय वर्ग वाले मध्यवर्गीय लोगों द्वारा की जाती है। गडकरी ने सवाल किया कि वाहन कंपनियां सिर्फ अमीर लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली बड़ी कारों में ही आठ एयरबैग क्यों उपलब्ध कराती हैं।
गडकरी ने साक्षात्कार में कहा कि छोटी सस्ती कारों में अधिक एयरबैग की अपील वह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि वाहन उद्योग ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि ऊंचे कराधान तथा सख्त सुरक्षा और उत्सर्जन नियमों की वजह से उनके उत्पाद महंगे हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि छोटी कारों की खरीद निम्न मध्यम आय वर्ग के लोगों द्वारा की जाती है। यदि उनकी कारों में एयरबैग नहीं होगा, तो दुर्घटना की स्थिति में उनकी जान जा सकती है। ऐसे में मैं सभी कार विनिर्माताओं से अपील करूंगा कि वे अपने वाहनों के सभी संस्करणों में कम से कम छह एयरबैग उपलब्ध कराएं।
इस बात को स्वीकार किया अतिरिक्त एयरबैग से छोटी कारों की लागत कम से कम 3,000 से 4,000 रुपये बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, ”हमारे देश में गरीबों को भी पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए। बेबाकी से अपनी राय रखने वाले गडकरी ने कहा कि अमीर लोगों के लिए आप आठ एयरबैग देते हैं। सस्ती कारों के लिए आप सिर्फ दो-तीन एयरबैग की पेशकश करते हैं। ऐसा क्यों।

कर्मस्थली छपरौली में भारी भीड़ जुटनी शुरू हुईं

हरिओम उपाध्याय       
छपरौली। स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह की श्रद्धांजलि सभा एवं जयंत चौधरी की रस्म पगड़ी कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली छपरौली में भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था। उनके निधन के बाद कोरोना काल के चलते उनकी श्रद्धांजलि सभा नहीं हो पाई थी। अब जब कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं। तब राष्ट्रीय लोकदल एवं किसानों ने स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने एवं उनके पुत्र रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी की रस्म पगड़ी के लिए सभा का आयोजन छपरौली में करने का फैसला लिया गया। छपरौली रालोद का सियासी गढ़ रही है। श्रद्धांजलि सभा एवं रस्म पगड़ी कार्यक्रम सभा का समय सुबह 10 बजे रखा गया था, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से रालोद के कार्यकर्ता एवं किसान छपरौली पहुंचने शुरू हो गए थे। समाचार लिखे जाने तक कार्यक्रम स्थल चारों तरफ से भर गया है जबकि छपरौली पहुंचने वाले सभी रास्तों पर बस एवं कारों का काफिला कार्यक्रम स्थल की ओर पहुंच रहा है।

25 भारतीय आईएएस अधिकारियों के तबादले किए

नरेश राघानी              
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य सरकर ने 25 भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं।
कार्मिक विभाग ने कल देर रात इन अधिकारियों के तबादले आदेश जारी किए। इसमें बूंदी और प्रतापगढ के जिला कलक्टर्स को भी बदला है।
कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार सुबोध अग्रवाल को अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम के साथ-साथ ऊर्जा विभाग, रोली सिंह को प्रमुख शासन सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, भास्कर आत्माराम सावंत को अध्यक्ष डिस्कॉम एवं अध्यक्ष प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड, दिनेश कुमार को प्रमुख शासन सचिव कृषि, उद्यानिकी और सहकारिता विभाग, नवीन महाजन को अध्यक्ष राजस्थान कर बोर्ड अजमेर, गायत्री राठौर को प्रमुख शासन सचिव पर्यटन कला साहित्य और अध्यक्ष राजस्थान पर्यटन विकास निगम के साथ महानिदेशक जवाहर कला केंद्र, मुग्धा सिन्हा को शासन सचिव एवं आयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, मंजू राजपाल को सदस्य राजस्व मंडल अजमेर, डॉ पृथ्वीराज शासन सचिव जल संसाधन विभाग, सिद्धार्थ महाजन को शासन सचिव वित्त( बजट) विभाग,पूरन चंद किशन को शासन सचिव अल्पसंख्यक मामलात विभाग एवं पंचायत राज, विनीता श्रीवास्तव को शासन सचिव आयुर्वेदिक विभाग के पद पर तैनात किया है।
इसी प्रकार बाबूलाल मीणा को आयुक्त विभागीय जांच जयपुर, चौथी राम मीणा को सदस्य राजस्व मंडल अजमेर, डॉक्टर मोहन लाल यादव को रजिस्टर राजस्व मंडल अजमेर, कुमारी रेनू जयपाल को जिला कलेक्टर बूंदी, वंदना सिंह को निदेशक जोधपुर, महावीर प्रसाद वर्मा को सचिव राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग जयपुर, नेहा गिरी को रजिस्टर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एवं रजिस्टर सरदार पटेल विश्वविद्यालय पुलिस न्याय जोधपुर, विश्राम मीणा को प्रबंध निदेशक राजस्थान सहकारिता डेयरी फेडरेशन लिमिटेड जयपुर, कन्हैयालाल त्यागी को आयुक्त शासन सचिव राजस्व विभाग जयपुर, प्रकाश चंद शर्मा को जिला कलेक्टर प्रतापगढ़, आशीष गुप्ता को निदेशक जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग जयपुर, अनुपमा जोरवाल को प्रबंध निदेशक राजस्थान चिकित्सा सेवाएं और आलोक रंजन को संयुक्त शासन सचिव ऊर्जा विभाग जयपुर के पद पर लगाया है। आदेश में वैभव गालरिया को शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और डॉक्टर पृथ्वीराजसिंह को जल संसाधन विभाग के साथ अध्यक्ष इंदिरा गांधी नहर बोर्ड का कार्यभार भी अतिरिक्त दिया गया है।

