शनिवार, 2 नवंबर 2019

सीएम ने अनुसंधानकर्ता-प्राध्यापकों को किया सम्मानित

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थायाओं, अनुसंधानकर्ताओं, नवाचार करने वालों और प्राध्यापकों को ऑरोपाथ ग्लोबल अवार्ड 2019 से सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- आज सबसे बड़ी जरूरत उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की और उच्च शिक्षा को वास्तविक जरूरतों से जोड़ने की है! शिक्षा के माध्यम से युवाओं के दृष्टिकोण को व्यापक करने की भी आवश्यकता है!


आगरा सड़क हादसे में 3 लोगों की मौत

आगरा! लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर शनिवार को भीषण हादसे में तीन लोगों की जान चली गई! जबकि एक मौके पर घायल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर को आगरा में फतेहाबाद के पास ये हादसा उस वक्त हुआ, जब एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार कार ने ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कार में बैठे हुए तीन लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दिया है। जबकि शवों को अपनी गाड़ी से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


मिली जानकारी के अनुसार कार ने ट्रक को पीछे से इतनी जोर की टक्कर मारी कि गाड़ी का अगला हिस्सा ध्वस्त हो गया और ट्रक के पिछले भाग में जाकर चिपक गया जिसको क्रेन की मदद से खीचकर अलग किया गया। दुर्घटना के बाद हाइवे पर भीषण जाम लग गया मौके पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। कुछ देर के लिए हाइवे जाम हो गया। जिसके बाद पुलिस ने लोगों को हटाकर एक बार फिर से हाइवे को चालू करवाया।


एशिया के सबसे ज्यादा निर्णय देने वाले जज

प्रयागराज! इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल के नाम नया रिकॉर्ड बन गया है! जस्टिस सुधीर अग्रवाल सबसे ज्यादा मुकदमों में फैसला देने वाले एशिया के पहले न्यायधीश बन गए हैं! जस्टिस अग्रवाल 31 अक्टूबर तक एक लाख तीस हजार 418 मुकदमे तय करने वाले बने पहले कीर्तिमान न्यायाधीश बन गए हैं! अयोध्या विवाद का फैसला देने वाली पीठ में भी शामिल रहे! 5 अक्टूबर 2005 को एडिशनल जज के रूप में शपथ ली थी! जिसके बाद 10 अगस्त 2007 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थाई जज की पद की शपथ ली!


अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद, शंकराचार्य बद्रिकाश्रम पीठ विवाद, सरकारी स्कूलों में वीआईपी के बच्चों के पढ़ने का मामला जैसे कई प्रमुख मामलों में महत्वपूर्ण फैसले भी दीये है!


बृजेश केसरवानी


रेलवे की लापरवाही का खामियाजा उठाते यात्री

 योगी के शहर में रेलवे की लापरवाही से यात्री हुए परेसान              


गोरखपुर! रेलवे की लापरवाही से शुक्रवार ट्रेन नम्बर 04923 गोरखपुर से चंडीगढ़ जाती है! जिसका गोरखपुर से छूटने का टाइम 22 बजकर 10 मिनट था, जो प्लेटफॉर्म नम्बर 4 पर खड़ी थी! यात्री गण अपने कोच के बर्थ पर बैठने के लिए बेताब थे! जिन यात्रियों के टिकट फर्स्ट ऐसी ए1 में था! सभी यात्री परेसान दिख रहे थे क्योंकी फर्स्ट ऐसी का कोई कोच ही नही लगा था, न ही रेलवे के तरफ से यात्रियों को कोई सुचना दिया गया! न तो प्लेटफॉर्म पर किसी तरह का अलौस्मेंट ही किया गया! बहुत खोज बीन करने पर टी टी देव् प्रभाकर जी मिले यात्री गण  जब उनसे इसका कारण पूछा तो टीटी महोदय का जबाब सुनकर सभी यात्री चिंतित हो गए टीटी महोदय का जबाब था! जिनको यात्रा करना है! थर्ड ac में यात्रा कर सकते है! यात्रियों ने जब पूछा की हमने तो किराया फर्स्ट ac का दिया है आप मुझे थर्ड ac में ले जा रहे हो तो मेरा बाक़ी का रिफंड कैसे होगा इस टीटी देव् प्रभाकर ने बताया कि यह जिम्मेदारी अधिकारियो की है! आप उनसे बात करे तो मैं सभी रेल के या प्रसासनिक अधिकारियो से यह पूछना चाहता हूँ कि जब कोई यात्री गलती से जनरल का टिकट लेकर किसी स्लीपर या ac में बैठ जाता है! तो टीटी महोदय मन मानी जुरमाना वसूल करते है! तब उनको यात्री से जुर्माना वसूलने का अधिकार रहता है! तो जिस यात्री को फर्स्ट ac के जगह पर थर्ड ac में यात्रा करवा रहे है तो उनका रिफंड करने का अधिकार उनको क्यों नही है! रेलवे की लापरवाही से यात्री परेसान भी हो, फिर अपने रिफंड के लिए उनके ऑफिस का चक्कर भी लगावे तो इसका जिम्मेदार कौन है जो परेसानी यात्री को हुई है! उसके लिए कौन होगा जिम्मेदार कौन करेगा यात्री का रिफंड रेलवे  के सीनियर डीसीऍम से बात करने पर उनका जबाब भी सन्तोष जनक नही रहा!


