शनिवार, 12 जून 2021

आखिरी थ्रो में भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता: नीरज

लिस्बन। स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने अपने अंतर्राष्ट्रीय सत्र की शुरुआत सिटी ऑफ लिस्बन एथलेटिक्स मीट में गुरूवार को 83.18 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतते हुए की। नीरज ने लिस्बन यूनिवर्सिटी स्टेडियम में 80.17 मीटर के साथ शुरुआत की और अपनी छठी एवं आखिरी थ्रो में 83.18 मीटर तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीत लिया। एशियाई खेलों के चैंपियन चोपड़ा का इस वर्ष मार्च में पटियाला में इंडियन ग्रां प्री में 88.07 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उन्होंने छह राउंड में से तीन फ़ाउल किये। उनकी एक अन्य वैध थ्रो चौथी थी जिसमें उन्होंने 78.50 मीटर तक भाला फेंका था। 
23 वर्षीय नीरज ने अपनी जीत के बाद कहा कि उनका यह स्वर्ण जीतने का प्रयास ट्रेनिंग मोड में था और वह आगामी अंतर्राष्ट्रीय मीट में अपना प्रदर्शन और आगे बढ़ा सकते हैं। यह मीट एक वर्ष से ज्यादा समय में नीरज की पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी।नीरज ने कहा,”हम पहले से जानते थे कि लिस्बन में कौन-कौन भाग लेंगे और मेरे कोच ने कहा था ट्रेनिंग मोड में प्रतिस्पर्धा करना और अपना 100 फीसदी नहीं करना।” उनका आखिरी प्रयास पहले 78.15 मीटर दिखाया गया जिसका मतलब था कि वह 80.71.मीटर की पहली थ्रो के साथ स्वर्ण जीत सकते थे। उनके टीम प्रबंधन ने आयोजकों से फ़ाइनल थ्रो की मैनुअल नाप का आग्रह किया और फिर यह थ्रो 83.18 मीटर आयी।

चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन, कर की दर में कटौती की

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवाओं मसलन रेमडेसिविर तथा उपकरणों ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर तथा चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन पर कर की दर में कटौती की है। हालांकि कोविड-19 के टीके पर कर की दर को पांच प्रतिशत पर कायम रखा गया है। परिषद ने ब्लैक फंगस की दो दवाओं टोसिलिजुमैब और एम्फोटेरिसिन पर कर को समाप्त करने का फैसला किया है। अभी इन पर पांच प्रतिशत कर लगता था।
रेमडेसिविर और हेपारिन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर, वेंटिलेटर, बीआईपीएपी मशीनों तथा एचएफएनसी उपकरणों पर भी कर की दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
कोविड जांच किट पर अब पांच प्रतिशत कर देय होगा। अभी तक इस पर 12 प्रतिशत कर लगता था। पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजनर, तापमान जांच उपकरणों कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है। एम्बुलेंस पर कर की दर 28 से घटाकर 12 प्रतिशत की गई है।

