बुधवार, 1 सितंबर 2021

पहली तिमाही में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की खतरनाक दूसरी लहर के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 20.1 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गई। इसका कारण पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही का तुलनात्मक आधार नीचे होना और विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्रों का बेहतर प्रदर्शन रहा है। कोविड-19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के बावजूद मजबूत वृद्धि दर हासिल की गयी है। इस वृद्धि के साथ भारत इस साल दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मंगलवार को पहली तिमाही के जारी जीडीपी आंकड़े के अनुसार हालांकि सालाना आधार पर तो अर्थव्यवस्था में तीव्र वृद्धि हासिल हुई है लेकिन इससे पिछली तिमाही (जनवरी- मार्च) के मुकाबले अर्थव्यवस्था 16.9 प्रतिशत सुस्त हुई है। जबकि कोविड-पूर्व की अप्रैल-जून, 2019 के मुकाबले अभी भी यह 9.2 प्रतिशत पीछे है।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। इसका कारण, पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया जाना था। इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा।  वहीं पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही जनवरी-मार्च के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी। 
पिछले साल लगातार तीन तिमाहियों में जीडीपी में सुधार आया था जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले तो वृद्धि हुई है। लेकिन पिछली तिमाही (जनवरी से मार्च 2021) के मुकाबले यह घटी है। 
सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) पहली तिमाही में सालाना आधार पर 18.8 प्रतिशत बढ़ा है लेकिन तिमाही-दर- तिमाही आधार पर इसमें 13.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है। इसका कारण अप्रैल-मई, 2021 में महामारी की दूसरी लहर तथा उसकी रोकथाम के लिये लगाया गया ‘लॉकडाउन’ है।
पहली तिमाही में मजबूत वृद्धि दर का कारण तेजी से टीकाकरण के साथ विनिर्माण क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन है। जबकि सेवा क्षेत्र पर हल्का प्रभाव पड़ा है। आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।  चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 49.6 प्रतिशत, निर्माण गतिविधियों में 68.3 प्रतिशत और व्यापार, होटल तथा संचार समेत सेवा क्षेत्र में 34.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 
कृषि क्षेत्र में आलोच्य तिमाही में शानदार 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि पिछले साल 2020-21 की इसी तिमाही में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कृषि एकमात्र क्षेत्र है। जिसमें ‘लॉकडाउन’ के बीच पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि हुई थी। 
एनएसओ ने एक बयान में कहा, ‘‘स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 2021-22 की पहली तिमाही में 32.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। जो 2020-21 की इसी तिमाही में 26.95 लाख करोड़ रुपये थी। यह 20.1 प्रतिशत वृद्धि है। जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में उससे पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। 
अप्रैल-जून 2019 में जीडीपी का आकार 35.66 लाख करोड़ रुपये था। यानी अर्थव्यवस्था अभी कोविड महामारी से पहले की स्थिति में नहीं पहुंची है। कृषि को छोड़कर सभी क्षेत्रों का आकार कोविड-पूर्व स्थिति से कम है। विनिर्माण का आकार 5.43 लाख करोड़ रुपये रहा जो अप्रैल-जून 2019 में 5.67 लाख करोड़ रुपये था। वहीं सेवा क्षेत्र का आकार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.63 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि महामारी-पूर्व अप्रैल-जून 2019 में 6.64 लाख करोड़ रुपये था। 
कृषि क्षेत्र का आकार 4.86 लाख करोड़ रुपये रहा और यह कोविड-पूर्व स्थिति 4.49 लाख करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की की वृद्धि दर में 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। पिछले साल ‘लॉकडाउन’ की वजह से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा।
अर्थव्यवस्था में 2020 के अंत से तेजी आनी शुरू हुई लेकिन अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर का असर पड़ा। हालांकि इस बार प्रभाव उतना प्रतिकूल नहीं रहा। इसका कारण पिछली बार की तरह इस बार उतनी कड़ाई से ‘लॉकडाउन’ नहीं लगाया गया।
दूसरी महामारी के बाद अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है। लेकिन कुछ विश्लेषकों ने कोरोना वायरस की डेल्टा किस्म और कुछ राज्यों में टीकाकरण की धीमी गति को लेकर आगाह किया है। इससे अर्थव्यवस्था के कोविड-पूर्व के 2900 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचने में समय लग सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और एसएंडपी ग्लोबल रेंंटग्स ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। वहीं मूडीज इन्वेस्टर्स र्सिवस ने अर्थव्यवस्था में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जतायी है। विश्व बैंक ने 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत और फिच रेंिटग्स ने 10 प्रतिशत का अनुमान जताया है। ये अनुमान चीन की आर्थिक वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रहने की संभावना से अधिक है।
एक्यूट रेंिटग्स एंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि आने वाले त्योहारी मौसम, अनुकूल वित्तीय और मौद्रिक नीति, बेहतर वैश्विक वृद्धि दृष्टिकोण के साथ टीकाकरण प्रगति से अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है। यह निर्यात के लिए अनुकूल बनी रहेगी।
चौधरी ने कहा, हमारा चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 10 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार है। हालांकि, कोविड महामारी की एक और लहर की आशंका के साथ उपभोक्ता धारणा, नौकरी तथा आय पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को देखते हुए इसके कुछ नीचे जाने का जोखिम बना हुआ है।
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘पुनरूद्धार की गति एक-दो तिमाहियों से आगे बढ़ सकती है और अगले वित्त वर्ष में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।हमारा अनुमान है कि वृद्धि दर 8 प्रतिशत से अधिक रहेगी। बशर्ते हम संक्रमण की दर को नियंत्रण में रख सकें।

