शुक्रवार, 4 जून 2021

किसान आंदोलन के नेतृत्व को लेकर फूट बढ़ने लगी

अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय   
नई दिल्ली/चंडीगढ़। हरियाणा में छह माह से चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन में नेतृत्व को लेकर फूट बढ़ती जा रही है। पंजाब के किसान नेताओं के नेतृत्व को यहां के आंदोलनकारी न केवल खारिज कर चुके हैं, बल्कि अब भाकियू नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव के नेतृत्व पर भी सवाल उठाने लगे हैं। किसान संगठनों के बीच नेतृत्व का यह विवाद हालांकि काफी समय से चल रहा था, लेकिन हिसार में आंदोलनकारियों व प्रशासन के बीच हुई वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर आने तथा टोहाना में जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली के साथ हुई हिंसक वारदात के बाद इस विवाद ने पूरी तरह से हवा ले ही है।
आंदोलनकारी उठाने लगे इन किसान नेताओं के नेतृत्‍व पर सवाल

हाल फिलहाल भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं, जिन्होंने पिछले दिनों बाकी किसान संगठनों से अपना नाता तोड़ते हुए अलग फेडरेशन बना ली। चढूनी भले ही इस फेडरेशन के बनाने के कितने भी कारण गिनाते रहें, लेकिन इस वास्तविकता से इन्कार नहीं किया जा सकता कि राकेश टिकैत की मध्य और उत्तर हरियाणा में दस्तक से चढूनी खासे नाराज हैं। बातों ही बातों में कई बार चढूनी यह इशारा भी कर चुके हैं कि टिकैत को उत्तर प्रदेश देखना चाहिए, हरियाणा को हम संभाल ही लेंगे। इस विवाद के बीच योगेंद्र यादव ने दक्षिण हरियाणा में मोर्चा संभाला हुआ है।

हिसार में हुई वार्ता और टोहाना में देवेंद्र बबली के विरोध की घटना के बाद फूट की दरार अधिक चौड़ी हुई

किसान संगठनों के बीच फूट का सिलसिला हालांकि कई माह पहले आरंभ हो गया था, लेकिन उस समय विवाद ज्यादा बढ़ा जब हिसार के आइजी ने राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी को बातों ही बातों में यह कह दिया कि उत्तर प्रदेश के सीएम और हरियाणा के सीएम एक ही दिन अपने-अपने राज्यों में सरकारी दौरे पर आते हैं, लेकिन आप उत्तर प्रदेश की बजाय हरियाणा में आंदोलन को हिंसक बनाने से नहीं चूकते।इसके बाद चढूनी का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई दिए कि जब आइजी ने यह बात कही तो उन्हें बहुत शर्म आई। यानी वह आइजी की बात पर मुहर लगाने के साथ ही टिकैत पर भी सवाल उठा रहे हैं कि वह उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में सरकारी दौरे पर आए वहां के सीएम पर इतने मेहरबान कैसे हैं।

टीकरी से शुरू हुआ विरोध, कंडेला की महिला ने आठ मिनट का वीडियो जारी कर कहा चढूनी हमारा नेता नहीं

किसान संगठनों के बीच फूट उस समय अधिक बढ़ गई, जब हिसार के मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने एक वीडियो में किसान जत्थेबंदियों के नेताओं द्वारा सरकार से किए गए किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने व किसी नेता का रास्ता न रोकने के वादे से धरनों पर बैठे लोगों को वाकिफ नहीं कराया। टिकैत व चढूनी ने वार्ता के बाद दावा किया था कि सरकार ने उनकी सभी चार मांगे मान ली हैं, लेकिन मंडलायुक्त ने कहा कि सरकार ने दो मांगें मानीं और दो को तकनीकी व कानूनी कारण बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही मंडलायुक्त ने यह भी उजागर कर दिया कि इन किसान नेताओं ने वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर निकाला है।राकेश टिकैत ने कहा, चढूनी के निजी विचारों से हमारा मतलब नहीं

उधर, भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी के टोहाना मामले में दिए गए बयान से इतर राकेश टिकैत ने आंदोलनकारियों का समर्थन किया है। टिकैत ने कहा कि टोहाना में बबली का विरोध करने वाले तथा जिनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई हुई है, वे सभी किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य हैं। उनकी रिहाई तक हिसार के मैयड टोल पर जाम रहेगा।राकेश टिकैत मैयड टोल पर पहुंच भी गए। चढूनी ने बुधवार को बयान दिया था कि टोहाना में उपद्रव मचाने वालों का हमारे आंदोलन से कोई वास्‍ता नहीं है। इसके बाद टिकैत ने कहा कि चढूनी ने जो बयान दिया है, वह उनका निजी विचार हो सकता है। मैं मैयड टोल पर खाट डालकर बैठ रहा हूं और गिरफ्तार लोगों को रिहा कराकर रहूंगा। बता दें कि देर रात विधायक बबली भी चंडीगढ़ पहुंच गए। उन्होंने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह से मुलाकात की। इस प्रकरण में आज शुक्रवार को सभी की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात संभव है।