इक़बाल बानो ने फैज़ अहमद को गाया, विरोध झेला

राणा ओबराय               
रोहतक। एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी दसक साल की उस दुबली मुस्लिम लड़की की एक सबसे पक्की हिंदू सहेली थी। सहेली और उसकी बहन अपने संगीतप्रेमी पिता के निर्देशन में क्लासिकल गाना सीख रही थीं। एक दिन उस लड़की ने उनके सामने ऐसे ही कुछ गा दिया। शाम को सहेली के पिता उसे घर छोड़ने गए और उसके पिता से बोले,“मेरी बेटियां अच्छा गा लेती हैं पर आपकी बेटी को ईश्वर से गायन का आशीर्वाद मिला हुआ है। संगीत की तालीम दी जाए तो वह बहुत नाम कमाएगी।”1945 के आसपास उस लड़की के लिए दिल्ली घराने के एक बड़े उस्ताद की शागिर्दी में भर्ती किये जाने की राह खुली। उस्ताद की संगत में जल्द ही उसने दादरा और ठुमरी जैसी शास्त्रीय विधाओं में प्रवीणता हासिल कर ली। 
पार्टीशन के 4-5 साल तक वह दिल्ली में गाना सीखती रही। 17 की हुईं तो उम्र में उनसे काफी बड़े एक पाकिस्तानी जमींदार को उनसे इश्क हो गया। जल्द ही इस शर्त पर दोनों का निकाह हो गया कि शादी के बाद भी उस की संगीत यात्रा पर कोई रोक नहीं आने दी जाएगी। पति ने अपना वादा अपनी मौत यानी 1980 तक निभाया। हमें इक़बाल बानो नसीब हुईं। हम देखेंगे वाली इक़बाल बानो। इक़बाल बानो की गायकी का सफर उनकी जिंदगी जैसा ही हैरतअंगेज रहा। कौन सोच सकता था दादरा और ठुमरी जैसी कोमल चीजें गाते-गाते वह दुबली लड़की उर्दू-फारसी की गजलें गाने लगेगी और भारत-पाकिस्तान से आगे ईरान-अफगानिस्तान तक अपनी आवाज का झंडा गाड़ देगी। उसकी आवाज में एक ठहराव था और गायकी में शास्त्रीयता को बरतने की तमीज। 1977 उसके मुल्क में अपने साथ जिया उल हक जैसा क्रूर तानाशाह लेकर आया। धार्मिक कट्टरता के पक्षधर इस निरंकुश फौजी शासक ने तय करना शुरू किया कि क्या रहेगा और क्या नहीं। इस क्रम में सबसे पहले उसने अपने विरोधियों को कुचलना शुरू किया। उसके बाद डेमोक्रेसी और स्त्रियों की बारी आई। जिया उल हक ने यह तक तय कर दिया कि औरतें क्या पहन सकती हैं और क्या नहीं। पाकिस्तान की औरतों के साड़ी पहनने पर इसलिए पाबंदी लग गयी कि वह हिंदू औरतों का पहनावा थी। 
कला-संगीत-कविता जैसी चीजों को गहरा दचका भी इस दौर में लगा। फैज़ अहमद फैज को मुल्कबदर कर दिया गया। हबीब जालिब को जेल भेज दिया गया। उस्ताद मेहदी हसन का एक अल्बम बैन हुआ। शायरों-कलाकारों को सार्वजनिक रूप से कोड़े लगे। करीब बारह साल के उस दौर की पाशविकताओं और अत्याचारों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। ऐसे माहौल में इक़बाल बानो ने विद्रोह और इंकलाब के शायर फैज़ को गाना शुरू किया। सन 1981 में जब उन्होंने पहली बार फैज़ को गाया, निर्वासित फैज़ बेरूत में रह रहे थे और उनकी शायरी प्रतिबंधित थी। उसके बाद जमाने ने इक़बाल बानो का जो रूप देखा उसकी खुद उन्हें कल्पना नहीं रही होगी। बीस साल पहले उनकी आवाज कोमल, तीखी और सुंदर हुआ करती थी। अनुभव और संघर्ष के ताप ने अब उसे किसी पुराने दरख्त के तने जैसा मजबूत, दरदरा और पायेदार बना दिया था। अचानक सारा मुल्क पिछले ही साल विधवा हुई इस प्रौढ़ औरत की तरफ उम्मीद से देखने लगा था। गुप्त महफ़िलें जमाई जातीं। प्रतिबंधित कविताएं गाई जातीं। स्कूल-युनिवर्सिटियों में पर्चे बांटे जाते। इक़बाल बानो हर जगह होतीं। 
महफिल में जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठते गए
फिर 1986 की 13 फरवरी को लाहौर के अलहमरा आर्ट्स काउंसिल के ऑडीटोरियम में वह तारीखी महफिल सजी। पूरा हॉल भर चुकने के बाद भी भीड़ बढ़ती जा रही थी। आयोजकों ने जोखिम उठाते हुए गेट खोल दिए। सीढियों पर, फर्श पर, गलियारों मेंं, जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठ गया। कुछ हजार सुनने वालों के सामने इक़बाल बानो ने फैज़ अहमद फैज़ को गाना शुरू किया।