नागपुर बेंच ने जिम मालिक की सजा को कम किया

कविता गर्ग                  
मुबंई। नागपुर बेंच ने एक जिम मालिक की सजा को कम कर दिया है। जिसे यौन अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। जिम मालिक को एक महिला का पीछा करने, उसके घर में जबरदस्ती घुसने, प्यार का इजहार करने और यौन संबंध बनाने के मामले में दोषी ठहराया गया था।
लेकिन अब उसी महिला ने हाईकोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर कहा है कि समय बीतने के साथ दोषी व्यक्ति 'बदल' गया है और समाज का 'अच्छा व्यक्ति' बन गया है, इसलिए उसे प्रोबेशन पर रिहा किया जाए।
इस मामले में शख्स के खिलाफ 2015 में भंडारा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया था। चार्जशीट दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे दो साल के कठोरतम कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। जिम मालिक ने 2017 में भंडारा सेशन कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसे 2020 में खारिज कर दिया गया था। बाद में मामला हाईकोर्ट पहुंचा।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित देव ने कहा कि निचली अदालतों ने जो भी फैसले दिए हैं, उसमें दखल देने की कोई गुंजाइश ही नहीं है।
हालांकि, कोर्ट ने ये भी देखा कि इस मामले में पीड़ित महिला ने एक नया हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया था कि वो आदमी अब 'बदल' गया है। हलफनामा दाखिल करते समय महिला अपने पति के साथ अदालत में ही मौजूद थी। इस पर जस्टिस देव ने कहा, 'इस मामले में प्रोबेशन का फायदा देने की कोई गुंजाइश नहीं है। वो व्यक्ति यौन अपराध का दोषी है और किसी यौन अपराध के दोषी को प्रोबेशन पर रिहा करने सही नहीं होगा।
इसके बाद कोर्ट ने महिला के हलफनामा को देखते हुए सजा को संशोधित करने की बात कही। कोर्ट ने दोषी व्यक्ति पर लगे जुर्माने को बढ़ा दिया और उसकी सजा को कम कर दिया। हाईकोर्ट ने उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने कहा कि अगर व्यक्ति 7 दिन के अंदर जुर्माने की रकम जमा नहीं कराता है तो उसे एक साल की सजा काटनी होगी।

कैलिफोर्निया के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ हैलीकॉप्टर

वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी नौसेना का एक हेलिकॉप्टर सैन डिएगो, कैलिफोर्निया के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
अमेरिका के पसिफिक फ्लीट ने ट्विटर पर यह जानकारी दी। ट्विटर पर बताया गया है कि यूएसएस अब्राहम लिंकन (सीवीएन 72) का हेलिकॉप्टर एमएच -60 एस हेलीकॉप्टर मंगलवार को नियमित उड़ान के दौरान सैन डिएगो तट से करीब 60 समुद्री मील की दूरी पर समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नौसेना और कई तटरक्षक बलों का खोज और बचाव अभियान जारी है।

पेट्रोलियम कंपनियों ने गैस के दाम में बढ़ोतरी की

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। पेट्रोलियम कंपनियों ने महीने के पहले दिन ही रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी कर दी है। बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। वहीं, 19 किलोग्राम कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 75 रुपये का इजाफा हुआ है।
इस बढ़त के बाद दिल्ली में घरेलू इस्तेमाल वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर का दाम 884.5 रुपये हो गया है। गौरतलब है कि तेल कंपनियां हर महीने की पहली और पंद्रह तारीख को रसोई गैस के दाम की समीक्षा करती हैं। इसके पहले 1 जुलाई को तेल कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़त की थी। मात्र 15 दिन में ही गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम 50 रुपये बढ़ गया है। बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम गैस सिलेंडर की कीमत में 25 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, 19 किलोग्राम कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 75 रुपए का इजाफा हुआ है। इसके बाद दिल्ली में 14.2 किग्रा का LPG सिलेंडर 884.5 रुपये हो गया है। जबकि इससे पहले यह 859.50 रुपये का था।
पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से केंद्र सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सरकार का कहना है क‍ि यह सब अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर है और उसके हाथ में ज्यादा कुछ नहीं है। सरकार ने लगातार गैस की कीमतों में सब्सिडी खत्म करते जाने की कोश‍िश की है। अब आपको नया एलपीजी कनेक्शन लेने के लिए किसी कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर के ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। अब अगर आप एलपीजी यानी रसोई गैस कनेक्शन लेना चाहते हैं तो सिर्फ एक मिस्ड कॉल करनी होगी। अभी ऐसी सुविधा सिर्फ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने शुरू की है।
इसके लिए आपको 8454955555 नंबर पर मिस्ड कॉल देनी होगी। अगर आप गैस सिलिंडर भराना चाहते हैं तो भी वही नंबर काम आएगा। आपको बस अपने रजिस्टर्ड नंबर से 8454955555 पर मिस्ड कॉल देनी है।

