गुरुवार, 19 मार्च 2020

वायरस से पोल्ट्री व्यवसाय हुआ ध्वस्त

नई दिल्ली। कोरोना को लेकर मुर्गा व अंडा का कारोबार खासा प्रभावित हुआ है। बाजार में मुर्गा व अंडा की कीमतें कम होने के बाद भी ग्राहक इनसब चीजों से तौबा कर रहे हैं। वहीं कई सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है, जबकि कुछ के दाम कम हुए हैं।


कारोबारियों को न सिर्फ मुर्गा या अंडा न बेच पाने को लेकर सिरदर्दी बढ़ी है, बल्कि मुर्गा को रोज दाना-पानी देना मुश्किल हो रहा है। पोलट्री फॉर्म संचालक के अनुसार एक मुर्गा को तैयार करने में करीब 50 से 60 रुपए तक का खर्च आता है। वर्तमान हालत यह है कि 30 रुपए तक में भी बाजार में मुर्गा सप्लाई नहीं हो रहा। फॉर्म से 25 से 35 दिन तक में मुर्गा को निकाल लेना है, लेकिन 45 से 50 दिन बाद भी मुर्गा का स्टॉक बरकरार है। एक मुर्गा का खुराक छह रुपए के करीब आ रहा है। ऐसे में एक हजार मुर्गा रखने वालों को हर रोज छह हजार रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। दाना-पानी में कटौती करना भी उनके लिए नुकसानदेह है।
बाजार में मुर्गा की कीमतें कम जबकी सब्जी की अधिक--
बाजार में मुर्गा की कीमतें काफी कम हो गई। यहां 20 से लेकर 50 रुपए किलो तक मुर्गा की बिक्री हो रही है। मुर्गा की कीमतों में कमी ने सब्जी का बाजार गर्म कर दिया है। हालांकि अधिक स्टॉक के कारण कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई है। वहीं ग्राहकों को रूलाने वाले प्याज ने लोगों को राहत दी है। प्याज की कीमत घटकर करीब 25 से 30 रुपए हो गई है। बताया जा रहा है मुर्गा की कीमतें कम होने के कारण ही प्याज की कीमतें भी कमी है। अंडा का बाजार भी पड़ा सुस्त: अंडा का बाजार भी काफी सुस्त पड़ गया है। फॉर्म से अंडा पिछले कुछ दिनों से ढाई रुपए तक भी निकलना मुश्किल हो गया है। फॉर्म संचालक के मुताबिक 1050 से 11 सौ रुपए कार्टन तक अंडा की बिक्री होती थी, लेकिन कोरोना के बाद लोग 650 से 700 तक में भी नहीं ले रहे हैं। उनके मुताबिक अंडा तैयार करने में 3.70 रुपए आता है, जो ढाई रुपए में भी नहीं बिक रहा। वहीं बिक्री नहीं होने अंडों का स्टॉक करना भी मुश्किल हो गया है। कारोबारियों की मानें तो इस बार धंधे में घाटा लगना तय है। मार्केट में कबतक सुधार होगा इस बारे में कहा नहीं जा सकता।


कॉन्वेंट स्कूलों में निर्देश की अवहेलना

कान्वेन्ट स्कूलो में धड़ल्ले से स्वास्थ व सरकारी विभागों के निर्देशों की हो रही अनदेखी


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस को लेकर लगातार स्वास्थ विभाग, केन्द्र व उ०प्र०सरकार की तरफ से एडवाईज़री जारी कर सभी शिक्षण संस्थानो को ३अप्रैल तक बन्द रखने और सभी तरहा की परिक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है।उच्च न्यायालय ने भी भीड़ भाड़ वाले किसी भी तरहा के आयोजन को स्थगित करने को कहा है।मॉल,जिम,शादी घर को भी एडवाईज़री जारी कर बन्द रखने की बात कही गई है।लेकिन कान्वेन्ट स्कूल फरमान की अन्देखी करते हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं को प्रतिदिन बुला रहे हैं।जबकि प्रशासन द्वारा १५ की संख्या वाले सरकारी या ग़ैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को घर बैठ कर कार्य सम्पादित करने को कहा गया है।सवाल उठता है की शिक्षक व शिक्षिकाएँ जो कार्य घर बैठ कर भी सम्पादित कर सकती है तो फिर क्यूं  उनको स्कूलों में जाने से नहीं रोका जा रहा।सै०मो०अस्करी ने कान्वेन्ट स्कूलों व कोचिंग संस्थानों की मनमानी को रोकने की ज़िला प्रशासन से मांग की है। कहा हमेशा की तरहा कान्वेन्ट स्कूल संचालक कोरोना वॉयरस के संक्रमण और महामारी का रुप ले चूके इस आपदा के प्रति गम्भीर नहीं हैं।इनकी मनमानी के कारण संक्रमण को फैलने से रोकने में यह संचालक लोगों की परेशानी का सबब न बन जाएँ इस से पहले इन पर अंकुश लगाने की आव्यश्कता है।


