शनिवार, 4 जुलाई 2020

व्यापार संचालन हेतु एसडीएम से मिलें

अतुल त्यागी
बाजार खुलवाने को लेकर एडीएम से मिलें भाजपाई
21 दिन से 14 दिन हुआ समय


हापुड़। नगर के प्रमुख बाजारों को खुलवाने के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश राणा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल एडीएम  से मिला और बाजार खुलवाने की मांग की। भाजपा जिलाध्यक्ष  उमेश राणा ने कहा कि इस समय व्यापारी वर्ग बहुत अधिक परेशान है तथा आजीविका साधन बिल्कुल रुका हुआ है।


 गोल मार्केट, कसेरठ बाजार, छोटी बड़ी मंडी, सर्राफा बाजार ,चंडी रोड व  पिलखुआ के घास मंडी, रेलवे रोड आदि बाजारों के विषय में चर्चा करते हुए खुलवाने की मांग की। एडीएम जय नाथ यादव ने बताया कि अब सरकार ने 21 दिन की बजाए 14 दिन का समय कर दिया है। जिस कारण  जल्द ही कुछ बाजार खुलने वाले हैं।  सरकार को भी व्यापारी वर्ग की बहुत अधिक चिंता है तथा दिन रात प्रशासन भी इसी चिंतन में लगा है कि किस प्रकार जल्दी से जल्दी बाजार खुले और व्यापार प्रारंभ हो। इस मौके पर  पुनीत गोयल, यशपाल सिंह सिसोदिया ,श्याम इंद्र त्यागी, विनीत दीवान ,प्रवीण सिंगल, गगन बाटला, अमित त्यागी  एवं जिला मीडिया प्रभारी सुयश वशिष्ठ मौजूद थे।


कोरोना रिकवरी 60.81 प्रतिशत हुई

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमित मरीजों के रोगमुक्त होने (रिकवरी) की दर बढ़कर 60.81 प्रतिशत हो गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी कि देश में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर बढ़कर 60.81 प्रतिशत हो गयी है।


देश में फिलहाल कोरोना संक्रमण के 2,35,433 सक्रिय मामले हैं और 3,94,226 कोरोना संक्रमित मरीज अब तक पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जिससे संक्रमण मुक्ति की दर बढ़कर 60.81 प्रतिशत हो गयी है। पिछले 24 घंटे में 14,335 कोरोना संक्रमित रोगमुक्त हुए हैं। संक्रमण मुक्त मरीजों और सक्रिय मामलों का फासला बढ़कर अब 1,58,793 हो गया है। कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए जांच सुविधा उपलब्ध कराने वाले लैब की संख्या भी लगातार बढ़ती हुई 1,087 हो गयी है जिससे नमूना जांच की गति भी तेजी हुई है। देश में फिलहाल अब तक 95,40,132 नमूनों की जांच की जा चुकी है।


यूपी राज्यमंत्री की जांच, मिलें पॉजिटिव

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार में आयुष राज्यमंत्री डाॅ. धर्म सिंह सैनी की जांच रिपोर्ट शनिवार को कोरोना पॉजिटिव आई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बलजीत सिह सोढी ने बताया कि आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी को पिलखनी स्थित राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के सदस्यों के सैम्पल लेने के लिए स्वास्थ्य टीम को रवाना किया गया है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मंत्री के संपर्क में आये स्थानीय नेताओं के बारे में जानकारी ली जा रही है। उनके सैम्पल भी लिये जाएंगे। डॉ. सोढी ने बताया कि मंत्री को खांसी की शिकायत है और वह थकावट भी महसूस कर रहे हैं। एक्सरे के बाद ट्रू-नॉट मशीन से कोरोना जांच कराई गई। जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 


फारूख खान


हथियार की तरह 'डाटा' का इस्तेमाल

नई दिल्ली। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी सैन्य शाखा मोबाइल नेटवर्क और एप के जरिये एकत्र किये जा रहे भारतीयों के डाटा का इस्तेमाल हथियार के तौर पर कर रही हैं और इस खतरे से निपटने के लिए एक बहुउद्देशीय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनाये जाने की जरूरत है।


राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों तथा जानकारों ने ‘डाटा एक हथियार : मोबाइल ऐप और 5 जी नेटवर्क के जरिये ‘चीन का हमला’ विषय पर आयोजित एक बेबिनार में यह दावा करते हुए जोर देकर कहा है कि चीन इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल जासूसी उपकरणों की तरह कर रहा है और भारत को इस बारे में दीर्घावधि रणनीति के तहत स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और दूरसंचार क्षेत्र में विनिर्माण क्षमता को बढाने पर जोर देना चाहिए।

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि सस्ते सामान और कम्युनिस्ट सरकार की सब्सिडी की नीति के कारण फल फूल रहे चीन के आर्थिक विस्तारवाद पर अंकुश लगाने की भी जरूरत है। चीन की इस नीति से अमेरिका और अनेक यूरोपीय देशों में औद्योगिकरण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वेबिनार में पूर्व दूरसंचार सचिव तथा नेसकॉम के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर , डाटा संप्रभुता के क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ता विनित गोयंका और वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ जराबी ने अपने विचार व्यक्त किये।


वेबिनार का आयोजन ‘लॉ एंड सोसायटी एलायंस और रक्षा तथा सामरिक मामलों की पत्रिका डिफेंस कैपिटल ने किया था। विशेषज्ञों ने कहा कि चीन ने विभिन्न देशों से डाटा जमा कर अपनी वैश्चिक पैठ बना ली है और उस पर लगाम लगाने के लिए दीर्घावधि रणनीति बनाया जाना जरूरी है जो स्वदेशी प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमता को मजबूत बनाये।


इसके साथ ही इस खतरे से निपटने के लिए एक बहुउद्देशीय राष्ट्रीय कानून बनाये जाने की भी दरकार है। वेबिनार का आयोजन ऐसे समय में किया गया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले दो महीने से सैन्य गतिरोध जारी है और भारत ने चीन की 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है तथा विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं में चीनी कंपनियों की भागीदारी पर पाबंदी लगा दी गयी है।               


चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को गौतमबुद्ध नगर तथा गाजियाबाद के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि दोनों जिलों में संक्रमण को नियंत्रित करने तथा उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।


योगी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में संक्रमण को रोकने तथा उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये एक विशेष कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है। गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम भेजी जाए, जो वहां कैम्प करे। यह टीम कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को बेहतर करते हुए संक्रमित रोगियों के स्वास्थ्य लाभ के सभी उपाय सुनिश्चित करें। उन्होंने बुलन्दशहर में भी इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम को भेजे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी चिकित्सालयों में भी ट्रूनैट मशीन क्रियाशील रखने के लिये स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये जाय। आरटीपीसीआर जांच विधि से टेस्टिंग क्षमता को 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन से अधिक किया जाए। उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर जांच विधि, ट्रूनैट मशीन तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट को अपनाते हुए जांच क्षमता में व्यापक स्तर पर वृद्धि की जाय। योगी ने कहा कि मेडिकल काॅलेजों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वरिष्ठ चिकित्सक नियमित राउण्ड लें। उन्होंने मेडिकल काॅलेजों की स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग के लिए अलग से अधिकारी को नामित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी के तौर पर जिलों में भेजे गए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं की निरन्तर मॉनिटरिंग करते रहें। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को, उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से जानकारी उपलब्ध कराई जाए।इसके लिए वार्ड इंचार्ज द्वारा मरीज के तीमारदार को रोगी के स्वास्थ्य की जानकारी टेलीफोन के माध्यम से प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक चिकित्सालय में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के निर्देश दिए हैं।

