शनिवार, 9 मई 2020

गाजियाबादः 3 परिवार 3 तक क्वारंटाइन

गाजियाबाद। गाजियाबाद में सील सोसायटी में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी न पहुंचने से हो रही समस्या अब दूर हो गई है। सेक्टर-4 की पार्क एवेन्यू सोसायटी में 3 परिवार 30 अप्रैल से क्वारंटीन हैं। यहां 2 कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद से सोसायटी सील है। इस कारण यहां कचरा उठाने वाली गाड़ियां नहीं आ रही थीं। एनबीटी ने शुक्रवार को इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद सुबह 10 बजे गाड़ी आई और सोसायटी से कूड़ा उठाया गया।


30 अप्रैल से बंद थी एंट्रीः आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ए़ के़ चौबे ने बताया कि 30 अप्रैल को तीनों परिवारों को क्वारंटीन किया गया था, तभी से इलाका सील हो गया। यहां कूड़े की गाड़ी अंदर नहीं आ रही थी। इस कारण क्वांरटीन किए परिवारों को खुद जाकर कूड़ा फेंकना पड़ता था। पड़ोसियों की नाराजगी के बाद उन्होंने कूड़ा फेंकने जाना बंद किया। इससे उनके घर के बाहर कचरे का ढेर लगता गया। कूड़ा गाड़ी की एंट्री के लिए आरडब्ल्यूए ने कई बार गेट पर बैठे पुलिसकर्मियों से कहा। प्रशासनिक अधिकारियों को भी बताया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शुक्रवार को एनबीटी में खबर छपने के बाद समस्या दूर हो गई।


मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूंः अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वह ‘‘पूरी तरह स्वस्थ’’ हैं और किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं। शाह ने बयान जारी कर कहा कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अफवाह सोशल मीडिया के माध्यम से फैली। उन्होंने ट्वीटर पर बयान साझा करते हुए कहा, ‘‘मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है। अमित शाह ने कहा कि देश इस समय कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और देश के गृह मंत्री के नाते देर रात तक अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण मैंने इस सब पर ध्यान नहीं दिया। जब यह मेरे संज्ञान में आया तो मैंने सोचा कि यह सभी लोग अपनी काल्पनिक सोच का आनंद लेते रहें, इसलिए मैंने कोई स्पष्टता नहीं की।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं और मेरे शुभचिंतकों ने विगत दो दिनों से काफी चिंता व्यक्त की, उनकी चिंता को मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसलिए मैं आज स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है।


पीडित परिवारों का सड़क पर हुआ विरोध

उत्तर प्रदेश-फिरोजाबाद। स्थित छारबाग में लोकल लोगों ने कोरोना वायरस के मरीज की मृत्यु के बाद उसके मृत शरीर को लेकर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसवालों तथा परिवार के लोगों का सड़क पर उतर कर विरोध किया। लोकल लोगों ने मृत शरीर को छारबाग से ले जाने की मांग की व जमकर नारेबाजी की। बाद में वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया व शुक्रवार देर रात्रि मृत शरीर को यमुना किनारे ले जाकर उसकी अंत्येष्टि की गई।


फिरोजाबाद के प्रेम नगर डाकबंगला निवासी मनोज कुमार (33) कोरोना से संक्रमित थे व शुक्रवार को मृत्यु हो गई थी।मनोज के परिजनों के साथ स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस देर शाम छारबाग स्थित स्वर्ग आश्रम पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंची. इसकी जानकारी मिलने पर लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध करना प्रारम्भ कर दिया। कुछ ही देर में सैकड़ों लोग सड़कों पर आ गए। बाद में, वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जाकर स्थिति को संभाला। नगर मजिस्ट्रेट कुंवर पंकज सिंह ने बताया कि समझाने बुझाने पर लोग मान गए थे, लेकिन स्थिति दोबारा ना बिगड़े, इसलिए मृत शरीर को यमुना किनारे ले जाकर उसकी अंत्येष्टि की गई।


