गुरुवार, 19 नवंबर 2020

स्टार स्ट्राइकर सालाह व अल-नानी फिर संक्रमित

दूसरी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव: इजिप्ट के स्टार स्ट्राइकर मोहम्मद सालाह और अल-नानी फिर संक्रमित, चैम्पियंस लीग मैच नहीं खेलेंगे


इजिप्ट और इंग्लिश क्लब लिवरपूल के स्टार स्ट्राइकर मोहम्मद सालाह और आर्सेनल के मिडफिल्डर मोहम्मद अल-नानी की कोरोना दूसरी कोरोना जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इजिप्शियन फुटबॉल एसोसिएशन ने बुधवार को इसकी पुष्टि की
अफ्रीका कप में पॉजिटिव पाए गए सालाह
सालाह 14 नवंबर को पहली बार कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उस वक्त वे अफ्रीका कप में अपने देश की ओर से खेल रहे थे। वहीं अल-नानी में इसके 3 दिन बाद कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
चैम्पियंस लीग मैच नहीं खेलेंगे सालाह
कोरोना की वजह से सालाह लीसेस्टर सिटी के खिलाफ रविवार को होने वाला मैच नहीं खेल पाएंगे। वे फिलहाल प्रीमियर लीग में 8 गोल्स के साथ लीग के जॉइंट टॉप स्कोरर हैं। वहीं एटलांटा के खिलाफ 25 नवंबर को होने वाले चैम्पियंस लीग मैच में भी उनके खेलने की संभावना बेहद कम है।
यूरोपा लीग मैच नहीं खेलेंगे अल-नानी
आर्सेनल के अल-नानी रविवार को लीड्स यूनाइटेड के खिलाफ मैच मिस कर सकते हैं। वहीं, 26 नवंबर को मोल्ड के खिलाफ होने वाले यूरोपा लीग मैच में भी वे नहीं खेलेंगे।
सुआरेज कोरोना पॉजिटिव पाए गए
इससे पहले सोमवार को इंग्लिश प्रीमियर लीग ( आईपीएल) में फुटबॉलर और स्टाफ समेत 16 लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जून से फुटबॉल की वापसी के बाद एक हफ्ते में इतने ज्यादा संक्रमित पहली बार मिले थे। हालांकि मैनेजमेंट ने संक्रमितों के नाम नहीं बताए थे।
ब्राजील के खिलाफ वर्ल्ड कप क्वालिफायर नहीं खेलेंगे सुआरेज
उरुग्वे के स्ट्राइकर लुइस सुआरेज भी संक्रमित पाए गए थे। इस वजह से वे ब्राजील के खिलाफ वर्ल्ड कप क्वालिफायर मैच नहीं खेल पाएंगे। सुआरेज से पहले उरुग्वे के गोलकीपर रोड्रिगो मुनोज और एक टीम ऑफिशियल भी संक्रमित पाए गए थे।                                         


गो सरंक्षण अध्यादेश का अखाड़ा ने स्वागत किया

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। गो-संरक्षण अध्यादेश का अखाड़ा परिषद ने किया स्वागत, नरेंद्र गिरी ने कहा- यूपी की तर्ज पर सभी राज्यों में लाया जाए गो अध्यादेश। साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने गो-वध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है। कि गो वंश संरक्षण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह साहसिक फैसला लिया है। उनके द्वारा लाये गये इस अध्यादेश का देश के संत-महात्मा भी स्वागत और समर्थन कर रहे हैं। इस अध्यादेश के लागू होने पर गोवध करने से लोग डरेंगे।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि इस अध्यादेश के लागू होने से यूपी में गो माता पूरी तरह से सुरक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में यूपी की तर्ज पर गो संरक्षण के लिए अध्यादेश लाया जाए जिससे गो माता की पूरे देश में रक्षा हो सके। महंत नरेंद्र गिरि ने सभी अखाड़ों के संत-महात्माओं की ओर से इस फैसले के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में यूपी गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई है। इसके तहत गोकशी या तस्करी पर 10 साल तक की जेल हो सकेगी। साथ ही 5 लाख रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। अध्यादेश के मुताबिक दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा दोगुनी होगी। यह अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा।                                  


एमपी में देश की पहली गौ केबिनेट का निर्माण

देश की पहली गौ-कैबिनेट:मध्यप्रदेश में गौधन संरक्षण के लिए 6 विभागों की गौ-कैबिनेट बनी, 22 नवंबर को पहली बैठक


