सोमवार, 23 मार्च 2020

झारखंड में बर्ड फ्लू ने दी दस्तक

विवेक चौबे


रांची। काेराेना वायरस के खतराें के बीच झारखंड में बर्ड फ्लू (एच5 एन1) ने भी दस्तक दे दी है। बर्ड फ्लू से ओरमांझी जू में पक्षियाें की माैत के बाद पशुपालन विभाग ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिलाें काे बर्ड फ्लू पर निगरानी रखने, मुर्गियाें के आवागमन व बिक्री पर नजर रखने काे कहा है।


इसके लिए टीम भी बना दी है। जू के निदेशक वेंकटेश्वर ने बताया कि 23 फरवरी काे जू में दाे गरुड़, तीन उल्लू व दाे सफेद आइबीस पक्षी की माैत हाे गई थी। काेलकाता व भाेपाल भेजे गए सैंपल से हुई पुष्टि हुईः काेराेना व बर्ड फ्लू के सिर्फ लक्षण एक जैसेे, और काेई समानता नहीं। रिम्स के डाॅ. जेके मित्रा ने बताया कि बुखार, कफ, नाक बहना, सिर में दर्द, गले में सूजन, मांसपेशियाें में दर्द, उल्टी लगना, शरीर के निचले हिस्से में दर्द अाैर सांस में परेशानी बर्ड फ्लू के लक्षण हैं। बर्ड फ्लू अाैर काेराेना वायरस के लक्षण मिलते-जुलते हैं, लेकिन और काेई बायाेलाॅजिकल समानता नहीं है। रांची में इलाज उपलब्ध, दवा का पर्याप्त स्टॉकस्टॉकः के मुताबिक यहां बर्ड फ्लू के इलाज की व्यवस्था है। अस्पताल-दुकानों में दवा एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) व जानामिविर (रेलेएंजा) का पर्याप्त स्टॉक है।सावधानियां जरूरीः मरे हुए पक्षियों से दूर रहें,बर्ड फ्लू वाले क्षेत्र में नॉनवेज ना खाएं,जहां से नॉनवेज खरीदें, वहां सफाई का ध्यान रखें,कोशिश करें कि मास्क पहनकर बाहर निकलें,आसपास किसी पक्षी की मौत होती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें।


आपात स्थिति मे छोड़े घरः सीएम

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब वासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ जुड़े सभी कदम उठाने और खास तौर पर समय-समय पर हाथ धोने और आपात कार्य न होने की सूरत में अपना घर न छोड़ने की अपील की है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने लोगों को अपील करते हुए कहा, ‘घरों से बाहर न निकल कर इस वायरस के आगे फैलने को रोकने में मदद करें। उन्होंने कहा, बंद के समय के दौरान खाद्य, किराना और दवा आदि जैसी जरूरी वस्तु की दुकान को छोड़कर बाकी सभी कारोबार और दुकान बंद रहेंगी। इसी तरह जल सप्लाई, सेनिटेशन और बिजली जैसी सभी जरूरी सेवाएं भी बनी रहेंगी। सार्वजनिक यातायात पर लगाए हुए प्रतिबंध भी 31 मार्च तक जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जो नागरिक हाल ही में विदेश में आए हैं, उनको घर में अलग रहने की जरूरत है और यदि इस वायरस से किसी किस्म का लक्षण दिखाई दे तो तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में रिपोर्ट किया जाए।


मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा के राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका हैं। इसी तरह सभी जिला मुख्यालायों में भी एसे कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। किसी किस्म की जरूरत के लिए अपेक्षित और तत्काल कदम उठाने का भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग 181 और 104 हैल्पलाइन नंबरों के द्वारा सरकार तक पहुंच कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कारोबारियों को भी अपील की कि न केवल जरूरी वस्तुओं की उचित सप्लाई को यकीनी बनाया जाए बल्कि किसी किस्म की कालाबजारी और मुनाफाखोरी का भी त्याग किया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसी को भी अपने निजी लाभ के लिए मौके का लाभ लेने की इजाजत नहीं देगी।


मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक जगह पर 10 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक होगी। डिप्टी कमीश्नरों को सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सख्ती के साथ पालन को यकीनी बनाने के लिए हिदायतें दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि सभी व्यक्तियों को अपने घरों में रहना चाहिए और वह जरूरी सेवाओं/वस्तुओं या रोजगार/ड्युूटी के लिए अपना घर छोड़ सकते हैं।


देश हित में खत्म किया धरना-प्रदर्शन

घंटाघर की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कोरोना वायरस के मद्देनजर देश हित मे स्थगित किया धरना प्रदर्शन…


लखनऊ। सीएए एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ जहां पूरे देश में लगातार महिलाओं का धरना प्रदर्शन चल रहा था वही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐतिहासिक घंटाघर पर पिछले 66 दिनों से उक्त कानून के खिलाफ लगातार महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी था, मगर दुनिया में फैले कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी का अपने देश भारत में भी पैर पसारने के चलते 66 दिनों से प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने देश हित में और कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लड़ने के लिए आज 67 वें दिन यानी 23 मार्च 2020 में धरने को स्थगित कर दिया है।


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून एनपीआर और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में लगातार प्रदर्शन जारी थे और शाहीन बाग में महिलाओं ने ऐसे बिल और कानून के खिलाफ जंग छेड़ी थी, वही लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर पर भी महिलाओं ने उक्त कानून का पुरजोर विरोध किया जिसमें उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, कभी पानी, खाना, दवाई जैसी कई तरह की सुविधाओं के भाव में भी धरने को लगातार जारी रखा और पुलिस प्रशासन की सख्ती को भी झेलना पड़ा। मगर अपने इरादों से मजबूत महिलाओं ने किसी भी तरह की परेशानियों से हार ना मानते हुए 66 दिनों तक लगातार प्रदर्शन जारी रखा, पुलिस ने कई बार बल का प्रयोग भी किया और कई तरह से धरने को खत्म करने की कोशिश में कई बार कड़े कदम उठाए और उक्त प्रदर्शन में पुलिस की बर्बरता भी सामने आई, फिर भी महिलाएं निडर और जान की परवाह किए बगैर धरने पर बैठी रही।


इस प्रदर्शन के बीच महिलाओं और उनके घर वालों झेलनी पड़ीं सैकड़ो परेशानियां…


लखनऊ का ऐतिहासिक घंटाघर भी महिलाओं के प्रदर्शन से एक बार फिर इतिहास में अपनी जगह बना गया। कड़कड़ाती ठंड, जबरदस्त बारिश और ओलावृष्टि के साथ ही भयंकर गर्मी की मार झेलने के बाद भी महिलाओं के हौसले नहीं टूटे थे, परंतु एक तरह की राष्ट्रीय आपदा कोरोना वायरस के रूप में भारत में प्रवेश कर गई जिसके चलते महिलाओं ने समझदारी और देशभक्ति का परिचय देते हुए लंबे समय से चल रहे इस धरना प्रदर्शन को स्थगित कर देशभक्ति का सबूत तो दिया ही साथ ही पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर देश हित मे धरना स्थगित करने की बात कही और पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र के ज़रिए सरकार से यह भी कहा कि हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस भयानक बीमारी से लड़ने और देश को इस आपदा से बचाने के लिए साथ खड़े हैं।


 


सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती था प्रदर्शन, मुकदमें और गिरफ्तारियां कर पुलिस ने निकाली थी खुन्नस…


