बुधवार, 9 दिसंबर 2020

हिसार: युवक ने नाबालिग से किया दुष्कर्म

डॉक्टर की क्लीनिक में युवक ने नाबालिग से किया दुष्कर्म


हिसार। हैवानियत की सारी  हदे पर होती जा रही है। बतादें कि हरियाणा के हिसार जिले से एक चौका देने वाली खबर सामने आयी है। बताना लाजमी है कि नाबालिग से डॉक्टर की दुकान में एक युवक ने दुष्कर्म किया। आरोप है कि व्यक्ति ने नाबालिग के फोटो भी ले लिए। पुलिस ने भैणी अमीरपुर के एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले में पाेक्साे और एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया है।
शिकायत में पीड़िता के दादा ने बताया कि उनकी साढ़े 17 वर्षीय पोती डॉक्टर की दुकान में उपचार करवाने गई थी। तभी वहां भैणी अमीरपुर का एक युवक घुस गया और उनकी पोती के साथ दुष्कर्म किया। युवक ने उसके साथ अश्लील फोटो भी ली। उनकी पोती को जान से मारने की धमकी दी गई। उनके अनुसार मामला जून का है। मामले में अब हांसी महिला थाना में शिकायत दी। पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज कर लिया है। फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।                         


यूपीः सड़क पर संघर्ष करने फिर लौटें यादव

सड़क पर संघर्ष करने फिर लौट आये अखिलेश यादव राशिद अली खोजी 


हरिओम उपाध्याय


लखनऊ। केन्द्र सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आक्रोश चरम पर है। किसान आंदोलन ने भाजपा के खिलाफ विपक्ष को फिर से एक बड़ा अवसर देने का काम किया है। उत्तर प्रदेश में इस किसान आंदोलन का हर आंदोलन की भांति ही व्यापक प्रभाव नजर आया है। यहां मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने किसान आंदोलन का समर्थन करने के साथ ही अपने नेता अखिलेश यादव के नेतृत्व में किसान यात्रा अभियान छेड़ दिया है। किसान यात्रा को शुरू कराने के लिए कन्नौज जाने के लिए निकले अखिलेश यादव को यूपी सरकार की 'पाबंदी' के बाद पुलिस ने घर के बाहर ही रोक दिया। इससे पूरे प्रदेश में सपाईयों में गजब का जोश नजर आया और हर जिले में सपाईयों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आखिरकार फिर से एक यात्रा के सहारे सपाईयों को अखिलेश यादव के रूप में सड़क पर सत्ता के खिलाफ एक जोशीला कमांडर खड़ा नजर आया है। कार्य बात राजनीति की हो या सामाजिक, शैक्षिक और अन्य किसी भी क्षेत्र की संघर्ष ही वह पारस है, जो पत्थरीला होने के बावजूद भी खुद को छूकर चलने वालों का व्यक्तित्व स्वर्णिम बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ता। शर्त यही है कि संघर्ष रूपी पारस पर हमारी परिश्रम का रगड़ा कुछ तगड़ा होना चाहिए। हम बात भारतीय राजनीति की करें तो जेपी आंदोलन ने संघर्ष से शिखर तक पहुंचने का फार्मूला अभावग्रस्त और संसाधनविहीन व्यवस्था के बीच युवाओं को दिखाया था। इसी आंदोलन ने देश की राजनीतिक दिशा व दशा को बदला और देश को भविष्य के अनेक राजनेता मिले। आज हम बिहार से बंगाल तक और देहरादून से दिल्ली तक कुछेक नेताओं को युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के रोल माॅडल के रूप में देखते हैं, उनके व्यक्तित्व के निखार की बूटी की जड़ जेपी आंदोलन का संघर्ष ही रहा है। उत्तर प्रदेश में ऐसे ही युवा संघर्ष सत्ता को पलटने में सफल रहे है। आज समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व संभाल रहे अखिलेश यादव भी ऐसे ही युवा संघर्षशील नेता हैं।           


