शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

बिना कनेक्शन आया बिल, वसूली नोटिस

सरकारी तंत्र की कारगुजारी, बिना कनेक्शन थमाया विधुत बिल, दिया वसूली नोटिस


लखीमपुर खीरी/महेवागंज। विद्युत कनेक्शन दिए बगैर विभाग द्वारा भारी भरकम बिजली बिल वसूली का नोटिस भेज देने का मामला सामने आया है। भुक्तभोगी ग्रामीण ने अधिकारियों को इसकी शिकायत भेजी है। 
फूलबेहड़ के गुरदीनपुरवा निवासी नसीर अहमद ने अधिशाषी अधिकारी को बताया कि उसने 2018 में घर मे बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। पर कोई न कोई कमी बताकर कनेक्शन नही जोड़ा। जबकि 27 दिसम्बर 2019 को बिजली विभाग ने उसे करीब 20 हजार रुपये बिजली बिल बकाया का नोटिस भेज दिया। बताया कि उसके घर मे न तार खिंचे है और न मीटर लगा है।


संस्था के द्वारा बेसहारा गोवंश की सेवा

बेसहारा घुमन्तु गोवंश को हरा चारा खिलाकर निरन्तर कि जा रही है सेवा 


बागपत/बड़ौत। कल्याण भारती सेवा संस्थान के तत्वावधान में संस्थान के कार्यालय आजाद नगर बड़ौत से करीब शाम 7 बजे से नगर के बेसहारा घुमन्तु गोवंश को हरा चारा खिलाने हेतु एक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 
संस्थान द्वारा इस सेवा के माध्यम से नगर की सड़कों व बाजार एवं कुड़ास्थलों पर खाने की तलाश में भूखे घूमते गोवंश को हरा चारा खिला कर उनकी सेवा करने का प्रयास एक प्रयास है।


सेवा कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के प्रबन्ध निदेशक गोपी चन्द सैनी के नेतृत्व में किया गया जिसमे श्रीमन मनोज जैन, डॉ0 रामफल, महावीर सिंह, विनोद कुमार, गुड्डू, विक्की, संदीप व प्रमोद कुमार, गोविंद, छोटू व अन्य ने भाग लिया।


विकास को तरसती गंगनहर झाल

साधन हैं पर विकास को तरसती गंगनहर झाल


अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ के दौरान गुजरेंगे लाखों श्रद्धालु


काज़ी अमजद अली
भोपा/मुजफ्फरनगर। पर्यटन उद्योग को बढावा देकर रोजगार के अवसर प्रदान करने के अधूरे प्रयासों के कारण ब्रिटिशकालीन 1842 से 1854 के मध्य बनी गंगनहर झाल उपेक्षा का शिकार है। कृत्रिम झरने व पानी की उपलब्धता के बावजूद नहर झाल को विकास की दरकार है।


गंगनहर पर ब्रिटिशकाल में बनी झाल आज पर्यटन का केन्द्र बन सकती है। कृत्रिम झरनों से गिरता दूधिया जल व शानदार वास्तुकला पर आधारित पुरानी इमारतें बरबस ही राहगीरों को अपनी ओकर आकर्षित करती हैं। पुराने जमाने की तकनीक पर आधारित जल शक्ति से टरबाईन का संचालन बराबर में ऊँचाई से गिरता हजारों क्यूसेक पानी 150 वर्ष बीतने के बाद भी अद्भुत छटा को प्रस्तुत करता है। घने वृक्षों की छांव में बीच बनी पनचक्की की छोटी झाल भी मनोरम व सुखदायी दृश्य प्रस्तुती करती है। भोपा क्षेत्र की निरगाजनी गंगनहर झाल को आवश्यकता है। केवल विकास की,थोडे से निवेश व साधनों को विकसित कर नहर झाल को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है। नौकायान की सुविधा के  साथ रेस्त्रां आदि को स्थापित कर क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित कर रोजगार के अवसर प्रदान किये जा सकते हैं। जिससे क्षेत्र में रोजगार बढने के साथ साथ प्राचीन धरोहर को सुरक्षित रखने को भी मजबूती मिलेगी। प्रथम चरण में केवल साफ सफाई पर ध्यान दिया जाये तो आगामी गर्मी के मौसम में दिल्ली-हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को इस ओर आकर्षित करने में देर न लगेगी अगले वर्ष हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ के दौरान जहां लाखों श्रद्धालु के गंगनहर पटरी से गुजरने की आशा हैए ऐसे में समय रहते इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
राजधानी दिल्ली से मुरादनगर होते हुवे यात्री गंग नहर पटरी द्वारा हरिद्वार पहुँचते हैं। लगभग 114 km लम्बी गंग नहर पटरी मार्ग पर जनपद गाज़ियाबाद की 12.35 मेरठ की 42.03 मुज़फ्फरनगर जनपद की सीमा 59.57 पड़ती है। मार्ग पर बनी भोला की झाल,सलावा की झाल,चितौडा की झाल,निरगाजनी झाल,मोहम्मदपुर की झाल यात्रियों को सुखद अहसास कराती हैं। शासन प्रशासन अगर इस ओर ध्यान दे तो गंग नहर पटरी पर बनी झाल यात्रियों को अवश्य ही अपनी ओर आकर्षित करेगीं।


