सोमवार, 18 जनवरी 2021

किसानों की मुख्य मांग को सुने 'सरकार': ज्ञानेंद्र

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी
हापुड़। जनपद से राष्ट्रीय सैनिक संस्था जिला इकाई हापुड़ की टीम पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष सुमन त्यागी के नेतृत्व में गाजीपुर बार्डर पर पहुची और किसान आन्दोलन को लेकर सरकार के प्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी जाहिर की पश्चिमी उत्तर प्रदेशाध्यक्ष सुमन त्यागी ने कहा कि लगातार दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरो पर किसानों की मौतें हो रही है या किसान आत्महत्या कर रहें हैं। लेकिन किसानों के बीच में कोई सरकार का प्रतिनिधि नहीं आया जिलाध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्यागी ने कहा कि सरकार को तुरंत न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद की सुनिश्चितता पर कानून बनाने की जरूरत है।चाहें किसानों की फसलों को कोई भी खरीदें। जिला प्रवक्ता हाक्मीन अली मन्सूरी ने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था कुछ अहम मुद्दों पर किसानों के साथ है। क्योंकि राष्ट्रीय सैनिक संस्था सैनिक संतो व किसानों को मिलाकर बनाया गया संगठन है।
किसानों की हौसलाअफजाई करने के लिए गाजीपुर बार्डर पर पहुंचने वालों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष सुमन त्यागी, जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्यागी, महिला ब्रिगेड की जिला अध्यक्ष मोनिका त्यागी, जिला प्रवक्ता हाक्मीन अली मन्सूरी, जिला कोषाध्यक्ष मुकेश प्रजापति, तहसील उपाध्यक्ष ताराचंद जाटव, जिला कोर्डिनेटर दिवाकर त्यागी व चिराग त्यागी मौजूद रहे।

हापुड़ः अज्ञात वाहन ने मारी जोरदार टक्कर, घायल

अतुल त्यागी
हापुड़। सड़क पर जाते वक्त अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मारी। जिससे सिपाही पवन कुमार घायल हो गए। घायल सिपाही पवन कुमार को पास के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। फिलहाल पुलिस अज्ञात वाहन की तलाश में जुटी है। हमारा वाहन स्वामियों से अनुरोध है। ठंड और कोहरे का सितम दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते वाहन स्वामी अपने घर पहुंचने की जल्दी में वाहन तेज गति से चलाते हैं। इसलिए अक्सर वाहन टकराने का खतरा बना रहता है। सड़क पर चल रहे व्यक्तियों को भी नहीं देखा जाता जिससे बेगुनाह लोग चपेट में आ जाते हैं। इसलिए वाहन धीमी गति से चलाएं अपना और दूसरों का ख्याल रखें।

अयोध्या: 2 दिन के अंदर मिलें 100 करोड़ रुपये

राम मंदिर में हो रहा है दिल खोलकर दान, 2 दिन के अंदर मिले 100 करोड़ रूपए

अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकरट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी, कि भक्त दिल खोलक दान कर रहे हैं। मंदिर के निर्माण हेतु श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 2 दिन के अंदर ही 100 करोड़ रुपये का दान मिल चुका है। महासचिव ने बताया कि दान को लेकर डाटा नहीं मिल पाया है। लेकिन कार्यकर्ताओं से मिली रिपोर्ट के अनुसार अब तक 100 करोड़ रुपए इकट्ठा हो चुके हैं।
अक्षय कुमार ने भी दिया योगदान...
दरअसल, विश्व हिंदू परिषद ने 15 जनवरी से मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में सहयोग अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत राम भक्तों से राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए सहयोग लिया जा रहा है। अभिनेता अक्षय कुमार ने सहयोग करते हुए अपने प्रशंसकों से भी योगदान देने का आग्रह किया है। कुमार ने अभिनेता ने ट्वीट कर बताया कि यह बहुत खुशी की बात है कि श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में शुरू हो गया है …अब हमारी योगदान देने की बारी है। मैंने शुरुआत कर दी है। आशा है कि आप भी इसमें शामिल होंगे। जय सियाराम।
राष्ट्रपति ने दिए 5 लाख...
वहीं इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के परिवार ने मंदिर के निर्माण के लिए पांच लाख रुपये से अधिक का योगदान दिया। सबसे बड़ा योगदान रायबरेली जिले के बैसवाड़ा के तेजगांव के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह का रहा जिन्होंने विहिप के उपाध्यक्ष एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय को 1,11,11,111 रुपये का चेक प्रदान किया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राम मंदिर निर्माण आंदोलन में सबसे आगे रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास ने मंदिर निर्माण के लिए धन एकत्रित करने के लिए विहिप को अधिकृत किया है।
मंदिर निर्माण के लिए देश भर से मिल रहा दान
खबरों के अनुसार, देश भर में राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों द्वारा भी योगदान दिया गया है। विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से भी मुलाकात की और मंदिर के निर्माण के लिए दान के रूप में 1.21 लाख रुपये प्राप्त किए, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री ने भी 1.51 लाख रुपये का योगदान दिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और उत्तर प्रदेश और झारखंड के राज्यपालों ने भी विहिप के प्रतिनिधिमंडलों को अपना योगदान दिया।

