शनिवार, 7 नवंबर 2020

जन-समस्याओं को कैसे समझेंगे अधिकारी

पता नहीं किस तरह की भाषा में जन समस्या को समझाया जाए
बिजनौर। यह फोटो आज 2 बजे लिया गया है जो चांदपुर नगर पालिका परिषद के बजरिया बाजार का है ।श्री गांधी आश्रम के सामने पुलिया पर पड़ा जाल पिछले दो हफ्ते से टूटा पड़ा है । 3 नवंबर को सोशल मीडिया में  फोटो डालकर  समस्या के समाधान  का अनुरोध किया गया था  जिस पर आज तक ध्यान नहीं दिया गया  परंतु  आज  यही जाल  दूसरी साइड के   कोने  से 1 फुट ऊंचा उठ गया है । जो खतरे से खाली नहीं है। निरंतर त्योहार होने के कारण बाजार में जबरदस्त भीड़ हैं।
सभासद पता नहीं इस और क्यों नहीं ध्यान दे रहे हैं कि यह सार्वजनिक समस्या है और इसमें खर्च भी ज्यादा नहीं है। ईमानदारी से ₹1000 से ज्यादा खर्च नहीं आएगा । जनता को परेशानी उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है । 
अब तो यह कहना ही उचित होगा कि सार्वजनिक समस्या को जब अनुरोध के माध्यम से नहीं समझाया जा सकता तो फिर दूसरा रास्ता ही अपनाने को मजबूर किया जा रहा है। क्या सत्ता के नेता गणों को यह क्षति ग्रस्त  जाल दिखाई नहीं दे रहा है। अधिकारियों के इस अनसुने कृत्य से सरकार की बदनामी नहीं हो रही है क्या?
 जनता के धन से लाखों रुपए  सभासदों को  कमीशन के रूप में बांटने वाली  नगर पालिका विशेष परिस्थिति में ₹1000 खर्च करने के लिए भी तैयार नहीं है । यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है । जिम्मेदार अधिकारी  जवाब दें । फिर तो नगर में नगर पालिका के नाम पर चंदा मांग कर इस कार्य को पूर्ण कराया जाएगा।


अजय कुमार कौशिक 


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