गूगल-फेसबुक के कर्मचारी 'वर्क-होम' करेंगे

नई दिल्ली। गूगल के ऑफिस एक जून से पहले नहीं खुलेंगे। वहीं अब खबर है कि गूगल और फेसबुक अपने कर्मचारियों को साल 2020 के अंत तक घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने की सुविधा दे रही हैं। इससे पहले गूगल ने सभी कर्मचारियों को ई-मेल के जरिए बताया था कि जून से पहले दफ्तर आना संभव नहीं है लेकिन अब वर्क फ्रॉम होम की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया गया है।


फेसबुक की बात करें तो छह जुलाई को फेसबुक के ऑफिस खुल जाएंगे लेकिन वर्क फ्रॉम होम की पॉलिसी दिसंबर के अंत तक लागू रहेगी। इस दौरान सिर्फ जरूर काम के लिए ही कर्मचारियों को दफ्तर आने की जरूरत होगी। वर्क फ्रॉम होम को लेकर फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि जो कर्मचारी दफ्तर से दूर अपना काम जारी रख सकते हैं, वे साल के अंत तक वर्क फ्रॉम होम की सुविधा ले सकते हैं।


अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी कहा है जिन कर्मचारियों को काम घर से हो सकता है, वे अपना काम साल के अंत तक घर से कर सकते हैं, लेकिन जिनका काम ऑफिस आए बिना नहीं हो सकता, वे जुलाई से ऑफिस आना शुरू कर सकते हैं।


कुछ दिन पहले सुंदर पिचाई ने गूगल के कर्मचारियों को एक ई-मेल किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि लंबे समय तक घर पर काम करने के बाद कर्मचारियों को ऑफिस आना चौंकाने वाला होगा, लेकिन एक जून से पहले यह संभव नहीं है।


पिचाई ने अपने कर्मचारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किया है जिसमें उन्होंने खुद के साथ परिवार के सदस्यों की देखभाल करने की बात कही है। उन्होंने कहा है जिनको परिवार को लेकर कोई समस्या है वे तुरंत ऑफिस ना आएं। इसके लिए वे अपने मैनेजर से बात करें और सुविधानुसार घर से काम करें।


पिचाई ने कर्मचारियों को भेजे मेल में लिखा था, 'सभी लोग दफ्तर में एक साथ नहीं जाएंगे और दफ्तर में सभी के लिए अलग-अलग जगह होगी जिसकी गाइडलाइन भी अलग होगी। मुझे पता है कि ऑफिस आने को लेकर आपलोगों के दिमाग में कई सारे सवाल होंगे।' बता दें कि टेक कंपनियों में गूगल पहली ऐसी कंपनी है जिसने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सबसे पहले सुविधा दी थी।


अमेरिका ने सऊदी अरब की सुरक्षा घटाई

तेल को लेकर तकरार, अचानक अमेरिका ने सऊदी अरब की सुरक्षा घटाई


वाशिंगटन डीसी/ रियाद। सऊदी अरब और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने फैसला किया है कि वह सऊदी अरब से अपने एंटी मिसाइल सिस्टम और कुछ फाइटर एयरक्राफ्ट हटा लेगा। ईरान से सऊदी अरब की सुरक्षा करने के लिए अमेरिका ने दो पैट्रियट एंटी मिसाइल बैटरीज सऊदी अरब में तैनात किए थे। तेल को लेकर तकरार अमेरिका ने सऊदी अरब की सुरक्षा घटाई। हालांकि, इस फैसले के बाद सऊदी अरब के किंग सलमान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार को बातचीत भी हुई है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा है कि दोनों नेताओं ने वैश्विक उर्जा बाजार में स्थिरता के महत्व पर सहमति जताई है। हालांकि, बयान में पैट्रियट एंटी मिसाइल को लेकर कुछ नहीं कहा गया।


वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से तेल की खपत कम होने के बाद सऊदी अरब ने तेल उत्पादन बढ़ा दिया था। इसकी वजह से तेल उत्पादन करने वाली अमेरिकी कंपनियों पर दबाव बढ़ गया था। पिछले महीने ट्रंप ने सऊदी अरब को तेल का उत्पादन कम करने के लिए समझाने का प्रयास किया था। शुक्रवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि सऊदी अरब से एंटी मिसाइल सिस्टम हटाया जा रहा है। लेकिन उन्होंने कहा कि इससे ये संकेत नहीं निकाला जाना चाहिए कि अमेरिका सऊदी अरब को सहायता घटा रहा है। पोम्पियो ने कहा कि तेल को लेकर दबाव बनाने के लिए ये फैसला नहीं लिया गया है। पोम्पियो ने यह भी जोड़ा कि इसका मतलब ये भी नहीं है कि ईरान अब खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि एंटी मिसाइल सिस्टम को कुछ ही वक्त के लिए लगाया गया था। वहीं, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि एंटी मिसाइल सिस्टम के साथ तैनात 300 सैनिक भी वापस बुलाए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ ही महीने पहले अमेरिका ने सऊदी अरब में अपनी मिलिट्री की मौजूदगी बढ़ाने का फैसला किया था।


येचुरी ने राष्ट्रपति कोविंद को लिखा खत

कोविड-19 लॉकडाउन: सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपति कोविंद को श्रम कानूनों पर लिखा खत


नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने श्रम कानूनों पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में लिखा है। कोविंद को येचुरी के पत्र में कहा गया है कि मौजूदा श्रम कानूनों में 'कठोर' बदलाव किए जा रहे हैं, खासकर उस समय जब देश में तालाबंदी की घोषणा के बाद से प्रवासी श्रमिकों के "सबसे अमानवीय दुखद आयाम" देखे जा रहे हैं।


3 सरकारों का श्रमिकों को लेकर कदम

नई दिल्ली।  यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार, गुजरात की विजय रूपाणी सरकार इन सभी ने श्रमिकों को लेकर एक कदम उठाया है। ये कदम उठाने के पीछे दलील दी गई कि रोजगार पनपे और उद्योग-धंधे खूब फले-फूले। लेकिन सवाल उठाने वाले कह रहे हैं कि जो कदम इन सरकारों द्वारा उठाए गए हैं वो श्रमिक विरोधी हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संगठन भारतीय मजदूर संघ भी इस फैसले की मुखालिफत करते हुए पूरे देश में आंदोलन की तैयारी में है।  


मामला क्या है : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 7 मई को एक अध्यादेश लाकर 38 श्रम कानूनों पर 3 साल के लिए रोक लगा दी है। ये कानून उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के हक से जुड़े थे। इस अध्यादेश का नाम है ‘उत्तर प्रदेश अस्थायी श्रम कानूनों से छूट अध्यादेश, 2020’ जिसके तहत मजदूरों के हक में काम करने वाले कई कानूनों पर अगले तीन वर्षों तक रोक रहेगी। इस कथित राहत का लाभ नये और पुराने दोनों तरह के उद्योगों को मिलेगा। इसके नोटिफिकेशन के बाद तीन साल तक इन संस्थाओं में श्रम कानूनों को लेकर कोई जांच आदि नहीं होगी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह नोटिफिकेशन यूपी में लागू हो जाएगा।


गाजियाबादः शर्तों का हो रहा है 'उल्लंघन'

गाजियाबाद। ऑरेंज जोन में आने के बाद सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को खोलने की अनुमति प्रदान की लेकिन शर्तों के साथ शर्तों का हो रहा है खुला उल्लंघन श्रम विभाग नहीं कर पा रहा है।


कोई कठोर कार्यवाही ऐसे ही सूत्र बताते हैं कई फैक्ट्रियोंः में मजदूर अपनी जान की बाजी लगाकर अपने परिवार के लिए काम करने जा रहे हैं फैक्ट्री की तरफ से ना तो उनको हाथ धोने का साबुन दिया  जा रहा है नहीं हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है जिससे वह इस वैश्विक महामारी की चपेट में आ सकते हैं यह औद्योगिक इकाई रेल का डिब्बा बनाती है जिसमें अनेकों मजदूर काम करते है।


