रविवार, 30 मई 2021
जल्ल़ाद: सनकी पति ने पत्नी-बच्चों को जिंदा जलाया
युवाओं की बदहाली, 7 साल करार दिया: हुंकार
2. आज भारत मे बेरोजगारी दर 45 वर्षों में सर्वोच्च क्यों है? प्रतिवर्ष 2 करोड़ योग्यतानुसार रोजगार देने के वादे के उलट देश में लगभग 12 करोड़ से अधिक नौकरीपेशा लोगों की नौकरी क्यों छीन ली गई?
3. भाजपा का घोषणापत्र उच्च शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सबके लिए शिक्षा की बात कहता है लेकिन आईआईटी,आईआईएम जैसे संस्थानों की फीस तिगुने से अधिक बढ़ाकर सभी के लिए समान अवसर कैसे उत्पन्न होगा, निम्न और मध्यमवर्गीय परिवार यह आर्थिक भार कैसे वहन करेगा?
4. यूपीए कार्यालय में जो जीडीपी 7 फीसदी के करीब हुआ करती थी,वह मोदी सरकार में फार्मूला बदलने के बाद भी आज बदहाल स्थिति में क्यों है ?
5. बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार का नारा लेकर सत्ता पर काबिज होने वाली मोदी सरकार का आज महंगाई पर काबू क्यों नहीं है,खाने के तेल से लेकर गाड़ियों का पेट्रोल सब कुछ महंगा होता जा रहा है, इसका जिम्मेदार कौन है ?
6. कोरोना के कारण एमएसएमई सेक्टर पर जमकर मार पड़ी,जिसके लिए मोदी सरकार ने 20,000 करोड़ का राहत पैकेज जारी किया, मोदी सरकार का यह जुमला पैकेज आखिर कहा गया?
7. अपने 7 सालों में मोदी सरकार ने एक भी पीएसयू खड़े नहीं किए ,उल्टे इन्हें बेचने में लगी हुई है, आखिर यह मेक इन इंडिया की पॉलिसी सेलिंग इंडिया में कैसे और किनके दबाव में बदल गई?
योगी ने यूपी में अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया
चीन पर कोविड-19 वायरस उत्पत्ति का आरोप तय
लंदन। ब्रिटेन के खुफिया एजेंटों ने चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति को संभाव्य बताया है। द संडे टाइम्स की रिपोर्ट में रविवार को इस आशय की जानकारी दी गयी है। इससे पहले डेली मेल ने शनिवार को बताया था कि ब्रिटेन के प्रोफेसर एंगस डाल्गलिश और नॉर्वे के वैज्ञानिक बिर्गर सोरेंसन ने एक अध्ययन किया था। जिसमें दावा किया गया था कि कोविड-19 वायरस प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ था।
अध्ययन में कहा गया है कि चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान प्रयोगशाला में कोविड-19 वायरस विकसित किया, जिसके बाद उन्होंने चमगादड़ से प्रसारित वायरस को प्राकृतिक दिखाने के लिए 'जानबूझकर विनाश, डेटा को छिपाने या दूषित करने' का प्रयास किया। चीन ने हालांकि बार-बार इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।जनवरी में, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वुहान की यात्रा की, जहां उन्होंने कोविड-19 की उत्पत्ति के सुराग के लिए प्रयोगशाला, अस्पतालों और बाजारों की जांच की, जो वायरस कोविड-19 फैलने का कारण बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ मिशन ने तब एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें कहा गया था कि वुहान की एक प्रयोगशाला से नए कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना बहुत कम है। मार्च में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नए वायरस के सबसे अधिक संभावना एक मध्यस्थ जरिये के माध्यम से चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलती है।
ऑनलाइन क्लास आयोजित करने पर लगा प्रतिबंध
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार द्वारा ऑफलाइन क्लास पूरी तरह बंद कर दी गई थी। कुछ दिनों तक ऑनलाइन क्लास चलती रही मगर 4 मई को राज्य सरकार ने 5 मई से लेकर 31 मई तक राज्य में सभी शिक्षण संस्थाओं में गर्मी की छुट्टी की घोषणा की थी। इस दौरान कोई भी ऑनलाइन क्लास या परीक्षा आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
अब कोरोना संक्रमण के रफ्तार धीरे-धीरे कम पड़ने लगी है और आम नागरिकों को राहत भी मिलने लगी है। इसी बीच ओडिशा सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान आगामी 1 जून से ऑनलाइन क्लास शुरू कर सकेगी। राज्य के सभी स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो सकेगी। बात अगर लॉकडाउन की स्थिति की की करें तो कुछ राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन में धीरे-धीरे दिल ढील देना भी शुरू कर दिया है। अगर सब कुछ अच्छा रहा तो आने वाले समय में आम जन जीवन पहले की तरह चालू हो जाएगा।
