गुरुवार, 2 जनवरी 2020

टाटा संस, मिस्त्री के खिलाफ पहुंचा एससी

नई दिल्ली। टाटा संस ने सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन के तौर पर बहाल किए जाने के फैसले के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलाट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के निर्णय पूर्ण आदेश को चुनौती दी और नौ जनवरी को होने वाली टीसीएस की बोर्ड की बैठक को देखते हुए इसे स्थगित करने की मांग की।टाटा के वकीलों ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट हालांकि छह जनवरी को खुलेगा।


दिसंबर 2019 में एनसीएलएटी ने मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में बहाल कर दिया था और आदेश दिया था कि एन. चंद्रशेखरन की टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में नियुक्ति अवैध है। एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने टाटा संस को इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था।


दृष्टिबाधित ऐप से पहचान सकेंगे नोट

मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 'मनी' नाम से एक मोबाइल ऐप जारी किया है जिसकी मदद से दृष्टिबाधित लोग भी करेंसी नोट का मूल्य जान सकेंगे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने बुधवार को 'मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर' (मनी) ऐप जारी किया। केंद्रीय बैंक ने बताया कि मनी ऐप महात्मा गाँधी सीरीज और महात्मा गाँधी (न्यू) सीरीज के बैंक नोटों की पहचान करने में सक्षम है। ऐप बैंक के अगले या पिछले भाग या किसी हिस्से की पहचान करने में भी यह ऐप सक्षम है। साथ ही यह एक बार मोड़कर रखे नोटों की भी पहचान कर सकता है। यह विभिन्न कोणों से और विभिन्न रौशनी तीव्रता में भी नोटों की पहचान कर सकेगा। 
नोट की पहचान के बाद ऐप आवाज के माध्यम से हिंदी और अंग्रेजी में नोट का मूल्य बतायेगा। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह ऐप विशेषताओं के आधार पर नोट के मूल्य की पहचान करेगा, लेकिन असली और नकली नोट में फर्क नहीं करेगा। एंड्रॉयड और एप्पल दोनों के लिए यह ऐप तैयार किया गया है। इसे प्लेस्टोर और आईओएस ऐप स्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। एक बार इंस्टाल करने के बाद ऐप के इस्तेमाल के लिए इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होगी।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई ने महात्मा गाँधी सीरीज और महात्मा गाँधी (न्यू) सीरीज के बैंक नोटों में कई ऐसी विशेषताओं का समावेश किया है जिनसे दृष्टिबाधित व्यक़्ति नोटों के मूल्य के बारे में पता कर सकता है। इनमें उभरी हुई छपाई, छूकर महसूस किये जा सकने वाले चिह्न, नोटों के आकार में अंतर आदि शामिल हैं। अब प्रौद्योगिकी के विकास के साथ दृष्टिबाधितों के लिए इनकी पहचान और आसान करने का समय आ गया है ताकि रोजमर्रा के उनके काम आसान हो सकें।


एयरटेल ने रिचार्ज किया 95 प्रतिशत महंगा

नयी दिल्ली। दिसंबर के पहले हफ्ते में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने लगभग एक साथ अपने प्रीपेड प्लान महंगे किये थे। इसके बाद भी ये तीनों कंपनियाँ अपने ग्राहकों को कई झटके दे चुकी हैं। अब एयरटेल ने अपने ग्राहकों के लिए एक नया प्लान महंगा कर दिया है। आपको पता होगा कि एयरटेल का नंबर एक्टिव रखने के लिए आपको हर महीने कम से कम 23 रुपये का रिचार्ज करवाना जरूरी था। मगर अब एयरटेल ने हर महीने 23 रुपये से बढ़ा कर 45 रुपये का रिचार्ज करवाना जरूरी कर दिया है। अगर आप एयरटेल ग्राहक हैं और अपना नंबर चालू रखना चाहते हैं तो आपको हर महीने कम से कम 45 रुपये का रिचार्ज करवाना ही होगा। वरना आपके नंबर पर इनकमिंग कॉल भी आनी बंद हो जायेगी। यह एक ऐसा कदम है जो दर्शाता है कि एयरटेल आमदनी में सुधार लाने और बैलेंस शीट की हाल बेहतर करने के लिए टैरिफ बढ़ाने से नहीं कतरा रही है। कंपनी का नया नियम आज से ही लागू है।