भोपाल। देश की पहली गौ-कैबिनेट मध्यप्रदेश सरकार ने बनाने का फैसला किया है। यह गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्वीट कर जानकारी दी। शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि प्रदेश में गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-कैबिनेट बनाने का फैसला लिया है।
पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ-कैबिनेट में शामिल होंगे। इसकी पहली बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवंबर को दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण सालरिया आगर-मालवा में रखी गई है। राज्य शासन ने गौ कैबिनेट गठन का आदेश जारी कर दिया है। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान होंगे। जबकि मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, कमल पटेल, महेंद्रसिंह सिसौदिया और प्रेमसिंह पटेल को इसका सदस्य बनाया गया है। पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कैबिनेट में भारसाधक सचिव होंगे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द‌वारा गौ कैबिनेट की घोषणा पर अमल करते हुए राज्य शासन ने इसके गठन का आदेश जारी कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में गौ-मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गौ-कैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने अपनी चुनाव से पहले की घोषणा में गौ-मंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ-अभ्यारण और गौशालाएं बनाने की बात कही थी।
कमलनाथ ने कहा सभी जानते हैं कि अपने पिछले 15 सालों और मौजूदा 8 महीने में शिवराज सरकार ने गौमाता के संरक्षण और संवर्धन के लिए कुछ भी नहीं किया। उल्टा चारे की रकम में कांग्रेस सरकार ने जो 20 रुपये प्रति गाय का प्रावधान किया था। उसे भी कम कर दिया। कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था। कि हमारी सरकार आने पर हम एक हजार गौशालाओं का निर्माण करवाएंगे।
कमलनाथ सरकार ने किया था। 3 हजार गौ-शालाएं बनाने का वादा
गौरक्षा के जरिए कांग्रेस सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा ले रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गौरक्षा करने वालों के लिए ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल शुरू किया था। जिसमें दान देने वालों को आयकर में छूट देने की बात कही थी। गायों के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना नाम दिया गया था। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में 3 हजार गौ शालाएं बनाने का वादा किया था।                            


रिपोर्टः युवक ने मां-पत्नी व बच्चों की हत्या की

अभनपुर हत्याकांड: युवक ने ही मां-पत्नी और बच्चों का गला घोटा था, शार्ट पीएम रिपोर्ट में खुलासा