एकता पर चोट (समसामयिक)

गंगा जमुनी एकता पर चोट हो रही थी!और देश के जिम्मेदार शायद सो रहे थे!


राजनेताओं की राजनीतिक रोटियां!उनका क्या होगा जिनके चूल्हे हमेशा के लिए बुझ गए?


पिछले चार पांच दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में जंगलराज का-सा माहौल बना हुआ था, गंगाजमुनी एकता पर चोट हो रही थी और देश के जिम्मेदार शायद सो रहे थे। आज सब के सब कठघरे में हैं। ऐसे हालात पर सवाल उठना लाजमी है कि इसमें कोई षड्यंत्र तो नहीं? आखिर यह किसकी शह पर तांडव हुआ?वह भी तब जब दिल्ली हाई अलर्ट पर थी, क्योंकि दुनिया का शक्तिशाली व्यक्ति कहा जाने वाला व्यक्ति यानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प भारत के दौरे पर थे, बल्कि उस दिन वे दिल्ली में मौजूद थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि 1984 के दंगों से भी बड़ी यह घटना हुई है।
यह कानून व्यवस्था का मजाक ही है कि अगर राजधानी सुरक्षित नहीं है तो सरकार देश की अन्य जगहों पर ऐसी घटनाओं से भला क्या सुरक्षा देगी। जिस शहर में दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति मौजूद हो, देश के गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की उपस्थिति हो, वहां ऐसा तांडव! तो सवाल उठना लाजमी है। जहां पर पुलिस मूक दर्शक दिखी और उत्पातियों ने खुल कर तांडव किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिनका उदय धरने से हुआ और वे धरने का दूसरा रूप माने जाते हैं, उनकी खामोशी भी हलक से नीचे नहीं उतर रही है। अगर समय रहते वे सड़क पर उतरे होते तो शायद जिनकी जान गई आज वे जिंदा होते और जनसंहार रुक सकता था। ऐसा करने पर उनकी गांधीगीरी को सत्य माना जा सकता था। मगर उन्होंने भी दिल्ली लूटने के बाद आम राजनीतिक की तरह अपनी भूमिका निभाई।अचरज की बात एक और हुई कि जिस हाई कोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने पुलिस कार्यवाही का संज्ञान लिया उनके तबादले का फरमान जारी हो गया। यह भी संविधान से खिलवाड़ ही कहा जा सकता है। इसी तरह के फैसले पहले भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दौरान देश ने देखा हैं, चौरासी के दंगों की तरह दिल्ली मे राजनीतिक पार्टियों को एक और मुद्दा मिल गया, अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का। मगर उनका क्या होगा, जिनके चूल्हे हमेशा के लिए बुझ गए?