यूपी-गुजरात, एमपी के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोविड से मौत के आंकडे़ छुपाने का आरोप लगाते हुए भाजपा की प्रदेश सरकारों को आड़े हाथ लिया। उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ, विजय रुपाणी और शिवराज सिंह चौहान को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।मुख्य विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि देश में कोविड से हुई मौतों का सही आंकड़ा पता करने और आंकड़े छिपाने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक जांच कराई जाए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश में कोविड से मौत के आंकड़ों से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस पर जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘170000 मौत- अकेले मई माह में- सिर्फ़ मप्र में! जो न सोचा, न सुना, वो सत्य सामने है।
मध्यप्रदेश में अकेले मई माह में छह महीने के बराबर मौतें हो गईं। इंसान की जान सबसे सस्ती कैसे हो गई? क्यों आत्मा मर गई? कैसे शासन पर बैठे हैं ‘शिवराज’? प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री सामने आएं, बताएं कि कौन जिम्मेदार। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनडीए का मतलब ही ‘नो डेटा अवेलेबल’ (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं) है। अर्थव्यवस्था और नौकरियों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं। अब लोगों की जान जाने के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं, जो बहुत ही दुखद है। नए भारत में अब मरने वालों का सही आंकड़ा भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मई महीने में मध्य प्रदेश में 1.7 लाख लोगों की मौत हुई, जबकि सरकारी आंकड़े में सिर्फ 2451 लोगों की मौत कोविड से होने की बात की गई है। सच्चाई यह है आंकड़ा छिपाया गया है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी आंकड़े छिपाए गए हैं। इन दोनों राज्यों के बारे में भी ऐसी खबरें आ चुकी हैं। खेड़ा ने दावा किया, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में कोविड से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने की होड़ लगी हुई है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आंकड़े छिपाने वाले इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कुर्सी पर बने रहने का नैतिक अधिकार है? मुख्यमंत्रियों की जिम्मेदारी बनती है। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि पूरे देश में कोविड से मरने वालों की संख्या का पता करने के लिए न्यायिक जांच कराई जाए। सही आंकड़े सामने आना चाहिए और आंकड़े छिपाने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

जेडीयू को भी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए

अविनाश श्रीवास्तव   
पटना। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें जनता दल यूनाइटेड के शामिल होने की अटकलों के बीच जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा उन्होंने भी सुनी है। जेडीयू भी गठबंधन में शामिल है और एनडीए गठबंधन में शामिल होने के नाते जेडीयू को भी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। आपको बता दें कि शुक्रवार से लगातार यह चर्चा तेज हो गई है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। मोदी कैबिनेट में फेरबदल की खबरों के बीच ही यह खबर भी सामने आई कि जनता दल यूनाइटेड भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाला है। जेडीयू के से दो मंत्रियों को बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में आरसीपी सिंह का यह ताजा बयान बेहद महत्वपूर्ण है।
गौरतलब हो कि सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। इसके लिए पीएम मोदी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ विचार-विमर्श किया। वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में कोई विस्तार नहीं किया है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अज्ञातवास पर रहने वाले जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने वापसी की है। आरसीपी सिंह कोरोना संक्रमण के दौरान राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं थे। कोरोना की दूसरी लहर जब कमजोर पड़ी और संक्रमण के मामले कम हुए तो यह सवाल उठने लगा कि आखिर आरसीपी सिंह क्यों अज्ञातवास पर हैं। बिहार के राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा भी तेज हो गई। लेकिन अब जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने वापसी कर ली है। वापसी के साथ उन्होंने पार्टी कार्यालय में बैठकों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। आरसीपी सिंह ने आज जनता दल यूनाइटेड कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में पार्टी के अलग-अलग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस बैठक में पार्टी के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे। इसके पहले आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ की बैठक की थी और कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने का टास्क के जेडीयू के नेताओं को दिया था।