नवा रायपुर। केंद्री इलाके में 5 लोगों की मौत मामले में पुलिस को बुधवार को शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई हैं। इसके मुताबिक ललिता (60), प्रमिला (30), कीर्ति (10) और नरेंद्र (8) की मौत गला दबाने और दम घुटने से हुई। शार्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने चारों की हत्या के शक में मृतक कमलेश साहू के खिलाफ ही हत्या का केस दर्ज किया गया है। यही नहीं, उसके खिलाफ खुदकुशी का मामला भी बनाया गया है। क्योंकि पुलिस को शक है कि मां, पत्नी और बेटी-बेटे की हत्या के बाद ही उसने फांसी लगाकर जान दी थी। पुलिस मंगलवार को इस केस की जांच के सिलसिले में सादी वर्दी में केंद्री पहुंची और कई लोगों से बातचीत की गई। कमलेश के पड़ोसियों और उसके साथ काम करनेवालों से भी पूछताछ की गई है। लेकिन अब तक पुलिस को हत्या और खुदकुशी का पुख्ता कारण नहीं मिला है। किसी को कमलेश या उसकी पत्नी की बीमारी की जानकारी नहीं है। आर्थिक स्थिति को लेकर जरूर चर्चा हो रही है। लेकिन उसे हत्या की वजह नहीं माना जा रहा है। पुलिस को यह भी पता चला है। कि एक-दो बार फोन को लेकर कमलेश और उसकी पत्नी प्रमिला का विवाद हुआ था। चर्चा यह भी है। कि वह पत्नी का काम छुड़ाना चाहता था। इस मामले की जांच कर रहे एसआई गुलाब सिंह ने बताया कि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। कि घर के चार सदस्यों की हत्या हुई है। मकान भीतर से बंद था। इसलिए कमलेश पर हत्या का शक है। केंद्री वाले या उसके ठेकेदार ने किसी तरह कर्ज की जानकारी नहीं दी हैं। उसके भाइयों ने भी पुलिस को कुछ नहीं बताया हैं। पुलिस कमलेश और प्रमिला के मोबाइल की जांच कर रही हैं। ताकि यह पता लगाया जा सके कि दोनों की अंतिम समय में फोन पर किनसे-क्या बातचीत हुई। पुलिस गुरुवार को फिर उसके मकान की तलाशी लेगी। पुलिस अभी भी कोई चिट्ठी या सुसाइड नोट मिलने की बात को खारिज कर रही है। जबकि केंद्री में हल्ला है। कि चिट्ठी मिली है। जिसमें आर्थिक तंगी और बीमारी का जिक्र है।
जुड़े हुए लोगों के होंगे बयान
पुलिस कमलेश और प्रमिला से जुड़े लोगों से गुरुवार से पूछताछ शुरू करेगी। इनमें कमलेश के करीबी रिश्तेदार साथी ठेकेदार और कर्मचारी शामिल हैं। इसी तरह प्रमिला के मायके वाले, पड़ोसी और जहां वह काम पर जाती थी। वहां के लोगों के भी बयान लिए जाएंगे। कमलेश और उसकी पत्नी कहां इलाज चल रहा था। दवाइयां कहां से आती थी। वह राशन कहां लेता था। इसका भी पता लगाया जा रहा है।
मकान में नहीं मिला जहर
पुलिस को अब तक की जांच में कमलेश के मकान में किसी का कीटनाशक या जहरीला पदार्थ नहीं मिला है। पुलिस ने कमलेश के घर जब्त भोजन और सब्जी जांच के लिए लैब भेजा है। अब विसरा भी भेजा जाएगा। दोनों की रिपोर्ट आने से स्पष्ट हो जाएगा कि कमलेश ने अपने परिजनों की हत्या के पहले उन्हें भोजन में कुछ दिया तो नहीं था। जिसके कारण सभी गहरी नींद में चले गए। इस वजह से वे कमलेश का विरोध भी नहीं कर पाए।                                


उलझनः व्हाइट हाउस में रहना चाहते हैं ट्रंप

उलझन में यूएस प्रेसिडेंट व्हाइट हाउस में ही रहना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रम्प, यहां वे बंकर की तरह सुरक्षित महसूस करते हैं


