मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

10 लाख किसानों पर मौसम का कहर

लॉकडाउन में 10 लाख किसानों पर मौसम का कहर


बारिश-ओलावृष्टि से गेहूं, सेब समेत अन्य फसलों को नुकसान


 सरकार ने सभी जिलों से नुकसान का आकलन कर मांगी रिपोर्ट


रिपोर्ट- चन्दन सिंह बिष्ट


हल्द्वानी। कोरोना महामारी के चलते चालू लॉकडाउन में प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों पर मौसम भी कहर बरपा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश और ओलावृष्टि से कृषि व बागवानी फसलें तबाह हो रही हैं। फरवरी व मार्च महीने में हुई बारिश व ओलावृष्टि से भी इन फसलों को छह करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। जबकि पर्वतीय जिलों में सेब, नाशपाती, खुमानी, आड़ू फसल तुड़ाई की कगार पर खड़ी है। फरवरी व मार्च माह में हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद होने से करीब 6 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।


इसके बाद से प्रदेश में लागू लॉकडाउन के कारण किसानों की आर्थिक हालत खासी खराब हो गई है। अब फसल पककर तैयार है, तो फसलों की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे। ऐसे में एक बार फिर से मौसम भी इन फसलों पर कहर बन कर टूट पड़ा है। दो दिन से हो रही बारिश से प्रदेश में कृषि व बागवानी की फसलों को खासा नुकसान हुआ है। सोमवार को कृषि निदेशक गौरी शंकर और अपर निदेशक उद्यान रतन कुमार ने सभी जिलों को पत्र जारी करके नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट मांगी है।


सूरजपुरः पहला वायरस पॉज़िटिव केस

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का पहला कोरोना पॉज़िटिव केस सामने आया है। मरीज की कोरोना की जांच के लिए सेम्पल रायपुर एम्स भेज गया था जिसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। अब एक्टिव केस में तीन के बजाय चार हो गए है बात देकि आज सुबह ही दो मरीजो को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गयी है।


बताया जा रहा है कि मरीज सूरजपुर का रहनेवाला है और उसकी उम्र 58 वर्ष है। चौथे मरीज मिलने की पुष्टि आज मेकाहारा प्रबंधन ने की है।


विधायक पर लगाए आरोप, कसी लगाम

विधायक पर लगाए आरोप, कसी लगाम
अकाशुं उपाध्याय 
गाजियाबाद। लोनी तहसील में जनता के निवाले पर दिन-दहाड़े, लूट-खसोट की गई है। जिसका प्रमाण क्षेत्र के राशन कार्ड धारक स्वयं हैं। हजारों कुंतल अनाज लूट लिया गया। जिसमें अधिकारी और नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संपूर्ण भारत में लॉक डाउन लागू है। जिसे 3 मई तक लागू किया गया है। इस लॉक डाउन में इतनी बड़ी लूट ? यह बात जनता को भी समझने की सख्त जरूरत है। लॉक डाउन में नेताओं की काली कमाई के सारे रास्ते बंद हो जाने पर, जनता के निवाले पर सुनियोजित ढंग से सेंधमारी की गई है। स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर की इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसमें उप जिलाअधिकारी को इस सुनियोजित संरचना का संवाहक बनाया गया। आप स्वयं महसूस कर सकते हैं कि उच्च शिक्षा प्राप्त अधिकारी जाहिलो की भांति बिना नाद-जनेऊ के संकेत मिलने भर पर, कार्य को पूर्ण करते नजर आते हैं। सही और गलत के अन्वेषण की किसी ने कोई आवश्यकता ही नहीं समझी है। इस संपूर्ण प्रकरण पर पूर्व चेयरमैन मनोज धामा के द्वारा उंगली उठाते ही प्रकरण से संबंधित सब लोग अपने बचाव का मार्ग खोजने में लगे हैै। वर्तमान चेयरमैन के द्वारा सुभे के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर की जड़ों से मिट्टी हटाने का काम किया है। यदि इस पत्र पर कोई संतोषजनक कार्रवाई भी नहीं होती है, तो भी विधायक की छाती पर कई मन बोझ तो रहेगा ही। हमेशा यह पश्चताप रह-रहकर, आत्मग्लानि का बोध कराता रहेगा।