यह धरना प्रदर्शन जहां एक तरफ सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था वही न जाने कितने बेकसूर लोगों के खिलाफ अनगिनत मुकदमे भी दर्ज हुए कितने लोगों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा और इस धरने में 3 मासूम जाने भी गई जिसमें दो वृद्ध महिलाएं और एक जवान युवती ने अपने प्राणों की आहुति देकर यानि शहादत में अपना नाम लिखवा कर देश के भविष्य के लिए कुर्बानी दे दी। मगर सरकार का रवैया नहीं बदला और आखिर एक ऐसी आपदा पूरी दुनिया के कई देशों के साथ ही भारत में भी प्रवेश कर गई जिससे भयानक महामारी तक संभावित है, इसी के मद्देनजर महिलाओं ने धरने को समाप्त करने या स्थगित करने का देश हित में फैसला लिया और अपने अपने घर वापस लौट गई।


 


प्रदर्शन स्थगित होने पर सरकार और पुलिस प्रशासन ने ली राहत की सांस…


वही धरना खत्म होने पर पुलिस प्रशासन और सरकार ने राहत की सांस ली और पुलिस प्रशासन ने महिलाओं को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया महिलाओं का कहना था की हम पहले भी देश के आने वाले भविष्य के लिए इस आंदोलन के जरिए लड़ रहे थे और अब कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी और आपदा से लड़ने के लिए तैयार हैं और हर कदम पर सरकार के साथ हैं इस वक्त किसी भी तरह के कानून से ज्यादा जरूरी है कोरोना वायरस जैसे बीमारी से लड़ने की इसलिए हम अपनी स्वेच्छा से देश हित में इस धरने को स्थगित करते हैं। अगर सरकार ने CAA, NPR और NRC को वापस नहीं लिया तो हम इस कानून और सरकार के खिलाफ फिर से बड़ा आंदोलन और धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।


जुनैद खान “पठान” की रिपोर्ट…


संकट की इस घड़ी में हम सब साथ

संकट की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं!

कोटा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के अंदर जब जब भी वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे तब तब उन्होंने राज्य के एक जिम्मेदार व्यक्ति का जो फर्ज होना चाहिए। वह फर्ज मुस्तैदी के साथ निभाया, चाहे वह प्राकृतिक आपदा से लड़ते हुए समस्या का समाधान करने का मामला हो या फिर कोरोना जेसी घातक बीमारी से प्रदेश की जनता को बचाने का मामला हो। अशोक गहलोत ने हमेशा संवेदन शीलता दिखाई है, गहलोत सरकार कोरोना को लेकर पहले दिन से ही इस समस्या के समाधान के लिए एक्टिव हो गई थी,  वैसे भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के अंदर बीमारी और बीमार मरीजों के लिए हमेशा संवेदनशील रहे हैं उनकी प्रदेशवासियों को " मुफ्त इलाज" की योजना देश और विदेश में चर्चित रही है आज भी प्रदेश की जनता उसका लाभ उठा रही है!
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने अपना 1 दिन का वेतन कोरोना बीमारी से निपटने के लिए राज्य सरकार को देने की घोषणा की है राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का यह कदम सराहनीय है!
क्या राजस्थान के 200 विधायक अपने विधायक कोष के पैसों मैं से एक बड़ी रकम अपने विधानसभा क्षेत्रों के अस्पतालों पर खर्च करेंगे करना चाहिए क्योंकि वैसे भी ज्यादातर विधायक विधायक कोष का पैसा पूरी तरह से खर्च नहीं कर नहीं कर पाते हैं यह अवसर है विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों मैं कोरोना से लड़ने के लिए उपकरण और अन्य सामग्री पहुंचाएं एक कदम जनता बढ़ा रही है दूसरा कदम सरकार एक कदम विधायक भी बढ़ाएं!
                   देवेंद्र यादव


शिवराज चौथी बार एमपी के सीएम

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चौथे सीएम होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। शिवराज सिंह आज शाम 7 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है। इसमें उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन उन्हें राजभवन में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।