वाशिंगटन डीसी। चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प दो बार मीडिया के सामने आए। अपनी बात कही और लौट गए। मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। व्हाइट हाउस से करीब 40 किलोमीटर दूर वर्जीनिया में गोल्फ खेल रहे हैं। कुछ अफसरों को बर्खास्त कर रहे हैं। और कुछ अहम फैसले ले रहे हैं। इनमें से एक अफगानिस्तान और इराक से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का है। सूत्रों के हवाले से बताया- ट्रम्प और पत्नी मेलानिया को छुट्टियों के लिए साउथ फ्लोरिडा में अपने रिसॉर्ट में जाना था। लेकिन, अब उन्होंने वॉशिंगटन में ही रहने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने सीएनएन से कहा- यह बंकर में रहने की मानसिकता है।
फेंसिंग भी हट गईं
इलेक्शन डे पर व्हाइट हाउस के बाहर मेटल फेंसिंग की गई थी। अब यह हट चुकी है। वहां बाइडेन की इनॉगरेशन परेड के लिए स्टैंड्स बनने लगे हैं। चार साल पहले ये ट्रम्प के लिए भी बने थे। लेकिन, ट्रम्प हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। वे लोकतंत्र की जंग कानूनी तरीके से जीतना चाहते हैं। 2016 में उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से ही चुनाव जीता था। अब वे शायद ये भूल रहे हैं। अपने चार साल के टेन्योर में शायद ही कोई ऐसा मौका आया होगा जब ट्रम्प ने टीवी कैमरों से इस तरह दूरी बनाई होगी। लेकिन 3 नवंबर के बाद से वे यही कर रहे हैं।
पेंस से दो बार लंच पर मिले
तीन नवंबर के बाद कई बार उनके पब्लिक प्रोग्राम लिस्ट किए गए लेकिन हर बार इन्हें रद्द कर दिया गया। पिछले हफ्ते गुरुवार को उन्होंने विदेश और वित्त विभाग के अफसरों से मीटिंग की। वाइस प्रेसिडेंट माइक पेंस से दो बार मिले। लेकिन, करीब एक महीने से वे इंटेलिजेंस ब्रीफिंग नहीं ले रहे हैं। हालांकि, ये भी सही है। कि यह ब्रीफिंग प्रेसिडेंट इलेक्ट बाइडेन तक भी नहीं पहुंच रही।
विदेशी नेताओं से बातचीत बंद
कई विदेशी नेता बाइडेन को जीत की बधाई दे चुके हैं। वहीं ट्रम्प ने इन राष्ट्राध्यक्षों से संपर्क बंद कर दिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से उन्होंने 30 अक्टूबर को बातचीत की थी। इसके बाद किसी विदेशी नेता से संपर्क नहीं किया। अपने दो करीबी दोस्तों बेंजामिन नेतन्याहू और नरेंद्र मोदी से भी नहीं। फॉक्स न्यूज में रिपोर्टर और ट्रम्प के मित्र गेराल्डो ने पिछले दिनों ट्वीट में कहा- वो वक्त करीब आ रहा है। जब आप सम्मान से विदा लेंगे। हालांकि, ट्रम्प तो जीत का दावा कर रहे हैं।
फैसले लेने में पीछे नहीं
ट्रम्प भले ही सामने नहीं आ रहे हों, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। कि वे फैसले नहीं ले रहे हों। डिफेंस मिनिस्टर मार्क एस्पर को उन्होंने हटाया, होमलैंड सिक्योरिटी चीफ को भी चलता किया। अफगानिस्तान और इराक से सैनिक कम करने का आदेश दिया। खबर आई कि वे ईरान को उसकी वादाखिलाफियों की सजा भी देना चाहते थे। इमीग्रेशन पर जल्द ही नया और सख्त फैसला ले सकते हैं। कुछ लोग मान रहे हैं। कि अगले कुछ दिन शांति से नहीं गुजरेंगे।
बाइडेन भी बिजी
ट्रम्प खामोशी से और पर्दे के पीछे से फैसले कर रहे हैं। वहीं, प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन रोज मीडिया से बात कर रहे हैं। और एडमिनिस्ट्रेशन पर फोकस कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सुबह ट्रम्प टीवी देखते हैं। इसके बाद ओवल ऑफिस पहुंचते हैं। और देर शाम तक वहीं रहते हैं। राष्ट्रपति ने अब तक कोरोना से मारे गए अमेरिकी लोगों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।                              


गोपनीयता भंग, सैन्य कर्मी को जमानत नहीं दी

सैन्य जवान को जमानत देने से अदालत का इनकार, कहा- पाकिस्तानी एजेंट को सेना की गोपनीय सूचना देना गंभीर


भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया के माध्यमों पर पाकिस्तानी एजेंट को सेना की गोपनीय सूचना देने का मामला अतिसंवेदनशील और गंभीर है। ऐसी स्थिति में आरोपी अविनाश कुमार को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने कहा कि पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से जो डाटा एकत्र किया है। उससे स्पष्ट है। कि फर्जी नाम से रह रही पाकिस्तानी एजेंट प्रिशा अग्रवाल को गोपनीय सूचना दी गई है। और उसके बदले आवेदक ने पैसे लिए।
ऐसी स्थिति में प्रारंभिक तौर पर आरोप बहुत ही गंभीर प्रतीत होते है। इसलिए आवेदक को जमानत नहीं दी जा सकती। अभियोजन के अनुसार बिहार रेजिमेंट महू (इंदौर) में नायक के पद पर पदस्थ अविनाश पर आरोप है। कि उसने वॉटस्एप, इंस्टाग्राम वीडियो चैट और ऑडियो चैट के माध्यम से सेना की गोपनीय सूचना पाकिस्तानी एजेंट को दी है। अविनाश पर आरोप है। कि उसने ये सूचना लीक करने के लिए एजेंट से पैसे भी लिए हैं।
आवेदक- पैसे पाकिस्तान से नहीं दिल्ली से ट्रांसफर हुए
एसटीएफ ने 16 मई 2019 को आरोपी को गिरफ्तार किया था। भोपाल की कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद अविनाश ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की। आवेदक की ओर से कहा गया कि अभियोजन के पास ऐसे कोई सबूत या गवाह नहीं हैं। जिससे यह साबित हो सके कि उसने गोपनीय सूचना लीक की है। यह भी कहा गया कि जो पैसे उसके अकाउंट में आया है। वो दिल्ली से ट्रांसफर हुआ है न कि पाकिस्तान से।
इस मामले में चालान पेश हो चुका है। और ट्रायल पूरी होने में बहुत समय लगेगा इसलिए उसे जमानत दी जाए। इस मामले में भोपाल एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 123, 120बी, 420, 467 468 एवं 471 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारा 3, 4, 5 एवं 9 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया।                                       


