शुक्रवार, 14 मई 2021

13.5 लाख छात्रों को पदोन्नति करने का निर्णय लिया

गांधीनगर। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वैश्विक महामारी कोरोना के मौजूदा संक्रमण में राज्य में छात्रों को सुरक्षित रखने के स्वास्थ्य संरक्षण मूल्य के साथ इस वर्ष गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कक्षा 10 (एसएससी) के 13.5 लाख नियमित छात्रों को पर्याप्त सामूहिक पदोन्नति करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ग के छात्रों का टीकाकरण भी फिलहाल नहीं कराया गया है। राज्य सरकार ने छात्रों के व्यापक स्वास्थ्य हित में परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री द्वारा कोर कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय का विवरण देते हुए शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंहजी चुडासमा ने गुरुवार को कहा कि राज्य में 1276 सरकारी, 5325 अनुदान-सहायता, 4331 स्व-वित्त और 45 अन्य स्कूल मिला कर 10977 स्कूलों में  सामूहिक पदोन्नति देने का निर्णय लिया है|
राज्य सरकार ने गुजरात में कक्षा 10 और कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाएं जो 10 मई से 18 मई तक आयोजित की थी। कोरोना संक्रमण को स्थगित करने का निर्णय, 15 अप्रैल को लिया गया था। जब राज्य सरकार ने 15 अप्रैल को परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया, तो यह घोषणा की गई थी कि कोरोना की संक्रमण स्थिति का आकलन करने और छात्रों को समीक्षा के बाद तैयार होने के लिए कम से कम 15 दिन देने के बाद परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा 15 मई को की जाएगी।
इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने इससे पहले कोरोना की स्थिति पर निर्भर करते हुए, इस साल कक्षा1 से 8 और कक्षा11 में पढ़ने वाले छात्रों को सामूहिक पदोन्नति देने की घोषणा की है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में राज्य में कोरोना मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आई है और अस्पताल से घर लौटने वाले कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, देशभर में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार, मुख्यमंत्री विजय रूपानी के नेतृत्व में, राज्य के छात्रों के भविष्य को कोरोना से बचाने के लिए दृढ़ संकल्प है। अब, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कोर कमेटी की बैठक में कोरोना के संक्रमण की स्थिति पर व्यापक समीक्षा और विचार-विमर्श के बाद इस वर्ष कक्षा 10 के नियमित छात्रों को पर्याप्त सामूहिक पदोन्नति देने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस छात्र हितैषी निर्णय के परिणामस्वरूप, कक्षा 10 (एसएससी) के नियमित छात्र सामूहिक पदोन्नति के लाभ के लिए पात्र होंगे।

महामारी: ऑक्सीजन देने वाले पौधों की डिमांड बढ़ीं

पंकज कपूर                        
हल्द्वानी। कोरोना महामारी के बीच लोगों में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पौधों के साथ-साथ ऑक्सीजन देने वाले पौधों की डिमांड भी बढ़ गई है। ऑक्सीजन का ज्यादा उत्सर्जन करने के लिए लोग अपने घरों में पीपल के पेड़ लगा रहे हैं। कोरोना संक्रमण में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय, एलोवेरा, तुलसी, अश्वगंधा, शतावर, हल्दी, अदरक सहित कई तरह के औषधि पौधों की डिमांड बढ़ गई है।
कोरोना काल में बढ़ी मेडिसिनल और ऑक्सीजन प्लांट की डिमांडहल्द्वानी के बरेली रोड स्थित नर्सरी संचालक शिव कुमार मौर्य का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते काफी दिनों से औषधि पौधों की ज्यादा डिमांड हो गई है. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण लोगों में ऑक्सीजन की दिक्कत को देखते हुए लोग अब ऑक्सीजन उत्सर्जन करने वाले पौधों को भी खूब खरीद रहे हैं. ये भी पढ़ेंः जमशेदपुर से 185 टन प्राणवायु भेजी गई यूपी और देहरादून, जीवन रक्षक ट्रेन ऑक्सीजन लेकर हुई। रवानानर्सरी संचालक के मुताबिक इस समय उनके नर्सरी में रोजाना सैकड़ों के पीपल का पेड़, मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट, स्पाइडर पीपरोमिया, एरिका पाम, पीस लिली, रबर प्लांट सहित अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जन करने वाले पौधों की बिक्री बढ़ी है।

