शनिवार, 8 अगस्त 2020

ट्रंप को दोबारा राष्ट्रपति देखना चाहती है जनता

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग/ मास्को। अमेरिका के एक खुफिया अधिकारी ने कहा कि देश में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले रूस डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और क्रेमलिन से जुड़े लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दोबारा चुनाव जीतते देखना चाहते हैं। अमेरिकी अधिकारी ने यह भी कहा कि चीन ट्रम्प को दोबारा राष्ट्रपति बनते देखना नहीं चाहता और वह अमेरिका में लोक नीति को आकार देने और चीन के हितों की विरोधी राजनीतिक हस्तियों पर दबाव बनाने के अपने प्रयास तेज कर रहा है।


रूस से मदद लेने का दावा खारिज
देश के खुफिया कार्यक्रम की रक्षा करने वाले ‘नैशनल काउंटरइंटेलिजेंस ऐंड सिक्यॉरिटी सेंटर’ (एनसीएससी) के प्रमुख विलियम इवानिना ने शुक्रवार को रूस के संबंध में यह बयान दिया। ऐसा माना जा रहा है कि ट्रम्प को दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के रूस के प्रयासों संबंधी अमेरिकी खुफिया समुदाय की यह सबसे स्पष्ट घोषणा है। ट्रम्प के लिए यह एक संवेदनशील विषय है और उन्होंने खुफिया एजेंसी के इस आकलन को खारिज किया है कि रूस ने 2016 के चुनाव में उनकी मदद की कोशिश की थी।


अलग हैं बाइडेन और पुतिन की नीतियां
देश के पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन में यूक्रेन समर्थित और रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अमेरिका की नीतियों में उपराष्ट्रपति के रूप में बाइडेन की भूमिका के कारण रूस उनके विरुद्ध है। खुफिया अधिकारी के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर ट्रम्प ने शुक्रवार शाम कहा, 'मुझे लगता है कि रूस राष्ट्रपति पद पर जिस आखिरी व्यक्ति को देखना चाहेगा, वह डोनाल्ड ट्रम्प होगा क्योंकि रूस के खिलाफ मुझसे ज्यादा किसी ने सख्ती नहीं बरती।' हालांकि वह इस बात पर सहमत होते प्रतीत हुए कि चीन उन्हें दोबारा राष्ट्रपति बनते नहीं देखना चाहता, 'यदि जो बाइडेन राष्ट्रपति होते, तो चीन हमारे देश को चलाता।'


चीन, रूस और ईरान की गतिविधियों से परेशान
इवानिना के बयान से पहले प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी और डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य सांसदों ने इस बात को लेकर आलोचना की थी कि खुफिया समुदाय अमेरिकी राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप के खतरे संबंधी विशेष खुफिया जानकारी लोगों से छिपा रहा है। इवानिना ने कहा, 'हम मुख्य रूप से चीन, रूस और ईरान की ओर से जारी और संभावित गतिविधियों से चिंतित हैं।' उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद, अधिकारियों को इस बात की संभावना नहीं लगती कि चुनाव परिणाम पर कोई भी देश खास फर्क डाल सकता है।             


विश्वविद्यालय में न्यूनतम वेतन -21,400

बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले (एमजेपी) रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध बरेली-मुरादाबाद मंडल के निजी महाविद्यालय अपनी फैकल्टी को न्यूनतम 21,400 रुपये मासिक वेतन देंगे। शैक्षिक सत्र 2020-21 से नया वेतनमान लागू हो होगा। हालांकि इस पर अभी तक शासन की मुहर नहीं लगी है। इसलिए रुविवि प्रशासन कार्यपरिषद के निर्णय के आधार पर कॉलेजों को पत्र जारी करेगा, कि वे नए वेतनमान के आधार पर शिक्षकों को भुगतान करें। रुविवि ने मार्च के आस-पास नया वेतनमान निर्धारित किया था। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। अधिकारियों के मुताबिक शासन से इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। चूंकि कार्यपरिषद से निर्णय हो चुका है। लिहाजा, कॉलेजों को निर्देशित किया जाएगा कि वे निर्धारित वेतन भुगतान करें। नए सत्र में जिन शिक्षकों का अनुमोदन होगा या जिनका रिन्यूवल होगा। उन्हें रुविवि द्वारा तय वेतन मिलेगा। कॉलेजों को वेतन भुगतान की मासिक रिपोर्ट रुविवि की वेबसाइट पर दिए लिंक पर अपडेट करनी होगी।