गाय ने दिया अद्भुत बछड़े को जन्म

पंकज राघव


संभल। इसे कुदरत का करिश्मा कहे या चमत्कार ,आमतौर पर गाये एक ही बच्चे को जन्म देती है और सब बच्चो के चार पैर और एक सिर होता है| लेकिन कुदरत के इस खेल के बिलकुल विपरीत एक वाक्या सामने आया है संभल के थाना रजपुरा क्षेत्र के गांव कन्हुआ में जहा गाय ने एक बच्चे को जन्म दिया है | यहाँ पर गाय ने ऐसे चमत्कारी बच्चे को जन्म दिया है जसके दो मुंह और 8 पैर है| यह आप तस्वीर में साफ़-साफ़ देख सकते है | गांव वालो का कहना है| कि हमें ऐसा चमत्कार पहली बार देखने को मिला है| आपको बता दे कि इस अद्भुत चमत्कार कि खबर जब लोगो तक पहुंची तो आसपास के ग्रामीण देखने पहुंचे वह देखने वालों का तांता लगा हुआ है|


सीतापुर कारागार पहुंचे पूर्व यूपी सीएम

सीतापुर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव धोखाधड़ी के मामले में पत्नी तथा बेटे के साथ सीतापुर जेल में बंद सांसद आजम खां से भेंट करने लखनऊ से पहुंचे। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां राजनीतिक षड्यंत्र के शिकार हुए हैं। दंगा ही भाजपा का गुजरात मॉडल है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव के साथ नौ लोगों को जेल के अंदर आजम खां से भेंट करने की अनुमति दी गई है।


अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां को न्यायालय से इंसाफ मिलेगा। यह तो सभी को दिख रहा है कि आजम खां के खिलाफ यह राजनीतिक षड्यंत्र है, जिसके तहत उनको जेल में रहना पड़ रहा है। अखिलेश ने कहा कि किसी के खिलाफ भी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने आजम खां की गिरफ्तारी के मामले को भाजपा का षडयंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, उन (आजम खां) पर मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। उनको साजिश के तहत फंसाया गया है। भाजपा के नेता ने शिकायत की। उनका कहना था कि क्या जिसने शिकायत की वो भाजपा का नहीं है। सरकार पर निशाना साधते हुए बोले कि किसी से बदले की भावना से काम नहीं होना चाहिए, लेकिन बीजेपी से क्या उम्मीद करेंगे आप। सीतापुर जेल में शिफ्टिंग को अखिलेश यादव ने सरकार का फैसला बताया और चुटकी लेते हुए कहा कि हमें रामपुर नहीं जाना पड़ा। सीतापुर नजदीक है, यहीं आ गए। अखिलेश ने कहा कि, जो राष्ट्र के नाम पर वोट लेकर आए थे, आज हमें राष्ट्र उन्हीं से बचाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाना और देश में आग लगाना ही गुजरात मॉडल है।


दिल्ली में हिंसा पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार दिल्ली के दंगे नहीं रोक सकी। भारतीय जनता पार्टी तो समाज को बांटकर राजनीति करती है। सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब सदन में मुख्यमंत्री की भाषा को मर्यादित नहीं कहा जा सकता तो बाहर हम उनसे कया उम्मीद करें।


सांसद आजम खां को रामपुर से सीतापुर जेल में गुरुवार को शिफ्ट करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ से सीतापुर जिला कारागार पहुंचे। अखिलेश यादव के साथ एमएलसी आनंद भदौरिया, विधायक महमूदाबाद नरेंद्र वर्मा व पूर्व विधायक अनूप गुप्ता तथा राधेश्याम जायसवाल समेत कई जनप्रतिनिधि भी हैं। अखिलेश यादव ने सीतापुर जेल में जाकर रामपुर के सपा सांसद आजम आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी व सपा विधायक तजीन फातमा से मुलाकात की। आजम खां के साथ बुधवार को उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी और सपा विधायक तजीन फातमा को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जेल भेज दिया गया।


जेल में अखिलेश यादव को सपा सांसद आजम खां की बैरक में भेजा गया। वहां पर दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक वार्ता हुई। इस दौरान जेल के बाहर बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एकत्र थे। योगी आदित्यनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आजम खां को फर्जी दस्तावेज के मामले में कोर्ट ने जेल भेजा है। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी के लोग राजनीतिक रंग देने की कोशिश न करे। यह तो कोर्ट कोर्ट का फैसला है, न कि हमारी सरकार या पार्टी का। प्रदेश में कानून का राज है, अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तो कानून सख्ती के साथ अपना काम करेगा। पहले की सरकारों ने राजनैतिक दबाव में कानून का सही से पालन नही किया। हमारी सरकार में अगर किसी ने भी अपराध, भ्रष्टाचार या फर्जीवाड़ा किया है, तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में कुछ लोगों ने सरकार को अपनी जागीर समझा और नियम-कानून को ताक में रखकर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार किया।