10 करोड़ वैक्सीन की डोज उपलब्ध होगी

सौ दिनों में 10 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन की डोज उपलब्ध होगी 


वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि राष्ट्रपति पद संभालने के 100 दिनों में उनका प्रशासन 10 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन की खुराक प्राप्त करेगा। जो बिडेन ने विलमिंगटोन, डेलावरे में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "उनकी टीम पहले 100 दिनों में कोविड-19 टीके की कम से कम 10 करोड़ प्राप्त करने में मदद करेगी। देश में कोरोना के हालात बेहतर होने से पहले ही इसका प्रकोप और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी जनता को वैक्सीन लेने के लिए राजी करने की जागरुकता की आवश्यकता होगी क्योंकि कई लोग इसको लगाने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति पद संभालने के पहले 100 दिनों के अंदर स्कूलों को खोलना चाहते हैं, यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह कोविड-19 राहत कानून पारित करती है या नही। अमेरिकी प्रशासन काे आने वाले दिनों में हर व्यक्ति को दो वैक्सीन की मंजूरी देने की उम्मीद है, जो दिसंबर में 10 करोड़ खुराक देने के लिए बाद आने वाले महीनों में एक करोड़ से अधिक लोगों को खुराक पहुंचने पर काम करेगा। सरकार की वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही के अंत तक लगभग सभी अमेरिकी नागरिकों का टीकाकरण करने की योजना है।             


समस्या सुनकर मौके पर पहुंची पालिकाध्यक्ष

जनसमस्या सुन मौके पर पहुंची पालिकाध्यक्ष


लखीमपुर खीरी। नपाप लखीमपुर की अध्यक्षा निरुपमा मौनी वाजपेई  को सीतापुर रोड पर अमर मिलन गेस्ट हाउस के पास नाला टूट जाने के कारण एवं बड़ा गड्ढा होने से लगातार शिकायते मिल रही थी। उक्त जनहित की समस्या को ध्यान में रखते हुए  समस्या के समाधान हेतु अवर अभियंता निर्माण को निर्देश अध्यक्षा जी के द्वारा दिया गया था जिसका अब समाधान लगभग हो गया है यथास्थिति देखने के लिए अध्यक्षा जी ने स्थलीय निरीक्षण किया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान नगरपालिका अध्यक्ष जी ने कहा कि जनहित की कोई भी समस्या हो उसको तत्काल प्रभाव से हल किया जाए यह हमारी प्राथमिकता में से एक हैनिरीक्षण के दौरान नगरपालिका के अवर अभियंता निर्माण अमरदीप मौर्य, शोभितम मिश्रा, उपेंद्र वर्मा, विनीत गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।               


कुंडली बॉर्डर पर एक किसान की मौत हुईं

सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान की मौत


सोनीपत। लगातार चल रहे किसान आंदोलन ने कई किसानो की जान ले ली है। बताना लाजमी है कि सोनीपत में पड़ते हरियाणा-दिल्ली के सीमावर्ती इलाके कुंडली में किसानों के आंदोलन के 13वें दिन यानी कि बीते दिन एक किसान की मौत हो गई। वजह हार्ट अटैक को बताया जा रहा है। मृतक की पहचान, सोनीपत जिले के ही गांव बरोदा के रहने वाले अजय के रूप में हुई है। पिछले कई दिन से वह सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल था।
सोमवार रात को रात का खाना खाकर वह टीडीआई सिटी के सामने ट्रॉली के नीचे सोया था। मंगलवार सुबह जब नहीं उठा तो चला पता। सूचना के बाद कुंडली थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सोनीपत के नागरिक अस्पताल स्थित मोर्चरी में भिजवा दिया है। जहां तक कारण की बात है, उसके परिजनों ने उसकी जान ठंड की वजह से गई है। उधर, आज ही झज्जर जिले के टीकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने में शामिल मोगा जिले के मेवा सिंह नामक एक और किसान की भी दिल का दौरा पड़ने से सांसें थम गई।
इसे मिलाकर अब तक हरियाणा में दिल्ली मोर्चे पर आंदोलन का हिस्सा रहे 7 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से टीकरी बॉर्डर पर मारे गए 4 पंजाब के विभिन्न इलाकों से थे। हालांकि कुंडली बॉर्डर पर इस तरह की यह पहली घटना है। दूसरी ओर किसानों की हिम्मत देखिए कि साथियों की मौत के बाद भी वो लगातार आंदोलन पर डटे हैं।                               