नया वेतन मिल पाएगा, प्रश्न बना
बरेली-मुरादाबाद मंडल में 490 के आस-पास निजी महाविद्यालय हैं। इसमें कई कॉलेजों ने कोरोना काल में अपने शिक्षकों का वेतन रोक रखा है तो कई आधार भुगतान कर रहे हैं। पांच महीनों से यह क्रम बना है। मगर रुविवि प्रशासन या क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग निजी शिक्षकों का वेतन नहीं दिला सका। इस स्थिति में नया वेतनमान शिक्षकों को मिल पाएगा। प्रोफेसर इस पर प्रश्न उठा रहे हैं। एक निजी महाविद्यालय के प्राचार्य बताते हैं कि कॉलेज वाले रुविवि द्वारा तय वेतन नहीं देंगे। यह तभी संभव होगा जब रुविवि के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाए।“नए वेतनमान के संबंध में अभी तक शासन से कोई निर्णय नहीं हुआ है। हालांकि नए सत्र से निजी महाविद्यालय शिक्षकों को रुविवि द्वारा निर्धारित वेतन देंगे। इस संबंध में उन्हें पत्र जारी किया जाएगा।”


सुनीता पांडेय


अधिकारी अपने काम को मिशन के रूप में लें

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने आज भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे अपने कार्य को गरीब-अमीर, स्त्री पुरुष, शहर गावों के बीच अंतर को मिटाने के मिशन के रूप में लें और नए भारत के लिए परिवर्तन के कारक के रूप में कार्य करें।



आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के 2018 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा प्रशिक्षुओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हाशिए पर खड़े वर्गों का सामाजिक आर्थिक उत्थान अधिकारियों का मूल उद्देश्य होना चाहिए। सरदार पटेल के स्वप्न को याद दिलाते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरदार पटेल ने एक ऐसी सिविल सेवा की अपेक्षा की थी जो गरीबी और भेदभाव से लड़ कर एक नए भारत के उत्थान के लिए काम करे। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे अपने काम में सत्य निष्ठ, अनुशासित, कर्मठ, जवाबदेह, पारदर्शी बनें और सादगी का जीवन व्यतीत करें। पूर्व प्रधानमंत्री  लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे एक महान नेता थे, सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, कर्मठता, करुणा, राष्ट्र भाव और साहस जैसे गुण उनके चरित्र में रचे बसे थे। उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षुओं से कहा कि वे निरन्तर नया सीखते रहें, विचार करें और नए प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि सुशासन ही आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा कि प्रशासन तंत्र छोटा किन्तु सक्षम और दक्ष होना चाहिए जो पारदर्शी हो और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा कर सके। एक ऐसा तन्त्र जो सुविधा और सेवाओं को तत्परता से उपलब्ध करा सके तथा उन्नति के अवसर और स्थितियां पैदा करे। उपराष्ट्रपति ने कहा यद्यपि विधायिका कानून और नीतियां बनाती है फिर भी उनको जमीन पर कैसे लागू किया जाता है ये अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा जो सरकार तत्परता और दक्षता से सेवा और सुविधा सुनिश्चित कर सकती है वोही लोगों द्वारा याद की जाती है। श्री नायडू ने कहा कि यह जिम्मेदारी प्रशासकों की है कि लोगों को उनके अधिकार और उनके लिए अधिकृत सुविधाएं बिना किसी देरी के जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल को मिल कर दल के रूप में काम करने पर विश्वास था। उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे भी अपने सहयोगियों और मातहत काम करने वाले कर्मचारियों के साथ एक टीम बनाएं और जन सेवा के कार्य दक्षता से करें। श्री नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दिया मंत्र “परफॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म” युवा अधिकारियों को नए प्रयोग करने की प्रेरणा देगा और वे बेहतर से बेहतर अधिकारी के रूप में प्रगति करते जायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से हो रहे परिवर्तनों के दौर में है, महामारी के बावजूद विकास और आत्म निर्भरता के ऐसे अनेक नए अवसर हैं जो हमारे विकास की प्रक्रिया को किसी भी आपदा से निरापद रख सकते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे आगे बढ़ कर बदलते हुए नए भारत का नेतृत्व करें। नया भारत समावेशी है, उसमें जीवन की गुणवत्ता है, लोकतान्त्रिक मर्यादाओं को सुदृढ किया जा रहा है, जन कल्याण के संस्थानों को सशक्त बनाया जा रहा है। युवा अधिकारियों को महात्मा गांधी का बताया मंत्र देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे सत्य, न्याय, समावेश, जन कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी निष्ठा के आधार पर ही सही और निस्पृह भाव से निर्णय ले सकेंगे। भाषा की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रशासन की भाषा स्थानीय लोगों की आम भाषा होनी चाहिए। उन्होंने इस बात की सराहना की कि अधिकारी अपने प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय भाषा सीखते हैं। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी द्वारा प्रकाशित, प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम के संकलन, “सिक्सटी फाइव कन्वर्सेशन” का लोकार्पण भी किया। एकेडमी के निदेशक  संजीव चोपड़ा तथा फैकल्टी के अन्य सदस्य  इस वर्चुअल समापन समारोह के अवसर पर उपस्थित रहे।