उत्तराखंड कैबिनेट में 14 प्रस्ताव पास

उत्तराखंड कैबिनेट की 14 अहम प्रस्तावों पर मुहर


पंकज कपूर


देहरादून। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।


● उत्तराखंड में भारत सरकार के द्वारा साइंस सिटी में सलाहकार पद की स्वीकृती। जीएस रौतेला को बनाया सलाहकार। वह राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद में भी काम कर चुके हैं। तीन वर्ष की होगी नियुक्ति।


● उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2011 की जगह पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम 2017 प्रदेश में होगा लागू। किसानों के लिए मंडी में फसल पहुंचाने के लिए होगी अनिवार्यता खत्म। किसान अपने दामों पर कहीं भी बेच सकेंगे फसल। मंडी परिषद के अध्यक्ष सरकार द्वारा नियुक्त नहीं हो पाएंगे। अब होगा मंडी परिषद के अध्यक्ष के लिए चुनाव।


● मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट नीति 2015 में संसोधन किया। निगेटिव लिस्ट में शामिल उत्पादों पर नहीं मिल सकेगी अब छूट। तंबाकू पान मसाला, सीमेंट, पॉलीथीन आदि पर अब छूट नहीं। हालांकि पहले से ही स्थापित उत्पादों पर मिलती रहेगी पांच साल तक छूट।


● स्टार्टअप नीति 2018 में संशोधन।


● पीडब्ल्यूडी अब बना सकेगा नई सड़क 500 मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी।


● मेगा टैक्सटाइल पार्क पॉलिसी धारा नौ में संशोधन। 2021 की बजाय अब 2023 तक पॉलिसी बढ़ाई।


● अटल आयुष्मान योजना में बदलाव। सरकारी अस्पताल के रेफरल प्रक्रिया खत्म। स्टेट हेल्थ एजेंसी की जगह स्टेट हेल्थ अथॉरिटी नामित। कॉल सेंटर का होगा गठन। प्रदेश में बनेंगे 10 कॉल सेंटर। आयुष्मान योजना में दिक्कतों को लेकर कॉल सेंटर के माध्यम से जानकारी ली जाएगी। राज्य कर्मचारियों को मिलेगा अटल आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज। कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा के तहत ग्रेड पे के हिसाब से महीने में सरकार प्रीमियम लेगी। वेतमान के हिसाब से 250, 450, 650, 1000 प्रीमियम सरकार लेगी।.


● उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को मंजूरी। प्रदेश में अब गवाहों को सुरक्षा मिलेगी। मृत्यु दंड समेत बड़े अपराधों के गवाहों को सुरक्षा मिलेगी।


● पंचायतीराज एक्ट 2016 में संशोधन। धारा दो में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को परिभाषित किया गया।


● संविदा कृषि अधिनियम 2018 को राज्य में लागू किये जाने पर लगी मुहर। किसानों के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर अधिनयम के तहत की जाएगी खेती।


● एसडीआरएफ में पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति पांच से बढ़ाकर सात साल।


● आदि बद्री से लगी जमीन को पार्किंग के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग को सरकार द्वारा नि:शुल्क दी जाएगी।


● 162 कब्रिस्तान की चहारदीवारी करने के लिए एक साल समय बढ़ा।


● उत्तराखंड उपकर अधिनियम 2015 के अंतर्गत विक्रय कीमत में संसोधन।


मृतकों का आंकड़ा 42, श्रीवास्तव नए कमिश्नर

नई दिल्ली। देश कि राजधानी दिल्ली में रविवार से शुरू हुई हिंसा का कहर आज भी जारी है। आज यानी शुक्रवार को मरने वालों की गिनती में फिर बढ़ोतरी हुई है। दंगे में मरने वालों का आंकड़ा 42 हो गया है। इनमें से 38 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ा है। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा हर तरह की स्थिति से निपटने की लगातार कोशिश की जा रही है। इस बीच खबर आई है कि हिंसा शुरू होने के बाद दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) बनाए गए एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली का नया पुलिस कमिश्नर (Police commissioner)बना दिया गया है। गृह मंत्रालय के आदेश पर एसएन श्रीवास्तव को यह कार्यभार सौंपा गया है।


दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस की तरफ से कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 22 फरवरी से 26 फरवरी के बीच कुल 48 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें 41 दंगा भड़काने, 4 हत्या, 1 गैर इरादतन हत्या, 2 हत्या की कोशिश का केस है। अब तक जितने लोगों की जान गई है, उसमें 13 की मौत गोली लगने और 22 लोगों की अलग-अलग चोट लगने के कारणों से हुई है। पुलिस की तरफ से 24 घंटे सुरक्षा के लिए स्पेशल सीपी (कानून) की अगुवाई में 3 स्पेशल सीपी, 6 ज्वाइंट सीपी, 1 एडिशनल सीपी, 22 DCP, 20 ACP, 60 इंस्पेक्टर, 600 जवान, 100 महिला जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही 60 अर्धसैनिक बलों की कंपनियां भी तैनात हैं। वहीं हिंसा के दौरान मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी आम आदमी पार्टी ने सस्पेंड किए गए पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ताहिर हुसैन के घर पहुंची है। डीसीपी क्राइम की अगुवाई में फॉरेंसिक की टीम ताहिर हुसैन के घर पहुंची है।


पोर्न स्टार लैना रोड्स ने किया हैरान

न्यूयॉर्क। अमेरिकी पोर्न स्टार लैना रोड्स ने एक विडियो में दावा किया है कि एक बड़ा फुटबॉलर उन्हें पर्सनल मेसेज भेजता है। उन्होंने बताया कि उस फुटबॉलर के इंस्टाग्राम पर 4.3 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। 23 साल की पोर्न स्टार लैना रोड्स ने सोशल मीडिया पर एक विडियो में ऐसा दावा किया। उन्होंने इस विडियो में कहा कि एक फुटबॉलर उन्हें निजी मेसेज भेजता है। उन्होंने आगे कहा कि उस फुटबॉलर के इंस्टाग्राम पर 4.3 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और वह सालाना करीब 5.74 रुपये कमाता है।


लैना रोड्स का यह विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे उनके दोस्त माइक मैलक ने शेयर किया है। बता दें कि लैना के इंस्टाग्राम पर 77 लाख फॉलोअर्स हैं। लैना का जवाब सुनते ही उनकी दोस्त हैरान रह गईं। लैना रोड्स ने फिर आगे कहा कि उस फुटबॉलर के इंस्टाग्राम पर 43 मिलियन (4.3 करोड़) फॉलोअर्स भी हैं। जब उनकी दोस्त फुटबॉलर का नाम पूछती हैं तो लैना कोई जवाब नहीं देतीं।


खननः अखिलेश सीबीआई के रडार पर

उत्तर प्रदेश खनन घोटालाः अखिलेश यादव सीबीआई के रडार पर, विधि सलाहकार से पूछताछ
जेपी मिश्रा।
लखनऊ। खनन घोटाला की फाइनल जांच कर रही सीबीआई टीम  हमीरपुर पहुंच चुकी है। उसने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी को तलब कर दो घंटे तक पूछताछ की। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के पिता और दो चाचा समेत छह लोगों से भी अवैध खनन के नेटवर्क के बारे में पूछताछ की गई है। सूत्रों की माने तो विधि सलाहकार से अहम जानकारी जुटाने के बाद अब सीबीआई अखिलेश यादव के यहां पूछताछ के लिये दस्तक दे सकती है। सीबीआई की दो सदस्यीय टीम पिछले चार दिनों से हमीरपुर स्थित मौदहा बांध निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में कैम्प कर खनन घोटाले की परतें खोलने में जुटी है। अखिलेश यादव की सरकार में महोबा जिले के सूपा निवासी मनोज त्रिवेदी विधि सलाहकार थे। हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुये 14 मौरंग के पट्टों को मंजूरी दी थी। इसके बाद खनन मंत्रालय गायत्री प्रजापति के हाथ में आने के बाद 49 मौरंग के पट्टे जारी किये गये थे। इन सभी मौरंग के पट्टे जारी करने में नियमों और उच्च न्यायालय के निर्देशों को ताक पर रखा गया था।


