शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

भारतीय पक्षी प्रियवंद

खीहा एक भारतीय पक्षी है। इसे संस्कृत में प्रियंवद कहते हैं।


इस पक्षी के दो स्पष्ट प्रादेशिक भेद है। एक तो ललमुँही खीहा (रक्तकपोल प्रियंवद) जो हिमालय में गढ़वाल से सिक्किम तक प्राय: २ से ७ हजार फुट की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। कभी कदा ये १० हजार फुट तक की ऊँचाई पर भी देखे जाते हैं। इस वर्ग का खीहा ११ इंच का होता है। इसकी चोंच टेढ़ी होती है, ऊपरी पूँछ और डैने का घिरा हुआ भाग काही भूरा होता है और निचला भाग अखरोटी तथा सफेद होता है। ठुड्ढी और गले पर धूमिल भूरे रंग की धारियाँ होती है। यह झाड़ियों में निवास करता है और पहाड़ियों पर ही अधिकांश जीवन व्यतीत करता है। इसकी बोली मधुर होती है। नर पक्षी की बोली दुहरी होती है। दूसरी बोली पहली बोली के तत्काल बाद ध्वनित होती है। यदि मादा उसके निकट होती है तो दूसरी ध्वनि के बाद अपनी मधुर ध्वनि से तत्काल उत्तर देती है। यह पक्षी दूसरे पक्षी की बोलियों का भी प्रत्युत्तर देते हैं। यह पक्षी नाचता भी है। गुबरीला, केंचुआ, कीड़े आदि इसके मुख्य भोजन हैं।



श्वेत-भौंह खीहा
दूसरी जाति का खीहा मुख्यत: दक्षिण भारत के पर्वतों में पाया जाता है। किंतु आबू की पहाड़ियों, मध्य प्रदेश और खानदेश के आसपास भी ये देखे जाते है। यह ललमुँही खीहा से कुछ छोटा होता है। इसका ऊपरी भाग भूरा और माथा काला होता है। आँख के ऊपर एक सफेद पट्टी सी होती है, जिसके ऊपर काली काली किनारी होती है। छाती और पेट पर एक पतली काली भूरी लकीर होती हे। चोंच पीली होती है। इसकी बोली सामान्यत: कर्कश होती है पर कभी कभी यह मधुर सीटी भी बजाता है। लोग सीटी बजाकर अपने निकट रखने का प्रयास करते हैं। यह अपनी लंबी तलवारनुमा चोंच से फूलों का रस चूसता है। वैसे, कीड़े मकोड़े भी इसके भोजन हैं।