गौरतलब है कि सिंधिया खेमे के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत आ गई। इसके बाद कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।बाद में ये सभी बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। 6 महीने में कराना होगा उपचुनावः विधायकों की इस्तीफे के बाद सदन में कांग्रेस विधायकों संख्या घटकर 92 हो गई हैं। वहीं, बीजेपी के पास कुल 106 विधायक है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा और दो विधायकों की मौत के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई हैं।  इन सीटों पर 6 महीने में चुनाव होने हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राज्य के लिए स्थाई सरकार की जरूरत है। इसलिए भाजपा ने शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।सभी विधायकों को अकेले पार्टी दफ्तर आने के लिए कहा गया है। पार्टी हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से संवाद करेंगे। उसके बाद ही नए नेता के नाम का ऐलान होगा। तीन नामों की थी चर्चाः शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम का कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आलाकमान ने शिवराज सिंह का नाम तय किया। सिंधिया को 6 महीने तक बंगला अलॉट नहीं हुआ थाः ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया का भाजपा में शामिल होना मीडिया में काफी सुर्खिया बटोरी। इसी बीच सिंधिया के करीबी पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ‘छोटी-छोटी बातों में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी की जाती थी। उन्हें 6 महीने तक बंगला तक अलॉट नहीं किया गया।


वायरसः बलिया में मिला एक संदिग्ध

बलिया। विश्व भर में फैली व्यापक महामारी कोरोनावायरस ने अपना संक्रमण हर जगह फैला रखा है। जिसके अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दी है। उसी क्रम में शासन प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। बलिया जिला अस्पताल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहने पर रिहलसह के लिए कोरोना पीड़ित संदिग्ध व्यक्ति व्यक्ति को हॉस्पिटल लाया गया। जिसे ईलाज के लिए भेजा गया है|


जरूरतमंदों तक पहुंचाएं भोजन सामग्री

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन वाले राज्यों में लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए पहल की है। संघ ने अपने स्वयंसेवकों को जरूरतमंदों तक भोजन सामग्री पहुंचाने की अपील की है। संघ ने स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की भी अपील की है।


आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने स्वयंसेवकों से अपील करते हुए कहा, “सभी स्वयंसेवक समाज में स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की योजना करें तथा जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था करें।”


सुरेश भैय्याजी जोशी ने आगे कहा, “सभी स्वयंसेवक स्थानीय प्रशासन, जन प्रतिनिधियों से सम्पर्क करते हुए अपेक्षायें समझकर सहयोग करें तथा शासन द्वारा लिए गए निर्णयों के पालन में पूर्ण सहयोग करें।” आरएसएस का मानना है कि लॉकडाउन वाले स्थानों पर कमजोर तबके के लोगों को राशन आदि की दिक्कत हो सकती है।


ऐसे में मानवता का तकाजा है कि ऐसे जरूरतमंदों तक दैनिक जरूरत की वस्तुएं पहुंचाई जाएं। जिससे लॉकडाउन की स्थिति में भी भोजन सामग्री के अभाव में कोई भूखा न रहने पाए।


लाकडाउन को गंभीरता से ले लोग

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाॅकडाउन को गंभीरता से नहीं लिये जाने पर चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्य सरकारों से नियमों और कानूनों को सुनिश्चित कराने का सोमवार को अनुरोध किया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आपको बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।”


गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए विभिन्न राज्यों के 75 जिलों और शहरों को लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोराेना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप को रोकने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में सोमवार से 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहेंगी।


मोदी ने जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अदा करने वाले लोगों की सराहना करते हुए उन्हें इस चुनौती के खिलाफ लड़ने के लिए लामबंद होने को कहा है। मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों से रविवार को जनता कर्फ्यू में शामिल होने तथा इस वायरस से जंग लड़ रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अदा करने के लिए शाम पांच बजे ताली या थाली बजाने (शंखनाद) का आह्वान किया था।