28 दिनों के लिए 45 रुपये का रिचार्ज जरूरी


एयरटेल के नये कदम से इसके ग्राहकों को हर 28 दिन के लिए 45 रुपये का कम से कम से रिचार्ज करवाना होगा। अभी तक 23 रुपये का रिचार्ज जरूरी थी। अब आपको 22 रुपये का अतिरिक्त कम से कम रिचार्ज करवाना होगा। आपको बता दें कि ये समस्या उन के लिए बड़ी है जो एयरटेल के साथ कोई दूसरा नंबर पर भी रिचार्ज करवाते हैं। ऐसे ग्राहक एयरटेल के अलावा दूसरी सिम पर रिचार्ज करवाने में संकोच करेंगे। क्योंकि उन्हें नंबर चालू रखने के लिए एयरटेल भी कम से कम 45 रुपये का रिचार्ज करवाना होगा। ऐसा न करने पर सभी सेवाएं रोक दी जायेंगी।


वोडाफोन पर 23 रुपये का रिचार्ज जरूरी


आपको बता दें कि वोडाफोन आइडिया पर भी हर महीने 23 रुपये का रिचार्ज जरूरी है। एयरटेल के बाद ग्राहकों की नजर वोडाफोन पर होगी कि वे भी अपने न्यूनतम मासिक रिचार्ज में बढ़ोतरी करती है या नहीं। देखा गया है कि ये दोनों कंपनियाँ आगे-पीछे लगभग एक जैसे ही फैसले लेती हैं। हर महीने का कम से कम रिचार्ज इन कंपनियों ने एक साथ ही शुरू किया था। इसके बाद प्लान भी दोनों ने एक ही दिन महंगे किये थे। इन दोनों कंपनियों ने प्लान महंगे करने के साथ ही अपने नेटवर्कों से अन्य नेटवर्कों पर मुफ्त कॉलिंग सीमित कर दी थी, जिसके बाद आपको 6 पैसे प्रति मिनट चुकाने पड़ते। मगर फिर दोनों एक ही ये चार्जेस हटा दिये।


एआरपीयू बढ़ाने पर है जोर


टेलीकॉम कंपनियों का ध्यान इस समय अपना एआरपीयू बढ़ाने पर है। एआरपीयू का मतलब है हर उपभोक्ता से औसत आमदनी, जो किसी टेलीकॉम कंपनी के लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में प्लान महंगे किये जाने के बाद जानकारों को वोडाफोन का एआरपीयू मौजूदा 107 रुपये से अगली दो तिमाहियों में 14 रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है। वहीं एयरटेल के एआरपीयू के 128 रुपये से 145-150 रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है।


केरल को सीएए हटाने का अधिकार नहीं

तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)को हटाने के लिए पास हुए प्रस्ताव को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गलत करार दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि किसी राज्य को केंद्रीय विषयों पर प्रस्ताव पास करने का अधिकार ही नहीं है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, नागरिकता का मामला केंद्र सरकार का विषय है, इसको लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पारित करने का कहीं कोई संवैधानिक आधार नहीं है।


मुख्यमंत्री पिनराई विजयवन ने मंगलवार को विधानसभा में सीएए हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था जिसे बाद में विधानसभा ने पारित किया था। इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने समर्थन किया था वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा एतराज जताया था।
प्रस्ताव पास कराने के पीछे मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा था कि केरल में सेक्युलरिज्म (धर्म निरपेक्षता) का सुनहरा इतिहास रहा है। ऐसे में इस परंपरा को बनाए रखने के लिए ऐसे कानून का विरोध जरूरी है।


मेट्रो की एक्सप्रेस लाइन पर फ्री वाई-फाई

नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर अब वाई-फाई की सुविधा शुरू होने जा रही है। अब तक कुछ मेट्रो स्टेशनों पर ही वाई-फाई की सुविधा है। यह देश में पहली ऐसी मेट्रो होगी, जिसमें पैसेंजर्स को वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। दिल्ली मेट्रो के सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को यह सुविधा शुरू हो सकती है। फिलहाल मेट्रो पैसेंजर्स को फ्री वाई फाई की सुविधा दी जाएगी।
डीएमआरसी के अधिकारी ने अधिकारी ने बताया कि पहले से ही ब्लू लाइन और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के प्लेटफार्मों पर वाई-फाई की सुविधा है। यह सेवा दिल्ली मेट्रो के अन्य रूटों पर भी शुरू की जा सकती हैं। यानी आने वाले समय में अन्य रूटों पर भी ट्रेन के डिब्बों में फ्री वाई-फाई की सुविधा दी जा सकती है। फिलहाल डीएमआरसी की तरफ से इस मामले में कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।
मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मेट्रो फेज-4 में छह मेट्रो कॉरिडोर में से तीन को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी। इसमें आरके आश्रम-जनकपुरी (पश्चिम), मुकुंदपुर-मौजपुर के अलावा एयरो सिटी-तुगलकाबाद शामिल हैं।


