रविवार, 29 नवंबर 2020

कौशांबी: जिला कारागार पहुंचे डीएम-एसपी

अचानक जिला कारागार पहुंचे डीएम-एसपी, लिया जायजा


कौशाम्बी। रविवार को अचानक जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपर पुलिस अधीक्षक जिला कारागार पहुंच गए हैं। वहां अधिकारियों ने कारागार की व्यवस्था का जायजा लिया है। अधिकारियों के कारागार पहुंचने के बाद वहां हड़कंप मचा रहा निरीक्षण के दौरान कैदियों को दिए जाने वाले भोजन और साफ-सफाई का अधिकारियों ने विधिवत निरीक्षण किया है।निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। रविवार को जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह  पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन तथा अपर पुलिस अधीक्षक के साथ जिला कारागार निरीक्षण में क्षेत्राधिकारी भी मौजूद थे। जिला कारागार पहुंचे अधिकारियों ने सबसे पहले जिला कारागार की आवासीय बैरको को देखा और वहां की अव्यवस्थाओं पर कड़ी नाराजगी जताते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। इसके बाद अधिकारियों ने जिला कारागार के कार्यालय व परिसर में साफ सफाई का निरीक्षण किया और निर्देश दिया है, कि कारागार की साफ सफाई और बेहतर बनाई जाए निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने जिला कारागार की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तथा सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिये है।


राजकुमार


किसान आंदोलन सरकार की चूल हिलाएगा

राणा ओबराय


किसान-किसान में कितना होता है फर्क, किसान का संघर्ष है अलग अलग, किसान रूपी आंदोलन भाजपा सरकार की चूले हिलाने का करेगा काम


चंडीगढ। हरियाणा सरकार की लिए सिरदर्द बने किसानों के ऊपर मुकदमे बनाये जा रहे है। हरियाणा सरकार दलील दे रही है कि यह हरियाणा के किसान नही, बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के भेजे हुए लोग हैं। बहरहाल लोग कही के हो या किसने भी भेजे हो पर मामला तो किसानों से जुड़ा हैं। भारत औऱ हरियाणा का बड़ा नारा है, जय जवान जय किसान राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हरियाणा के असली किसानों की सहानुभूति भी इन संघर्ष कर रहे किसानों को मिल सकती है। इसलिए केंद्र और हरियाणा सरकार को टकराव का रास्ता छोड़कर तुरंत इस मामले को खत्म करना चाहिए नही तो यह खट्टर सरकार के लिए बहुत बड़ी परेशानी बन सकती है। किसानों और अन्य राजनीतिक दलों का कहना है कि जब भाजपा सत्ता में आने का संघर्ष कर रही थी तब उनके साथ हरियाणा का किसान नही था। सिर्फ भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही किसानों को बेवकूफ बना कर कपड़े उतार प्रदर्शन करते थे। जनता को झूठे वादे दिखा कर भाजपा ने हरियाणा में सत्ता पर कब्जा किया है। अब यही किसान रूपी आंदोलन भाजपा सरकार की चूले हिलाने का काम करेगा।                                         


सभी छात्रों को निशुल्क टेबलेट देगी सरकार

हरियाणा में स्कूली छात्रों के लिए खुशखबरी टैबलेट देगी सरकार, जानिये फॉर्मूला


राणा ऑबरॉय


चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने स्कूली छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा के मद्देनजर छात्रों की सुविधा के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार स्कूली छात्रों को टैबलेट देने वाली है। सरकार ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों को नि:शुल्क टैबलेट देने की योजना बनाई है। ये टैबलेट बारहवीं कक्षा के बाद वापस स्कूल को सौंपना होगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे कक्षा आठवीं से बारहवीं के सभी वर्गों जैसे सामान्य श्रेणी अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के साथ-साथ अल्पसंख्यक वर्गों के लड़के व लड़कियों को डिजिटल एजुकेशन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए टैबलेट देने का प्रस्ताव हरियाणा सरकार के पास विचाराधीन है। पुस्तकालय की तर्ज पर इस योजना में यह टैबलेट विभाग की संपत्ति होगी जिसे विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा और बारहवीं पास करने पर विद्यार्थियों को यह टैबलेट स्कूल को वापस लौटाना होगा। इसमें प्री-लोडेड कंटेंट के तौर पर डिजिटल पुस्तकों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के टेस्ट वीडियो और अन्य सामग्री भी रहेगी जो सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रमों के अनुसार होगी तथा कक्षावार होगी। इससे न केवल विद्यार्थियों को घर बैठे ही विभिन्न विषयों की पढ़ाई करने की सुविधा मिलेगी बल्कि अब वे ऑनलाइन परीक्षा भी दे सकेंगे।


