मंगलवार, 25 मई 2021
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
सोमवार, 24 मई 2021
कोरोना प्राकृतिक बीमारी, स्वीकारना आसान नहीं
वाशिंगटन डीसी। कोरोना महामारी क्या प्राकृतिक है या फिर इसे लैब में बनाया गया है ? ये सवाल अभी भी एक बड़ी पहेली है। इन सवालों के बीच कोरोना संकट पर बोलकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाले अमेरिकी एक्सपर्ट डॉ. एंथेनी फाउची ने भी बड़ा बयान दे दिया है। फाउची का कहना है कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है। ये स्वीकार करना आसान नहीं है।
दरअसल, हाल ही में एक इंटरव्यू में जब एंथेनी फाउची से सवाल हुआ कि क्या उन्हें भरोसा है कि कोरोना वायरस प्राकृतिक तरीके से ही आया है? इसपर फाउची ने जवाब दिया कि नहीं, मैं इसपर विश्वास नहीं करूंगा। मुझे लगता है इस बात की जांच होनी बाकी है कि चीन में ऐसा क्या हुआ?जिससे कोरोना वायरस आया। फाउची के मुताबिक, अभी तक जिन्होंने कुछ जांच की है। उनके मुताबिक ये किसी जानवर से आया है और फिर इंसानों में फैला है। लेकिन ये कुछ और भी हो सकता है। अमेरिकी एक्सपर्ट का कहना है कि अभी हमें इसपर जांच की जरूरत है। ताकि हम वायरस के ओरिजन का पता लगा सकें। आपको बता दें कि डॉ. फाउची कोरोना संकट की शुरुआत से ही अमेरिका में इस वायरस के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई कर रहे हैं। हालांकि, बीच में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ हुए विवाद के बीच वह हटे थे।लेकिन जो बाइडेन प्रशासन ने फिर उन्हें वापस बुलाया। कोरोना के पीछे चीन का हाथ ? बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर अभी तक अलग-अलग थ्योरी सामने आ रही हैं। शुरुआत में जहां इस वायरस की वजह एक चमगादड़ को बताया गया।
बाद में लैब में किया गया एक प्रयोग होने का दावा किया गया तो किसी ने इसे एक बायोलिजिकल हथियार के तौर पर माना। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड के ओरिजन पर जांच भी बैठाई गई।लेकिन चीन ने उसमें ना के बराबर ही सहयोग किया। हालांकि, अमेरिका समेत दुनिया के कई ताकतवर देश कोविड के पीछे चीन को ही जिम्मेदार मानते हैं।
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स्पूतनिक-वी कोरोना टीके के उत्पादन की घोषणा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रूस के निवेश कोष रसियन डारेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और भारत की दवा कंपनी पैनेसिया बायोटेक ने सोमवार को भारत में स्पूतनिक-वी कोरोना वायरस टीके का उत्पादन शुरू करने की घोषणा की। पैनेसिया बायोटेक के हिमाचल प्रदेश के बद्दी कारखाने में तैयार की गई कोविड-19 के स्पूतनिक-वी टीके की पहली खेप रूस के गामालेया केन्द्र भेजा जायेगा जहां इसकी गुणवत्ता की जांच परख होगी।
आरडीआईएफ और पैनेसिया बायोटेक ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पूर्ण स्तर पर उत्पादन इन गर्मियों में ही शुरु होने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि अप्रैल में आरडीआईएफ और पैनेशिया ने स्पुतनिक-वी टीके की सालाना 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करने पर सहमति जताई थी।
आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी किरिल्ल डमित्रिव ने कहा कि पैनेशिया बायोटेक के साथ मिलकर भारत में उत्पादन की शुरुआत देश को महामारी से लड़ने में मदद की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि स्पुतनिक-वी टीके का उत्पादन शुरू होने से भारत को कोरोना वायरस महामारी के संकटपूर्ण दौर से निकालने के सरकार के प्रयासों को समर्थन मिलेगा। बाद में टीके का दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सकेगा ताकि दुनिया के अन्य देशों में भी महामारी के प्रसार को रोका जा सके।
टीके के उत्पादन की शुरुआत पर पैनेशिया बायोटेक के प्रबंध निदेशक राजेश जैन ने कहा कि स्पुतिनक-वी का उत्पादन शुरू होना एक महत्वपूर्ण कदम है। आरडीआईएफ के साथ मिलकर हम उम्मीद करते हैं देश के लोग फिर से सामान्य स्थिति महसूस कर सकें साथ ही दुनिया के देशों में भी स्थिति सामान्य करने में मदद मिलेगी। स्पुतनिक वी को भारत में 12 अप्रैल 2021 को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति के साथ पंजीकृत किया गया। इसके साथ ही कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये 14 मई से टीकाकरण अभियान में इसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया।
फैबीफ्लू की खरीद-वितरण करने के बारे में पूछताछ