जब हमारे संवाददाता ने इस संबंध में श्रम विभाग विभाग मजदूर निरीक्षक से बात की तो उन्होंने फोन पर उन्हें बताया की  सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों  को हम वहां जाकर चेक नहीं कर सकते हैं यदि कोई मजदूर हमें इसकी शिकायत करता है तो हम कार्यवाही कर सकते हैं ।


लेकिन मजदूर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूर है तो मजदूर इस मामले में शिकायत करने में असमर्थ है सूत्र बताते हैं ऐसे ही कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं जिनमें बगैर किसी सुरक्षा इंतजामों के बगैर ही लोग काम कर रहे हैं और वह झुंड में जाकर काम पर लग जाते हैं जबकि सरकार की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है यदि श्रम विभाग नहीं चेता तो इस महामारी की चपेट में काफी लोग आ सकते हैं।


गाजियाबाद में चतुर्थ दिवस संपन्न हुआ

आज की नारी अबला नही सबला है-- उर्मिला आर्या


गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवती परिषद के मार्गदर्शन में चल रहे  6 मई से 13 मई 2020 तक ऑनलाइन आर्य कन्या शिविर का चतुर्थ दिवस सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शिविर का शुभारम्भ करते हुए ।


कु अनिता आर्या ने सुमधुर भजन के साथ सत्र का शुभारंभ किया।तदुपरान्त परिषद की उप प्रधान शिक्षिका प्रगति आर्या ने अपने विषय सर्वांग सुन्दर व्यायाम के बारे में जानकारी दी और उसका महत्व व अर्थ बताते हुए कहा कि हम सभी अपने आपको तंदरुस्त रखना चाहते है जिसके लिए हमे नियमित रूप से व्यायाम करने चाहिए।जिनके लिए हमे किसी न किसी साधन या सुविधा की आवश्यकता होती है,परन्तु यदि हमारे पास व्यायाम करने के कोई भी साधन उपलब्ध न हो, ऐसे में भी हम किस प्रकार व्यायाम कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं।साथ हीं सर्वांग सुन्दर व्यायाम का अर्थ समझाते हुए कहा कि जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है सर्वांग अर्थात शरीर के सम्पूर्ण अंगों को सुन्दर बनाने के व्यायाम और सुन्दर से हमारा तात्पर्य है अपने आप को शारिरिक तौर पे स्वस्थ व मजबूत बनाने से है न कि बाहरी सुंदरता से।इन अभ्यासों के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं।साथ ही उन्होंने सर्वांग सुन्दर व्यायाम के आठ अभ्यासों को कराया और उनके लाभों की चर्चा की।


 परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा की एक आदर्श आर्य युवती दो परिवारों को प्रशिक्षित कर संस्कार दे सकती है।जिस घर मे वो अभी है उस घर को तो वे स्वर्ग बनाती ही है विवाह के बाद जब वे अपने दूसरे घर जाती है तो वहाँ भी सभी को संस्कारित कर सकती है अपने व्यवहार से।


शिविर के दुसरे सत्र में परिषद की  शिक्षिका करुणा शर्मा ने लक्ष्मी बाई को याद करते हुए एक देश भक्ति गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


आर्य युवती  परिषद की  प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती उर्मिला आर्या ने  कहा कि आज की नारी अबला नही सबला है और हम इन शिविरों के माध्यम से नारी शक्ति को आत्म रक्षा के गुण सीखा कर मजबूत राष्ट्रभक्त तैयार कर रही है।साथ ही उन्होंने बताया कि एक आदर्श आर्य युवती के क्या क्या कार्य होतें है और वे किस प्रकार समाज मे अपनी पहचान बना सकती है।
परिषद की उप प्रधान शिक्षिका प्रगति आर्या ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। परिषद की शिक्षिका पिंकी ने सभी का आभार व्यक्त किया और शांति पाठ के साथ शिविर  के सत्र का समापन किया।इस अवसर पर मुख्य रूप से  आर्य युवती परिषद की प्रधान शिक्षिका शास्त्री मनीषा आर्या,शिक्षिका सरस्वती,अनिता, चिंकी,ज्योति,शीतल,सुनीता बुग्गा,राजश्री यादव आदि उपस्थित रहे।