हाईकोर्ट के आदेश पर अगस्त 2016 से सीबीआई अवैध खनन की लगातार जांच कर रही है। गुरुवार को सीबीआई के अधिकारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी को कैम्प आफिस में तलब कर उनसे पूछताछ की। सूत्र बताते है कि सीबीआई ने उनसे सवाल किया कि मौरंग के पट्टे स्वीकृत होने में विधि सलाह दी गयी या नहीं। पूछताछ के बाद इनके हस्ताक्षर भी कराये गए।


सीबीआई की नोटिस पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के पिता सत्यदेव दीक्षित, उनके चाचा राकेश दीक्षित व देव नारायण दीक्षित भी कैम्प आफिस तलब हुए और करीब दो घंटे तक इन सभी से लम्बी पूछताछ की गयी है। बयान लेने के बाद इन सभी से साइन लिये गये हैं। इसके अलावा एक महिला और दो अन्य कारोबारियों से भी पूछताछ की गयी है। कैम्प आफिस से बाहर निकलते ही मौरंग कारोबारी बेचैन नजर आये। सीबीआई की एफआईआर में यहां की तत्कालीन आईएएस बी.चन्द्रकला, खनन अधिकारी मुईनुद्दीन, एमएलसी रमेश मिश्रा, दिनेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित, रिटायर्ड खनिज लिपिक रामआसरे प्रजापति व लोनिवि का रिटायर्ड बाबू रामऔतार समेत ग्यारह लोग आरोपित हैं। इन सभी के खिलाफ ईडी को भी पत्र लिखा जा चुका है।


तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब सीबीआई के रडार पर आ चुके है क्योंकि उन तक पहुंचने के लिये विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी से पूछताछ कर सीबीआई ने अहम जानकारी जुटा ली है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर 16 अक्टूबर 2015 को जारी मौरंग के 49 पट्टे निरस्त कर जांच कमेटी बनाकर जिम्मेदार अधिकारियों व पट्टा धारकों के खिलाफ कार्यवाही भी करने के आदेश दिये गये थे। पूर्व में चौदह पट्टे भी निरस्त हुये थे। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने अब यहां अवैध खनन की जांच करने के साथ ही अखिलेश सरकार में तैनात रहे प्रशासन व खनिज विभाग के अधिकारियों का ब्यौरा भी अपने हाथ में ले लिया है।


याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
याचिकाकर्ता याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अपनी जान का खतरा बताते हुये सुरक्षा मांगी है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन की सीबीआई जांच अंतिम दौर पर है। ऐसे में खनन माफिया उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश कर रहे हैं। लगातार परिवार समेत जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। हाल में ही जजी परिसर में दो बार खनन माफियाओं ने हमला किया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी जांच में फंसने वाले आरोपित सपा और बसपा सरकार के राजनेता हैं जो उनकी हत्या करा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने उच्च सुरक्षा की मांग करते हुये गृह सचिव और सीबीआई को पत्र दिया है।


दुधवा की 'लाइफ लाइन' का वजूद खत्म

दुधवा की लाइफ लाइन सुहेली नदी का वजूद हुआ खत्म, जिम्मेदार है मौन
फारुख हुसैन


लखीमपुर खीरी। ज्यों-ज्यो मौसम में तब्दीली होना शुरू हो गयी है और एक बार फिर गर्मी और तेज चिलचिलाती धूप से मनुष्य तो मनुष्य जीव ज॔तु भी बेहाल होने वाले हैं और इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली शदीद प्यास सभी को बेहाल करने वाली है। हालाकि मुनष्यो को तो इस मौसम से खाश परेशानी नहीं होने वाली है क्योकि उनके पास तो अपनी प्यास बुझाने के कई साधन मौजद है जहां वो ठंडे और स्वच्छ पानी से अपनी प्यास बुझाकर तरोताजा हो जाया करेगें।