बृजेश केसरवानी


खनन के विरोध में 24 घंटे का धरना

लाल सलाम के बैनर तले इकट्ठा हुए सैकड़ों मजदूर पट्टा क्षेत्र में भी नाव व बोट से सूखी बालू निकालने की रोक का किया विरोध 


लालापुर। बुधवार को लालापुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में सैकड़ों की संख्या में अखिल भारतीय किसान मजदूर लाल सलाम के बैनर तले बालू मजदूर इकट्ठा हुए। सभा में बोलते हुए महासचिव राज कुमार पथिक ने कहा की प्रदेश सरकार द्वारा यमुना नदी में नाव व बोट बालू खनन पर लगाए गए। गैर कानूनी रोक का विरोध करते हुए 24 घंटे का धरना आयोजित किया गया है।


सरकार के निदेशक भूगर्भ एवं खनन विभाग के निदेशक ने 24 जून 2019 को बोट से बालू खनन पर रोक का आदेश पारित किया था।और झूठा दावा किया था कि उक्त आदेश एन जी टी ने पारित किया है। एन जी टी ने ऐसा कोई आदेश नहीं पारित किया है। सरकार ऐसा कोई आदेश नहीं दिखा सकी है। जिसमें सरकार द्वारा करोड़ों रुपये लेकर दिये गये पट्टा क्षेत्र में बोट व नाव से सूखी रेत निकालने पर भी रोक लगी हो।सरकार का यह नियम उच्च न्यायालय के आदेशों और सरकारी मानक के विपरित है। साथ ही सरकार द्वारा मज़दूरों की रोज़ी रोटी छीनकर लोडर व बड़ी बड़ी मशीनों से नदी के तट बंधों की सूखी बालू उठाने के लिए आदेश पारित किए गए है। लोडर व मशीनों द्वारा सूखी बालू उठने से तट बंधों को भारी नुकसान पहुंचेगा।नदी का बहाव व पारिस्थितिकी भी नष्ट होगी।एआईकेएम के वक्ताओं ने कहा है कि यमुना नदी किनारे बसे सभी गांवों में इस तरह की सभायें लगातार आयोजित की जाएगी। और सरकार को झूठ बोलने से रोकने माफिया पक्ष के आदेश वापिस लेने व सरकार द्वारा मजदूरों व मजदूर नेताओ पर दर्ज फर्जी मुकदमे,गेंगेस्टर जैसे केस वापस लेने के लिए एक बड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा। साथ ही सभा में सीएए,एनआरसी, एनपीआर के विरूद्ध नारे लगाए और मांग किया गया की सरकार इन कानूनों को वापस ले। राजकुमार पथिक महासचिव,,सुरेश निषाद उपाध्यक्ष,फूलचंद निषाद महासचिव कौशांबी,आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।इस मौके पर श्यामू निषाद,रामतीरथ निषाद,बब्बू निषाद,रामरूप,रामभवन,श्याम कली निषाद, बिटोला देवी,अनीता देवी सहित सैकड़ों की संख्या में बालू मजदूर उपस्थित रहे।धरने को खत्म कराने के लिए उपजिलाधिकारी बारा इंद्रभान तिवारी,क्षेत्राधिकारी बारा आरपी दोहरे,थानाध्यक्ष लालपुर संतोष कुमार सिंह शंकरगढ़, बारा की पुलिस बल मान मनव्वल करते रहे।देर रात तक धरना नहीं समाप्त हुआ।


बृजेश केसरवानी


'फूल और कांटे' की रीमेक चाहते हैं अजय

मुंबई। बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन अपनी सुपरहिट फिल्म फूल और कांटे का रीमेक बनाना चाहते हैं। अयज देवगन ने वर्ष 1991 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म फूल और कांटे से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत की थी। बॉलीवुड में इन दिनों रीमेक फिल्मों का चलन जोरों पर है। अजय देवगन से पूछा गया कि वह अपनी किसी एक फिल्म का रीमेक बनाना चाहेंगे। अजय ने ‘फूल और कांटे’ का नाम लिया है।