उन्होंने लोगों द्वारा जनता कर्फ्यू और शंखनाद में बडे पैमाने पर शामिल होने और इसका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “ कोरोना वायरस की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को देश ने एक मन होकर धन्यवाद अर्पित किया। देशवासियों का बहुत-बहुत आभार।”


उन्होंने कहा, “ये धन्यवाद का नाद है, लेकिन साथ ही एक लंबी लड़ाई में विजय की शुरुआत का भी नाद है। आइए, इसी संकल्प के साथ, इसी संयम के साथ एक लंबी लड़ाई के लिए अपने आप को बंधनों सोशल डिस्टेन्सिंग में बांध लें। ” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “आज का जनता कर्फ्यू भले ही रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सेलिब्रेशन शुरू कर दें। इसको सफलता न मानें। यह एक लम्बी लड़ाई की शुरुआत है। आज देशवासियों ने बता दिया कि हम सक्षम हैं, निर्णय कर लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एक होकर हरा सकते हैं।”


उन्होंने लोगों से कहा कि वे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें। जिन जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा हुई है, वहां घरों से बिल्कुल बाहर न निकलें। इसके अलावा बाकी हिस्सों में भी जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें। ” उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस से अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 390 लोग संक्रमित हुए हैं।


यात्री ने छीका, पायलट खिड़की से कूदा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। इसकी दहशत का अंदाजा इस कदर लगाया जा सकता है कि एक प्लेन में पैसेंजर को छींक आ गई और हुआ ये कि उसका पायलट कॉकपिट के इमरजेंसी गेट यानी खिड़की से बाहर कूद गया।


दरअसल, यह घटना एयर एशिया इंडिया की पुणे-दिल्ली फ्लाइट  I5-732 की है, शुक्रवार को प्लेन के अंदर तब अफरातफरी मच गई जब पता चला कि फ्लाइट में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज यात्री कर रहा है। क्योंकि एक यात्री को छींक आ गई और उसने छींक दिया। इसकी खबर मिलते ही जैसे ही लैंडिंग हुई पायलट-इन-कमांड ने कॉकपिट के इमरजेंसी एक्जिट से छलांग लगा दी। आम तौर पर पायलट प्लेन के सामने वाले गेट का ही उपयोग करते हैं लेकिन जब उसे पता चला कि पहले ही पंक्ति में बैठे यात्री ने छींका है तो वह घबरा गया और छलांग लगा दी। इसके बाद सभी यात्रियों में अफरातफरी मच गई। हालांकि सभी यात्रियों को पिछले दरवाजे से सुरक्षित बाहर निकाला गया।


जिस यात्री को छींक आई थी, उसे आगे वाले गेट से बाहर निकाला गया। सभी यात्रियों की बाद में जांच की गई और सभी का टेस्ट नेगेटिव आया। सुरक्षा उपाय के रूप में लैंडिंग के बाद विमान को अलग खड़ा किया गया था। घटना के बाद एयर एशिया इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि विमान की पूरी तरह से एंटी इन्फेक्शन से गहरी सफाई की गई। हमारे चालक दल ऐसी घटनाओं के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस विषम परिस्थिति में भी धैर्य से काम लिया, ये बहुत तारीफ की बात है।