परंतु उन वन्यजीव जो कि केवल प्राक्रतिक की बनाई हुई नदी और तालाब में भरे पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं और सबसे बड़ी और सोचनीय बात की उनके लिये मौजूद नदी या फिर तालाब वो भी देखभाल के अभाव के कारण अब सूखते जा रहें हैं। जिसके कारण वन्यजीवों को अपनी प्यास बुझाने के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है। जिससे वन्यजीव प्रमियों को इस बात की चिंता सताने लगी है। बता दे कि इसी का एक जीता जागता उदाहरण दुधवा टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन कही जाने वाली सुहेली नदी जिम्मेदारों के गैर जिम्मेदाराना रवैए के चलते अब अपना वजूद पूरी तरह से खो चुकी है। जिसके चलते बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी वन्य जीवों को प्यास बुझाने के लिये दर दर भटकना पड़ेगा।


दरअसल दुधवा की सुहेली नदी की सिल्ट सफाई न होने से सुहेली पुल से पर्वतिया घाट तक कई किलोमीटर में नदी ने रेत का टीला बना दिया है और नदी अपना रुख मोड़ कर नकउवा नाले को चली गई है। जिसके कारण वन्यजीवों को पूरी तरह से पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है। सर्दी और बरिश के मौसम में तो इस बात से कोई खाश प्रभाव नहीं पड़ता दिखाई देता है लेकिन गर्मी के मौसम में सुहेली नदी को वजूद खत्म होना काफी चिंता का विषय माना जा रहा है। गर्मी के मौसम में सुहेली नदी का नकउवा नदी की ओर रुख कर लेने से कई गांवों के खेतीहर इलाके भी बंजर होने की कगार पर पहुंच गये हैं क्योंकि जिस तरह से यहां भयानक सिल्ट फेंक रही है। तो कहीं न कहीं खेतीहर जमीनों में इसका जमावड़ा भी लग रहा है। तो आज नहीं कल यहां जमीनों के बंजर होने की आशंका लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है।


उल्लेखनीय है कि दुधवा टाइगर रिजर्व में सैकड़ों सालों से बह रही सुहेली नदी को दुधवा की लाइफ लाइन कहा जाता है क्यों कि नदी पूरी तरह से दुधवा को छूती हुई गुजरती है और इसका पानी दुधवा के जंगल में स्वच्छंद विचरण करने वाले करीब 50 प्रतिशत वन्यजीव यहां पानी पीते थे। लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल चुकें हैं ।क्योंकि पलिया दुधवा मार्ग पर बने पुल से करीब पांच किलोमीटर पहले नदी ने मुख्य धारा में सिल्टिंग शुरू कर उसे पाट दिया और एक मोड़ लेकर नकउवा नाले में जा पहुंची। नाले का इतना बड़ा स्वरूप नहीं है कि वह अपने ऊपर से एक नदी को गुजार सके।


आलम यह हुआ कि नदी ने अपनी जगह बनाते हुए कई गांवों के खेती वाले इलाके को अपनी बालू से पाटना शुरू कर दिया है। इससे हजारो एकड़ कृषि भूमि बंजर होने के कागार पर भी आ खड़ी हुई है। जहां किसान इससे भूमि हीन हो रहे हैं वहीं वन्यजीवों की प्यास पर भी ग्रहण लग गया है। सुहेली नदी का वजूद एक दम या फिर अचानक नहीं खत्म हुआ है बल्कि यह सब धीरे धीरे हो पाया है लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर गौर करना मुनासिब ही नहीं समझा और सबकुछ जानने और समझने के बावजूद वह खामोश रहे और उन्होने कुछ भी नहीं किया।


सबसे बड़ा सवाल यह सामने आ रहा है कि इसके लिए सालों पहले बजट भी मिला था लेकिन कागजों पर काम दिखाकर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली ।दूसरी और जहां दुधवा टाइगर रिजर्व विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाला जहां न जाने कितने ही दुलर्भ वन्यजीवों की भरमार है और उनके संरक्षण के लिये करोड़ो रुपया व्यय किया जा रहा है लेकिन वही वन्यजीवों को प्यास से व्याकुल होकर पानी की तलाश में दर दर भटकना अपनी अलग कहानी भी बया कर रहा हैं और वह एक शर्मनाम बात भी है जिस पर गौर करना लाजमी बन चुका है।


वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिये बनाये जाते है वाटर हाल देखा जाये तो हमारा पार्क प्रशासन अपनी बड़ी कमियों को नजर अंदाज कर छोटी चीजों को ज्यादा ध्यान भी रखता है जिससे कि लोग उन पर किसी तरह की उंगली न उठा सके। दरअसल गर्मी में वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए कुछ जगहों पर वाटर हाल बनाकर पानी की पूर्ती की जाती है लेकिन वह बस कुछ समय के लिये ही नजर आती होगी क्योंकि तेज धूप और गर्मी के चलते वहां पानी ज्यादा समय तक रूकना अंसभव सा ही लगता है। देखा जाये तो इन छोटे छोटे कार्यों को न कर यदि नदियों पर ध्यान दिया जाये तो बेहतर होगा।


नदी के समीपवर्ती इलाकों से बाहर निकलने पर मजबूर होगें दुलर्भ वन्य जीव सुहेली नदी में पानी नहीं होने से वहां के समीपवर्ती जंगल में रहने वाले वन्यजीव पानी की तलाश में बाहर आने के लिये मजबूर होगे और उनके ऐसा करने से उनके जीवन पर भी संकट के बादल मंडराते रहते हैं क्योंकि जंगल से बाहर आने के बाद वह बाहर ही रह जाते हैं और उनका यहां रहना वन्यजीव मानव संघर्ष को बढ़ा रहा है। जिसमें हिलन चीतल पाढ़ा आदि तो बाहर आना आम बात हो जाती है।


सुहेली नदी के वजूद मिटने पर वन्यजीव प्रमियों में ख़ासा रोष उधर सुहेली नदी के वजूद मिटने पर वन्यजीव प्रमियों में पारक प्रशासन के खिलाफ खाशा रोष दिखाई देने लगा है उनका कहना है यदि सुहेली नदी की सिल्ट सफाई होने पर ध्यान दिया जाता तो आज नदी का वजूद नहीं मिटता और वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिये दर दर नहीं भटकना पड़ता।


जब दिल्ली जली, गृहमंत्री कहाँ थे ?

नई दिल्ली। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली हिंसा को लेकर शिवसेना ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। पार्टी ने गृहमंत्री से सवाल पूछा है कि जब दिल्ली जल रही थी, लोग जब आक्रोश व्यक्त कर रहे थे तब गृहमंत्री अमित शाह कहां थे? क्या कर रहे थे? शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' के जरिए कहा कि दिल्ली के दंगों में अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है और सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। मान लें केंद्र में कांग्रेस अथवा दूसरे गठबंधन की सरकार होती और विरोधी सीट पर भारतीय जनता पार्टी का महामंडल होता तो दंगों के लिए गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा गया होता।


शिवसेना ने कहा कि गृहमंत्री के इस्तीफे के लिए दिल्ली में मोर्चा व घेराव का आयोजन किया गया होता। राष्ट्रपति भवन पर धावा बोला गया होता। गृहमंत्री को नाकाम ठहराकर ‘इस्तीफा चाहिए!’ ऐसी मांग की गई होती। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भाजपा सत्ता में है और विपक्ष कमजोर है। फिर भी सोनिया गांधी ने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा है। देश की राजधानी में 39 लोग मारे गए उनमें पुलिसकर्मी भी हैं और केंद्र का आधा मंत्रिमंडल उस समय अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को सिर्फ ‘नमस्ते, नमस्ते साहेब!’ कहने के लिए गया था। केंद्रीय गृहमंत्री व उनके सहयोगी अहमदाबाद में थे, उसी समय गृहविभाग के एक गुप्तचर अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या दंगों में हो गई। लगभग 3 दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोबाल चौथे दिन अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर लोगों से चर्चा करते दिखे, इससे क्या होगा? जो होना था वो नुकसान पहले ही हो चुका है। सवाल ये है कि इस दौर में हमारे गृहमंत्री का दर्शन क्यों नहीं हुआ? देश को मजबूत गृहमंत्री मिला है लेकिन वे दिखे नहीं, इस पर हैरानी होती है।


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...