शुक्रवार, 4 जून 2021

संक्रमितो की मौत के आंकड़े स्पष्ट नहीं, तबादला

यूपी प्रशासन ने बृहस्पतिवार को आधी रात के बाद एक दर्जन से अधिक आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया गया। ग़ाज़ियाबाद समेत छह जिलों में नए जिलाधिकारी तैनात किए गए हैं। इनके अलावा कुछ कमिश्नर भी बदले गए हैं। शासन स्तर पर भी प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह तबादला प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी श्रंखला में गाजियाबाद के नए डीएम आरके सिंह होंगे। 
अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में शायद ही कोई ऐसा खुशकिस्मत घर हो जिसमें कोरोना संक्रमण की वजह से कोई मौत न हुई हो। हालांकि अब संक्रमण और इससे मरने वालों की संख्या में बहुत कमी आ गई है। कुछ समय हम सभी ने ऐसा समय देखा है जब हर सुबह हमें अपने किसी परिजन की मौत की खबर मिलती थी। अगर हम उस दौर के सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो गाज़ियाबाद में प्रतिदिन संक्रमण के चलते मरने वालों की संख्या एक या दो बार ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाई। जबकि इसके ठीक विपरीत गाज़ियाबाद के श्मशान गृहों और कब्रिस्तानों में कोरोना संक्रमितों के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा था। हालत इतनी बदतर हो गई थी कि गाज़ियाबाद नगर निगम को शहर में अस्थाई श्मशान गृह बनाने पड़े थे।

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार सरकारी आंकड़ों में कोरोना से हुई मौतों का कारण यह था कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने संबन्धित विभागों के अधिकारियों को मौतें दर्ज न करने के मौखिक आदेश दिए हुए थे। इतना ही नहीं गाज़ियाबाद के हर अस्पताल को तथाकथित रूप से मौखिक आदेश था कि कोरोना संक्रमण से हुई किसी भी मौत की घोषणा बिना जिलाधिकारी की सहमति के न की जाए।  इस बीच मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने घोषणा कर दी कि कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश के लिए उसके संरक्षक को बच्चे के पालन पोषण के लिए हर महीने 4 हजार रुपए महीना दिया जाएगा। दुर्भाग्य से गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी के तानाशाही रवैये के चलते अधिकतर मौतों को सरकारी आंकड़ों में दर्ज ही नहीं किया गया।  ऐसे में आप उस अवयस्क बच्चे से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह यह सिद्ध कर पाए कि उसके संरक्षक या घर में कमाने वाले सदस्य कि मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय का ट्रांसफर हो गया है।  ऐसे में हमारा अनुरोध है कि जिलाधिकारी महोदय, आपके लंबे कार्यकाल में आप ने कोई अच्छा काम किया हो या न किया हो, यह बहस का विषय है। किन्तु कम से कम जाते-जाते तो गाज़ियाबाद का भला करते जाइए।  कम से कम गाज़ियाबाद कि जनता को यह बताते जाइए कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों की वास्तविक संख्या क्या है? आपके इस एक कदम से जिले के सैकड़ों परिवारों का भला होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...