इस रोमांचक राजनीति के खेल में पूर्व चेयरमैन मनोज धामा ने पलटवार में यह बाजी 'चौकस' मारी है। प्रतिद्वंदी को चारों खाने चित कर दिया है। सारा खेल पट्ट कर दिया है।
नाजुक नौकरशाही हर हाल में 'ढाई चाल' ही चलती है। उसका कार्य नेतृत्व के पीछे झाड़ू लेकर चलना है। जो बचता है उसे समेट लिया जाता है। बाकी कोई नातेदारी तो है नहीं। ना कोई ऐसा संकल्प लिया है और ना कोई प्रण किया है।
क्षेत्र के राजनीतिक विक्षोभ से स्थानीय विधायक पर ठोस आरोप लगे हैं और लगाम की पकड़ भी मजबूत लग रही है। बहराहाल, जो भी परिणाम हो, यह राजनीतिक खेल परवान चढ रहा है और काफी रोमांचकारी भी हो गया है।


क्वॉरेंटाइन केंद्रों का निरीक्षण किया

विजय भाटी


गौतमबुध नगर। शासन द्वारा जनपद गौतमबुद्ध नगर के लिए नामित नोडल अधिकारी नरेन्द्र भूषण मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा तथा आलोक सिंह पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर द्वारा संयुक्त रूप से गत दिवस देर सायं सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल की नयी बिल्डिंग मे स्थित क्वारंटाइन सेंटर व गलगोटिया काॅलेज स्थित क्वारंटाइन सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा उक्त सेंटरों की साफ सफाई, खानपान, सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गहन पड़ताल की गई तथा क्वारंटाइन किये गये लोगों से बात कर उनकी समस्याओं आदि के बारे मे जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये। उन्होने ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों को एसओपी के अनुसार सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करने को कहा। उन्होने क्वारंटीन सेन्टर में पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, वाइजर, पीपीई किट, सेनेटाइजर व मास्क आदि को उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होने संस्थानों से वार्ता कर क्वारंटाइन सेन्टरों पर सीसीटीवी कैमरो की व्यवस्था भी कराने को कहा।
इसके अतिरिक्त नोडल अधिकारी द्वय द्वारा हाॅटस्पॅाट ग्राम सलारपुर का भी निरीक्षण किया गया तथा लोगों से बातकर उनकी समस्याओं आदि के सम्बन्ध के जानकारी प्राप्त की गई व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों से हाॅटस्पाॅट क्षेत्र मे आवश्यक सेवाओ यथा दूध, फल, सब्जी, दवाई, राशन आदि की निर्बाध आपूर्ति तथा नियमित रूप से साफ-सफाई आदि के संबंध में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी कर आवश्यक निर्देश दिये गये। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जरूरी वस्तुओं के लिए उन्हें कोई दिक्कत नही होने दी जाएगी तथा लोगों से अपील की कि घरों के अंदर ही रहें तथा लॉक डाउन का सख्ती से पालन करें।


घोटाले बाजों के कर्ज माफ, कारण बताएं

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि जब पूरा देश कोरोना संकट से एकजुट होकर जूझ रहा है तो मोदी सरकार ने बैंकों के 50 घोटालेबाज कर्जदारों का 68 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का ऋण माफ करने का बेतुका और औचित्यहीन कदम उठाया है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि भगोड़ों को किस आधार पर यह छूट दी गयी है।


कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिजर्व बैंक ने 24 अप्रैल को सूचना के अधिकार-आरटीआई के तहत पहली बार बताया है कि सरकार ने बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले जिन 50 बड़े कर्जदारों और भगोड़ों का कर्ज माफ किया है उनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और जतिन मेहता जैसे बड़े घोटालेबाज शामिल हैं।