वैक्सीन पर सवाल नहीं उठाना चाहिए: वीरेंद्र

भारत में होगा कोरोना का अंत, वैक्सीन पर सवाल नहीं उठाना चाहिए: वीरेंद्र कंवर

ऊना। ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है, कि भारत में कोरोना के अंत की शुरूआत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान से हो चुकी है। जिसके तहत प्रथम चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है। उन्होंने इस महाअभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए इसे वैश्विक महामारी कोरोना पर अंतिम वार बताया है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल व नेता वैक्सीनेशन अभियान पर भी राजनीतिक रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे नेताओं को देश के वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा रखना चाहिए और कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में बनाया गया स्वदेशी कोविड वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है तथा यह कोरोना वायरस के प्रति मजबूत प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि पहले चरण के टीकाकरण का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ नेता वैक्सीन का राजनीतिककरण कर अपनी छोटी मानसिकता दर्शा रहे हैं।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए बेहतर निर्णय लिए। लॉकडाउन के बीच इस बात का भी ध्यान रखा कि गरीब तबके के जख्मों पर मरहम लगाया जाए। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पैकेज दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी को अवसर में बदला गया और देश के वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड समय में वायरस को खत्म करने के लिए टीके का आविष्कार

जिलों में 22 साल की युवतियां, पंचायत की प्रधान

हिमाचल प्रदेश के इन दो जिला में 22 साल की युवतियां बनी पंचायत प्रधान

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिते दिन रविवार को प्रथम चरण के चुनाव सपंन्न हुए है। जिनमें पूरे प्रदेश में 1227 पंचायतों में चुनाव करवाए गए। इन चुनावों में दो 22 साल की युवतियां प्रधान बनी हैं। इनमें राजधानी शिमला के रोहड़ू की रहने वाली अवंतिका चौहान लोअरकोटी पंचायत से प्रधान पद के लिए चुनी गई है। अंवतिका ने बीकॉम की पढ़ाई की है।
वहीं, दूसरी तरफ जिला बिलासपुर की साई खरसी पंचायत से जागृति प्रधान पद के लिए चुनी गई है। इनकी उम्र महज 22 साल है। गांव वासी दोनों युवा नेत्रियों को इस जीत पर बधाई दे रहे हैं। दोनों युवतीयों के प्रधान चुने जाने पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं उक्त पंचायतों में लोगों द्वारा दानों युवतीयों को बधाई का संदेश दिया जा रहा है।

