शनिवार, 4 अप्रैल 2020

1480 की मौत, 2.7 लाख संक्रमित

मनोज सिंह ठाकुर


वाशिंगटन। दुनियाभर में कोरोना इस समय कहर बन कर बरस रहा है। इटली और स्पेन के बाद इसका सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका पर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी की खौफनाक स्थिति का पता इस बात से चलता है कि 24 घंटे में यहां 1480 लोगों की मौत हो गई। अमेरिका में एक दिन में इतनी ज्यादा मौतों का ये अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। जॉन्स हॉप्किंस विश्वविद्यालय के ट्रैकर ने यह आंकड़ें दिए हैं। उनके अनुसार, अमेरिका में दो लाख 77 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं, जबकि सात हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
ताजा आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में कोरोना वायरस से पौने तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि अब तक 7406 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमित लोगों और मौत का आंंकड़ा भी यहां लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका में संक्रमित और मौत की संख्या अन्य कई देशों के मुकाबले में बहुत ज्यादा है। इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित मरीजों और मौत के बावजूद ट्रंप ने अभी तक अमेरिका में लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है। हालांकि सरकार ने लोगों को घर में रहने का आदेश जारी किया है। 
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी सिफारिश में कहा है कि अमेरिकियों को कोविड-19 से बचाने के लिए कपड़े से बने मास्क को पहनना चाहिए। व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रिफिंग के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, सीडीसी ने अपनी सिफारिश में कहा कि वॉलंटरी हेल्थ मेजर्स के रूप में नॉन-मेडिकल क्लॉथ (कपड़े) का इस्तेमाल किया जाए। यह वॉलंटरी है, उन्होंने कुछ समय के लिए इसकी सिफारिश की है। हालांकि, ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह खुद मास्क नहीं पहनेंगे।


14 राज्यों में जमात के 647 संक्रमित

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि पिछले दिनों दिल्ली स्थित निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने वालों में से अब तक कुल 647 लोगों में कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। ये लोग 14 राज्यों के हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले दो दिनों में तबलीगी जमात के 647 लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। ये लोग असम, अंडमान निकोबार, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से हैं।
उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के संक्रमण के अब तक 2301 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 56 मरीजों की मौत हई और 156 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 12 मरीजों की मौत हुई है।
उन्होंने कोरोना के संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लागू देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) को कारगर उपाय बताते हुए कहा कि संक्रमण के मामलों में जो बढ़ोतरी पिछले कुछ दिनों में हुई है, उसका मुख्य कारण एक खास घटना रही।
अग्रवाल ने कहा कि अगर इस घटना को छोड़ दें तो लॉकडाउन और इस दौरान सामाजिक मेलजोल से दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के उपायों के कारण नए मामलों की गति में इजाफा नहीं हो रहा था।
अग्रवाल ने देशवासियों से अपील की कि हम सभी को यह समझना होगा कि हम एक संक्रामक बीमारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में इससे निपटने के उपायों का पालन में करने में मामूली सी चूक हमारे सारे प्रयासों को व्यर्थ साबित कर देती है।


51 अस्पताल 5 प्रयोगशाला होगी तैयार

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए सशस्त्र बलों के 51 अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है।सैन्य अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए सेनाओं की 5 प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित जांच केंद्रों से जोड़ा गया है।


इनमें दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल (रिसर्च एन्ड रेफरल), बेंगलुरु स्थित वायुसेना कमान अस्पताल, पुणे स्थित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (एएफएमसी), लखनऊ स्थित कमान अस्पताल और उधमपुर स्थित कमान अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा 6 और अस्पतालों को उपकरण और अन्य सुविधाओं सहित कोविड-19 की जांच करने के लिए तैयार किया जा रहा है।


रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, देशभर में सशस्त्र सेनाओं के 51 अस्पतालों में गहन चिकित्सा कक्ष और कोविड-19 की जांच के लिए विशेष केंद्र बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में सशस्त्र बलों द्वारा मुंबई में 6 पृथक-वास संचालित किए जा रहे हैं।


