रविवार, 5 अप्रैल 2020

देशवासियों का प्रधानमंत्री को समर्पण

नई दिल्ली। कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। देश में रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। मोदी सरकार ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कर दिया गया। साथ ही संकट की इस घड़ी में पीएम मोदी एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।


उन्होंने देशवासियों से रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट तक लाइट बंद करने और दीया, मोमबत्ती, टॉर्च व मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता का संदेश देने और कोरोना के अंधकार को प्रकाश की ताकत से हराने की अपील की है।पीएम मोदी की इस अपील पर बिजली का लोड कम होने से पावर ग्रिड फेल होने समेत कई तरह की आशंका जताई जा रही है। इस बीच राज्यों के बिजली विभाग ने लोगों से अपील की है वो सिर्फ लाइटें बंद करें। फ्रिज, एसी और पंखा को चलने दें। वहीं, अब ऊर्जा मंत्रालय ने इन आशंका को खारिज किया है। ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि इस परिस्थिति में ग्रिड के संतुलन को बनाए रखने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उस समय स्ट्रीट लाइट से लेकर रेफ्रिजरेटर, पंखे जैसे घरेलू उपकरण नहीं बंद होंगे। सिर्फ घरों की लाइटें बंद होंगी, जिससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। ऊर्जा मंत्रालय ने इन आशंकाओं से जुड़े कई सवालों के जवाब भी दिए हैं…..सवाल- आज रात 9 बजे से 9:09 बजे तक क्या सिर्फ घर की लाइटों को बंद किया जाएगा या फिर सड़कों, सार्वजनिक स्थानों और आवश्यक सेवाओं की लाइटों को भी बंद कर दिया जाएगा? जवाब- पीएम मोदी की अपील के मुताबिक आज रात 9 बजे से 9:09 बजे तक सिर्फ घर की लाइटों को बंद किया जाएगा।सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों और आवश्यक सेवाओं की लाइटों को नहीं बंद किया जाएगा। सवाल- क्या घर की लाइटों को बंद रखने के दौरान बिजली के घरेलू उपकरण सुरक्षित रहेंगे? जवाब- बिजली के सभी घरेलू उपकरण सुरक्षित रहेंगे. पंखे, एसी, फ्रिज आदि को बंद करने की जरूरत नहीं हैं। बिजली के लोड कम होने की चुनौती से निपटने के लिए इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को अच्छे से डिजाइन किया गया है। बिजली के लोड के कम और ज्यादा होने को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्था की गई है। सवाल- क्या लाइटों के बंद होने के दौरान ग्रिड स्टेबिलिटी को बनाए रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और प्रोटोकॉल बनाए गए हैं? जवाब- हां, ग्रिड स्टेबिलिटी के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। सवाल- क्या लाइटों को बंद करना जरूरी है या स्वैच्छिक है?जवाब- सभी के लिए लाइटों को बंद करना स्वैच्छिक है और सिर्फ घर की लाइटों को ही बंद करना होगा। सवाल- कुछ आशंकाएं जताई जा रही हैं कि लाइटों को बंद करने के दौरान ग्रिड में इनस्टेबिलिटी आ सकती है और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव आने से बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है, इसमें कितनी सच्चाई है? जवाब- ये आशंकांए पूरी तरह गलत हैं। यह सामान्य घटना है और बिजली के लोड कम होने या बढ़ने की समस्या को हैंडल करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को अच्छे से डिजाइन किया गया है।


वेंटिलेटर की कमी ने हालात बिगाड़े

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस के कहर से परेशान अमेरिका के न्यूयार्क शहर में डरावने हालात बनते नजर आ रहे हैं। लगातार सामने आ रहे कोरोना के पॉजीटिव मामलों के बाद हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। न्यूयॉर्क में तो स्थिति यह हो गई है कि दो मरीजों को एक ही वेंटिलेटर उपयोग करना पड़ रहा है।


मिली जानकारी के अनुसार न्यूयॉर्क इस समय वेंटिलेटर की भारी कमी से जूझ रहा है, यहां पर वेंटिलेटर को दो मरीजों को शेयर करने को कहा गया है। अमेरिका में इस समय आधे से ज्यादा करीब 37000 से ज्यादा कोरोना के मरीज न्यूयॉर्क में ही हैं और वहां मेडिकल साजो-सामान की भारी दिक्कतें महसूस की जा रही है। पीपीएफ का स्टॉक भी सिर्फ अगले 2 सप्ताह का है। मेडिकल सामान की इसी भारी कमी को देखते हुए न्यूयॉर्क में एक वेंटिलेटर को दो मरीजों को शेयर करने को कहा गया है। न्यूयॉर्क राज्य के अस्पतालों में इस वक्त करीब 30,000 वेंटिलेटर की जरूरत है। ट्रंप सरकार सिर्फ 4000 वेंटीलेटर भेज रही है, जिससे नाराज होकर न्यूयॉर्क के गवर्नर ने कहा है कि भेजने वाले तय करें कि किस 26000 को वेंटीलेटर के अभाव में मरना हैं। 30000 वेंटीलेटर की जरूरत तब है, जब सामान्य स्थिति में भी न्यूयॉर्क के पास 4000 वेंटीलेटर की सुविधा है और कोरोना वायरस के बाद उसने 7000 नए वेंटीलेटर खरीदे हैं।