सुरजेवाला ने कहा कि जब देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ऐसे में सरकार का इन घोटालेबाजों का 68 हजार 607 करोड रुपए का कर्ज माफ करना आम जनता के प्रति उसकी दुर्भावना को जताता है। उन्होंने कहा कि यह काम सरकार के मुखिया की सहमति के बिना संभव नहीं है इसलिए प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि सरकार ने यह कर्ज क्यों और किस आघार पर माफ किया है। प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि उसके पास कोरोना से लड़ने के लिए पैसे की कमी है इसलिए उसने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते तथा राहत भत्ते में बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लिया है और दूसरी तरफ उन लोगों कर्ज माफ किया जा रहा है जिन्होंने देश के बैंकों को चूना लगाया है और पैसा लौटाए बिना भाग गये हैं। सरकार को इसका औचित्य जरूर बताना चाहिए।


 


1 साल तक भर्तियों पर लगाई रोक

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप व लॉक डाउन के बीच हरियाणा सरकार की तरफ से नई सूचना जारी की गई है। हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में एक साल तक कोई नई भर्ती नहीं होगी और न ही कर्मचारियों को एलटीसी ही मिलेगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट के कारण सरकार खर्चों में कटौती कर रही है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार अगले कुछ दिनों में राज्य में परिवहन सेवा शुरू करने के भी संकेत दिए हैं।
कोरोना महामारी से उपजे वित्तीय संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सोमवार को ऐलान किया कि, राज्‍य सरकार ने कोरोना के कारण पैदा हालात के कारण एक साल तक नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं होगी।


कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए पहले से चली आ रही भर्तियों को ही पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही राज्‍य कर्मच‍रियों को एलटीसी की सुविधा भी अभी बंद करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि, कर्मचारियों को एलटीसी भी नहीं मिलेगा और डीए व इसके एरियर पर भी रोक लगा दी गई है। सरकारी कर्मचारियों को यात्रा करने पर मिलने वाला भत्ता भी आगामी आदेशों तक नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2021 तक रोके जाने की तर्ज पर ही हरियाणा सरकार भी आगे बढ़ेगी। उन्‍होंने कहा कर्मचारियों के महंगाई भत्‍ते पर रोक बस एक साल के लिए लगाया गया है। मनोहरलाल ने कहा कि राज्‍य सरकार कोरोना से निपटने के लिए पूरा प्रयास कर रही है और सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।


माफ किया 68607 करोड का कर्ज

मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भले ही संसद में जवाब नहीं दे पाए, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का नाम सार्वजनिक कर दिया है, जिनके 68,607 करोड़ रुपए के कर्ज को बैंकों ने तकनीकी तौर पर माफ भी कर दिया है। देश के 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स (जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वाला) की जानकारी हासिल करने का काम आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने किया है, जिन्होंने आरबीआई से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी।


आरबीआई ने जानकारी तो दे दी है, लेकिन अपना पल्ला यह कह कर झाड़ लिया है कि यह बैंकों से 30 सितंबर 2019 को CRILC को मिली जानकारी के आधार पर है। वहीं आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों की जानकारी देने से मना कर दिया है। गोखले ने आरटीआई के तहत यह जानकारी पिछले बजट सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी द्वारा संसद में 16 फरवरी, 2020 को पूछे गए इस तारांकित प्रश्न का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा जवाब देने से इंकार कर करने के बाद मांगी थी।
अब बात 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स की, इसमें मेहुल चौकसे की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड 5,492 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर 4,314 करोड़ रुपए की देनदारी के साथ आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसके निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला हैं। इसके बाद भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का नाम है, जिसने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है, वहीं कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है। इसके अलावा सूची कुदोस केमी 2,326 करोड़ रुपए, रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड 2,212 करोड़ रुपए शामिल हैं।



'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...