            



पुलिस ने किया माड्यूल का भंडाफोड

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर उसके पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 19 जुलाई को सेना के साथ जम्मू के विशेष अभियान समूह (एसओजी) की एक टीम ने चंडीगढ़ के खरार के बीएससी नर्सिंग छात्र और डोडा में साजन के एक मुबाशिर फारूक बट्ट को डेढ़ लाख रुपये की भारतीय मुद्रा के साथ पकड़ा था। उन्होंने यह पैसे एक टिफिन में छुपा कर रखे थे जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की गयी।  सिंह ने बताया कि जांच के दौरान एसओजी ने इस मामले में एलईटी मॉड्यूल के पांच और संदिग्धों के बारे में पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया। प्राथमिक जांच में सभी छह आरोपियों ने लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन से संबंध होने की बात स्वीकार ली है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है।               


जिंदा कारतूस के साथ 1अभियुक्त गिरफ्तार

जिंदा कारतूस के साथ एक अभियुक्त गिरफ्तार
बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज द्वारा अपराध नियंत्रण एवं लाकडाऊन के नियमों के अनुपालन के दृष्टिगत व अपराधियो पर अंकुश लगाने के क्रम में पुलिस अधीक्षक यमनुापार व क्षेत्राधिकारी  करछना के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक नैनी राजकिशोर के नेतृत्व में उ.नि. विमलेश कुमार त्रिपाठी द्वारा अपने क्षेत्र में देख भाल क्षेत्र तलाश वांछित वारंटी चेकिंग संदिग्ध/वाहन से मामा भांजा क्षेत्र के चक गरीबदास रेलवे क्रोसिंग से कुछ दूरी पर मुखबिर द्वारा खास सूचना पाकर मौके पर दबिश देते हुए। अभियुक्त जितेंद्र सिंह पटेल उर्फ पागल सिंह (27) पुत्र पारस नाथ पटेल निवासी चक मुंडी कोतवाली नैनी को करीब 11.05 बजे गिरफ्तार किया गया। जिसके पास एक देशी तमंचा और कारतूस की बरामदगी की। जिसके सम्बन्ध में धारा 3/25 A एक्ट के तहत मामला पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।


16 जिलों में वायरस से मृत्यु दर अधिक

नई दिल्ली। चार राज्यों के 16 जिलों में कोविड-19 से मृत्युदर राष्ट्रीय औसत और संबंधित राज्य के औसत से अधिक है। लिहाजा केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सलाह दी कि प्रति दस लाख की आबादी पर टेस्ट बढ़ाए जाएं, मामलों की पॉजिटिविटी में कमी लाई जाए और एंबुलेंस की संख्या इतनी बढ़ाई जाए कि किसी को मना नहीं किया जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन जिलों में कोविड-19 से मृत्युदर राष्ट्रीय और प्रदेशों के औसत से अधिक होना चिंता का विषय है। ये जिले हैं- गुजरात के अहमदाबाद और सूरत। कर्नाटक के बेलगावी, बेंगलुरु शहरी, कलबुर्गी और उडुपी। तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम, रानीपेट, थेनि, थिरुवल्लूर, तिरुचिरापल्ली, तूतीकोरिन और विरुधनगर। तेलंगाना में हैदराबाद और मेदचल-मल्कजगिरी। मंत्रालय का कहना है कि उच्च मृत्युदर के अलावा इन जिलों में देश के कुल सक्रिय मामलों के 17 फीसद मामले हैं, दैनिक नए मामले अधिक हैं, प्रति दस लाख पर टेस्ट कम हैं और पॉजिटिविटी प्रतिशत भी अधिक है। केंद्र ने राज्य से रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों की जांच के लिए कहा। कोरोना वायरस महामारी के तेजी से फैलने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से रेहड़ी-पटरी वालों, दुकानदारों और अन्य वेंडरों की जांच करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि यदि उनकी जांच नहीं की गई, तो बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने एंबुलेंसों को ऑक्सीजन की सुविधा से लैस करने और इसे तत्काल उपलब्ध कराने पर बल दिया है। उन्होंने एंबुलेंस से इन्कार करने की निगरानी करने और मांग पर इसे मुहैया कराने की जरूरत भी बताई है।


