रविवार, 28 मार्च 2021

चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में रैली पर लगाईं रोक

चेन्नई। चुनाव आयोग ने शनिवार को मतदान की तारीख से 72 घंटे पहले और मतदान के दिन तमिलनाडु के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में बाइक रैली पर रोक लगा दी।तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यव्रत साहू के अनुसार, चुनाव आयोग को सूचित किया गया है कि कुछ स्थानों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने मतदान के दिन, या इससे पहले बाइक का इस्तेमाल मतदाताओं को डराने के लिए किया। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि चुनाव आयोग ने निर्णय लिया है कि मतदान की तारीख से 72 घंटे पहले और मतदान के दिन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में किसी भी स्थान पर बाइक रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुनाव 6 अप्रैल को होंगे।

कांग्रेस असम की रक्षा नहीं कर सकती: गृहमंत्री

गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को असम में चुनावी जनसभा में श्रीमंत शंकरदेव व मां कामाख्या को याद किया। उन्होंने असमिया संस्कृति की रक्षा करने का उल्लेख करते हुए कहा कि असम की रक्षा कांग्रेस पार्टी बदरुद्दीन अजमल के साथ हाथ मिलकर कभी नहीं कर सकती। उन्होंने आहोम सेनानी लाचित बरफूकन को याद करते हुए असम की रक्षा का जिक्र किया। कामरूप (ग्रामीण) जिला के कमलपुर में पहली चुनावी जनसभा को संबोधित करने के बाद मोरीगांव जिला के जागीरोड विधानसभा क्षेत्र में दूसरी जनसभा को संबोधित किया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनसभा में इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित जनता ने यह साबित कर दिया है कि असम में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। असम में पहले चरण में 27 मार्च को होने वाले मतदान के लिए 47 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है। 01 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होगा। अमित शाह, असम में कुल चार चुनावी जनसभाओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे हैं। जिसमें कमलपुर, जागीरोड, पथारकांदी और सिलचर की जनसभाएं शामिल हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मातृ भूमि की रक्षा के लिए बरफूकन के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि बरदरुद्दीन अजमल असम की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि असम की पहचान श्रीमंत शंकरदेव, लाचित बरफूकन पहचान हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई बरदरुद्दीन अजमल को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जितना भी जोर लगा लगे हम बदरुद्दीन अजमल को असम की पहचान नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि असम में घुसपैठियों को रोकने के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। असम में अगर बदरुद्दीन अजमल की सरकार बनी तो घुसपैठियों को रोकना मुश्किल होगा। अमित शाह ने कमलपुर में केंद्र सरकार की ओर से बिजली, शौचालय, घर, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, नागरिक प्रशासन, एम्स समेत अन्य विकास कार्यों का जिक्र करते हुए असम सरकार के कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने केंद्र के घोषणा पत्र और भाजपा के संकल्प पत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि असम सरकार ने कोरोना महामारी से असम को बचाने के लिए काफी बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में ढेर सारे काम किया है। यह विकास का सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है। उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्राओं को साइकिल देंगे। 12वीं पास करने वाली छात्राओं को स्कूटी देंगे। दो लाख सरकारी व पांच लाख निजी क्षेत्र में नौकरियां देंगे। ब्लाक स्पतालों के बेड को दोगुना करेंगे। इसके अलावा अन्य कई चुनावी घोषणाएं की। प्रधानमंत्री मंत्री किसान सम्मान निधी में दो हजार रुपये और असम सरकार जोड़कर आठ हजार दी जाएगी। चाय जनजातियों के विकास के साथ ही लव जिहाद और लैंड जिहाद के विरूद्ध कड़ा कानून बनाने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि राज्य के सभी नामघरों के विकास के लिए ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि असम को आतंकवाद मुक्त बनाया है। असम को अब बेरोजगारी मुक्त बनाएंगे। उन्होंने भाजपा उम्मीदवारों को जिताने का आह्वान किया। अमित शाह ने इलाके के दो भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने असम को बढ़ा मुक्त, घुसपैठ मुक्त, बेरोजगारी मुक्त बनाने का आश्वासन दिया।