अजय देवगन का कहना है, कि मैं फूल और कांटे को प्रोड्यूस करना चाहूंगा। इसे किस तरह से पेश किया जाएगा, वो मैंने सोच रखा है। मैं इसे नए चेहरे के साथ बनाऊंगा। प्रस्तुतिकरण अलग हो सकता है, लेकिन इमोशन वैसा ही होगा।


करिश्मा की बेटी ने एक्टिंग डेब्यू किया

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर की बेटी समायरा कपूर ने एक्टिंग डेब्यू कर लिया है। करिश्मा कपूर की बेटी समायरा कपूर ने अपना एक्टिंग में डेब्यू कर दिया है। समायरा कपूर ने शॉर्ट फिल्म दौड़ से एक्टिंग की शुरुआत की है। फिल्म को चंकी पांडे की बेटी रीसा पांडे ने डायरेक्ट किया है। करिश्मा की बेटी समायरा के साथ संजय कपूर के छोटे बेटे जहान कपूर ने भी एक्टिंग डेब्यू किया है। चंकी पांडे ने इस फिल्म को प्रोडयूस किया है।


करीब साढ़े सात मिनट की शॉर्ट फिल्म दौड़ मुंबई की एक गरीब घर की बेटी मीरा की मुख्य भूमिका वाली कहानी है। मीरा मुंबई की लोकल में पेंसिंल बेचा करती है। लेकिन अचानक एक दिन बड़े घर के बच्चों के स्टेडियम दौड़ता देख उसको भी भागने का मन होता है। बड़े घर के बच्चों में तीन प्रमुख भूमिकाएं हैं, जिन्हें समायरा कपूर, जहान कपूर और धानिति पारेख ने निभाया है।


साथ नहीं छोड़ती ड्रेसिंग स्टाइल

कॉलेज लाइफ के दौरान स्टूडेंट्स अक्सर अपनी स्टडीज़ के साथ-साथ ढेरों रोचक अनुभव हासिल करते हैं। लेकिन इसी बीच लड़कियां खुद को स्टाइलिश दिखाने में भी कोई कसर नहीं छोड़तीं। पढ़ाई के साथ-साथ मौज मस्ती, दोस्तों के साथ उठना-बैठना, नए-नए लोगों से मिलना और तो और, कई बार अपना शहर छोड़कर नई जगह भी जाना पड़ता है। एक्साइटमेंट और नर्वसनेस के बीच आप कई नई चीज़ों से वाकिफ होती हैं। लेकिन इस बीच भी जो एक चीज आपका साथ नहीं छोड़ती वह है आपकी ड्रेसिंग स्टाइल। कॉलेज में पढाई के साथ-साथ खुद को स्टाइलिश दिखाने के भी ढेरों मौके मिलते हैं। ऐसे में आज हम बता रहे हैं कुछ ऐसे ही ट्रेंड्स के बारे में, जिन्हें पहनकर आप अपनी कॉलेज लाइफ में धूम मचा सकती हैं…
क्यूलॉट्स
बीते कुछ दिनों में क्यूलॉट्स का फैशन बहुत बढ़ गया है, ज्यादातर इस तरह के बॉटम को लड़कियां कूल दिखने वाली टीशर्ट या फिर ऑफ शोल्डर टॉप के साथ ट्राई कर रही हैं। यह काफी फ्लोई और कंफर्टेबल होता है। ऐसे में अगर आप पलाज़ो जैसा ही कोई दूसरा ऑप्शन ढूंढ रही हैं, तो ये आपके लिए एकदम परफेक्ट है। नी-लेंथ होने की वजह से इसमें आपको चलने या बैठने में भी कोई परेशानी नहीं आएगी। साथ ही साथ आप चाहें तो इसे अपने क्रॉप टॉप, ऑफ या कोल्ड शोल्डर के साथ पेयर करके भी पहन सकती हैं। 
वाइड लेग्ड पैंट्स
वाइड लेग्ड पैंट्स का फैशन बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। करीना कपूर खान से लेकर से दीपिका पादुकोण तक बॉलीवुड डीवाज़ भी अपनी गर्मियों को इन पैंट्स के साथ काफी कूल और स्टाइलिश बना रही हैं। इन पैंट्स की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको कॉटन से लेकर डेनिम तक हर फैब्रिक में बाजार में आसानी से मिल जाएंगे। इनकी पॉपुलैरिटी का ही तो नतीजा है कि बाजार में फ्लेयर्ड जींस को उतरा गया। लेकिन जनाब जब हमारे पास एक से एक बेहतरीन कलर्स में वाइड लेग्ड पैंट्स मौजूद हैं तो फिर जींस का रुख क्यों करना। इन पैंट्स को आप अपनी वाइट शर्ट (टक-इन करके) या फिटेड टॉप के साथ पेयर करें। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि अगर हाइट कम है तो ज़्यादा फ्लेयर्ड वाली पैंट ना चुनें। 
सिगरेट पैंट्स
अगर आप लगातार चूड़ीदार या लैगिंग्स पहनकर बोर हो गईं हैं, तो मैडम ये पैंट्स केवल और केवल बस आपके लिए हैं। जी हां, सिगरेट पैंट्स को आप अपनी लॉन्ग शर्ट या कुर्ती के साथ कैरी कर सकती हैं। इतना ही नहीं, अगर आप कालेज में होने वाले जॉब इंटरव्यू के लिए पहनकर जाने वाली हैं, तो फॉर्मल लुक के लिए नॉर्मल नी-लेंथ कुर्ते के साथ इस पैंट को कैरी करें।
धोती पैंट्स
सलवार-पटियाला सलवार और चूड़ीदार को थोड़ा सा ब्रेक देकर आप इस बार अपनी कुर्ती के साथ उससे मिलता-जुलता धोती पैंट्स को ट्राई करें। हमारा यकीन मानिए ये आपके लुक को परफेक्ट बनाने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। यही नहीं इसे व्हाइट शर्ट के साथ टक-इन करके भी पहन सकती हैं। अपने लुक को और स्टाइलिश बनाने के लिए आप उसके साथ सिल्वर नेकपीसे-बैंगल्स को भी अपनी लिस्ट में शामिल कर सकती हैं।
प्लाजो
आज के समय में हर महिलाएं और लड़कियों की जरूरत बन चुका प्लाज़ो एक बेहद कम्फर्टेबल बॉटम है। इस बॉटम को आप टी-शर्ट, शर्ट को टक-इन करके लॉन्ग कुर्ती के साथ या फिर किसी लूज़ टीशर्ट-टॉप के साथ भी कैरी कर सकती हैं। इन गर्मियों के लिए ये बॉटम एक लाजवाब ऑप्शन है।