छोटे शहरों में संक्रमण ज्यादा
देश में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और गुजरात में ज्यादा सक्रिय केस बड़े शहरों से आ रहे हैं जबकि उप्र, बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बड़े शहरों में सक्रिय मामलों की हिस्सेदारी महज 16-28 फीसद के बीच है। चिंता की बात यही है कि इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सघनता बहुत कम हैं। लिहाजा यह प्रवृत्ति ज्यादा घातक है।           


ओवैसी को रिजवी का तल्ख जवाब मिला

नई दिल्ली। शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिज़वी ने असदुद्दीन ओवैसी को उसी की भाषा में जवाब दिया है।
दरअसल, राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में पीएम मोदी के शामिल होने पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी असादुद्दीन ओवैसी ने हमला बोला था जिसके जवाब में रिजवी वजीम रिजवी जजसे कहा कि अगर ओवैसी को कोई परेशानी है तो वो पाकिस्तान चले जाएं लेकिन यहां के मुसलमानों को शांति से रहने दें।


वजीम रिजवी का जवाब
वसीम रिजवी ने असदुद्दीन ओवैसी, वसिम रिजवी, असादुद्दीन ओवैसी को कहा है कि ‘मंदिरों को तोड़ने वाले तुम्हारे पूर्वज थे।’ रिजवी ने आगे कहा कि ‘जिनका हक तुमने छीना था, भारतीय संविधान ने उन्हें उनका हक दिला दिया।’ रिजवी ने ओवैसी को हिंदू-मुसलमान के खून बहाने की राजनीति बंद करने की सलाह दी और कहा कि जिहाद के नाम पर मुसलमानों को लड़वाएं नहीं।


वीडियो जारी कर दिया जवाब
हिंदी में एक वीडियो संदेश जारी करते हुए, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने एआईएमआईएम प्रमुख को अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के सामने मौन रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम सब भारतीय संविधान के नियमों से बंधे हैं और उसी सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए सही मार्ग प्रशस्त किया है।


असादुद्दीन ओवैसी ने साधा था निशाना
अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। ओवैसी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी को भूमि पूजन में नहीं जाना चाहिए था। वो किसी खास मजहब के पीएम नहीं हैं। एआइएमआइएम चीफ ने कहा कि पीएम ने 15 अगस्त को आज 5 अगस्त से मिला दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने आज किसे शिकस्त दी है? ये स्वतंत्रता सेनानियों की तौहीन की गई है।


मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर भी निशाना
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर भी निशाना साधा और कहा कि बोर्ड इस बात के इंतजार में है कि ‘हिंदुस्तान में एक बार फिर वोबाबरी फौज बनाएगा हिंदुस्तान में गृह युद्ध करवाकर हिंदुस्तान के संचालक पर एक बार फिर कब्जा करेगा। उन्होंने कहा कि दिल बहलाने के लिए मु्स्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ख्याल अच्छा है। लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यह कैसे सोच लिया कि हिंदुस्तानी मुसलमान इनके मंसूबों में इनका साथ देगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी भूमिपूजन से पहले कहा था कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। हागिया सोफिया इसका बेहतरीन उदाहरण है। मस्जिद में मूर्तियां रख देने, पूजा-पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज पर पाबंदी लगा देने से मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं हो जाती।           


सऊदी ने पाक के लिए प्रावधान रोका

इस्लामाबाद/ रियाद। सऊदी अरब ने इमरान खान सरकार द्वारा कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) को विभाजित करने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल के प्रावधान को रोक दिया है। अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें तीन अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी। एक गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से ऋण लिया था। पाकिस्तान के हालिया बर्ताव के कारण सऊदी ने अपने वित्तीय समर्थन को वापस ले लिया है। पाकिस्तानी मीडिया ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद के लिए प्रावधान दो महीने पहले समाप्त हो गया है और इसे रियाद द्वारा नवीनीकृत नहीं किया गया है।