रक्षामंत्री की 50 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्‍ली। भारत अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने के मकसद से नौसेना के लिए छह एडवांस्‍ड सबमरीन के निर्माण के लिए रिक्‍वेस्‍ट ऑफ प्रपोजल जल्‍द ही जारी करेगा। भारतीय नौसेना द्वारा दिए गए इस प्रपोजल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में डिफेंस एक्‍वजीशन कांउसिल ने अपनी मंजूरी भी दे दी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई एक बैठक में 50 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट को स्वेदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है।
आपको बता दें कि भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत संध्‍याक आज अपनी सेवा पूरी कर रिटायर हो रहा है। इस जहाज को 40 वर्ष कीसेवा के बाद रिटायर किया गया है। इसकी परिकल्पना पूर्व रियर एडमिरल एफएल फ्रेजर ने की थी। 1978 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस जहाज को 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एमके रॉय द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना काफी समय से इस प्रयास में जुटी है कि उसका जंगी जहाजी बेड़ा दुनिया में सबसे अव्‍वल हो। इसके लिए जरूरी है कि नौसेना के पास अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस जहाज और सबमरीन हों। जिस तरह से भारत के पड़ोसी चीन और उसकी सहायता से पाकिस्‍तान अपनी सैन्‍य क्षमता में इजाफा कर रहा है उसको देखते हुए ये और भी जरूरी हो जाता है।

फाइजर-मॉडर्ना वैक्सीन की मंजूरी से होगी मदद

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। भारतीय आयुध संस्थान केंद्र के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी देने से न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों के वैक्सीनेशन में भी मदद मिलेगी। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया था कि देश में वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में मंजूरी दी जा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दोनों ही वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने में भारत उस नजरिए का इस्तेमाल करेगा, जिसे अमेरिका और अन्य उन देशों ने अपनाया है, ये देश इन दोनों वैक्सीन को लगा रहे हैं। एक इंटरव्यू में फाइजर को ब्रिजिंग ट्रायल से छूट देने पर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह न केवल अडल्ट्स बल्कि बच्चों के वैक्सीनेशन में भी देश की मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि यह पहले भी किया जा चुका है, जब सरकार ने उन सभी टीकों को आपातकालीन मंजूरी दी थी, जिसे यूएस, यूके और यूरोपिय संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी दे रखी है। ऐसे में मुझे लगता है कि जल्द ही हमारे पास बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए फाइजर वैक्सीन मौजूद होगी। पहले नियमों में छूट क्यों नहीं दी गई के सवाल पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पहले हमारे पास उभरते आंकड़ों का सही डाटा नहीं था।

यूरोपीय आबादी पर इसके दुष्प्रभाव हुए थे, ऐसे में आपको सावधान रहना था। पहली बात तो ये है कि आप ज्यादा नुकसान नहीं करना चाहते। यूके और यूएस में बड़ी संख्या में वैक्सीन लगाए जाने के बाद ये साफ हो गया कि इसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं थे। दोनों ही जगह अच्छी संख्या में भारतीय रहते हैं। आज हमारे पास विश्वस्तर का पर्याप्त डाटा है जिससे हम इन वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं।

कलह दूर करने के लिए 3 घंटे तक वार्तालाप हुई

राणा ओबरॉय   

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के समक्ष शुक्रवार को पहुंचे और यह मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली।

सूत्रों के मुताबिक, कैप्टन सबूत के तौर काफी दस्तावेज ले कर आए थे कि किस तरह उन्होंने विधायकों समेत अन्य नेताओं के अनुरोध पर काम कराया। कैप्टन ने उनको लेकर नेताओं द्वारा की गई शिकायतों का जवाब भी दिया। बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने इस इस मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार किया, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को मिलकर जीतना है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह से इस मुलाकात के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई। अब वह जल्द ही आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

100 नेताओं से की गई चर्चा

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है. इनमें अधिकतर विधायक हैं। खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

आवासहीनो को सर्वसुविधायुक्त आवास की घोषणा

दुष्यंत सिंह टीकम   

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त पक्का मकान उपलब्ध कराने की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए 36 हजार 177 आवासों के निर्माण के लिए 1 हजार 188 करोड़ 28 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रस्तावों पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति की बैठक में यह स्वीकृति दी गई। शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की स्वीकृति मिलने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए  मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है।

बैठक में स्वीकृत किए गए आवासों में नगरीय क्षेत्रों में ”मोर जमीन-मोर मकान“ घटक अन्तर्गत विभिन्न नगरीय निकायों की 138 परियोजनाओं अन्तर्गत 34 हजार 308 आवास निर्माण हेतु 1 हजार 66 करोड़ 18 लाख रूपए एवं रायपुर विकास प्राधिकरण की परियोजना अन्तर्गत 1869 आवास निर्माण के लिए 122 करोड़ 10 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। योजनान्तर्गत राज्य शासन द्वारा शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त आवास देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने एवं सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। आवासों के साथ-साथ हितग्राहियों को मूलभूत सुविधाएं, बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
बैठक में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं वित्त एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव सुश्री अलरमेलमंगई डी. भी सम्मिलित हुईं।