रायपुर में 48 घंटे का कर्फ्यू लागू

रायपुर। देश सहित छत्तीसगढ़ में 14 अप्रैल तक जारी लॉकडाउन के बीच अब अगले 48 घंटे राजधानी रायपुर में कर्फ्यू रहेगा। शनिवार शाम 4 बजे के बाद से यह कर्फ्यू लागू हो जाएगा। इसे लेकर जिला प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है। शनिवार को कई स्थानों पर पुलिस की ओर से फ्लैग मार्च किया गया है। घर से बेवज़ह निकलने वाले लोग पकड़े गए, तो उन्हें सीधे जेल का रास्ता दिखाया जाएगा।


प्रशासन के अनुसार इस दौरान बहुत ही अधिक जरूरी सेवा को खुला रखा जाएगा। इसमें पूरी तरह से जांच-पड़ताल के बाद लोगों को जरूरी सेवाओं के लिए निकलने दिया जाएगा। जरुरी सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन रायपुर की ओर से यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि लॉकडाउन का लोग कड़ाई से पालन नहीं कर रहे हैं। जरूरी सेवाओं के बहाने लोग घरो से तफरी करने सड़क पर निकल रहे हैं। जिसके कारण शहर में अचानक ट्रैफिक बढ़ गया है। लिहाजा कोरोना वायरस से बचाव के लिए सख्ती बेहद जरूरी है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने को कहा गया है। इस दौरान अगर किसी ने भी  लापरवाही बरती, मनमानी करते हुए दिखे तो फिर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


लॉक डाउन को बढ़ाया जा सकता है

नई दिल्ली। अमेरिकन कंसल्टिंग फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस (Coronavirus) को देखते हुए इंडिया में लागू किए गए लॉकडाउन को सितंबर के मध्य तक बढ़ाया जा सकता है। मनीकंट्रोल में प्रकाशित BCG की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि भारत जून के चौथे सप्ताह और सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच देशव्यापी लॉकडाउन को हटाना शुरू करेगा।


अध्ययन में बताया गया है कि प्रतिबंध हटाने में देरी देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की तैयारी और सार्वजनिक नीति प्रभावशीलता के रिकॉर्ड के कारण उत्पन्न चुनौतियों का परिणाम हो सकती है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि भारत में जून के तीसरे सप्ताह तक COVID-19 के संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। अमेरिकन कंसल्टेंसी फर्म बीसीजी की रिपोर्ट कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के उपायों पर केंद्रित है। यह रिपोर्ट 25 मार्च तक के अनुमानों पर तैयार की गई है, जो जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के डेटा का पूर्वानुमान लगाने वाली मॉडलिंग पर आधारित है।


रिपोर्ट में देश की स्थिति, यह पूरी तरह से लॉकडाउन है या नहीं, संभावित लॉकडाउन की शुरुआती तारीख, संबंधित देशों के लिए पीक डेट्स और लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख सरीखे मानकों पर COVID-19 से संबंधित लॉकडाउन के खत्म होने की अनुमानित तारीखें बताई गई हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार ने 24 मार्च को यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड और कोलंबिया जैसे अन्य देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अनुसार लॉकडाउन की घोषणा की. देश में 3 अप्रैल तक, कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या 2,300 का आंकड़ा पार कर गई, जबकि मरने वालों की संख्या 62 थी।


दिल्ली में 91 नए केसो ने बढ़ाई चिंता

दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 91 नए केस: केजरीवाल
नई दिल्ली। ‘कोरोना से दिल्ली में अब तक 5 लोगों की मौत’
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में हर रोज तेजी से इजाफा हो रहा है। 24 घंटे में 91 केस सामने आए हैं, जिसके बाद यहां पर कोरोना के 384 केस हो गए हैं। 91 नए मामलों में 77 वो हैं जो तबलीगी जमात के मरकज में पहुंचे थे। ये जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दी।