लागू होने वालीं प्राइवेसी पॉलिसी को टाला: वाट्सएप

अकांशु उपाध्याय                        
नई दिल्ली। पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा चलने वाला इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वाट्सएप कल यानी 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल टाल चुका है। इसका मतलब है कि किसी भी यूजर का अकाउंट अब डिलीट नहीं किया जाएगा। ,मगर कंपनी ये भी बता चुकी है कि अगर कोई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो समय के साथ-साथ उन वाट्सएप यूजर्स की फंक्शनलिटी कम होती जाएगी।
आपको बता दे वाट्सएप के एक प्रवक्ता के मुताबिक जो लोग प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करेंगे वे व्हाट्सऐप जुड़ी कई सर्विसेज का यूज नहीं कर पाएंगे।  ये व्हाट्सऐप यूजर्स अपनी चैट लिस्ट को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। यूजर्स वॉयस और वीडियो कॉल ना ही कर पाएंगे न उसका जवाब दे पाएंगे। इसके साथ ही वाट्सएप आपके फोन पर मैसेज और कॉल भेजना बंद कर देगा और यूजर्स अपने व्हाट्सऐप पर आएं मैसेज को पढ़ या उसका रिप्लाई नहीं कर सकेंगे।
जानकारी अनुसार फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी अब उन यूजर्स के अकाउंट की फैसिलिटीज या फीचर्स को सिमित कर देगी जो प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे। इसीलिए व्हाट्सऐप नई गोपनीयता नीति के बारे में उपयोगकर्ताओं को रिमाइंडर भेजना जारी रखेगा ,वाट्सएप पॉलिसी एक्सेप्ट नहीं करने वालो को सभी कॉल और मैसेज प्राप्त होना बंद हो जाएंगे।
इसका मतलब है कि यूजर्स को नई नीति को स्वीकार करना ही होगा वरना वो आपना अकाउंट खो देंगे। इससे ऐसा लगता है कि वाट्सएप अभी भी उपयोगकर्ताओं को नई गोपनीयता नीति को स्वीकार करने पर विचार करने के लिए अधिक समय देना चाहता है।
वही वॉट्सऐप यूजर जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकती है। कंपनी उस डेटा को शेयर भी कर सकती है। पहले दावा किया गया था कि अगर यूजर इस पॉलिसी को ‘एग्री’ नहीं करता है तो वह अपने अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। हालांकि, बाद में कंपनी ने इसे ऑप्शनल घोषित किया था।

संक्रमण से जुड़े मामलों को लेकर मीडिया से चर्चा की

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य में कोरोना संक्रमण से जुड़े मामलों को लेकर शुक्रवार को मीडिया से चर्चा की। इस वार्ता में सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के नए मामले करीब 8500 पर पहुंच गया है। दिल्ली में संक्रमण दर घटकर 12 फीसदी पर पहुंच गई है। पिछले 10 दिनों में दिल्ली में 10 हजार बेड खाली हो गए है। हालांकि अभी भी आइसीयू के बेड भरे हुए हैं। यानी गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या बनी हुई है। दिल्ली में जो कोरोना के मामले कम हो रहे है उसमें लॉकडाउन की भूमिका रही। दिल्ली वासियों के अनुशासनत्मक तरीके से हो पाई है।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अगर हम ढीले पड़ गए तो कोरोना फिर से आ सकता है। कोरोना से बचने के लिए जितने भी उपाय है सभी अपनाएं। ढिलाई बिल्कुल नहीं करना है। आने वाले समय को देखते हुए दिल्ली सरकार अपनी पूरी तैयारी करेगी। कोरोना की वजह से जो बच्चे अनाथ हो गए हैं या ऐसे सभी परिवार जिन्होंने कमाई वाले सदस्यों को खोया है। उनके लिए हम हैं। ऐसे बच्चों की पढ़ाई पूरी कराने की हमारी जिम्मेदारी होगी। दिल्ली में हालात सुधर रहे है लेकिन कोरोना के खिलाफ जंग जारी है।
न्यूज़ 18 के अनुसार सीएम ने कहा कि रोजाना कोरोना केस घटकर साढ़े 8 हजार पर आ गए हैं। संक्रमण दर 12 फीसदी पर पहुंच चुका है। लेकिन लड़ाई अभी बाकी है। लॉकडाउन के पालन का असर दिख रहा है। अस्पतालों में बेड्स भी खाली हो रहे हैं, लेकिन आईसीयू बेड अब भी भरे हुए हैं। गम्भीर मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। जिन बच्चों के माता-पिता गुजर गए, वे खुद को अनाथ ना समझें, मैं हूं ना। जिन बुजुर्गों के बच्चे नहीं रहे, उनका ख्याल हम रखेंगे।