अगले माह भारत को फ्रांस से मिलेंगे 12 और राफेल

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। भारत को अगले माह फ्रांस से 12 और फाइटर जेट राफेल मिलेंगे। इसमें तीन विमान अगले हफ्ते भारत में लैंड करेंगे। 9 अन्य राफेल विमानों के अप्रैल माह के अंत तक भारत आने की उम्मीद है। वायुसेना की एक टीम फ्रांस के बोर्डो में मेरिग्नैक एयरबेस पहुंच चुकी है जो राफेल विमानों के भारत आने की तारीख को अंतिम रूप देगी। भारतीय वायुसेना ने चीन का मुकाबला करने के लिए पश्चिम बंगाल के हासिमारा शहर में राफेल जेट की दूसरी स्क्वाड्रन बनाई है। यह स्क्वाड्रन अप्रैल से पांच राफेल विमानों की तैनाती करके शुरू की जाएगी। वायुसेना सूत्रों के अनुसार तीन राफेल विमान अगले हफ्ते भारत में लैंड करेंगे। 9 अन्य राफेल विमानों के अप्रैल माह के अंत तक भारत आने की उम्मीद है। वायुसेना की एक टीम फ्रांस के बोर्डो में मेरिग्नैक एयरबेस पहुंच चुकी है जो राफेल विमानों के भारत आने की तारीख को राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के साथ मिलकर अंतिम रूप देगी। अप्रैल माह में 12 राफेल मिलने के बाद भारत के पास 23 फाइटर जेट राफेल हो जायेंगे। वायुसेना की एक स्क्वाड्रन 16 युद्धक विमानों और पायलट ट्रेनिंग के दो विमानों से मिलकर बनती है। इस तरह राफेल के लिए अम्बाला में बनाई गई पहली 17 एरो स्क्वाड्रन 18 जेट्स मिलने के बाद पूरी हो जाएगी। फ्रांसीसी कम्पनी से पांच राफेल जेट का पहला जत्था 29 जुलाई को अबू धाबी के पास अल ढफरा एयरबेस में एक स्टॉपओवर के बाद अंबाला एयरबेस पहुंचा था। भारतीय वायुसेना ने औपचारिक रूप से इन फाइटर जेट्स को अपने बेड़े में दस सितम्बर, 2020 को शामिल किया था। इसके बाद तीन राफेल फाइटर जेट्स का दूसरा बैच पिछले साल नवम्बर की शुरुआत में फ्रांस से सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचा था। भारत ने इन फाइटर जेट्स को भी ऑपरेशनल करके चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर तैनात किया है। तीसरे बैच में तीन राफेल जेट 27 जनवरी को फ्रांस से 7000 किलोमीटर से अधिक की उड़ान पूरी करके गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरे थे। उड़ान के दौरान रास्ते में तीनों फाइटर जेट को संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेना ने हवा में ही ईंधन दिया था। अगला महीना अप्रैल भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक सहयोग के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भारत की यात्रा पर आएंगीं। अभी उनके भारत दौरे की तारीख फाइनल नहीं है लेकिन फ्रांसीसी रक्षा मंत्री का दौरा कई रक्षा सौदों को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके दौरे के समय फ्रांस के उस प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है, जिसमें फ्रांसीसी सरकार की ओर से भारत में निवेश बढ़ाने के लिए पेशकश की गई है। इसके बाद भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया फ्रांस की यात्रा पर जाएंगे। फ्रांसीसी रक्षा कम्पनी डसॉल्ट एविएशन 'मेड इन इंडिया' के तहत भारत में 100 से अधिक राफेल लड़ाकू जेट का निर्माण करना चाहती है लेकिन भारत ने अपना इरादा जता दिया था कि सभी 36 राफेल जेट की आपूर्ति होने के बाद इस बारे में निर्णय किया जाएगा।