महिलाओं पर नहीं उम्र का प्रभाव

ताइवान। युवावस्था के बाद बढ़ती उम्र भला किसे पसंद होती है। बच्चे भले ही चाहते हैं कि वे जल्दी बड़े हो जाएं, लेकिन हम जब युवा हो जाते हैं तो प्रौढ़ या वृद्धावस्था नहीं पसंद करते हैं। न केवल महिलाएं, बल्कि पुरुष भी बूढ़ा होना नहीं चाहते हैं। सभी को अपनी उम्र से कम दिखने की चाहत होती है और इसके लिए वो काफी पैसे भी खर्च करते है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक ऐसा भी देश है, जहां की महिलाओं पर बढ़ती उम्र का असर ही नहीं होता है।


जी हां, हम बात कर रहे हैं ताइवान की। यह एक द्वीप है, जो अपने आसपास के कई द्वीपों को मिलाकर चीनी गणराज्य का हिस्सा है। ताइवान से एक देश के रूप में विश्व के 17 देशों से ही संबंध रह गए हैं। यह द्वीप अपने आप में कई सामाजिक सांस्कृतियों को समेटे हुए है। ताइवान की आबादी करीब 2.36 करोड़ है। यहां के 70 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। इस देश की महिलाएं खूबसूरत भी होती हैं और लंबे समय तक जवां दिखती हैं। इसके पीछे इनका खानपान या फिर मेकअप कारण नहीं है, बल्कि इनकी खूबसूरती का अलग ही राज है। इस देश में रहने वाली लड़कियां अपने रंग-रूप को लेकर ज्यादा ही सजग रहती हैं। इस कारण वे धूप में ज्यादा बाहर नहीं निकलतीं, क्योंकि इनका ऐसा मानना है कि धूप में निकलने से चेहरा काला और खराब हो जाता है।


ताइवान के लोगों का मानना है कि धूप में निकलने से उम्र घट जाती है और इसलिए चाहे कितना भी जरूरी काम क्यों ना हो, लोग धूप में बिलकुल भी नहीं निकलते। यहां के लोग खेलों में भी काफी दिलचस्पी दिखाते हैं और इसलिए भी वो बहुत फिट रहते हैं।


हममें से कई लोगों को बारिश में भींगना काफी पसंद करते हैं, लेकिन ताइवान के लोग हमसे देश से उलट, बारिश में भींगना बिल्कुल पसंद नहीं करते। खासकर यहां की महिलाओं को बारिश में भींगने से खास एलर्जी है। एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि यहां के लोग काफी मेहनतकश होते हैं। मेहनत करके लोग पूरे दिन में 10 घंटे काम करते हैं। यहां के लोग कम उम्र में ही धनवान बन जाते हैं।


यहां के स्कूलों-कॉलेजों में गणित और विज्ञान पर ज्यादा जोर दिया जाता है। यहां वैसे तो हाई-स्पीड ट्रेन, मेट्रो और बसें भी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग स्कूटर चलाते हुए दिख जाएंगे। यहां के लोग मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं।


कम कीमत पर देख सकेंगे अधिक चैनल

ग्राहक कम कीमत पर अधिक चैनल देख


नई दिल्ली। उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को केबल और प्रसारण सेवाओं के लिए नई नियामकीय रूपरेखा पेश की। इसके तहत केबल टीवी के ग्राहक कम कीमत पर अधिक चैनल देख सकेंगे। खास बात यह है कि नियामक ने उपभोक्ताओं द्वारा सभी 'फ्री टू एयर' चैनलों के लिए दिए जाने वाले मासिक शुल्क की सीमा 160 रुपए तय कर दी है।
ट्राई ने बयान में कहा कि कई टीवी वाले घर यानी जहां एक से अधिक टीवी कनेक्शन एक व्यक्ति के नाम पर हैं, वहां दूसरे और अतिरिक्त टीवी कनेक्शनों के लिए घोषित नेटवर्क क्षमता शुल्क (एनसीएफ) का अधिक 40 प्रतिशत तक लिया जाएगा। विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा के बाद ट्राई ने 200 चैनलों के लिए अधिकतम एनसीएफ शुल्क (कर रहित) को घटाकर 130 रुपए कर दिया है। 


इसके अलावा नियामक ने फैसला किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें एनसीएफ चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा। इसके अलावा ट्राई ने वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानी छह महीने अथवा अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दे दी है।


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