आरसीपी सिंह ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर से केवल वैक्सीन ही बचा सकती है। ऐसे में पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से टास्क फोर्स बनाकर टीकाकरण अभियान को सौ फ़ीसदी कामयाब बनाने की जरूरत है। आपको याद दिला दें कि आरसीपी सिंह जब संक्रमण के दौरान सक्रिय नहीं थे। तब लगातार सोशल मीडिया समेत राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा हो रही थी कि क्या उनके अज्ञातवास से जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा का कद बड़ा होता जा रहा है। हालांकि फर्स्ट बिहार ने आपको उस वक्त भी बताया था कि आरसीपी सिंह के नहीं रहने के बावजूद नीतीश कुमार और उनके बीच जो ट्यूनिंग है उस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। तमाम चर्चाओं के बावजूद आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की पसंद है और उनके सबसे ज्यादा करीबी भी हैं। अब आरसीपी सिंह ने दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई है।

पानी भरे गड्ढे में डूबने से 5 बच्चों की दर्दनाक मौत

अविनाश श्रीवास्तव   
सहरसा। इस वक्त एक बड़ी खबर बिहार के सहरसा जिले से सामने आ रही है जहां पानी भरे गड्ढे में डूबने से 5 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। सभी बच्चों की उम्र 8 से 12 साल के बीच की है। मरने वाले सभी बच्चे अलग-अलग परिवार से आते हैं। मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया है और इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि ईट भट्टा चिमनी के लिए गड्ढा खोदा गया था। सभी बच्चे उसी गड्ढे में नहाने के लिए गए हुए थे। नहाने के दौरान 5 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद भारी संख्या में आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी। वहीं मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। घटना की मिली जानकारी के बाद सदर एसडीओ शंभुनाथ झा और सदर एसडीपीओ संतोष कुमार मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गए हैं। मृतक बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है।

जनप्रतिनिधियों के माध्यम से करें, सुविधा व वितरण

हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। दो दिवसीय ​दिल्ली प्रवास के बाद वापस राजधानी लखनऊ पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनप्र​तिनिधयों का ख्याल आया है। उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा राहत हो अथवा राज्य सरकार द्वारा आम आदमी को दी जाने वाली अन्य किसी प्रकार की सहायता राशि, उन सभी का वितरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में स्थानीय सांसद-विधायकों की उपस्थिति हो। राहत व सहायता वितरण उन्हीं के द्वारा कराया जाए।
टीम के साथ कोविड प्रबंधन पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में औसतन 04 लाख लोगों को हर दिन वैक्सीनेट किया जा रहा है। इस क्षमता को अगले माह तक 10 से 12 लाख प्रतिदिन तक बढ़ाये जाने की दिशा में काम किया जाएं। वहीं, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के फायदों और जरूरतों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। 
टीम-09 ने कोविड प्रबंधन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कुछ जानकारियां दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के 524 केस दर्ज हुए हैं। रिकवरी दर बेहतर होकर 98.1 प्रतिशत हो गई है। जबकि 1 हजार, 757 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। राज्य में कुल एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 9 हजार, 806 रह गई है।  
सहगल ने बताया कि बीते 24 घंटों में 02 लाख, 74 हजार 811 टेस्ट हुए हैं। 04 लाख, 61 हजार 412 लोगों ने वैक्सीन कवर प्राप्त किया है। अब तक यहां 05 करोड़, 30 लाख ,55 हजार, 495 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है। अब तक 02 करोड़, 25 लाख, 08 हजार 802 कुल वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। इनमें, 01 करोड़, 87 लाख 45 हजार 171 लोगों ने पहली डोज ली है, जबकि 37 लाख, 63 हजार, 631 लोग वैक्सीन के दोनों डोज प्राप्त कर चुके हैं। बता दें कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश भर में रुठे जनप्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री को विधायकों, सांसदों को भरोसे में लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि सबके साथ संवाद करना होगा। उनके क्षेत्र की समस्याओं का त्वरित निदान करना होगा।

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...