शनिवार, 7 नवंबर 2020

हिमाचलः घर-घर जाकर होगा कोरोना टेस्ट









हिमाचल में अब घर-घर जाकर किया जाएगा लोगों का कोरोना

















श्रीराम मौर्य

कांगड़ा। प्रदेश में कोरोना का कहर अभी जारी है। ऐसे में कोरोना के मरीजों की पहचान करने के लिए सरकार ने नया कदम उठाया है। हिमाचल में अब घर-घर जाकर लोगों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। 18 नवंबर से स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा पीएचसी व सीएचसी में तैनात डॉक्टर भी घर-घर जाकर टेस्ट करेगी। यह अभियान करीब एक महीने तक चलेगा। कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों की पहचान करने के बाद इनके सैंपल लिए जाएंगे। अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे अस्पताल लाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इसका खाका तैयार कर लिया है। इसी सप्ताह सभी डीसी और जिला चिकित्सा अधिकारियों को शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।








गाैर हो कि प्रदेश के तीन जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री का गृह जिला मंडी, शिमला और कुल्लू शामिल हैं। इन तीनों जिलों में एक सप्ताह से काफी मामले बढ़े हैं। जिला शिमला में 683, मंडी 615 और कुल्लू जिले में 556 एक्टिव मामले हैं। हिमाचल में कोरोना से 359 लोगों की मौत हो चुकी है। जिला शिमला में सबसे ज्यादा 82 और कांगड़ा में 74 मौतें हुई हैं। सरकार ने भी स्वास्थ्य विभाग को मामलों पर अंकुश लगाने के साथ सैंपल की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने बताया कि सरकारी दफ्तर में अधिकारियों और कर्मचारियों की रैंडम सैंपलिंग के लिए कहा है।            













राइट टू रिकॉल लोकतंत्र पर हमलाः शैलजा

राणा ओबराय
कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने राइट टू रिकॉल बिल को लोकतंत्र पर बताया प्रहार
चंडीगढ। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा में सरकार द्वारा लाए गए राइट टू रिकॉल बिल को लोकतंत्र पर प्रहार बताया है। उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरह से जनविरोधी है। इसके साथ ही कुमारी सैलजा ने प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाने और मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में सरकार द्वारा पंचायती राज में लाया गया राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार है। इसके साथ ही अब जनता द्वारा सीधे चुने गए मेयर के विरुद्ध भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब राइट टू रिकॉल का प्रावधान सांसदों, विधायकों के लिए नहीं है तो हरियाणा में पंचायती राज और मेयर के खिलाफ यह क्यों लाया जा रहा है? कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे विकास कार्य ठप हो जाएंगे। गांवों में धड़े बंदी को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक ताना बाना टूटेगा। इससे निरंतर अस्थिरता का माहौल बना रहेगा। बार-बार चुनाव होने से पैसों व संसाधनों की भी बर्बादी होगी। यदि बार-बार निर्वाचित उम्मीदवार को खारिज़ करना शुरू कर दिया गया तो बार-बार चुनाव किए जाएंगे। चुनाव एक खर्चीली प्रक्रिया है जहाँ सरकार का पैसा तो खर्च होता ही है साथ ही उम्मीदवारों द्वारा भी खर्च किया जाता है। यदि बार-बार चुनाव हुए तो आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक समस्याएं भी खड़ी होंगी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा आनन फानन में लाए गर यह प्रावधान किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। यह पूरी तरह जनविरोधी हैं। उन्होंने कहा कि बिना विपक्षी दलों से बातचीत किए, बिना फीडबैक लिए आनन-फानन में पास किया गया यह बिल बताता है कि सरकार की नीयत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इसके साथ ही कुमारी सैलजा ने हरियाणा प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी को लेकर हरियाणा सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के कई हिस्सों में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में नकली शराब बनाने वाले गिरोह की सक्रियता किसकी शह पर बनी हुई है? यह हरियाणा प्रदेश में चरमराई हुई कानून व्यवस्था का एक और बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार जिम्मेदार है। इससे पहले लॉकडाउन में हरियाणा प्रदेश में हुए शराब घोटाले पर पर्दा डालने का काम इस सरकार ने किया। जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से तुरंत उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ोतरी को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा कि यह सरकार गरीब वर्ग को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। सरकार मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस फीस को 53 हजार से बढ़ाकर 10 लाख तक कर रही है। यह बढ़ोतरी बिल्कुल भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। यह बढ़ोतरी हरियाणा प्रदेश के युवाओं के हितों पर कुठाराघात है। देश के किसी भी सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस की इतनी फीस नहीं है। आखिर हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार केंद्र सरकार की परिपाटी पर चलते हुए क्यों गरीबों की दुश्मन बनी हुई? इस बढ़ोतरी को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए।                 