घने कोहरे से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

अंबेडकर नगर में घने कोहरे से जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त


अंबेडकर नगर। घने कुहासे ने जिंदगी की पटरी ही रोक दी, लगातार बीते 2 दिन से घने कोहरे के चलते आवागमन मे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है दूसरी तरफ शादी और बारात का सीजन मे जान जोखिम में डालकर लोग घने कोहरे के बीच बरात गाड़ियों का काफिला भी निकाल रहे हैं जिससे सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी, 18 घंटे से कोहरे से धुंध की चादर ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर रखा है। लोग सुबह देर से उठ रहे हैं। वहीं कोहरे की कहर से आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। वाहनों के परिचालन में खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं। 


नतीजतन लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में विलंब हो रहा है जिससे कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं अंबेडकर नगर जिले का आलम यह कि शाम 6:00 बजे से ही दूसरे दिन 2 बजे से पहले सूर्य के दर्शन नहीं हो रहे वहीं शाम ढलते ही फिर से घना कोहरा छाने के डर से लोग जल्दी ही अपने घरों को लौट जा रहे हैं। इसका असर बाजार पर भी देखा जा रहा है। व्यवसायियों को ग्राहकों का इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों की है। जिन्हें ठंड ने बुरी तरह प्रभावित किया है। 


वहीं खासकर उन लोगों को जो रक्तचाप, मधुमेह या फिर ह्रदय रोग से ग्रसित हैं। उनकी परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। चिकित्सकों की राय है कि वैसे तो ठंड से सभी को बचने की जरूरत है किन्तु बच्चे एवं बूढ़ों के प्रति विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। गर्म कपड़े, भोजन एवं धूप सेंकने से सेहत को संतुलित रखता था सकता है।                                       


किसानों की मौत पर दो लाख की सहायता

बलराज कुंडू ने किया ऐलान, आंदोलन में जान गंवा चुके किसानों के परिवारों को देंगे 2-2 लाख रूपये


रोहतक। हरियाणा की सड़कों पर डटे किसानों  के तीखे तेवरों से राज्य की राजनीति पल-पल करवट बदल रही है। कांग्रेस और इनेलो के पूरी तरह समर्थन में उतरने के बाद जजपा नेताओं के सियासी सुर भी बदले हैं। पार्षद, ब्लॉक समिति और जिला परिषद सदस्यों के इस्तीफों का सिलसिला लगातार जारी है। 
महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू तो पहले से ही किसानों के समर्थन में थे, लेकिन अब उन्होंने एलान किया है कि किसान आंदोलन के दाैरान जान गंवाने वाले हरियाणा के किसानों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देंगे। साथ ही उन्होंने हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से मांग की है कि किसान आंदोलन में मृतक इन किसानों के आश्रित परिवारों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
बलराज कुंडू पहले दिन से ही किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका में किसानों के साथ टिकरी बॉर्डर पर डटे रहे हैं लेकिन तीन दिसंबर को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनको क्वारेंटाइन होना पड़ा। बलराज कुंडू ने जारी बयान में कहा कि अब तक किसान आंदोलन में हरियाणा के कई किसानों की मौत हो चुकी है। 


ऐसे में उन्होंने इन किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर किसानों की सभी मांगों को स्वीकार करे, ताकि अपने हकों के लिए सड़कों पर आया अन्नदाता वापस लौटकर अपने खेत-खलिहान संभाल सके।                               


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