घर को संक्रमण रहित करें

कोरोना वायरस से बचने के लिहाज से लोगों के लिए अपने-अपने घरों को संक्रमण से मुक्त रखना जरूरी है। हालांकि सफाई के दौरान ग्लव्स पहनना ना भूलें। अमेरिका स्थित नेशनल सेंटर फॉर इम्युनाइजेशन एंड रेस्पाइटरी डिजीज (एनसीआईएआरडी) ने सफाई के कुछ ये तरीके सुझाए हैं, जिससे आप अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। 
1- फर्श, टेबल, खिड़की को साबुन-पानी से धोएं 
घर में बार-बार संपर्क में आने वाली सतहों जैसे-फर्श, दरवाजे की कुंडी,टेबल,बिजली का स्विच,फोन, हैंडल, की-बोर्ड, टॉयलेट और सिंक को बार-बार साबुन-पानी से साफ करें।
2- ब्लीच और एल्कोहल का इस्तेमाल 
ब्लीच सल्यूशन से घर की साफ-सफाई करें। किसी संक्रमणरोधी चीज का इस्तेमाल करने से पहले निर्देशानुसार उसमें पानी मिलाएं, लेकिन सफाई करने वाले दो तरह के पदार्थों को मिलाने से बचें। एल्कोहल की 70 फीसदी से अधिक मात्रा वाले लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
3- कालीन-पर्दे की सफाई 
घर की मुलायम सतहों जैसे कालीन, पर्दे आदि की सफाई भी साबुन-पानी या अन्य प्रभावी चीज से करें। धुलाई में गर्म पानी का इस्तेमाल करने के बाद इसे अच्छी तरह सुखा लें। 
4- बार-बार हाथ धुलें 
साबुन-पानी से बार-बार 20 सेकंड तक हाथ धुलें। किसी बीमार के संपर्क में आने और ग्लव्स हटाने के बाद भी हाथ धुलें। यदि साबुन-पानी ना हो तो हाथ धुलने के लिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें जिसमें कम से कम 60 फीसदी एल्कोहल हो।
5- कूड़ा उठाने में सावधानी 
बीमार व्यक्ति द्वारा किए गए कूड़े को उठाने में सावधानी बरतना जरूरी। कूड़े की थैली हटाते समय ग्लव्स को जरूर पहनें और इसके बाद हाथ अच्छी तरह साफ करें।


मोबाइल प्रयोग बढ़ाएं, सुरक्षित रहें

दैनिक दिनचर्या में हम कई ऐसी चीजें इस्तेमाल करते हैं, जिनमें साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया जाए तो बीमारी को न्योता दिया जा सकता है। इन वस्तुओं में कई तरह के घातक बैक्टीरिया होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, बैक्टीरिया गले, फेफड़ों, त्वचा और आंत समेत कई अंगों को नुकसान पहुंचे हैं। तो आइए जानते हैं रोजमर्रा में उपयोग आने वाले ऐसी चीजों के बारे में, जिन्हें सप्ताह में एक बार जरूर सेनिटाइजर से साफ करना चाहिए।
मोबाइल
आज हम हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल देखते हैं। आपको जानकार इस बात की हैरानी होगी कि हमारे मोबाइल फोन पर टॉयलेट से भी ज्यादा बैक्टीरिया हो सकते हैं। मोबाइल फोन पर बैक्टीरिया नजर भले ही ना आएं, लेकिन यह बेहद ही सूक्ष्म होते हैं, जो हमारे हाथों पर लग जाते हैं, जिस वजह से डायरिया और पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मोबाइल का उपयोग करने के बाद सीधे खाना नहीं खाना चाहिए। हाथ जरूर साफ करने चाहिए। इसके अलावा मोबाइल को भी सप्ताह में एक बार जरूर साफ करना चाहिए।
टीवी का रिमोट
हर घर में आजकल टीवी रिमोट उपयोग किया जाता है और घरों के सभी सदस्य इसे छूते रहते हैं, जिससे रिमोट पर कई सारे बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। रिमोट को अधिक बार छूने और बिना हाथ धोए खाना खाने से यह बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे बीमार होने की आशंका होती है।
ऑनलाइन पेमेंट कर संक्रमण से बचे
दिनभर एक ही नोट का कई लोग इस्तेमाल करते हैं। एक ही नोट एक दिन में कई लोगों के पास जाता है और कई लोगों के हाथों के ढेर सारे हानिकारक बैक्टीरिया इस पर चिपक जाते हैं। एक शोध में पाया गया है कि नोट पर लगभग 3000 तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इसलिए नोटों का उपयोग करने के बाद हाथ जरूर धोना चाहिए। वैसे आजकल ऑनलाइन पेमेंट का जमाना है और मार्केट मे कई ऐसे ऐप हैं, जिससे आप नोटों का इस्तेमाल किए बिना तत्काल पेमेंट कर सकते हैं।
एटीएम का इस्तेमाल
एटीएम का इस्तेमाल दिनभर में कई बार किया जाता है। रोज कई लोग एटीएम मशीन के बटन पर हाथ लगाते हैं, जिसके कारण उस पर अनगिनत बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और यही बैक्टेरिया हमारे हाथों में आसानी से लग जाते हैं।
कीबोर्ड का उपयोग
कंप्यूटर या लैपटॉप के कीबोर्ड को भी ऑफिस में कई लोग उपयोग करते हैं इस वजह से इसमें बैक्टीरिया आसानी से लग जाते हैं, इसलिए कीबोर्ड का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरूर होना चाहिए।
टूथ ब्रश का इस्तेमाल
ज्यादातर लोग अपना टूथब्रथ वॉशरूम में ही रखते हैं और कई घरों में तो अटैच लेट-बॉथ होते हैं। इस कारण खुले में रखे हुए टूथब्रश पर कई हानिकारक बैक्टिरिया जमा हो जाते हैं। इसके अलावा हम यह भी देखते हैं कि परिवार के सभी सदस्यों के टूथब्रश एक साथ रख दिए जाते हैं, जिसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। टूथब्रश रखते समय यह सावधानी रखना चाहिए कि सभी के टूथब्रश अलग-अलग रखे हों और ब्रश वाला हिस्सा ढंका हुआ हो ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके। आजकल बाजार में टूथब्रश के सुरक्षित तरह से रखने के लिए भी कई तरह के कैप उपलब्ध हैं।
बर्तन साफ करने का स्पंज
बर्तन साफ करने का स्पंज बर्तनों की गंदगी को साफ करता है। कई बार लोग बर्तनों को साफ करके स्पंज को बिना धोए ही रख देते हैं, जिससे इसमें ढेर सारे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो हमारे लिए हानिकारक हो सकते हैं।