महाराष्ट्र सरकार की तानाशाही के विरुद्ध रोष

महाराष्ट्र सरकार की तानाशाही के विरुद्ध जताया रोष


विश्व हिंदू परिषद ओर बजरंग दल ने सौपा ज्ञापन   


हेमंत शाहू     


ब्यावर। विश्व हिंदू परिषद ओर बजरंग दल द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौपा है। ज्ञापन में महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए निहत्थे ओर निर्दोष देश के वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी को किसी पुराने और झूठे मामले में बहाना बनाकर गिरफ्तार किया गया है।गौरतलब है कि जिस मामले में पूर्व में क्लीन चिट भी मिल गई थी, लेकिन अब कायराना और अनैतिक तरीके से गिरफ्तार किया गया है जो अत्यंत निंदनीय है। अत: समस्त राष्ट्र वादियों और संगठनों की मांग है कि उन्हें तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए और केंद्र सरकार इस विषय पर अतिशीघ्र संज्ञान लेवे। क्योंकि ऐसी अवस्था में देश का माहौल बिगडऩे की पूरी संभावना है। आम जन के मन में लोकतंत्र से भरोसा उठ जाएगा और कोई भी भविष्य में कोई भी निष्पक्ष पत्रकारिता नहीं कर पाएंगे।                    


बेटे को लेकर 17वीं मंजिल से कूदी महिला, मौत

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में महिला ने बेटा के साथ 17वें फ्लोर से छलांग लगाई, दोनों की मौत


विजय भाटी


गौतम बुध नगर। शनिवार की सुबह दिन निकलते ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट से दर्दनाक वारदात सामने आई है। यहां एक महिला ने अपने तीन-चार साल के बेटा के साथ सोसायटी की 17वीं मंजिल से छलांग लगा दी। दोनों की मौत हो गई है। हादसे की जानकारी मिलते ही पूरी सोसायटी के लोग एकत्र हो गए। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर जांच कर रही है।


मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज-1 हाउसिंग सोसायटी के टॉवर बी-2 टावर में रहने वाली महिला ने 17वें फ्लोर से अपने मासूम बेटा के साथ छलांग लगा दी। बेटे की उम्र तीन या चार साल बताई जा रही है। महिला ने बेटे के साथ टावर से कूदकर आत्महत्या कर ली है। दोनों की मौत हो गई है। हादसे के बाद सोसायटी के सिक्योरिटी स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। जांच में जुटी हुई है। पुलिस ने महिला और बेटा के शव को कब्जे में ले लिया है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।


पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक महिला और उसके पति के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इस विवाद के चलते पति घर छोड़कर चला गया। दूसरी ओर महिला ने बेटा के साथ फ्लैट से कूदकर आत्महत्या कर ली है। महिला का पति अभी सोसाइटी में नहीं है। उसे तलाश किया जा रहा है। दूसरी ओर परिजनों को सूचना दे दी गई है। जानकारी जुटाई जा रही है। जल्दी ही पूरी जानकारी मिल जाएगी।                



ग्राम पंचायतः 45 दिन, 34 परसेंट राशि बाकी

संदीप मिश्र


लखनऊ। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। प्रधानों के कार्यकाल में सिर्फ 45 दिन शेष हैं।  ऐसे में पंचायतों में अब तक 66 प्रतिशत धनराशि व्यय कर विकास कार्य कराए गए हैं। शेष 34 प्रतिशत बची 18 करोड़ रुपये धनराशि से विकास कार्य कैसे पूर्ण कराए जा सकेंगे। मेरठ के जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार सिन्हा ने बताया कि वर्तमान में जिले की 479 ग्राम पंचायतों में आवंटित की गई धनराशि से स्कूलों में कायाकल्प कार्य, सड़क, सीसी, खड़ंजा, नाली निर्माण, सामुदायिक शौचालय, शौचालय निर्माण, वॉटर हार्वेस्टिंग, हैंडपंप रिबोर, खाद्य के लिए गड्ढे खोदने का कार्य कराया गया है। इन कार्यों को कराने में पंचायतों से लगभग 66 प्रतिशत धनराशि व्यय की है। अभी भी पंचायतों में लगभग 34 से 40 प्रतिशत तक धनराशि शेष है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों का 25 दिसंबर में कार्यकाल समाप्त होने वाला है। इससे पूर्व ही शेष बची आवंटित धनराशि से भी पंचायतों में कार्य कराए जाने हैं।  जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि शासन ने वर्ष 2020 में पंचायतों में विकास, निर्माण कार्य कराए जाने को 53 करोड़ रुपये धनराशि पंचायतों में भेजी गई। उसमें से प्रधानों ने अपनी-अपनी पंचायतों में से 60 से 66 प्रतिशत 34.98 करोड़ रुपये धनराशि व्यय कर ली है। उसके बाद भी ग्राम पंचायतों के खातों में अभी भी लगभग 18.02 करोड़ रुपये अवशेष बचे हैं। इस धनराशि को भी पंचायतों में कार्य कर व्यय किया जाना है।