उन्होंने बताया कि 384 में से 58 मरीज विदेश यात्रा वाले हैं। इनमें से बहुत से दिल्ली के भी नहीं हैं. 259 वो हैं जो मरकज में पहुंचे थे। वहीं, अब तक 5 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। ये काफी चिंताजनक लगता है। बता दें इससे पहले गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या 293 थी। अरविंद केजरीवाल ने कहा अच्छी बात है कि दिल्ली में कोरोना फैलना शुरू नहीं हुआ। हम सबने मिलकर इसे रोका हुआ है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पालन जरूरी है।


‘7 किलो राशन दे रहे’


दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हम 71 लाख राशन कार्ड वालों को साढ़े 7 किलो राशन दे रहे हैं। 60 फीसदी लोगों को मिल चुका है, जिनके पास कार्ड नहीं है। हम उनको भी अगले कुछ दिन में दे देंगे। वहीं, उन्होंने आगे बताया कि 8 लाख विधवा, बुजुर्ग, विकलांगों को 5-5 हजार रुपये दे रहे हैं। कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और ड्राइवर्स को राहत के पैसे दे रहे हैं। गरीबों के लिए 1780 सेंटर्स खोले गए हैं, जहां लंच डिनर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को 6,52,850 लोगों ने लंच किया और करीब 6 लाख 30 हजार ने डिनर किया।


प्रिंस चार्ल्स ने मंत्री के दावे को नकारा

प्रिंस चार्ल्स ने केंद्रीय मंत्री के दावे को झूठा बताया, कहा - आयुर्वेद से नहीं हुआ ठीक


नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने हाल ही में दावा किया था कि ब्रिटिश राजघराने के प्रिंस चार्ल्स आयुर्वेद की मदद से कोरोनावायरस से उबरने में सफल हुए। हालांकि, प्रिंस चार्ल्स की प्रवक्ता ने उनके इस दावे को नकारते हुए कहा है कि चार्ल्स ने सिर्फ ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) की चिकित्सीय सलाह मानी और कुछ नहीं।


प्रिंस चार्ल्स की प्रवक्ता एला लिंच ने द इंडियन एक्सप्रेस को भेजे मेले में कहा कि प्रिंस चार्ल्स के आयुर्वेद से ठीक होने की जानकारी गलत है। दरअसल, नाइक ने गुरुवार को गोवा में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि प्रिंस चार्ल्स का ठीक होना सिर्फ हमारी हजारों सालों पुरानी पद्धति की वैधता दर्शाती है। नाइक ने कहा था कि वे यह विश्वास से कह सकते हैं, क्योंकि बेंगलुरु में आयुर्वेद का रिसॉर्ट चलाने वाले एक डॉक्टर ने उनसे बात की है।


नाइक ने कॉन्फ्रेंस में कहा था- "मुझे बेंगलुरु में सौक्य आयुर्वेद रिसॉर्ट चलाने वाले डॉक्टर आइजैक मथई का फोन आया था। उन्होंने मुझे बताया कि उनके द्वारा आयुर्वेद और होम्योपैथी के जरिए किया गया प्रिंस चार्ल्स का इलाज सफल रहा। यह सिर्फ एक उदाहरण है कि हमारा सिस्टम कैसे काम करता है।"


गोवा के ही रहने वाले नाइक ने इस मौके पर सरकार की तरफ से कोरोनावायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की तरफ भी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत वायरस का फैलाव नियंत्रित करने में सफल रहने वाला पला देश है।


गौरतलब है कि गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रिंस चार्ल्स से फोन पर बात की थी। पीएम ने प्रिंस को खुद ही संक्रमण से उबरने पर बधाई देते हुए उन्हें बेहतर स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दी थीं। विदेश मंत्रालय ने इसके बाद बयान जारी कर कहा था कि प्रधानमंत्री ने प्रिंस को उनकी आयुर्वेद में रुचि के लिए शुक्रिया कहा। मोदी ने प्रिंस को योगा वीडियो के जरिए इम्युनिटी बढ़ाने की भी जानकारी दी थी। प्रिंस ने भी स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले इन तरीकों की तारीफ की थी। उन्होंने एनएचएस में सेवा दे रहे भारतीय मूल के लोगों की भी तारीफ की थी।


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