75 जिलों में लॉकडाउन, सख्ती से पालन

नई दिल्ली /लखनऊ। केंद्र और राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र के 75 जिलों को पूरी तरह से लॉकडाउन करने का फैसला लिया। ऐसे में केंद्र ने अब राज्यों से लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने पूरी दिल्ली में 31 मार्च तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है और कहा है कि प्रदर्शन और लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। दिल्ली सरकार ने जनता कर्फ्यू के बाद भी लोगों को घरों में रहने की अपील की।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में बीते दो दिन के भीतर 137 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 415 पर पहुंच गई। वहीं, मरने वालों की भी संख्या चार से बढ़कर सात हो गई है।  संक्रमित लोगों में से कुल 41 विदेशी नागरिक हैं और सात लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का नया मामला महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात से सामने आया है। महाराष्ट्र में मृतकों की संख्या दो हो गई है। अब तक दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 24 अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे गई है। उधर स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, केवल महाराष्ट्र में 24 घंटे में 14 और संक्रमण के मामले बढ़े हैं। यहां अब तक 89 मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद केरल में 52 मामले में हैं जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल हैं। दिल्ली में 27 लोग संक्रमित पाए गए हैं जिनमें एक विदेशी शामिल है जबकि उत्तर प्रदेश में एक विदेशी समेत 25 मामले सामने आए।
दुनियाभर में कोरोना वायरस के तीन लाख से ज्यादा मामले
दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच चुकी है। इटली से लेकर भारत और अमेरिका तक की सरकारों ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए रविवार को करीब एक अरब लोग घरों में बंद रहे। वहीं, घातक संक्रमण से मरने वालों की तादाद बढ़कर 13,000 के पार पहुंच गई है। इस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित इटली में कारखाने बंद कर दिए गए हैं। दुनियाभर के 170 देशों में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 308,130 है।


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