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ओवल टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया: जडेजा
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड दौरे की तैयारियों में जुटी है। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को भी इस अहम दौरे के लिए टीम में जगह मिली है। जडेजा कोहनी की चोट की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से बाहर रहे थे। इसी बीच जडेजा ने अपने करियर के बुरे वक्त को याद किया है। 2018 के इंग्लैंड दौरे से पहले जडेजा काफी समय तक भारतीय टेस्ट और वनडे टीम से बाहर थे। लेकिन उस दौरे ने जडेजा की किस्मत बदल कर रख दी।
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जून में 12 करोड़ टीके की खुराक उपलब्ध होगी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए जून के महीने में करीब 12 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। इससे पहले मई के महीने में टीके की 7.94 करोड़ खुराक उपलब्ध थीं। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की खुराकों का आवंटन वहां होने वाली खपत, उसकी जनसंख्या और टीके की बर्बादी के आधार पर किया जाता है।
वक्तव्य के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की स्पष्ट तौर पर जानकारी दे दी गयी है कि जून 2021 में उन्हें टीके की कितनी खुराकों की आपूर्ति की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ” भारत सरकार की ओर से जून के महीने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों के अलावा 45 अथवा उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की 6.09 करोड़ खुराक निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।”इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अलावा निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 5,86,10,000 खुराक उपलब्ध होंगी, अर्थात जून 2021 में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीके की करीब 12 करोड़ (11,95,70,000) खुराक उपलब्ध होंगी।
मंत्रालय ने कहा कि टीके के आवंटन का कार्यक्रम राज्यों के साथ तय समय पर साझा किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े संबंधित अधिकारियों को टीके की आवंटित खुराकों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने और टीके की बर्बादी को कम करने का निर्देश दें।
मंत्रालय ने कहा कि टीके की खुराकों के आवंटन के बारे में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पहले जानकारी इसलिए दी जा रही है ताकि वे टीके की आपूर्ति और प्रबंधन को लेकर बेहतर योजना बना सकें। मंत्रालय के मुताबिक मई में केन्द्र की ओर से राज्यों को टीके की 4,03,49,830 खुराक उपलब्ध कराई गयीं। इसके अतिरिक्त राज्यों और निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 3,90,55,370 खुराक उपलब्ध थीं। इस प्रकार मई में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कुल मिलाकर टीके की 7,94,05,200 खुराक उपलब्ध थीं।
स्कूल में दफन किये गये 215 बच्चों के शव मिले
कनाडा। प्रसिद्ध व ऐतिहासिक कैमलूप्स इंडियन रेजिडेंटीयल स्कूल में दफन किये गये 215 बच्चों के शव मिले हैं। सम्भावना जताई जा रही है कि शवों की संख्या इससे भी कही अधिक होती है। दफन लाशों में बहुत से की आयु 2 से 6 साल के बीच आंकी जा रही है। यह घटना कनाडा के इतिहास में मासूम बच्चों के साथ हुई भयानक बर्बरता का सबूत दुनिया के सामने पेश कर रही है। कनाडा के प्रधानमंत्री ने इसके लिए अफसोस जताते हुए इसे कनाडा के इतिहास का सबसे शर्मनाक अध्याय बताया है।