सुनील पुरी

विद्युत-विभाग के भ्रष्टाचार की सच्चाई

रवि चौहान 
गाजियाबाद। बिजली विभाग में स्टीमेट के नाम पर उपभोक्ताओं को किस तरह से परेशान किया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण लोनी क्षेत्र के भोपुरा में प्रकाश में आया है। एक तरह से कहा जाए तो स्टीमेट के नाम पर खेल किया जा रहा है। भोपुरा निवासी सेवा राम कासना के अनुसार 50 किलो वाट के कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। उसके बाद विभाग की ओर से उन्हें ₹500000 का एस्टीमेट बना कर दिया गया। जबकि 500000 का उसमें सामान नहीं लगाया गया। उपभोक्ता सेवाराम कसाना आरोप है कि विभाग ने जो स्टीमेट बनाया, उससे कम सामान लगाया। इसकी शिकायत उन्होंने विद्युत विभाग के चीफ से की। उन्होंने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। उसके बाद विद्युत विभाग की ओर से तीन लाख 48 हजार की धनराशि का स्टीमेट बनाया गया। उपभोक्ता सेवा राम का आरोप है कि उन्हें बकाया धनराशि अभी तक नहीं दी गई है। जब इस संबंध में विद्युत विभाग के चीफ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह पूरा मामला निबट गया है और जो बकाया धनराशि है वह बिल में एडजस्ट कर दी गई है। जबकि उपभोक्ता सेवा राम का कहना है कि उन्होंने 52 हजार के करीब बिल आया था। वह भी जमा करा दिया है।  बकाया धनराशि है वह बिल में एडजस्ट नहीं की गई है। उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई की बकाया धनराशि उन्हें ब्याज सहित लौटाई जानी चाहिए। बिल में एडजस्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं है और यदि बिल में एडजस्ट की जाती है तो उनको ब्याज सहित पूरी धनराशि वापस लौटाई जाए। मामले की शिकायत एवं प्रदेश के मंत्री से अपील की है कि विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार फैला रहे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित से उचित कार्रवाई की जाए। जिससे की जनता का उत्पीड़न रोका जा सके। सेवा राम का है कि उन्होंने तो प्रयास करके विद्युत विभाग के  इस घोटाले को उजागर किया है। लेकिन स्टीमेट के नाम पर जो भ्रष्टाचार किया जा रहा है वह अधिकतर उपभोक्ताओं को मालूम ही नहीं होता हैं। इस तरह उपभोक्ता उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं इस तरह भ्रष्टाचार करने वाले विद्युत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।            


किसान क्रेडिट कार्ड, खंड स्तरीय शिविर

रतन सिंह चौहान
होडल पलवल। पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग पलवल की उपनिदेशक डा. नीलम आर्य ने बताया कि विभाग द्वारा जिले में पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड (पी.के.सी.सी.) बनवाने के लिए खंड स्तर पर शिविर लगाए जा रहा हैं। यह शिविर 3 से 15 जुलाई तक आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में पशुपालको द्वारा भरे गए आवेदनों को बैंक अधिकारियों को प्रस्तुत किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने पशुपालकों के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की है, जिसके तहत पशुपालकों को पशुओं के रखरखाव के लिए नियमानुसार ऋण राशि दी जाएगी तथा ऋण राशि को पशुपालकों द्वारा छ: आसान किस्तों में एक साल के अंदर भुगतान करना होगा। इस योजना में एक लाख 60 हजार रूपये से अधिक या 3 लाख तक का ऋण लेने पर ब्याज दर कम हो जाएगी। यदि तीन से ज्यादा पशुओं पर ऋण लेना हो तो पशुपालक को बैंक द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा। यह कैम्प पशुपालकों को जानकारी देने तथा पशुपालकों द्वारा इस योजना का अत्यधिक लाभ उठाने के लिए आयोजित किए जा रहें हैं।
उपनिदेशक ने बताया कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें पशुपालन विभाग के अधिकारी व ऑरिंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक मौजूद रहे, जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों के पशु किसान क्रेडिट कार्ड (पी.के.सी.सी.) बनवाने के निर्देश दिए गए।
इन गांवों में किया जाएगा शिविरों का आयोजन
डा. नीलम आर्य ने बताया कि 6 जुलाई को हसनपुर, 8 जुलाई को हथीन, 10 जुलाई को होडल, 13 जुलाई को पलवल, 15 जुलाई को पृथला में इन शिविरों का आयोजन किया जाएगा।  
यह रहेगी ऋण राशि
उपनिदेशक ने बताया कि ऋण राशि एक वर्ष के लिए दी जाएगी। गाय के लिए 40 हजार 783 रुपये एवं भैंस के लिए 60 हजार 249 रुपये और भेड व बकरी के लिए 4 हजार 63 रुपये तथा सूअर के लिए 16 हजार 337 रुपये का ऋण दिया जाएगा।
ऋण लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
बैंक प्रारूप के अनुसार आवेदन फार्म-शपथ पत्र तथा केवाईसी पहचान के लिए वोटर आईडी कार्ड एवं आधार कार्ड अथवा पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज की आवश्यकता होगी।             


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