 


कोविड काल में हुई खरीद की जांच से ग्राम पंचायतों में बढ़ी हलचल-
शासन द्वारा एसआईटी गठित कर कराई गई जांच में कई जनपदों में कोविड कॉल में की गई खरीद में गड़बड़ी पाए जाने के पश्चात शासन द्वारा अवशेष भुगतान रोके जाने के आदेश निर्गत किए जाने से ग्राम पंचायतों में हलचल तेज हो गई है। डीपीआरओ पर निर्देश जारी करने के पश्चात पंचायत सचिवों में जांच के परिणाम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कोविड काल में ग्राम पंचायतों द्वारा की गई इंफ्रारेड थर्मामीटर एवं पल्स ऑक्सीमीटर की खरीद में गड़बड़ी की शिकायतों के चलते शासन द्वारा एसआईटी गठित कर जांच कराई गई थी। जांच के दौरान कई जनपदों में गड़बड़ी सामने आने के पश्चात शासन ने सभी जनपदों में खरीद से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने तथा अवशेष भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर डीपीआरओ द्वारा पंचायत सचिवों को पत्र जारी किया गया है। शासन जारी निर्देशों से पंचायत सचिवों में हलचल शुरू हो गई है। जनपद में भी कोविड काल में खरीदे गए दोनों उपकरण के मूल्य में तमाम ग्राम पंचायतों में काफी अंतर होने की बात सामने आई है। इससे अधिक मूल्य पर उक्त उपकरण खरीदने वाले पंचायत सचिवों की टेंशन बढ़ गई है। डीपीआरओ नीरज कुमार सिन्हा ने बताया कि शासन द्वारा मांगी गई सूचना तैयार कर भेजी जा रही है।             


जन-समस्याओं को कैसे समझेंगे अधिकारी

पता नहीं किस तरह की भाषा में जन समस्या को समझाया जाए
बिजनौर। यह फोटो आज 2 बजे लिया गया है जो चांदपुर नगर पालिका परिषद के बजरिया बाजार का है ।श्री गांधी आश्रम के सामने पुलिया पर पड़ा जाल पिछले दो हफ्ते से टूटा पड़ा है । 3 नवंबर को सोशल मीडिया में  फोटो डालकर  समस्या के समाधान  का अनुरोध किया गया था  जिस पर आज तक ध्यान नहीं दिया गया  परंतु  आज  यही जाल  दूसरी साइड के   कोने  से 1 फुट ऊंचा उठ गया है । जो खतरे से खाली नहीं है। निरंतर त्योहार होने के कारण बाजार में जबरदस्त भीड़ हैं।
सभासद पता नहीं इस और क्यों नहीं ध्यान दे रहे हैं कि यह सार्वजनिक समस्या है और इसमें खर्च भी ज्यादा नहीं है। ईमानदारी से ₹1000 से ज्यादा खर्च नहीं आएगा । जनता को परेशानी उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है । 
अब तो यह कहना ही उचित होगा कि सार्वजनिक समस्या को जब अनुरोध के माध्यम से नहीं समझाया जा सकता तो फिर दूसरा रास्ता ही अपनाने को मजबूर किया जा रहा है। क्या सत्ता के नेता गणों को यह क्षति ग्रस्त  जाल दिखाई नहीं दे रहा है। अधिकारियों के इस अनसुने कृत्य से सरकार की बदनामी नहीं हो रही है क्या?
 जनता के धन से लाखों रुपए  सभासदों को  कमीशन के रूप में बांटने वाली  नगर पालिका विशेष परिस्थिति में ₹1000 खर्च करने के लिए भी तैयार नहीं है । यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है । जिम्मेदार अधिकारी  जवाब दें । फिर तो नगर में नगर पालिका के नाम पर चंदा मांग कर इस कार्य को पूर्ण कराया जाएगा।


अजय कुमार कौशिक 


पत्थर मारकर की गई महिला की हत्या

रायपुर। राजधानी रायपुर में शुक्रवर देर रात सरस्वती नगर थाना क्षेत्र के मोतीनगर इलाके में महिला की पत्थर मारकर हत्या कर देने का मामला सामने आया है। सरस्वती नगर थाना प्रभारी रमेश मरकाम ने बताया कि मृतका की शिनाख्त काली बाई नायक पति तीरथ उम्र 42 वर्ष निवासी मोतीनगर के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने महिला के सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी है। सरस्वती नगर थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस टीमें मामले की जांच में जुटी है।             


बारिश के दौरान फटे बादल, नदी में पानी का सैलाब

बारिश के दौरान फटे बादल, नदी में पानी का सैलाब  पंकज कपूर  अल्मोड़ा। भारी बारिश के दौरान फटे बादल की वजह से सूखी पड़ी नदी में पानी का सैलाब ...