आंदोलनः राज्य सरकारों को गिराने की साजिश

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। करीब डेढ़ माह से चल रहे किसान आंदोलन के बीच से अब रिश्वत लेकर आंदोलन करने और राज्य सरकारों को गिराने की साजिश रचने जैसे आरोप सामने आ रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान पहली बार संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों के बीच आपसी फूट नजर आई है। किसान नेता गुरनाम चढूनी पर 10 करोड़ रूपये रिश्वत लेने का अरोप लगा है। रविवार को मोर्चा की बैठक के दौरान हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने, कांग्रेस समेत दूसरे राज नेताओं को बुलाने और दिल्ली में सक्रिय हरियाणा के एक कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे। गुरनाम सिंह के ऊपर यह आरोप भी लगा है कि वह कांग्रेसी टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे हैं।
हालांकि गुरनाम सिंह चढू़नी ने ऐसे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। हालांकि गुरनाम सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा से अलग विभिन्न दलों के नेताओं के साथ मिलकर ‘किसान संसद’ के नाम पर नई पहल शुरू कर दी है। पूर्व निर्धारित नीति से अलग अब आने वाले दिनों में ‘किसान संसद’ के आयोजन के लिए वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी पार्टियों को जोड़ा जा रहा है।
10 करोड़ के रिश्वत मामले में किसान मोर्चा के सदस्य गुरनाम सिंह को मोर्चे से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते थे। लेकिन बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि बैठक में मोर्चा के सदस्य उन्हें तुरंत मोर्चे से निकालना चाहते थे। लेकिन आरोपों की जांच के लिए हमने 5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जो इस मामले में 20 जनवरी को अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का फैसला लिया जाएगा। बता दें कि रविवार को जिस समय किसान मोर्चे की बैठक सिंघु बॉर्डर पर चल रही थी। उस समय गुरनाम सिंह दिल्ली में दूसरे ग्रुप की बैठक में हिस्सेदारी कर रहे थे।
किस पर है राहु और केतु की टेढ़ी नजर?
खास बात है कि संयुक्त किसान मोर्चा अब तक अपनी इस लड़ाई से विपक्षी राजनीतिक दलों व नेताओं से गुरेज करता रहा है। लेकिन अब उसी संयुक्त किसान मोर्चा की रविवार को हुई रणनीतिक बैठक से भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी गायब रहे। वह कांस्टीट्यूशन क्लब में ‘किसान संसद’ के नए राग के लिए साज तैयार कर रहे थे। चढ़ूनी ही इस किसान, मजदूर, बेरोजगार, कर्जदार समर्थक जनप्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष हैं।
निशाने पर पश्चिम बंगाल
पूर्व घोषित रणनीति के तहत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद बोस की जयंती पर उनकी याद में संयुक्त किसान मोर्चा ने देश में आजाद हिंद किसान फौज बनाने का एलान कर रखा है। पश्चिम बंगाल में इस फौज को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी है। दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर के सभी आंदोलन स्थलों पर इस दिन को यादगार बनाने के लिए संपर्क जारी है।
‘किसान संसद’ के आयोजन की तैयारी
जन प्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा ने अचानक 23-24 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर ‘किसान संसद’ के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को कांस्टीट्यूशन क्लब के एनेक्सी हॉल में किसान संसद की तैयारी को लेकर पहली बैठक हुई। इसमें कांग्रेस, माकपा, इनेलो, एनसीपी, जनअधिकार पार्टी, आप, अकाली दल आदि के कई नेताओं-प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। उम्मीद की जा रही है कि सपा, तृणमूल कांग्रेस सहित कई और दल इस किसान संसद में शामिल हो सकते हैं।
19 जनवरी को हो सकती है घोषणा
किसान संगठनों के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से अलग इस ‘किसान संसद’ के आयोजन की घोषणा 19 जनवरी को नई दिल्ली के प्रेस क्लब में की जा सकती है। खास बात यह है कि उसी दिन आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार की दसवें दौर की वार्ता के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पैनल की पहली बैठक भी प्रस्तावित है। इस किसान संसद के आयोजक मंडल में जस्टिस गोपाल गौडा, जस्टिस कोसले पाटिल, एडमिरल रामदास, अरुणा राय, पी साईंनाथ, यशवंत सिन्हा, मेधा पाटकर, संत गोपालदास, मोहम्मद अदीब, जगमोहन सिंह, सोमपाल शास्त्री, प्रशांत भूषण आदि के नाम शामिल हैं। ऐसे में नया ‘राग’ सुनने के लिए सरकार के ‘कान’ खड़े हैं और ‘आंखें’ भी टिकी हैं।
प्रशांत भूषण की पहल पर बन रहा समानांतर मोर्चा
क्रांतिकारी किसान यूनियन के डॉ. दर्शनपाल ने कहा है कि किसान संसद और इसमें विभिन्न विपक्षी दलों की भागीदारी की पहल मशहूर वकील प्रशांत भूषण की ओर से की गई है। हालांकि किसाना मोर्चा में शामिल किसान नेता इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों द्वारा किसान मोर्चा के सहयोग के लिए ‘किसान संसद’ के नाम पर समानांतर रूप से बी टीम तयारी की जा रही है।

3 किलो चरस की खेप समेत जाल में फंसा आरोपी

हिमाचल: तीन किलो चरस की खेप समेत पुलिस के जाल में फंसा आरोपी

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में पुलिस के हाथ एक बड़ी चरस की खेप लगी हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस थाना बालीचौकी के तहत पुलिस ने एक युवक से 3 किलो चरस की खेप बरामद करने में सफलता हांसिल की है। बताया जा रहा है कि जब युवक बाजार में एक चरस से भरा बैग लेकर जा रहा था। तो उसी दौरान पुलिस की एस आई यू टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर युवक को धर दबोचा।
टीम ने युवक को मौके पर गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह सफलता पुलिस को उस दौरान लगी जब टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति द्वारा बाजार में चरस से भरा बैग लाया गया है जिसके तहत पुलिस ने अपनी टीम का जाल बिछा दिया और युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...