इंडियन एक्सप्रेस: ताकतवर हस्तियों की सूची जारी

रायपुर। इंडियन एक्सप्रेस ने देश की ताकतवर हस्तियों की सूची जारी की है। लोकप्रियता के पैमाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लंबी छलांग लगाई है। देश के 100 सबसे ताकतवर लोगों की सूची में इस साल उन्हें 26 वां पायदान हासिल हुआ है। जबकि, बीते साल वह इस सूची में 54 वें स्थान पर थे। गोधन न्याय योजना के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ आदिवासियों से वनोपज खरीदी को बढ़ावा देने की भूपेश बघेल की नीति को सराहा गया है। इस नीति ने ही उन्हें प्रभावशाली लोगों में ला खड़ा किया है।ताकतवर हस्तियों की सूची में भूपेश बघेल ने देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पीछे छोड़ दिया है। इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाय एस जगन मोहन रेड्डी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हैं। वहीं स्मृति ईरानी, डाक्टर हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे केंद्रीय मंत्रियों के अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से भी वह आगे निकल गए हैं।

'होली' से पहले मुर्गे का दोगुना हुआ दाम, मांग बढ़ीं

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। कुछ माह पूर्व बर्ड फ्लू की वजह से प्रभावित हुए पोल्ट्री उद्योग को होली ने बड़ी राहत दी है। होली पर इस बार चिकन की इस कदर मांग बढ़ी है कि दाम पिछले वर्ष की तुलना में तकरीबन दो गुना बढ़ गए हैं। होलिका दहन के एक दिन पूर्व प्रयागराज की तमाम दुकानों पर मुर्गे की कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गई। बताया जा रहा है कि रविवार को इसके दाम में तेजी और भी आ सकती है। चिकन के साथ मटन की भी बिक्री शनिवार को खूब हुई।  होली के मौके पर सामान्य दिनों के मुकाबले चिकन की डिमांड चार से पांच गुना तक बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा हुआ है। कुछ माह पूर्व बर्ड फ्लू की वजह से पोल्ट्री उद्योग नुकसान पर चल रहा था। लेकिन होली से बूस्टर डोज मिल गया। होली पर डिमांड ज्यादा और उत्पादन कम होने की वजह से बीते दो से तीन दिन में मुर्गे की कीमत फुटकर में 200 रुपये किलो तक पहुंच गई है।

अफ्रीका ने खिलाड़ियों को पाक छोड़ने की इजाजत दीं

जोहान्सबर्ग। इंडियन प्रीमियर लीग ने क्रिकेट जगत में अपना एक अलग ही मुकाम हासिल कर लिया हैै। यही वजह है कि खिलाड़ी अपनी राष्ट्रीय टीम को दरकिनार कर आइपीएल में खेलना चाहते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज को छोड़कर आईपीएल में खेलने की इजाजत दे दी है। साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज 2 अप्रैल से शुरू होगी। पहला मुकाबला सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट्स पार्क पर खेला जाएगा। वनडे सीरीज के बाद पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच चार T20 की सीरीज भी खेली जाएगी। जिसकी शुरुआत 10 अप्रैल से होगी। इस बीच इधर भारत में भी आइपीएल का 14वां सीजन 9 अप्रैल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के बीच चेन्नई में होने वाले मुकाबले के साथ शुरू हो जाएगा।