पूर्व सीएम हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता

राणा ओबराय
पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता नियुक्त, कल मीटिंग में हो गया था लगभग फाइनल

चण्डीगढ़! हरियाणा में कांग्रेस की तरफ से विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लग गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना है। कल चंडीगढ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी जिसमें विधायक दल के नेता चुने जाने को लेकर बातचीत हुई थी लेकिन इस बैठक में विदायक दल का नेता तय नहीं हो पाया था जिसके बाद गेंद सोनिया गांधी के पाले में चली गई थी। अब सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर मुहर लगा दी थी।


पूर्व मंत्री हार की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते

राणा ओबराय
वोटबैंक बढ़ने के बावजूद खट्टर के मंत्री अपने अहंकार औऱ कार्यकर्ताओं को मीठी गोली देने के कारण हारे! भ्रष्टाचार भी था एक मुद्दा? बहाने बनाने वाले पूर्व मंत्री हार की जिम्मेदारी से बच नही सकते!
चंडीगढ़! मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछली कैबिनेट में रहे सभी मंत्रियों की शुक्रवार को बैठक बुलाई। बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि प्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ने के बाद भी लगभग सभी मंत्री क्यों हार गए ? मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में हार के उन कारणों पर विचार किया गया और फिर से वे गलतियां नहीं हों उस पर चर्चा की गई। विधानसभा चुनाव में राज्य के 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। हार की समीक्षा के साथ आगे की रणनीति तय की जा रही है। पिछली सरकार के अधूरे कामों को पूरा करेगी नई कैबिनेट, बीजेपी के हारे हुए मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि पिछली सरकार की कैबिनेट में कुछ ऐसे विचार थे जो पेंडिंग थे उन्हें नई गठित होने वाली सरकार में कैसे लागू किया जाएगा, इस बारे में भी बातचीत की गई। प्रदेश में आठ फीसदी वोट कम पोलिंग होने के बावजूद पार्टी का 3 प्रतिशत वोट बढ़ा है। वहीं खट्टर की पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे कर्णदेव कंबोज ने कहा कि चुनाव हारे सभी लोगों ने अपने-अपने ढंग से चुनाव हारने के कारण बताए है। अब हमने सारी बातें संगठन के ध्यान में ला दी हैं। उल्लेखनीय है कि कम्बोज रादौर विधानसभा सीट चुनाव लड़े थे। एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिनमें बीजेपी के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कंबोज को वोट न देने के लिए दबाव बनाते सुनाई दिए थे।
इस मामले कंबोज ने श्याम सिंह राणा को अपनी हार का कारण बताया था और कहा था कि श्याम सिंह राणा की गद्दारी की वजह से वह चुनाव हारे हैं। बताया जा रहा है इसी तरह बड़े स्तर पर पार्टी में भितरघात हुआ, जिसकी पूर्व मंत्रियों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को जानकारी दी। जानिए… किस पूर्व मंत्री ने किस तरह बयां किया दिल का दर्द, हरियाणा में सबसे बड़ी हार का सामना करने वाले प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला चुपचाप हार के कारणों को सुनते रहे। पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि जाट आंदोलन के बाद हम जाटों का विश्वास नहीं जीत सके।
पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कांबोज ने कहा कि हम पिछड़ों का भी विश्वास नहीं जीत सके। इसके अलावा बिना मुझसे पूछे मेरा हलका इंद्री से रादौर बदल दिया गया। पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि प्रशासन ने साथ नहीं दिया। कांग्रेस प्रत्याशी ने पैसों का जमकर दुरुपयोग किया। वोट खरीदे गए। एक मंत्री ने कहा कि बिजली निगमों ने चुनाव के दौरान ही पिछली यूनिट भी जोड़कर मोटी राशि के बिल लोगों के घरों में भेज दिए। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा सही ढंग से विपक्षी दलों पर अटैक नहीं कर सकी। पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि नई दिल्ली में संत रविदास मंदिर तोड़े जाने की घटना का नुकसान हमें चुनावों में हुआ। पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि जाटों के गुस्से की वजह से हमें हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप लगाने और पुरानी बातों को याद करने का कोई मतलब नहीं है। पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि हम कांग्रेस से नहीं हारे बल्कि भाजपाइयों की वजह से ही हार हुई है।


महिला जाट मंच ने 'हरियाणा-दिवस' पर की मांग

हर्षित सैनी
रोहतक। महिला जाट मंच द्वारा आज स्थानीय जाट भवन में हरियाणा दिवस सम्मेलन का आयोजन कर हरियाणा को उसके हक अलग हाईकोर्ट तथा अलग राजधानी की मांग को बुलन्द किया गया।
महिला जाट मंच की कोर्डिनेटर संतोष गोछी ने कहा कि जब तक हमारे हरियाणा के सभी अधिकार नहीं मिल जाते तब तक महिला जाट मंच संघर्षरत रहेगा। इस अवसर पर पूरे प्रदेश से आई जाट महिलाओं ने एकजुट होकर अपनी हरियाणवी सभ्यता व संस्कृति को सहेजने की हुंकार भी भरी।