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पेट्रोलियम डिवीजन के प्रवक्ता साजिद काजी के हवाले से कहा कि इस्लामाबाद ने समय से चार महीने पहले ही एक अरब डॉलर का सऊदी का ऋण लौटा दिया है। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक समाचार चैनल पर एक टॉक शो के दौरान धमकी दी थी कि अगर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी ने कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं बुलाई, तो प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सहयोगी इस्लामी देशों के बीच बैठक करेंगे, जो इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे सकें। पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई को दिए साक्षात्कार में कुरैशी ने कहा, मैं एक बार फिर से पूरे सम्मान के साथ ओआईसी से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। यदि आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं। विश्व में इस्लामी देशों के सबसे बड़े संगठन ओआईसी से पाकिस्तान कई बार गुजारिश कर चुका है कि वह कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक आयोजित करे, मगर संगठन ने हर बार उसकी अपील को दरकिनार किया है। यही वजह है कि पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। दरअसल ओआईसी में किसी भी कदम के लिए सऊदी अरब का साथ सबसे ज्यादा जरूरी होता है। ओआईसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। कश्मीर पर सऊदी अरब के कदम नहीं उठाने से पाकिस्तान की कुंठा बढ़ती ही जा रही है। पिछले साल अगस्त में भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर बांट दिया गया। पाकिस्तान भारत के इस कदम का विरोध कर रहा है और इमरान खान सरकार इस मुद्दे पर 57 सदस्यीय ओआईसी का समर्थन मांग रही है।         


225 रुपए की पड़ेगी 'कोरोना वैक्सीन'

पुणे। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट,पुणे ने भारत और निम्न-मध्यम आय वाले देशों की खातिर प्रस्तावित कोरोना वायरस (कोविड-19) वैक्सीन के लिए प्रति खुराक 225 रुपये का अधिकतम मूल्य निर्धारित किया है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (गावी) को 15 करोड़ डॉलर का एक जोखिम वित्त पोषण प्रदान करेगा। इसका उपयोग ब्रिटेन के फर्म क्रेजेनके और अमेरिकी बायोटेक कंपनी नोवावैक्स की संभावित वैक्सीन के निर्माण में मदद के लिए किया जाएगा।


गौरतलब है कि कोविड-19 टीकों के विकास में तेजी लाने और उनकी त्वरित तथा न्याय संगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए गावी, कोअलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेअर्डनेस इनोवेशन (सीईपीआई) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सह नेतृत्व में गठित कोवैक्स गठबंधन के तहत आने वाले 92 देशों में ही वैक्सीन वितरण के लिए उक्त अधिकतम मूल्य निर्धारित किया गया है। कंपनी ने शुक्रवार को गावी और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ इन देशों के लिए 10 करोड़ खुराक तक के निर्माण और वितरण में तेजी लाने के लिए एक साझेदारी की। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट के साथ हुए समझौते के मुताबिक भारत को एस्ट्रा जेनेका से एक अरब खुराक का 50 फीसदी तक और नोवामैक्स से एक बिलियन खुराक का एक हिस्सा प्राप्त होने की उम्मीद है सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बयान में कहा कि साझेदारी के माध्यम से कंपनी भारत और अन्य निम्न-मध्यम-आय वाले देशों के लिए के लिए समझौते के हिस्से के रूप में वर्ष 2021 की पहली छमाही में 10 करोड़ खुराक के निर्माण और वितरण में तेजी लाएगी।       