ईरान ने चीन से किया 25 साल के लिए समझौता

तेहरान/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान और चीन के बीच दोस्‍ती अब 25 साल के समझौते में तब्‍दील होने जा रही है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ईरान पहुंच गए हैं और दोनों देशों के बीच इस महत्‍वपूर्ण समझौते पर हस्‍ताक्षर हो सकता है। ईरान और चीन ने अगले 10 साल में द्विपक्षीय व्‍यापार को 10 गुना बढ़ाकर 600 अरब डॉलर करने का लक्ष्‍य रखा है। दोनों देश यह समझौता ऐसे समय पर करने जा रहे हैं। जब वे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।ईरान और चीन के बीच समझौते की डिटेल अभी नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें ईरान के प्रमुख क्षेत्रों जैसे ऊर्जा और आधारभूत ढांचे में चीन का निवेश शामिल है। चीन ईरान के सबसे बड़े व्‍यापार भागीदारों में से एक है। ईरान की संवाद एजेंसी इरना के मुताबिक चीनी विदेश मंत्री की इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान व्‍यापक सहयोग के समझौते पर हस्‍ताक्षर होगा। इस समझौते से ठीक पहले ईरान ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रति अपना रुख और कड़ा कर दिया है। इस बीच चीन ने भी ऐलान किया है कि वह ईरान के परमाणु समझौते के बचाव के लिए प्रयास करेगा और चीन-ईरान संबंधों के वैधानिक हितों की रक्षा करेगा। चीन ने यह टिप्‍पणी ऐसे समय पर की है जब उसने ईरान से रेकॉर्ड पैमाने पर तेल खरीदा है। चीन-ईरान के इस महाडील के 18 पन्‍ने के दस्‍तावेजों से पता चलता है कि चीन बहुत कम दाम में अगले 25 साल तक ईरान से तेल खरीदेगा। इसके बदले में चीन बैंकिंग, आधारभूत ढांचे जैसे दूरसंचार, बंदरगाह, रेलवे, और ट्रांसपोर्ट आदि में निवेश करेगा। माना जा रहा है कि इस डील के बाद ईरान की चीन के जीपीएस कहे जाने वाले बाइदू तक पहुंच हो जाएगी। यही नहीं चीन ईरान में 5G सर्विस शुरू करने में मदद कर सकता है। चीन ईरान का सबसे बड़ा व्‍यापारिक भागीदार है। मई 2018 में परमाणु डील से अमेरिका के हटने के बाद ईरान बुरी तरह से अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहा है। इससे उसका तेल निर्यात बहुत कम हो गया है। चीन के साथ डील के बाद उसे अगले 25 साल तक 400 अरब डॉलर का निवेश मिल सकता है। चीन-ईरान डील में सैन्‍य सहयोग जैसे हथियारों का विकास, संयुक्‍त ट्रेनिंग और खुफिया सूचनाओं की ट्रेनिंग भी शामिल है जो ‘आतंकवाद, मादक पदार्थों और इंसानों की तस्‍करी तथा सीमापार अपराधों’ को रोकने के लिए होगा। बता दें कि इस समय ईरान और चीन दोनों की ही अमेरिका से तनातनी चल रही है। ईरान से जहां अमेरिका का परमाणु कार्यक्रम को लेकर गतिरोध चल रहा है। वहीं चीन के साथ बाइडेन प्रशासन का कई मुद्दों पर ‘वॉर’ चल रहा है। चीन और ईरान के बीच अगर यह डील सफल हो जाती है तो भारत को बड़ा झटका लग सकता है। चीन अगर इस इलाके में अपनी सैन्‍य पकड़ बना लेता है तो पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्‍य प्रभाव पर संकट आ जाएगा। चीन अफ्रीका के जिबूती में पहले ही विशाल नेवल बेस बना चुका है। विश्‍लेषकों की मानें तो इस डील से भारत को भी झटका लग सकता है। भारत ने ईरान के बंदरगाह चाबहार के विकास पर अरबों रुपये खर्च किए हैं। अमेरिका के दबाव की वजह से ईरान के साथ भारत के रिश्ते नाजुक दौर में हैं। चाबहार व्यापारिक के साथ-साथ रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। यह चीन की मदद से विकसित किए गए पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से महज 100 किलोमीटर दूर है। भारत को भी अमेरिका, सऊदी अरब, इजरायल बनाम ईरान में से किसी एक देश को चुनना पड़ सकता है। एक वक्त था जब ईरान भारत का मुख्य तेल आपूर्तिकर्ता था, लेकिन अमेरिका के दबावों की वजह से नई दिल्ली को तेहरान से तेल आयात को तकरीबन खत्म करना पड़ा। चीन की ईरान में उपस्थिति से भारतीय निवेश के लिए संकट पैदा हो सकता है। भारत चाबहार से जरिए अफगानिस्‍तान तक सीधे अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है। हालांकि, भारत ईरान के साथ संबंधों को बनाए रखने का प्रयास कर रहा है और हाल ही में उसे कोरोना वायरस की वैक्‍सीन की सप्‍लाइ की है।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...