पीड़ितों के खातों में आएगा पैसा

नई दिल्ली। कोरोना (Coronavirus) के कहर ने दुनियाभर में भारी तबाही मचा दी है, जिस कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। जहां कई कंपनियां बंद होने की कगार पर भी आ गई हैंं तो वहीं कुछ ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में रोजगार का संकट भी गहरा गया है, लोगों को अपना परिवार का खर्च उठाने की चिंता सता रही है। लोगों को इस संकट से उबारने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। वह जल्द ही एक स्कीम लागू करने जा रही है, जिससे लोगों के खातों में पैसा आ जाएगा। लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिकस रकार कोरोना (Coronavirus) से प्रभावित लोगों को यूनिवर्सल बेसिक इनकम (Universal Basic Income- UBI) के जरिए मदद कर सकती है। यूनिवर्सल बेसिक इनकम एक निश्चित आय है, जो देश के सभी नागरिकों- गरीब, अमीर, नौकरीपेशा, बेरोजगार को सरकार से मिलती है। इस आय के लिए किसी तरह का काम करने या पात्रता होने की शर्त नहीं रहती।


आदर्श स्थिति है कि समाज के हर सदस्य को जीवन-यापन के लिए न्यूनतम आय का प्रावधान होना चाहिए। कई अर्थशास्त्रियों का ये मानना है कि यूबीआई से लाखों कर्मियों को इस वक्त मदद मिल सकती है। जिन्हें खुद को घर पर आइसोलेशन में रखना पड़ रहा है। ये हर राज्य में सभी व्यस्कों के लिए बिना शर्त नियमित भुगतान का एक विकल्प है। अगर इस स्कीम की शुरुआत भारत में हो जाती है तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का रूप ले सकती है।


बता दें कि लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने सबसे पहले गरीबी हटाने के लिए अमीर-गरीब, सबको निश्चित अंतराल पर तयशुदा रकम देने का विचार पेश किया है। उनका मानना है कि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी कमजोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति अथवा बेरोजगारी का सबूत नहीं देना पड़े।


राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...