रानी की फिर होगी हरियाणा में वापसी

आईएएस रानी नागर की फिर होगी हरियाणा में वापसी, पहले दिया था इस्तीफा


राणा ऑबरॉय


चंडीगढ़। हरियाणा कैडर की 2014 बैच की महिला आईएएस रानी नागर ने 6 माह पूर्व इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अब उनको जल्द हरियाणा में ही पोस्टिंग मिल सकती है। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। इसके बाद उन्हें पोस्टिंग के लिए प्रतीक्षा में रखा गया है। रानी नागर ने 4 मई को अपना त्यागपत्र तत्कालीन मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को भेजा था। जिसमें उन्होंने इसकी वजह सरकारी ड्यूटी के दौरान निजी सुरक्षा पर खतरे का उन्होंने अपने त्यागपत्र की प्रति सोशल मीडिया पर भी अपलोड की थी। राज्य सरकार ने उन्हें उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में इंटर कैडर ट्रांसफर करने की अनुशंसा की। मुख्य सचिव कार्यालय की वेबसाइट पर उन्हें 11 नवंबर 2020 नई पोस्टिंग के आदेशों की प्रतीक्षा में दर्शाया जा रहा है।               


सरकारः किराये पर सस्ते फ्लैट देने की तैयारी

किराये पर सस्ते फ्लैट देने की तैयारी, देखिये क्या है स्कीम 


नई दिल्ली। केन्द्र सरकार आम लोगों को जल्‍द ही बड़ी राहत देने वाली है। दरअसल सरकार अब किराये पर घर लेकर रहने के लिए चुकाने वाले मोटी रकम से निजात देने वाली है। पीएम आवास योजना के तहत शहर की जानी मानी कॉलनियों में आपको मकान मात्र 2500 रुपये से लेकर 3000 रुपये में किराए पर मिलेंगे। हालांकि शहर में यह सस्‍ते घर का फायदा एक खास वर्ग के लिए ही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर के मजदूरों को किराये पर मकान मिलेंगे। एनआइटी डबुआ कॉलोनी तथा बापू नगर, बल्लभगढ़ में 2296 मकान खाली पड़े हैं। इन मकानों को किराये पर देने की योजना तैयार कर ली गई है। नगर निगम की ओर से डबुआ कॉलोनी में 2500 रुपये और बापू नगर में 3000 रुपये मासिक किराये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। निगमायुक्त डा. यश गर्ग की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेजा जाएगा। वहीं इस मामले में निगमायुक्त डा. यश गर्ग का कहना है। कि शनिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना की टीम शहर में आएगी। हम इस टीम के साथ डबुआ कॉलोनी का दौरा करेंगे। हम प्रयास कर रहे हैं। कि मजदूरों को किराये पर मकान उपलब्ध करा दिए जाएं। मकानों में सीवर, पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे। बता दें कि कई वर्ष पूर्व केंद्र की योजना के तहत बापू नगर में बनाए गए 1280 मकानों में से 149 मकान जरूरतमंद को जारी कर दिए गए थे। ऐसे ही डबुआ कॉलोनी के 1968 में से 203 मकान जारी किए गए थे। बाकी मकान इन दिनों जर्जर हालत में हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना की टीम ने शहर का दौरा किया था। नगर निगम के साथ जब यह टीम डबुआ कॉलोनी में गई थी। तो उस समय चर्चा हुई थी। कि जब तक स्थायी रूप से जरूरतमंद लोगों को मकान जारी नहीं किए जाते तब तक यह मकान मजदूरों को किराये पर दे दिए जाएं।             


कोरोना मौतों से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या

इस देश में कोरोना मौतों से ज्यादा लोगों ने किया सुसाइड, आंकड़ा कर देगा हैरान


टोक्यो। कोरोना के कुल मामले अब तक एक लाख 42 हजार हैं। जापान में बड़ी संख्या में सुसाइड से लोगों की मौतें हो गई हैं। सिर्फ अक्टूबर 2020 में जापान में सुसाइड से 2153 लोगों की जान चली गई। वहीं कोरोना से जापान में कुल मौतों की संख्या अब तक 2087 है। यानी पूरे साल में कोरोना से जितनी मौतें हुई हैं। उससे अधिक सिर्फ एक महीने में सुसाइड से हो गई। जापान की सरकार ने खुद सुसाइड का डेटा जारी किया है। जापान की आबादी करीब 12 करोड़ है। यहां कोरोना के कुल मामले अब तक एक लाख 42 हजार हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से जापान में सिर्फ 2087 लोगों की मौतें हुई हैं। लेकिन महामारी की वजह से काफी लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है। कोरोना की वजह से लोग तनाव में हैं।और काफी लोगों की सैलरी भी कम कर दी गई है।
एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है। कि कोरोना महामारी की वजह से मानसिक स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है। बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हो सकते हैं। सोशल आइसोलेशन के शिकार हो सकते हैं और एन्जाइटी से जूझने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ सकती है। जापान दुनिया के चुनिंदा उन देशों में है।जहां समय से सुसाइड के डेटा जारी किए जाते हैं। अमेरिकी सरकार ने 2018 के बाद के सुसाइड डेटा जारी नहीं किए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है। कि जापान के सुसाइड के आंकड़ों से अन्य देशों के हालात से जुड़े संकेत भी मिल सकते हैं। 
टोक्यो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और सुसाइड मामलों के एक्सपर्ट मिशिको उएडा ने कहा कि जापान में लॉकडाउन भी नहीं था। यहां कोरोना का प्रभाव अन्य देशों के मुकाबले कम था।फिर भी सुसाइड के आंकड़ों में इजाफा हुआ है। इससे यह पता चलता है। कि अन्य देशों में सुसाइड का आंकड़ा शायद इससे भी अधिक होगा हालांकि, जापान में पहले से सुसाइड की दर अधिक रही है। 2016 में सुसाइड से होने वाली मौतों की दर प्रति एक लाख लोगों पर 18.5 थी। साउथ कोरिया के बाद यह दर दुनिया में सबसे अधिक थी। वहीं, वैश्विक स्तर पर सुसाइड की दर प्रति एक लाख लोगों पर 10.6 थी। 2019 में जापान में कुल 20 हजार लोगों की मौत सुसाइड से हो गई थी। वहीं, पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले इस साल अक्टूबर में महिलाओं में सुसाइड की दर 83 फीसदी बढ़ गई, जबकि पुरुषों में सुसाइड के मामले 22 फीसदी बढ़ गए। इससे यह भी समझा जा रहा है। कि महामारी की मार महिलाओं पर अधिक पड़ी।                             


2 माह में 7,425 रूपये सस्ता हुआ सोना

अगस्त से 7425 रुपये सस्ता हो चुका है सोना, क्या फिर बढ़ेगी चमक
    अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। शुक्रवार को बुलियन मार्केट में 24 कैरेट सोना 48829 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ। 7 अगस्त को सोना 56254 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंच गया था। तबसे सोने की कीमतों में 7425 रुपये की गिरावट आ चुकी है। इसी तरह चांदी ने भी 7 अगस्त को अपना ऑल टाइम हाई स्तर छू लिया था। तब चांदी 76008 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई थी। लेकिन 27 नवंबर को इसका भाव 60069 रुपये रह गया। इस दौरान चांदी की कीमत में 15939 रुपये की गिरावट आई। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है। कि ग्लोबल इकॉनमी में सुधार और अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव कम होने से निवेशक सोने को छोड़कर शेयरों का रुख कर रहे हैं। यही वजह है। कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। रॉयटर्स के मुताबिक डॉलर के कमजोर होने कोविज-19 वैक्सीन को लेकर उम्मीद जगने और इकॉनमी में रिकवरी के कारण निवेशकों का रुख इच्टिीज की तरफ हुआ है। इससे सोने की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। स्टोनएक्स ग्रुप इंक के आर ओ कॉनेल ने कहा कि वैक्सीन कोई इलाज नहीं है। और संक्रमण के मामलों में तेजी चिंता का विषय है। यह इकॉनमी के लिए भी अच्छी खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि निगेटिव इंट्रेस्ट रेट जारी रहेंगे। एंजल ब्रोकिंग में कमोडिटी और करेंसी के डिप्टी वाइस प्रेजिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के बारे में सकारात्मक खबरों से दुनियाभर में सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। इसके बावजूद अगले एक साल में सोना 57000 से 60000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि सोने में निवेश लॉन्ग टर्म में फायदे का सौदा है। हालांकि उन्होंने साथ ही कहा कि सोने में निवेश से पहले हर पहलू पर गौर करना चाहिए।                           


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...