दंगल में स्वर्ण पदक जीते हुए क्वालीफाई किया

हरिओम उपाध्याय        
मुजफ्फरनगर। जनपद की आन, बान और शान दंगल गर्ल दिव्या काकरान ने सर्बिया में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सीएम के जन्मदिन पर हुए दंगल में स्वर्ण पदक जीते हुए क्वालीफाई कर लिया है। दंगल गर्ल ने स्वर्ण पदक अपनी सेहत पर खेलकर प्राप्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शनिवार को हुए दंगल के दौरान मुजफ्फरनगर की आन, बान और शान दिव्या काकरान को वायरल के साथ तेज बुखार भी था। मुकाबले से पहले इस बुखार में और अधिक बढ़ोतरी हो गई। लेकिन बुखार से तपते हुए शरीर के बाद भी दिव्या काकरान ने दंगल से अपने कदम वापस नहीं खींचे, बल्कि पूरी हिम्मत के साथ डटी रही और बुखार में तपते हुए शरीर के बावजूद अखाड़े में उतरी दिव्या काकरान आखिर में अपने प्रतिद्वंदी को पछाड़कर सोना झपटकर ले आई।
दिव्या काकरान ने इस दंगल के लिए रोजाना 8 घंटे एक्सरसाइज करती है। सोना जीतने वाली दिव्या काकरान अब 1 नवंबर से लेकर 9 नवंबर तक होने वाली वर्ल्ड चेंपियनशिप में भाग लेने के लिए इस दंगल के जरिए चयनित हो चुकी है। दिव्या काकरान के साथ उसके छोटे भाई पहलवान दीपक काकरान भी अमेठी गए हुए हैं। दीपक ने बताया है कि 2 दिन से उसकी बहन को तेज बुखार हो रहा था। इसके बाद भी वह मैदान में उतरी और सोना जीतकर ले आई।
अब दिव्या काकरान जल्द से जल्द स्वस्थ होना चाहिए। क्योंकि उसे दो वर्ल्ड चेंपियनशिप खेलनी है इसके लिए उसे मेहनत करनी है।

मुंबई: फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन' की शूटिंग खत्म हुईं

कविता गर्ग       
मुबंई। ऐश्वर्या राय की आने वाली फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन' की शूटिंग खत्म हो गई है। ऐश्वर्या ने फिल्म का एक पोस्टर शेयर कर इसकी जानकारी दी है। इसके साथ उन्होंने बताया कि फिल्म कब रिलीज होगी। बीते दिनों ऐश्वर्या फिल्म की शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश रवाना हुई थीं जहां सेट से उनकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं। अब जब फिल्म की शूटिंग खत्म हो गई तो फैंस इसकी रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
ऐश्वर्या ने जो पोस्टर शेयर किया है उस पर लिखा है फिल्म पूरी हो गई है। PS-1 अगले साल 2022 की गर्मियों में रिलीज होगी।ऐश्वर्या और प्रकाश राज के अलावा इसमें विक्रम, तृषा, जयम रवि, कार्ति, प्रभु, ऐश्वर्या लक्ष्मी, शोभिता धूलिपाला सहित अन्य कलाकार हैं। इस पीरियड फिल्म के लिए एआर रहमान ने संगीत दिया है। फिल्म के निर्देशक मणिरत्नम हैं।