चट्टान गिरी 2 की मौत, 7 घायल

देहरादून। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में चट्टान की चपेट में आने से 2 कांवड़ियों की मौत हो गई। चट्टान के मलबे में अभी और कांवड़ियों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। जबकि इस हादसे में अन्य 7 कांवड़िए गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। हादसे में मरने वाले कांवड़ियों की पहचान नहीं हो पाई है।


मिली जानकारी के मुताबिक, टिहरी के नरेंद्र नगर इलाके में बगदादार के पास एनएच 94 (ऋषिकेश-गंगोत्री) पर गंगोत्री से आ रही कांवड़ियों की गाड़ी पर एक चट्टान गिर गई। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें पहुंचीं। जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मलबे में से अब तक 2 कांवड़ियों के शवों को निकाल लिया गया है। इसके अलावा घायलों को भी निकाला गया है। अभी भी कुछ कांवड़ियों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। चट्टान के मलबे को हटाने के लिए जेसीबी बुलाई है। फिलहाल मलबे को हटाने का काम जारी है।


खेल के दौरान तीन युवकों की मौत

चेन्नई। तमिलनाडु में परंपरागत जल्लीकट्टू (सांड को काबू में करने का खेल) के दौरान तीन युवकों की मौत हो गई।डिंडिगुल जिले के नल्लामन्नापट्टी गांव में पुनीता वनथु एंथोनियार चर्च उत्सव के हिस्से के रूप में वार्षिक जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया था। रविवार को हुए इस आयोजन के दौरान एक युवक की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए. इस आयोजन के लिए 1000 सांडों को लाया गया है।


जबकि सलेम और कोयंबटूर में भी जल्लीकट्टू के दौरान दो युवकों की मौत हो गई। पुडुकोट्टई के रहने वाले प्रभाकरन को जल्लीकट्टू के दौरान घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान इस युवक ने दम तोड़ दिया। जबकि डिंडिगुल में नागराज नामक युवक की मौत हो गई। नागराज एक बिगड़ैल सांड को काबू में करने की कोशिश कर रहा था और इसी कोशिश में वह बुरी तरह जख्मी हो गया था। इलाज के लिए नागराज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा कोयंबटूर में सुभाष चंद्र बोस नामक युवक ने दम तोड़ दिया। सांड को काबू में करने की कोशिश के दौरान ये युवक बुरी तरह जख्मी हो गया था. कोयंबटूर में आयोजित किए गए जल्लीकट्टू कार्यक्रम में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई थीं। इस दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु भी मौजूद थे। पिछले साल भी तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है जिसमें खिलाड़ी सांड को काबू करने की कोशिश करते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभाष्कर ने करवाया था. पिछले साल, 424 खिलाडिय़ों के अलावा 1354 सांडों को इसमें शामिल किया गया था, जो कि पिछली बार के कीर्तिमान से दोगुना था।


सेना के जवान किए गए अलर्ट

आपात स्थिति से निपटने के लिए आर्मी ने 14 हजार सैनिकों को अलर्ट किया


तोक्यो। दक्षिणी जापान में भारी बारिश हो रही है और कई इलाकों में लोगों के घर डूब गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए 14 हजार सैनिकों को अलर्ट कर दिया गया है। दक्षिण-पश्चिमी शहर कागोशिमा में बारिश से पैदा हुए खतरे को देखते हुए प्रशासन ने 10 लाख से ज्यादा लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया है। दरअसल, बीते दिनों इस क्षेत्र में भारी बारिश हुई है और आगे भी जारी रहने की संभावना है। जापानी अधिकारियों को डर है कि लगातार बारिश से बाढ़ या भूस्खलन हो सकता है। ऐसे में लोगों को पहले ही सतर्कता बरतते हुए इलाका खाली करने को कहा गया है। यह निर्देश सलाह से बढ़कर है लेकिन फिर भी लोग अगर घर छोड़कर नहीं जाते हैं तो उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा। आपको बता दें कि कागोशिमा, क्यूशू के दक्षिणी द्वीप की खाड़ी में स्थित है। द्वीप के कुछ हिस्सों में पिछले सप्ताह से प्रति वर्ग मीटर 900 मिलीमीटर बारिश हुई है। कागोशिमा में मंगलवार सुबह 7 बजे से 8 बजे के बीच 40 मिलीमीटर/वर्ग मीटर बारिश हुई। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने गुरुवार सुबह तक दक्षिणी क्यूशू में लगभग 350 मिमी/ वर्ग मीटर बारिश होने की संभावना जताई है, जबकि क्षेत्र के कुछ हिस्सों में प्रति घंटे 80 मिमी तक बारिश हो सकती है। कागोशिमा नगरपालिका के अनुसार, लोगों को घर खाली करने का आदेश जारी करने का मुख्य कारण मूसलाधार बारिश की वजह से मिट्टी का धंसना हो सकता है, जिसका अधिकारियों को डर है।मौसम पूवार्नुमान इकाई के प्रमुख ने मीडिया को बताया कि पिछले साल की तुलना में, इस बार बारिश की अवधि कम होगी। उन्होंने यह भी कहा मूसलाधार बारिश से निकासी में बाधा आ सकती है।