उत्पादन के मामले में पहले नंबर पर शामली

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सवित मलिक ने कहा बड़े हर्ष की बात है। पूरे उत्तर प्रदेश में शामली जनपद गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर है और गन्ना मंत्री के क्षेत्र का मिल थाना भवन पेमेंट के मामले में सबसे पीछे जिला भी गन्ना भुगतान के मामले में बहुत पीछे हैं क्या कारण है। प्रदेश सरकार के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने वादा किया था कि हम 14 दिन में गन्ने का भुगतान करेंगे भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी गन्ना भुगतान को लेकर चुनाव में वादे किए थे की भुगतान टाइम पर होगा शामली जनपद से ही गन्ना मंत्री हैं फिर भी शामली पेमेंट के मामले में बहुत पीछे हैं। तमाम बार कोर्ट से भी जल्द भुगतान करने के और ब्याज के साथ भुगतान करने के आदेश हैं लेकिन फिर भी मिल मालिक समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं। क्या सरकार के बस में मिल मालिक नहीं है। क्या सरकार के दबाव में मिल मालिक नहीं रहे अब मिल मालिक सरकार और कोर्ट से बड़े हो गए हैं या इसके पीछे कुछ और मुद्दा है। मिले किसानों का भुगतान दबाकर सरकार को चंदा देती है। क्या इसका यह भी कारण हो सकता है इसके लिए किसान भाइयों को समझना होगा और एकजुट होकर सरकार और मिल मालिकों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी हम अपना गन्ना सरकार को भेजते हैं हम गन्ना किस मूल को देंगे कितना देंगे यह सब सरकार तय करती है गन्ने का भाव भी सरकार तय करती है तो भुगतान का दायित्व भी सरकार का बनता है हम प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी और प्रदेश के गन्ना मंत्री माननीय श्री सुरेश राणा जी से निवेदन करते हैं कि गन्ना किसानों की पीड़ा को समझते हुए जल्द से जल्द भुगतान कराने की कृपया करें किसान दुखी परेशान और लाचार है। इस लोक डाउन में किसान के हाथ में पैसा नहीं आ रहा है तमाम उर्वरक डीजल और बिजली के दाम बढ़ गए हैं लेकिन किसान की फसल का नाम जोकर तो है और फिर भी समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है ऐसी स्थिति में किसान क्या करें तमाम किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन खर्चे दोगने कर दिए हैं तो हम सरकार को चेताया चाहते हैं कि वह अपने यादें यादें याद करें और किसान की मदद करें अगर किसान सड़कों पर उतर गया तो सरकार को संभालना मुश्किल हो जाएगा तो हमारा निवेदन है कि जल्द से जल्द गन्ने का भुगतान कराया जाए एक बहुत बड़ी समस्या किसान के सामने आवारा गोवंश की है आवारा गोवंश खड़ी फसलों को नष्ट कर रहे हैं जब किसान की फसल ही नष्ट हो जाएगी तो वह खुद को और देश को क्या खिला पाएगा सरकार से हमारी विनती है कि आपने जो गौशालाओं का निर्माण कराया था आवारा गोवंश को उसमें रखा जाए और किसान को इससे छुटकारा दिलाया जाए।           


पैर में गोली लगने से बदमाश हुआ घायल

नोएडा। ग्रेटर नोएडा में पुलिस का ऑपरेशन क्लीन लगातार जारी है। पुलिस लगातार बदमाशों पर कहर बनकर टूट रही है। बीटा 2 थाना पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गयी। पिछले 24 घंटे में पुलिस की बदमाशों से हुई ये चौथी मुठभेड़ है। मुठभेड़ के दौरान 25 हज़ार के ईनामी बदमाश के पैर में गोली लग गई और वो घायल हो गया। घााायलल अवस्था मे वसीम नाम बदमाश के बदमाश को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।बदमाश के कब्जे से लूटे हुए दो मोबाइल, तमंचा बाइक बरामद की गई है। यह लूट के मामले में वांछित चल रहा था। इसी मामले में इसपर 25 हज़ार का इनाम घोषित किया गया था।


पुलिस की गिरफ्त में लड़खड़ा कर चल रहा यह बदमाश 25 हज़ार का इनामी बदमाश है इसका नाम वसीम है और यह दादरी का रहने वाला है यह लूट के मामले में काफी लंबे समय से फरार चल रहा था । पुलिस के अनुसार आज शाम को थाना बीटा-2 पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान एक शातिर किस्म का अपराधी वसीम पुलिस मुठभेड में (डाढा गोलचक्कर के पास से) घायल व गिरफ्तार किया गया है।, जिसके कब्जे से दो मोबाईल फोन लूट के व एक तमंचा 315 बोर मय 01 खोखा करतूस व एक जिन्दा कारतूस मय एक मो0सा0 डीलक्स चोरी की, के साथ गिरफ्तार किया गया है।चेकिंग के लिए रोकने पर इसने पुलिस पर फायरिंग कर दी पुलिस की जबाबी फायरिंग में ये पैर में गोली लगने से घायल हो गया।फिलहाल इसको जिला अस्पताल भेजा गया है।
वसीम शातिर किस्म का अपराधी है जो कि चोरी एंव लूट की घटनाओ को अवैध असलाह के बल पर अंजाम देकर अवैध धन अर्जित करता है। इस पर आधा दर्जन से ज़्यादा लूट के मामले दर्ज है।           


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...