हमें यकीन है कि उनकी मंशा अच्छी थी लेकिन उन्हाेंने जिस रास्ते को चुना, उससे अहित हुआ है, भले ही यह गैरइरादतन हुआ हो।” उन्होंने कहा, “ कानून को अपना काम करना चाहिए, इसी से ऐसे हालात से निपटा जा सकता है। हम गंभीर, प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार की ही बात कर रहे हैं। ” न्यायालय ने दवा नियंत्रक को एक सप्ताह के अंदर स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है।
चीन से 6000 ऑक्सीजन सिलेंडर का आयात किया
उन्होंने कहा कि एचसीएल और गिव इंडिया फाउंडेशन ने इस नेक कार्य के लिए दान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ” इसके अलावा, हम बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन सांद्रक खरीद रहे हैं। ऑक्सीजन सांद्रक बैंक जरूरतमंद लोगों को देने के लिए सभी जिलों में स्थापित किये गये हैं। हम ऑक्सीजन टैंक खरीदने में भी लगे हैं और हम ऑक्सीजन भंडार जगह भी तैयार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ” इस लहर के दौरान जो भी समस्याएं हमारे सम्मुख आयीं, उनका निदान किया जा रहा है।” केजरीवाल ने कहा कि संक्रमण के मामले अप्रैल के सर्वाधिक 28000 से घटकर करीब 1500 रह गये हैं और संक्रमण दर करीब 2.5 फीसद तक गिर गयी हैं जो अप्रैल के आखिर सप्ताह में 36 फीसद तक चली गयी थी। उन्होंने कहा, ” ऐसा लगता है कि यह लहर अब घट रही है लेकिन हमारे प्रयासों में कोई शिथिलता नहीं रही। हमने पहले से ही अगली लहर के लिए तैयारी शुरू कर दी है।”
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25 व 26 को नवनिर्वाचित प्रधान-सदस्य शपथ लेंगे
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर । उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों एवं ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण की तैयारियां कर ली गई है। 25 मई मंगलवार और 26 मई बुधवार को शपथ ग्रहण कराई जाएगी । सभी ग्राम पंचायतों की 27 मई को पहली बैठक होगी शपथ ग्रहण वर्चुअल माध्यम से ग्राम प्रधानों को कराई जाएगी ग्राम पंचायत सचिव इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ शपथ ग्रहण के लिए लैपटॉप की व्यवस्था करेंगे।
सोमवार को पंचायत राज विभाग द्वारा नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों एवं ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शपथ ग्रहण 25 एवं 26 मई को आयोजित किए जाएंगे । जबकि सभी ग्राम पंचायत को की पहली बैठक 26 मई को आहूत की गई है । ग्राम प्रधानों को वर्चुअल माध्यम से पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी इसके लिए ग्राम पंचायत सचिव को इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ लैपटॉप की व्यवस्था करनी होगी।
शपथ ग्रहण के बाद हस्ताक्षर युक्त शपथ पत्रों की जांच करके ग्राम प्रधानों के शपथ पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी के पास और ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ पत्र खंड विकास अधिकारी को सुरक्षित रखने के लिए सौंप दिए जाएंगे । राज्य के सभी जिला अधिकारियों को जारी निर्देशों में शपथ पत्र का प्रारूप भी जारी कर दिया गया है। पंचायत भवन या सामुदायिक केंद्र अथवा स्कूल या खुले स्थान पर 27 मई को नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक कराई इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस बाबत सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं । शासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है की जिलाधिकारी की ओर से नामित अधिकारी नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों को ग्राम पंचायत वार शपथ ग्रहण करवाएंगे । जब की पहली बैठक में कोरोना संक्रमण से उपजे हालातों पर विचार विमर्श कर सुझाव दिए जाने को प्राथमिकता दी जाएगी ग्राम पंचायतों की पहली बैठक में ही ग्राम पंचायतों की छह समितियां भी गठित करने होंगे।
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जम्मू कश्मीर: ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया
इकबाल अंसारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) को महामारी घोषित कर दिया। इस संबंध में केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने महामारी बीमारी अधिनियम, 1897 की धारा दो के तहत अधिसूचना जारी की।इससे कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने का निर्देश दिया था।
अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी और निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इस बीमारी की जांच, पहचान और इलाज के संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी दिर्शानिर्देशों का पालन करना होगा। केंद्र शासित प्रदेश में शुक्रवार को ब्लैक फंगस की वजह से मौत का पहला मामला दर्ज किया गया।
1 जून तक लाॅकडाउन जारी रखने का निर्णय लिया
महामारी से मौत, मुआवजे पर केंद्र से जवाब मांगा
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से सोमवार को जवाब मांगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने केन्द्र को कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
पीठ ने कह कि इसके लिये समान नीति अपनाई जाए। शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में केन्द्र तथा राज्यों को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
पीठ ने कहा कि जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति नहीं होगी, जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु का कारण कोविड था, तब तक मृतक के परिवार वाले किसी भी योजना के तहत, अगर ऐसी कोई है, मुआवजे का दावा नहीं कर पाएंगे। पीठ ने केन्द्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिये 11 जून की तारीख तय की।
हादसा: डबल डेकर बस पलटीं, 6 गंभीर 29 घायल
155-165 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी
अकांशु उपाध्याय
भुवनेश्वर/कोलकाता/लखनऊ। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘यास’ में बदल गया है और इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है। मौसम विभाग ने सोमवार को यह जानकारी दी। कोलकाता के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक संजीब बंदोपाध्याय ने बताया कि ‘यास’ के 26 मई की दोपहर को पारादीप और सागर द्वीपों के बीच होते हुए ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों से गुजरने का अनुमान है।
यह एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान होगा। जिसमें 155-165 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार की सुबह यह दबाव का क्षेत्र ओडिशा के पारादीप तथा पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच था और इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने तथा मंगलवार तक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने का अनुमान है। विभाग के अनुसार बुधवार सुबह तक ‘यास’ अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात पर नजर रखने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य सचिवालय नबन्ना में नियंत्रण कक्ष खोले हैं। उन्होंने बताया कि तटीय जिलों पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण तथा उत्तर 24 परगना, हावड़ा तथा हुगली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। यहां कुछेक स्थानों पर 25 मई से भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 26 मई को झारग्राम, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण तथा उत्तर 24 परगना, हावड़ा तथा हुगली और कोलकाता में जयादातर जगहों पर हल्का से मध्यम और एक या दो स्थानों पर भारी से ले कर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।
ओडिशा सरकार ने बचाव दलों को तैनात किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने की योजना बना रही है। विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया कि ओडिशा सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल और दमकल सेवा कर्मियों को तैनात किया है।
उसका अनुमान है कि बालासोर तथा भद्रक जिलों में चक्रवात का बहुत अधिक असर हो सकता है। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया, ”ओडिशा के चार तटीय जिले बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा तथा जगतसिंहपुर इस चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित हो सकते हैं।” उन्होंने बताया कि 120-165 प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और ओडिशा में भारी बारिश होगी। जेना ने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन को योजना बनाने को कहा गया है।
लखनऊ। चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ के बाद अब बंगाल की खाड़ी से उठ रहे तूफ़ान ‘यास’ को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक चक्रवाती तूफान यास का असर उत्तर प्रदेश में 28 से 30 मई तक रहेगा। इस दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, आजमगढ़, बनारस सीतापुर, हरदोई आदि में जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
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