उत्तर में बारिश से आवागमन अवरुद्ध

323 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप


शिमला। उत्तर भारत के कई इलाकों मे बारिश के कारण आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। वर्षाजनित हादसों के कारण हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 8 लोगों की मौत हुई है। कई जिलों में बाढ़ के कारण गांवों का संपर्क कट गया है। राज्य के तमाम हिस्सों में हुई लैंड स्लाइड्स और फ्लैश फ्लड के कारण 323 रास्तों और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड और राजस्थान के कई हिस्सों में भी बाढ़ जैसे हालात के कारण सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, वर्षाजनित घटनाओं के कारण हिमाचल प्रदेश में आठ लोगों की मौत हुई है। शिमला के आरटीओ कार्यालय के पास भूस्खलन की घटना में तीन लोगों के मारे जाने की सूचना है। इसके अलावा इस घटना में एक अन्य शख्स के मलबे में दबे होने की खबर है। वहीं, बारिश के कारण एक मकान की दीवार गिरने के कारण एक मजदूर की भी मौत हुई है। मृत मजदूर की पहचान शाह आलम नाम के शख्स के रूप में हुई है, जो बिहार के किशनगंज का रहने वाला था। साथ ही कुल्लू जिले के रोहरू में भूस्खलन के कारण 1 शख्स की मौत हुई है। बारिश के कारण गिरे एक पेड़ की चपेट में आने से 2 नेपाली नागरिक मारे गए हैं, वहीं चंबा में भी बाढ़ के पानी में बहने से एक शख्स की मौत हो गई।


बादल फटने के कारण भारी तबाही देहरादूनः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के कारण भारी तबाही की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि शिमला से लगी सीमा के पास भारी बारिश के बीच कई लोग लापता हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में बादल फटने के कारण पानी में कई लोग बह गए हैं, हालांकि प्रशासन इसे सिर्फ भारी बारिश से हुई घटना बता रहा है। उत्तरकाशी के एसपी पंकज भट्ट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि बारिश के पानी के कारण कई मकानों को नुकसान हुआ है और प्रशासन के पास अब तक डेढ़ साल की एक बच्ची समेत कुल 3 लोगों के लापता होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी की मोरी तहसील, आराकोट, टिकोची समेत कुछ अन्य इलाकों में बादल फटने के कारण कई मकान टोंस नदी के पानी में बह गए हैं। इसके अलावा इन मकानों से अब तक तीन लोगों के लापता होने की सूचना है। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से एसओ मोरी को मौके पर भेजकर हालातों की समीक्षा कराई जा रही है। इसके अलावा कई इलाको में एसडीआरएफ, आईटीबीपी और रेड क्रॉस की टीमों को भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर रेस्क्यू करने के लिए भेजा गया है।


भारत के प्रधानमंत्री को लिखा खत

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने किर्गिस्तान मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत राज्य के विद्यार्थियों को वापस लाए जाने की मांग की है। राज्यपाल को 80 विद्यार्थियों की सूची के साथ विधायक ने पत्र लिखा है। इन छात्रों में विधायक का पुत्र भी शामिल है। राज्यपाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिख कर मेडिकल छात्रों को वापस लाने की व्यवस्था कराने की मांग की है। विधायक सिंह ने बताया की किर्गिस्तान में छत्तीसगढ़ के करीब 500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें से 80 विद्यार्थियों के संबंध में उनके पास जानकारी है। उन्होंने संक्रमण के खतरे को को देखते हुए मांग की है कि राज्य के वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को सकुशल घर वापस लाने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाए। उन्हें तत्काल वापस लाए जाने की पहल की जानी चाहिए.यही नहीं किर्गिस्तान में मेडिकल छात्रों के अलावा अन्य भारतीय नागरिक भी हैं, जो स्वदेश आना चाहते हैं। विधायक ने बताया कि ऐसे कई लोगों ने उनसे संपर्क किया है और वतन वापसी के लिए सहायता मांगी है। विधायक के अनुरोध पर राज्यपाल ने विदेश मंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिख कर अवगत कराया है। बता दें कि चीन, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों के साथ ही अब कोरोना का असर रूस और उसके पड़ोसी देशों पर भी पड़ रहा है। ऐसे में जो छात्र वहां फंसे हुए हैं, उनके परिजन उनकी कुशलता को लेकर बेहद चिंता में हैं। राज्य के कई छात्रों मेडिकल की बेहतर शिक्षा के लिए रूस, यूक्रेन और किर्गिस्तान जाते हैं।


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राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...