महाराजाओं ने बहादुर को हिंदुस्तान का सम्राट माना

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। हिंदुस्तान के आखरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का जिक्र आते ही उनकी उर्दू शायरी और हिंदुस्तान से उनकी मोहब्बत की भी बात होती है। 21 सितंबर के दिन को अंग्रेज हुक्मरान के हाथों उनकी गिरफ्तारी के लिए इतिहास में दर्ज किया गया है। कहने को तो वह 1837 में बादशाह बनाए गए, लेकिन तब तक देश के काफी बड़े इलाके पर अंग्रेजों का कब्जा हो चुका था।
1857 में क्रांति की चिंगारी भड़की तो सभी विद्रोही सैनिकों और राजा-महाराजाओं ने उन्हें हिंदुस्तान का सम्राट माना और उन्होंने भी अंग्रेजों को खदेड़ने का आह्वान किया। लेकिन 82 बरस के बूढ़े बहादुर शाह जफर की अगुवाई में लड़ी गई यह लड़ाई कुछ ही दिन चली और अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर मुक़दमा चलाया गया और उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
बादशाह बहादुर शाह का जन्म 24 अक्टूबर, 1775 को हुआ था. कहा जाता है कि बहादुर शाह जफर को नाममाज्ञ बादशाह की उपाधि दी गई थी। 1837 के सितंबर में पिता अकबर शाह द्वितीय की मौत के बाद वह गद्दीनशीं हुए। अकबर शाह द्वितीय कवि हृदय जफर को सदियों से चला आ रहा मुगलों का शासन नहीं सौंपना चाहते थे। सौंदर्यानुरागी बहादुर शाह जफर का शासनकाल आते-आते वैसे भी दिल्ली सल्तनत के पास राज करने के लिए सिर्फ दिल्ली यानी शाहजहांबाद ही बचा रह गया था।
1857 में ब्रिटिशों ने तकरीबन पूरे भारत पर कब्जा जमा लिया था। ब्रिटिशों के आक्रमण से तिलमिलाए विद्रोही सैनिक और राजा-महाराजाओं को एक केंद्रीय नेतृत्व की जरूरत थी, जो उन्हें बहादुर शाह जफर में दिखा। बहादुर शाह जफर ने भी ब्रिटिशों के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व स्वीकार कर लिया। लेकिन 82 वर्ष के बूढ़े शाह जफर अंततः जंग हार गए और अपने जीवन के आखिरी वर्ष उन्हें अंग्रेजों की कैद में गुजारने पड़े।
बर्मा में अंग्रेजों की कैद में ही 7 नवंबर, 1862 को सुबह बहादुर शाह जफर की मौत हो गई। उन्हें उसी दिन जेल के पास ही श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफना दिया गया। इतना ही नहीं उनकी कब्र के चारों ओर बांस की बाड़ लगा दी गई और कब्र को पत्तों से ढंक दिया गया। ब्रिटिश हिंदुस्तान के एक बड़े हिस्से पर राज करने वाले मुगलों के आखिरी बादशाह के अंतिम संस्कार को ज्यादा ताम-झाम नहीं देना चाहते थे। वैसे भी बर्मा के मुस्लिमों के लिए यह किसी बादशाह की मौत नहीं बल्कि एक आम मौत भर थी। 
उस समय जफर के अंतिम संस्कार की देखरेख कर रहे ब्रिटिश अधिकारी डेविस ने भी लिखा है कि जफर को दफनाते वक्त कोई 100 लोग वहां मौजूद थे और यह वैसी ही भीड़ थी, जैसे घुड़दौड़ देखने वाली या सदर बाजार घूमने वाली। जफर की मौत के 132 साल बाद साल 1991 में एक स्मारक कक्ष की आधारशिला रखने के लिए की गई खुदाई के दौरान एक भूमिगत कब्र का पता चला। 3.5 फुट की गहराई में बादशाह जफर की निशानी और अवशेष मिले, जिसकी जांच के बाद यह पुष्टि हुई की वह जफर की ही हैं।

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया  इकबाल अंसारी  कंधमाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस ...