रविवार, 29 नवंबर 2020

किसान आंदोलन सरकार की चूल हिलाएगा

राणा ओबराय


किसान-किसान में कितना होता है फर्क, किसान का संघर्ष है अलग अलग, किसान रूपी आंदोलन भाजपा सरकार की चूले हिलाने का करेगा काम


चंडीगढ। हरियाणा सरकार की लिए सिरदर्द बने किसानों के ऊपर मुकदमे बनाये जा रहे है। हरियाणा सरकार दलील दे रही है कि यह हरियाणा के किसान नही, बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के भेजे हुए लोग हैं। बहरहाल लोग कही के हो या किसने भी भेजे हो पर मामला तो किसानों से जुड़ा हैं। भारत औऱ हरियाणा का बड़ा नारा है, जय जवान जय किसान राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हरियाणा के असली किसानों की सहानुभूति भी इन संघर्ष कर रहे किसानों को मिल सकती है। इसलिए केंद्र और हरियाणा सरकार को टकराव का रास्ता छोड़कर तुरंत इस मामले को खत्म करना चाहिए नही तो यह खट्टर सरकार के लिए बहुत बड़ी परेशानी बन सकती है। किसानों और अन्य राजनीतिक दलों का कहना है कि जब भाजपा सत्ता में आने का संघर्ष कर रही थी तब उनके साथ हरियाणा का किसान नही था। सिर्फ भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही किसानों को बेवकूफ बना कर कपड़े उतार प्रदर्शन करते थे। जनता को झूठे वादे दिखा कर भाजपा ने हरियाणा में सत्ता पर कब्जा किया है। अब यही किसान रूपी आंदोलन भाजपा सरकार की चूले हिलाने का काम करेगा।                                         


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