पत्नी-बच्चे की गला दबाकर हत्या, फिर आत्महत्या

राणा ओबरॉय   

पानीपत। पत्नी की शक की आदत ने एक हँसते खेलते परिवार को खत्म कर दिया l पत्नी के शक करने की आदत से परेशान युवा बाउंसर ने अपने एक साल के बेटे और पत्नी की गला दबाकर हत्या कर डाली और स्वयं भी ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। दोनों की हत्या के बाद उसने अपने ससुर, जीजा और मालिक के बेटे को कॉल कर वारदात की जानकारी दी थी। जीआरपी ने मामला दर्ज कर बाउंसर के शव और पुलिस ने पत्नी व बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

गांव सिवाह निवासी 28 वर्षीय रमेश कादियान उर्फ मैसी दिल्ली में एक प्रॉपर्टी डीलर पद्म पंवार का बाउंसर था। दिल्ली में लॉकडाउन लगने से वह गांव में घर बनवाने के लिए पानीपत आ गया था। डेढ़ माह से वह यहीं पर था। वीरवार की दोपहर करीब दो बजे उसने प्रापर्टी डील पद्म पंवार के बेटे नितिन को कॉल किया। बताया कि बेटे कविश (1) और पत्नी अनु (27) को उसने मार दिया है। अब रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने के लिए जा रहा है। इसके बाद रमेश ने सोनीपत निवासी अपने जीजा नितिन और ससुर रणबीर को भी कॉल कर यही बातें कहीं। नितिन ने तुरंत ससुर पाले राम को कॉल कर यह सूचना दी। जब वे दूसरे बेटे सुरेश के साथ रमेश के कमरे पहुंचे तो वहां पर बहू और पौत्र की लाश मिली लेकिन रमेश वहां नहीं था। सुरेश ने बताया कि रमेश भागता दिखा तो उसे पकड़ने का प्रयास किया। वह भागकर सिवाह के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। पहले उसे बचा लिया गया लेकिन वह भागकर ईख की फसल में छिप गया। इस बीच आई दूसरी ट्रेन के सामने कूदकर उसने जान दे दी।

संक्रमितो की मौत के आंकड़े स्पष्ट नहीं, तबादला

यूपी प्रशासन ने बृहस्पतिवार को आधी रात के बाद एक दर्जन से अधिक आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया गया। ग़ाज़ियाबाद समेत छह जिलों में नए जिलाधिकारी तैनात किए गए हैं। इनके अलावा कुछ कमिश्नर भी बदले गए हैं। शासन स्तर पर भी प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह तबादला प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी श्रंखला में गाजियाबाद के नए डीएम आरके सिंह होंगे। 
अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में शायद ही कोई ऐसा खुशकिस्मत घर हो जिसमें कोरोना संक्रमण की वजह से कोई मौत न हुई हो। हालांकि अब संक्रमण और इससे मरने वालों की संख्या में बहुत कमी आ गई है। कुछ समय हम सभी ने ऐसा समय देखा है जब हर सुबह हमें अपने किसी परिजन की मौत की खबर मिलती थी। अगर हम उस दौर के सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो गाज़ियाबाद में प्रतिदिन संक्रमण के चलते मरने वालों की संख्या एक या दो बार ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाई। जबकि इसके ठीक विपरीत गाज़ियाबाद के श्मशान गृहों और कब्रिस्तानों में कोरोना संक्रमितों के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा था। हालत इतनी बदतर हो गई थी कि गाज़ियाबाद नगर निगम को शहर में अस्थाई श्मशान गृह बनाने पड़े थे।

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार सरकारी आंकड़ों में कोरोना से हुई मौतों का कारण यह था कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने संबन्धित विभागों के अधिकारियों को मौतें दर्ज न करने के मौखिक आदेश दिए हुए थे। इतना ही नहीं गाज़ियाबाद के हर अस्पताल को तथाकथित रूप से मौखिक आदेश था कि कोरोना संक्रमण से हुई किसी भी मौत की घोषणा बिना जिलाधिकारी की सहमति के न की जाए।  इस बीच मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने घोषणा कर दी कि कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश के लिए उसके संरक्षक को बच्चे के पालन पोषण के लिए हर महीने 4 हजार रुपए महीना दिया जाएगा। दुर्भाग्य से गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी के तानाशाही रवैये के चलते अधिकतर मौतों को सरकारी आंकड़ों में दर्ज ही नहीं किया गया।  ऐसे में आप उस अवयस्क बच्चे से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह यह सिद्ध कर पाए कि उसके संरक्षक या घर में कमाने वाले सदस्य कि मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय का ट्रांसफर हो गया है।  ऐसे में हमारा अनुरोध है कि जिलाधिकारी महोदय, आपके लंबे कार्यकाल में आप ने कोई अच्छा काम किया हो या न किया हो, यह बहस का विषय है। किन्तु कम से कम जाते-जाते तो गाज़ियाबाद का भला करते जाइए।  कम से कम गाज़ियाबाद कि जनता को यह बताते जाइए कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों की वास्तविक संख्या क्या है? आपके इस एक कदम से जिले के सैकड़ों परिवारों का भला होगा।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...