पदाधिकारी ने इंटरपोल से मदद के लिए आवेदन दिया

रांंची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जर्मनी सर्वर के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई थी। बाहरी तार जुड़े होने के चलते अब इस मामले में सीआईडी की साइबर थाना की पुलिस इंटरपोल की मदद लेगी। मामले को लेकर साइबर थाना के जांच पदाधिकारी ने इंटरपोल से मदद के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। कोर्ट के आदेश पर अब इस मामले में अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल से जांच में मदद मांगी जाएगी। 
सीआईडी के साइबर थाना की जांच में यह बात सामने आयी है कि जिन सर्वर का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धमकी दी गई थी। वह जर्मन कंपनी का सर्वर है। विदेश से तार जुड़े होने के कारण अब इंटरपोल की मदद लेकर पुलिस सर्वर से आईपी एड्रेस समेत अन्य जानकारी जुटाने में लगी है।
हेमंत सोरेन को इसी वर्ष जुलाई महीने में ई-मेल भेजकर धमकी दी गई थी। इसके अलावा अपराधियों ने पिछले साल 2020 में 8 और 17 जुलाई को भी ई-मेल भेजकर धमकी दी थी। इस मामले में रांची के साइबर थाना में पहले भी दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी।दोनों ई-मेल भेजने में जर्मनी और स्विटजरलैंड के अलग-अलग सर्वर का प्रयोग किया गया है।
जानकारी के मुताबिक पहली बार 8 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री सचिवालय में धमकी भरा मेल आया था। इसमें मुख्यमंत्री को उड़ाने की धमकी दी गई थी। इस मामले में 13 जुलाई 2020 को स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर के बयान पर एफआईआर दर्ज करायी गई थी। बाद में जुलाई महीने में दो अन्य बार अलग-अलग मेल के जरिए धमकी भेजी गई थी। हर बार धमकी भरा मेल भेजने में विदेशी सर्वर का ही इस्तेमाल हुआ था।

टीकाकरण अभियान की रफ़्तार बढ़ाने की कोशिश

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। टीकाकरण अभियान पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान की रफ़्तार लगातार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना के मद्देनज़र देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि देश में प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सों के साथ-साथ जांच जैसी सुविधाओं की और ज़्यादा जरूरत है। इसके साथ ही, उन्होंने छोटे और मध्यम दर्जे के शहरों में अस्पतालों की क्षमता बढ़ाए जाने को भी ज़रूरी बताया।
वित्त मंत्री ने कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्य सेक्टर को मज़बूत किए जाने से जुड़े एक वेबिनार को संबोधित किया है. वेबिनार को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सदस्य और कोरोना से जुड़े एक टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉ. वी के पॉल ने अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की संख्या को बेहद कम बताया।
डॉ पॉल ने कहा कि पहले के मुकाबले फ़िलहाल देश में प्रति एक हज़ार व्यक्ति पर महज एक बेड उपलब्ध है, जो एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इसे कम से कम दो बेड प्रति हजार व्यक्ति करने की ज़रूरत है। वी के पॉल ने आगे कहा कि कुल मिलाकर बेडों की संख्या को वर्तमान के करीब 12 लाख से बढ़ाकर 24-25 लाख तक करने की ज़रूरत है। बेडों की कमी को उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से निपटने में एक बड़ी बाधा बताया है।

बालोद में सबसे कम 548.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज

दुष्यंत टीकम        
रायपुर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 798.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 1 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिले में सर्वाधिक 1159.3 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 548.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 729.3 मिमी, सूरजपुर में 1001.6 मिमी, बलरामपुर में 798.8 मिमी, जशपुर में 830.1 मिमी, कोरिया में 831.8 मिमी, रायपुर में 638.3 मिमी, बलौदाबाजार में 750.9 मिमी, गरियाबंद में 700.8 मिमी, महासमुंद में 610.2 मिमी, धमतरी में 675 मिमी, बिलासपुर में 806.9 मिमी, मुंगेली में 763 मिमी, रायगढ़ में 688.4 मिमी, जांजगीर चांपा में 814.9 मिमी, कोरबा में 1157.4 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 964.2 दुर्ग में 705.9 मिमी, कबीरधाम में 648.8 मिमी, राजनांदगांव में 615.2 मिमी, बेमेतरा में 917.2 मिमी, बस्तर में 814 मिमी, कोण्डागांव में 782.7 मिमी, कांकेर में 710.3 मिमी, नारायणपुर में 937.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 861.8 मिमी और बीजापुर में 890.2 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...