डॉ. संतोष गोछी ने कहा कि हरियाणा से डस्ट बाऊल से ग्रीन बाऊल तक का सफर बड़ी मेहनत से किया है। भारत के विभाजन के बाद भारत में आने वाले पंजाब को पूर्वी पंजाब कहा जाता था। इसमें दो ही डिवीजन जालंधर तथा अंबाला थे। सबसे पहले दोनों डिवीजनों में मंत्रिमंडल में समान प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर प्रो. शेर सिंह, चौ. सूरजमल, चौ. देवीलाल के भाई साहब राम, समर सिंह, जगदीश चन्द्र और रत्न सिंह आचार्य कृपलानी से मिले परन्तु वहां इनकी बात नहीं बनी। सन 1949 में सच्चर सरकार बनी और उसमें पंजाबी भाषा क्षेत्र, हिन्दी भाषा क्षेत्र व द्वि भाग क्षेत्र का फार्मूला बनाया गया, पर इसका भी भारी विरोध हुआ। सन 1955 में एक उप समिति का गठन हुआ जिसमें धर्मवीर वशिष्ठ, मूलचन्द जैन, चौ. देवी लाल और प्रो. शेर सिंह सदस्य बने। उन्होंने विशाल हरियाणा अथवा महा दिल्ली की मांग की। डॉ. संतोष गोछी ने कहा कि 1957 में हिन्दी रक्षा समिति का हिन्दी रक्षा को लेकर तीव्र आन्दोलन हुआ। जिसमें 9000 के करीब आन्दोलनकारी गिरफ्तार हुए तथा कई सत्याग्रही शहीद हुए। आचार्य भगवान देव का आह्वान था कि हरियाणा के वीर की गर्दन टूट सकती है लेकिन झुक नहीं सकती।


उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर, 1965 को एक ऐतिहासिक महान हरियाणा सम्मेलन रोहतक में आचार्य भगवान देव की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें चौ. देवीलाल, टेक सिंह, हरद्वारी लाल, जगदेव सिद्धांती, मूलचन्द जैन, रामशरण मित्तल और प्रो. शेर सिंह शामिल हुए। जब आचार्य का सब्र टूटा तो उन्होंने रोहतक के दयानन्द मठ के हवन कुंड में आत्मदाह की घोषणा तक कर दी। अत: 18 मार्च, 1966 में संसदीय समिति ने अपनी रिर्पोट पेश की। जिसमें पंजाब को तीन हिस्सों में बांटने की सलाह दी गई, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश। महिला जाट मंच की कोर्डिनेटर ने कहा कि इसके बाद सीमाओं के बंटवारे को लेकर एक कमेटी बनी। जिसमें 4314 ज्ञापन लोगों ने दिए। इस कमीशन ने अपनी रिर्पोट में हरियाणा, पंजाब व हिमाचल क्षेत्र का बंटवारा कर दिया और पंजाब के हिन्दी भाषा क्षेत्र चंडीगढ़ व खरड़ को हरियाणा को दिए जाने की सिफारिश की गई।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने इस आयोग की सिफारिशों को निर्विरोध मान लिया परन्तु चंडीगढ़ व खरड़ की निर्विरोध की बात को नजरअंदाज कर दिया। 18 सितम्बर, 1966 को शाह कमीशन की रिर्पोट भारतीय संसद के दोनों सदनों में पारित हुई और 1 नवम्बर, 1966 को हरियाणा भारत का सबसे छोटे आकार का 17वां राज्य बना। जिसके बाद से हरियाणा लगातार अपनी राजधानी और हाईकोर्ट के लिए आंदोलनरत है। अत: हमें अलग राजधानी व अलग हाईकोर्ट मिलना ही चाहिए। महिला जाट मंच की कार्यकर्त्ताओं ने सम्मेलन में हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी अनेक चीजें व बातें प्रस्तुत की गई तथा हरियाणवी संस्कृति को सहेजने व बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया। महिलाओं ने हरियाणवी गानों पर नृत्य व संगीत का लुत्फ भी उठाया। वहीं अपनी एकजुटता के जरिए समाज में व्यापक स्तर पर बदलाव लाने की मुहिम छेडऩे का भी ऐलान किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से महिला जाट मंच की अध्यक्षा रमा राठी, शर्मिला रोज, देविका सिवाच, सन्तोष जून, सुनीता कटारिया, सवी मान, रोहतक अध्यक्षा मंजू सांगवान, कविता, मनु ढुल, स्वीटी मलिक, पूनम हुड्डा, गुडग़ांव से नीलम गुलिया, जींद से सुचिता ढुल, सुनीता मलिक, आशा आदि सहित सैंकड़ों महिलाएं मौजूद रही।


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...