प्रधान पर विकास कार्य न करने का आरोप

ग्रामीणों ने लगाया ग्राम प्रधान पर विकास कार्य न करने का आरोप 


हापुड़। पिछले 5 सालों से नहीं खुला पंचायत घर का ताला, धूल फांक रहा पंचायत घर। ग्रामीणों ने गाँव में स्कूल से लेकर पार्क तक की स्तिथि को बदहाल बताया। वहीं केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई शोचालय योजना के निर्माण में ग्रामीणों ने लगाया धांधली का आरोप लगाया। अब ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपकर की जांच की मांग। हापुड़ जनपद के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के अटुटा गाँव का मामला।


अतुल त्यागी


मजदूर के हित में नहीं है 'कानून'

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी अध्यादेश मजदूर विरोधी है, संविधान सम्मत कानून नहीं है ?यह अध्यादेश मनमाना है ,यह असविधानिक है ,अंतर्राष्ट्रीय विधि विरोधी है यह मजदूर विरोधी अध्यादेश है?यह सविधान व मजदूरो के विरुद्ध केवल छल है ?लोकडाउन मे मजदूरो के विरुद्ध इतनी जल्दबाजी का क्या कारण है? कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के कारण पूरे देश में राष्ट्रीय आपात घोषित है ।जनस्वास्थ्य लोकहित में देश प्रदेश वासियों को घरो मे लोकडाउन किया गया है ।लाकडाउन के दौरान मजदूरों के सविधानिक मूलाधिकारो संवैधानिक सुरक्षा विधिक अधिकारों के विरुद्ध कानून बनाना, अध्यादेश लाना कौन सा मजदूरों के स्वास्थ्यहित में है ?जबकि लोकडाउन स्वास्थ्य हित में है ?यह अध्यादेश किसके स्वास्थ्यहित में है ?लोकहित जनस्वास्थहित मे जारी लाकडाउन के दौरान सविधान विरुद्ध मजदूर विरोधी अध्यादेश जारी करना साजिश है ,छल है ,संविधान विरोधी है ।भारत में संवैधानिक लोकतांत्रिक समाजवादी कानून है ,देश मे पूंजीवाद नहीं है ?सविधानिक भारत मे किसी के संवैधानिक मूल अधिकारों को खत्म नहीं किया जा सकता ।मजदूरों के विरुद्ध जारी अध्यादेश देश के मजदूरों के मानव अधिकारों के विरुद्ध है ?संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध है ?विधिक अधिकारों के विरुद्ध है ?इसे अविलंब वापस किया जाए, निरस्त किया जाए। मजदूरों के हित में मजदूरों के जनस्वास्थ्य हित में, मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मजदूर हित के लिऐ कानूनी प्रावधान किये जाये,मजदूरो के कल्याण के लिऐ मजदूरो का पंजीकरण स्थानीय स्तर पर किया जाना सुनिश्चित किया जाये ,मजदूर देश की बुनियाद है देश की नीव है देश का बुनियादी विकास,बुनियादी निर्माण,बुनियादी स्वास्थ साफ सफाई की मजदूरो के बिना कल्पना भी नही की जा सकती है । देश की सुख समर्द्धी खुशहाली स्वास्थ का मानक पैमाना मजदूरो की खुशहाली स्वास्थ कल्याण सुरक्षा मे ही छुपा है। मजदूरो की सुरक्षा के लिऐ व किसी भी मानवक्षति को रोकने के लिऐ  तथा किसी भी निर्माण,औद्योगिक साइट आदि पर मृत्यु होने पर ,कम से कम 50 लाख का बीमा अभिलंब निर्धारित किया जाए।मजदूरो के प्राथमिक स्वास्थ  ,कल्याण की प्रत्येक ग्राम स्थानिय नगर निकाय, वार्ड/जोन स्तर पर अधिकारिक जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहीऐ।
            सुरेन्द्र कुमार एडवोकेट


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...