'धनुष' के सटीक निशाने की कायल हुई सेना

फौज की ताकत, एमपी की तोप:जबलपुर में बनी स्वदेशी तोप धनुष के सटीक निशाने की कायल हुई फौज; टेस्टिंग में गूंजी बालासोर फायरिंग रेंज


जबलपुर। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में स्वदेशी तकनीक से तैयार की गई धनुष् तोप सेना की ताकत बनती जा रही है। जीसीएफ में तैयार छह धनुष तोप का ओडिशा राज्य के बालासोर में परीक्षण चल रहा है। ये परीक्षण सैन्य अफसरों के सामने किया जा रहा है। परीक्षण में धनुष तोप (155 एमएम/45 कैलिबर गन) की एक से बढ़कर एक खूबियों को देख कर सैन्य अफसर भी उत्साहित नजर आए। जीसीएफ बोर्ड को कुल 114 धनुष तोप बनाने का आदेश मिला है। इस वर्ष कुल 18 धनुष तोप बनाने थे। अप्रैल और जुलाई में छह-छह धनुष तोप जीसीएफ सेना को सौंप चुका है। अब छह धनुष तोप दिसंबर तक सौंपने का लक्ष्य है।
कोरोना संक्रमण के चलते हुई कुछ देरी
वर्तमान में यह स्वदेशी तोप ओडिशा राज्य के बालासोर परीक्षण रेंज में गूंज रही है। परीक्षण के बाद यह तोप वापस आने पर सैन्य अफसरों के सामने खोलकर फिर से कसा जाएगा। कोरोना संक्रमण के बावजूद जीसीएफ और सैन्य प्रशासन का संवाद जारी रहा। जैसे ही महामारी का असर कुछ कम हुआ धनुष तोप का सैन्य परीक्षण आरंभ हो गया।
परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन
जीसीएफ में बनीं धनुष तोप ने बालासोर फायरिंग रेंज में टेस्टिंग के दौरान सैन्य अफसरों के सामने बेहतर प्रदर्शन किया। इससे पहले इस धनुष तोप का पोखरण, बालासोर सहित अन्य फायरिंग रेंज में अलग-अलग तापमान और परिस्थितियों में परीक्षण किया जा चुका है। स्वदेशी तोप सभी परीक्षण में सफल रही है।
बोफोर्स का स्वदेशी स्वरूप है। धनुष
जीसीएफ ने बोफोर्स तोप को स्वदेशी तकनीक से उन्नत बनाया है। जिसे नाम मिला है। धनुष तोप। करगिल की लड़ाई में इस तोप की खूबियां सेना को काफी पसंद आई थी। दुर्गम और कठिन हालात में इस तोप ने भारतीय सेना को निर्णायक बढ़त दिलाने में विशेष योगदान दिया था। भारत इलेक्ट्राॅनिक्स लिमिटेड (बीईएल) आयुध निर्माणी कानपुर और अन्य निर्माणियों के सहयोग से जीसीएफ धनुष तोप बना रही है। 114 धनुष तोप की जरूरत सेना ने बताई है। 2020 में 18 धनुष तोप सेना को सौंपना है। अब तक 12 सौंपी जा चुकी है। अब आखिरी छह धनुष तोप को दिसंबर तक सौंपा जाएगा।
धनुष तोप की ये खूबियां बनाती हैं। घातक
स्वदेशी धनुष तोप फुल्ली ऑटोमेटिक सिस्टम पर काम करती है। एक धनुष तोप की लागत 17 करोड़ के लगभग है। जो दूसरे के मुकाबले कम है। वजन में भी यह हल्की है। इंजनयुक्त होने से पहाड़ी सहित ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर लाना-ले जाना आसान है। इसकी 38 किमी तक सटीक लक्ष्य साधने की मारक क्षमता है। धनुष तोप के संचालन पर मौसम का कोई भी असर नहीं होता। यह सभी तरह के मौसम में उपयोगी है।                                 


'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...