राष्ट्रपति ने ओली को दोबारा पीएम नियुक्‍त किया

काठमांडू। नेपाल में राष्‍ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने के. पी. शर्मा ओली को दोबारा प्रधानमंत्री नियुक्‍त किया है।विपक्षी दल कल रात नौ बजे की समय सीमा तक गठबंधन सरकार बनाने में असफल रहे। श्री ओली आज पद की शपथ लेंगे। वे सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्‍वास मत हार गए थे। उन्‍हें 30 दिन के अंदर बहुमत साबित करना होगा।
प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार और मुख्‍य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेरबहादुर देउबा ने निर्धारित समयसीमा से कुछ पहले अपने सहयोगियों को सूचित किया कि वे बहुमत के साथ गठबंधन सरकार नहीं बना पाएंगे। इसके बाद राष्‍ट्रपति के पास ओली को दोबारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं था।

स्पूतनिक-वी अगले सप्ताह से मार्केट में उपलब्ध होगीं

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब एक भारतीय बाज़ार में एक और वैक्सीन भी आ गई है। रूस की स्पूतनिक-वी भी अगले सप्ताह से मार्केट में उपलब्ध होगी। सूत्रों के अनुसार स्पूतनिक-वी वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 995.40 रुपए होगी। बताया जा रहा है कि जब स्पूतनिक-वी वैक्सीन का निर्माण भारत में शुरू होगा, तब उसकी कीमत कम होगी। बता दें कि भारत में फिलहाल स्पूतनिक-वी वैक्सीन की 1.50 लाख डोज उपलब्ध हैं।आपको बता दें कि देश में अब तक दो टीकों के सहारे है सरकारी टीकारण अभियान चल रहा है। केंद्र सरकार इन दोनों टीकों को 250 रुपए में खरीदती है। इन दोनों टीकों (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) की निर्माता कंपनियों ने प्राइवेट अस्पतालों और खुले बाजार के लिए अपनी वैक्सीन की अलग कीमत रखी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 1 मई से वैक्सीन कंपनियों को राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को भी टीके की बिक्री की अनुमति दे दी है। देश में टीके का उत्पादन कर रहीं कंपनियां 50 फीसदी टीका केंद्र सरकार को देंगी तो 50 फीसदी टीका राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को बेच सकती हैं। देश में स्पूतनिक-वी का उत्पादन जुलाई सेस्पूतनिक वैक्सीन को लेकर सरकार का कहना है कि इस महीने के अंत तक 30 लाख और स्पूतनिक टीके की खुराक भारत पहुंचेंगी। साथ ही सरकार की देश में इस टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए रेड्डी लेबोरेटरी के अलावा पांच अन्य कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। इनमें हेटेरो बॉयोफॉर्मा, विरचोव बॉयोटैक, स्टेलिस बॉयोफॉर्मा, ग्लैंड बॉयोफॉर्मा तथा पैनाशिया बॉयोटैक शामिल हैं। सरकार की कोशिश है कि जुलाई से देश में निर्मित स्पूतनिक वी वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी।

कोरोना जीवित जीव है, जिसे जीने का अधिकार है

पंकज कपूर            

देहरादून। जब से भारत में कोरोना संक्रमण शुरू हुआ है। तब से शायद ही कोई ऐसा दिन गया। जो जब भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपने ही किसी नेता की बातों की वजह से शर्मिंदगी न उठानी पड़ी हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र देश-दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों के साथ महामारी को रोकने के प्रबंधों पर विचार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पार्टी के कई नेता अपनी अवैज्ञानिक सोच के कारण देश की जनता को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इन सब के बीच नेताओं के ऊटपटाँग बयानों के कारण विपक्ष को आलोचना के लिए मसाला मिल रहा है और जनता का मनोरंजन भी हो रहा है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस को लेकर एक तर्क दिया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस एक जीवित जीव है, जिसे जीने का अधिकार है। त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं। राजनीति से जुड़े लोग इसको लेकर तंज भी खूब कस रहे हैं। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था। ‘दार्शनिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो कोरोनावायरस भी एक जीवित जीव है, बाकी लोगों की तरह इसे भी जीने का अधिकार है। लेकिन हम (मनुष्य) खुद को सबसे बुद्धिमान समझते हैं और इसे खत्म करने के लिए तैयार हैं। इसलिए यह खुद को लगातार बदल रहा है।

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...