बताया जा रहा है कि बच्चों की यह मौतें वर्ष 1890 से 1969 के मध्य हुई हैं। स्कूल के एक अधिकारी रोजैन केसिमीर ने इस घटना से पर्दा उठाते हुए एक ऐसी ऐतिहासिक घटना का जिक्र किया, जो शायद इससे पहले कभी दुनिया के सामने खुल नही पाई। उन्होंने बताया कि “19वीं सदी की शुरुआत से लेकर 1970 तक क्रिश्चियन स्कूलों में देशभर से 1.50 लाख से ज्यादा बच्चों को लाया गया था। उनके ऊपर क्रिश्चियन में कन्वर्ट करने का दबाव डाला जाता था और उन्हें अपनी मातृभाषा तक बोलने नहीं दी जाती थी। कइयों को पीटा गया। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान करीब 6 हजार बच्चे मारे गए थे।”आपको बता दें कि कनाडा का यह स्कूल एक वक्त में कनाडा का सबसे बड़ा बोर्डिंग स्कूल माना जाता था। यह ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में स्थित कैमलूप्स स्कूल 1978 में बंद हो गया था। कैमलूप्स स्कूल 1890 से 1969 तक चलाया गया था। इसके बाद सरकार ने कैथोलिक चर्च से इसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। इस स्कूल को 1978 में बंद कर दिया गया।
ज्ञात रहे कि बच्चों की मौत को लेकर वर्ष 2008 में कनाडा की तत्कालीन सरकार ने संसद में माफी भी मांगी थी और माना था कि उस वक्त क्रिश्चियन स्कूलों में बच्चों के साथ शारीरिक और यौन शोषण भी होता था।पांच वर्ष पूर्व ट्रूथ एंड रिकॉन्सिलिएशन कमिशन की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दुर्व्यवहार और लापरवाही के कारण कम से कम 3,200 बच्चों की मौत हुई थी। जबकि, 1915 से 1963 के बीच कैमलूप्स स्कूल में 51 बच्चों की मारे जाने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
इधर इस घटना पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू ने भी दु:ख जताया है। उन्होंने कहा, “स्कूल में शव मिलने की खबर दिल दु:खाती है। ये हमारे देश के इतिहास के काले और शर्मनाक अध्याय की दर्दनाक याद है। मैं उन सभी लोगों के बारे में सोच रहा हूं जो इस दुखद खबर से प्रभावित हुए हैं। हम आपके लिए यहां हैं।”
पीएम पद का सम्मान नहीं करती है ममता: भाजपा
मुख्मयमंत्री ने शनिवार को कहा था कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ‘बदले की राजनीति’ कर रही है और मोदी तथा शाह हर कदम पर उनकी सरकार के लिए परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव में अबतक भाजपा की हार नहीं मानी है। उन्होंने पूछा कि चक्रवात से मची तबाही को लेकर प्रधानमंत्री के साथ उनकी समीक्षा बैठक में विपक्षी भाजपा के नेताओं को क्यों आमंत्रित किया गया? बनर्जी ने यह भी कहा था कि उन्हें इससे अपमानजनक महसूस हुआ है।
नए डिजिटल नियमों के साथ ब्योरा साझा किया
नियमों के अनुसार सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी-अपनी वेबसाइट, ऐप या दोनों पर शिकायत निपटान अधिकारी और उनके पते के बारे में जानकारी देनी है। साथ ही शिकायत के तरीके को बताना है जिसके जरिये उपयोगकर्ता या पीड़ित अपनी शिकायत कर सके। शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के भीतर दर्ज की गयी शिकायत प्राप्त करने के बारे में सूचना देनी होगी। साथ ही ऐसे शिकायतों का निपटान प्राप्ति की तारीख से 15 दिन की अवधि में करना होगा।
सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि ट्विटर नियमों का पालन नहीं कर रही। कंपनी ने मंत्रालय को मुख्य अनुपालन अधिकार के नाम के बारे में जानकारी मंत्रालय को नहीं भेजी। उसने विधि कंपनी में काम करने वाले एक वकील का नाम बतौर संपर्क अधिकरी और शिकायत अधिकारी के रूप में दिया है। सूत्रों के अनुसार जबकि आईटी नियमों में साफ कहा गया है कि सोशल मीडिया मंचों के मनोनीत अधिकारियों के कंपनी का कर्मचारी होना और उसका भारत में निवासी होना जरूरी है।
इस बारे में ट्विटर ने ई-मेल के जरिये पूछे गये सवालों का जवाब नहीं दिया। कंपनी की वेबसाइट पर भारत के लिये शिकायत अधिकारी (अंतरिम) के तौर पर धर्मेन्द्र चतुर का नाम दिया गय है। गूगल, फेसबुक और व्हाट्सऐप ने भी नये आईटी नियमों के तहत जरूरी नियुक्तियों के बारे में ई-मेल के जरिये पूछे गये विस्तृत सवालों के जवाब नहीं दिये। सूत्रों ने पूर्व में कहा था कि नये नियमों के प्रावधानों को लागू करने के संदर्भ में गूगल, फेसबुक और व्हाट्सऐप के अलावा कू, सर्चचैट, टेलीग्राम और लिंक्डइन जैसे महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों ने मंत्रालय के साथ ब्योरा साझा किये हैं।
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