महर्षि वशिष्ठ का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
 मेरे प्यारे देखो जब माताएं उसी मंत्र को  के दृष्टा बन करके उसी देवता की उपासना कर रही है। उपासना करते हुए प्राण को अपान से मिलान करते हुए वह अपने गर्भ की आत्मा से वार्ता प्रकट करती है। जो माता अपने गर्भ में रहने वाले शिशु से वार्ता करना जानती है। तो वह देवी धन्य है वे मेरी माता धन्य है। जिनके तरफ से महान पुत्रों का जन्म होता है। इसलिए मम्त्वाम् ब्रह्मा: वे माताए ऋषि-मुनियों को जन्म देकर के अपने जीवन को कृतार्थ बना लेती है। वही तो सौभाग्य झलकने लगता है। विचार आता रहता है मुनिवरो, आज में विशेष चर्चा देने नहीं आया हूं। केवल विचार यह है कि परमात्मा वशिष्ठ मुनि महाराज ने राम से बहुत सी चर्चाए की। उन्होंने कहा यह विद्याए राजा के राष्ट्र में होनी चाहिए। राजा के राष्ट्र में जब यह विद्या होती है तो उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। वह ब्रबस ब्रव्हे, वह भी विद्या होनी चाहिए। जब वह तपस्या में परिणत होता हुआ अपनी आत्मा का परमात्मा से मिलन करता हुआ ब्रह्मांड की उसमें पुट लगाकर के ब्रह्मा की चेरी को जानने लगता है। मेरे प्यारे वही तो ब्राह्मणत्व कहलाता है। विचार केवल यह है कि मुनवरो राष्ट्रवाद अपनी आभा में गमन करता रहा है। यदि राजा के राष्ट्र में विवेकी पुरुष नहीं हैं, महापुरुष नहीं है। मेरी पुत्री आप बुद्धिमान नहीं है तो वह राजा अपने राष्ट्र को उन्नत नहीं बना सकता। यह विधाऐ परंपरागतो से ही मानवीय मस्तिष्क में पंडितव के रूप में रमण करती रहती है। ब्रह्मा वेता इस संसार से उपराम हो जाता है। महात्मा वशिष्ठ ने भगवान राम से कहा कि राष्ट्रवाद कहते हैं जिस राष्ट्र की तुम चर्चा कर रहे थे। उसके पश्चात उन्होंने कहा कि प्रभु यह तो मैंने जान लिया कि इसे राष्ट्रवाद कहते हैं। परंतु इसे कार्य रूप कैसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा इस प्रकार के बन जाओ तो कार्य रूप स्वत: दिया जाता है। जब अपने में सूक्ष्मता रहेगी तो जगत सूक्ष्म बनेगा। अपने में जब मानवता रहेगी तो जगत मानव बनेगा। जब मानव स्वयं दार्शनिक बनेगा तो मानव दार्शनिक बन जाएगा। जब अपनेपन में मृत्यु को विजय करने वाले बनेंगे तो यह संसार मृत्युंजय बन जाएगाू। जब हम अपने में ब्रह्म ज्ञान की चर्चा करेंगे ब्रह्मज्ञानी बनेंगे तो संसार ब्रह्मज्ञानी बन जाएगा। अपने विचार पर हुए परमात्मा के जगत में अपने को स्वीकार करो। राष्ट्र अपने मे पवित्र बनता है। प्रजा उसी के अनुसार व्यवहार बरतने लगती है और जब राजा इस प्रकार का नहीं होगा तो प्रजा नहीं बरतेगी और जब प्रजा नहीं बरतेगी तो राजा केवल अपने आलस्य प्रमाद में परिणत हो जाएगा। समाज भी उसी प्रकार की अधिकार की पुकार करने लगेगा। अधिकार ही चाहने लगेगा परंतु कर्तव्य नष्ट हो जाएगा। जब अधिकार ही अधिकार को पूर्ण करेगा तो आज तक सृष्टि के प्रारंभ से लेकर के कोई भी मानव किसी का अधिकार को पूर्ण नहीं कर सकता है। कर्तव्य करते रहो अधिकार स्वेत: प्राप्त होता है। उसे आवश्यकता नहीं है पुकारने की । परंतु जब कर्तव्य करता है तो वह अपनी उस आत्मा को प्रसन्न करता है। जो आत्मा प्रभु से मिलान करती है। तो उसके मन में जो इछिंत फल होते हैं वह उसे प्राप्त हो जाते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 20, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-77 (साल-01)
2. रविवार,20 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि-सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:18,सूर्यास्त 06:00
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2019

दमखम के साथ नेता उतरे मैदान में

चंडीगढ़। हरियाणा में चुनाव प्रचार आखिरी दौर में है। अब केवल 48 घटें से भी कम समय बचा है। आज चुनाव के आखिरी वक्त में दिग्गज नेता पसीना बहाने के लिए हरियाणा की धरती पर आ रहे हैं। हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। सभी पार्टियों के नेता पूरे दमख़म के साथ चुनाव मैदान में डटे है।


आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिसार और गोहाना में रैलियां करेंगे। नरेंद्र मोदी की साढे बारह बजे गोहाना और ढाई बजे हिसार में रैली होगी। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की आज हरियाणा में तीन जनसभाए हैं। राजनाथ सिंह की बेरी विधानसभा में सुबह साढे दस बजे, साढ़े बारह बजे पृथला विधानसभा और ढाई बजे तावडू में रैली होनी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी आज मुलाना विधानसभा, लाडवा विधानसभा, चरखी दादरी, भिवानी, झज्जर, और रोहतक में रैलियां होगी। वहीं स्टार प्रचारक हेमामालिनी ओर सन्नी देओल भी आज रैलियां करेंगे।


सीताफल का स्वाद कौन लेना चाहता है

रायपुर। सीताफल का स्वाद आखिर कौन नही लेना चाहता। इसकी मिठास और स्वाद इतना बढ़िया है कि सीजन में इस फल को हर कोई स्वाद चखना चाहता है। यह फल जितना मीठा है, उतना ही स्वादिष्ट और पौष्टिक भी है। कांकेर जिले में इस फल की न सिर्फ प्राकृतिक रूप से खूब पैदावार हो रही है, हर साल उत्पादन एवं विपणन भी बढ़ रहा है। कांकेर के सीताफल की अपनी अलग विशेषता होने की वजह से ही अन्य स्थानों से भी इस फल की डिमांड आ रही है। स्थानीय प्रशासन द्वारा सीताफल को न सिर्फ विशेष रूप से ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग में सहयोग कर इससे जुड़ी महिला स्व सहायता समूह को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि इस वर्ष सीताफल का ग्रेडिंग और संग्रहण करने वाली स्व सहायता की महिलाओं एवं इससे जुड़े पुरुषों को लगभग 25 लाख रुपये तक की आमदनी होने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा कांकेर वैली फ्रेश सीताफल के रूप में अलग-अलग ग्रेडिंग कर 200 टन विपणन का लक्ष्य रखा गया हैं।


वैसे तो सीताफल का उत्पादन अन्य जिलों में भी होता है लेकिन कांकेर जिला का यह सीताफल राज्य में प्रसिद्ध है। यहाँ प्राकृतिक रूप से उत्पादित सीताफल के 3 लाख 19 हजार पौधे हैं, जिससे प्रतिवर्ष अक्टूबर से नवम्बर माह तक 6 हजार टन सीताफल का उत्पादन होता है। यहां के सीताफल के पौधौ में किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह पूरी तरह जैविक होता है। इसलिए यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी होता हैं। यहां से प्राकृतिक रूप से उत्पादित सीताफल को आसपास की ग्रामीण महिलाएं एवं पुरूष संग्रह कर बेचते आ रहे हैं। इससे थोड़ी बहुत आमदनी उनको हो जाती थी। लेकिन उन्हें पहले कोई ऐसा मार्गदर्शक नही मिला जो मेहनत का सही दाम दिला सके। कुछ कोचिए और बिचौलियों द्वारा औने-पौने दाम में वनवासी ग्रामीण संग्राहकों से सीताफल खरीदकर अधिक दाम में बेचा जाता था। इसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा संग्राहकों को आर्थिक लाभ के साथ आत्मनिर्भर बनने की राह बताई गई। स्वसहायता समूह के माध्यम से सीताफल को बाजार तक पहुचाने के उपाय बताए गए। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण और साधन उपलब्ध कराकर स्थानीय लोगों को वास्तविक फायदा पहुंचाने की पहल की गई।


अब स्थानीय संग्राहक गांव में ही सीधे स्वसहायता समूह की महिलाओं को सीताफल विक्रय कर उचित दाम प्राप्त करते है। समूह से जुड़ी महिलाएं रायपुर, धमतरी सहित दुर्ग भिलाई के मरीन ड्राइव, मंडी एवं अन्य शहरों में सीताफल बेचकर लाभ कमा रही है। शासन की पहल पर वन विभाग द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं को पैकेजिंग और वाहन की सुविधा प्रदान की गई है। एक अलग मिठास लिए इस सीताफल का स्वाद अन्य राज्यों के लोगों तक भी पहुंच चुकी है। यही वजह है कि कुछ बड़े व्यवसायी इसे कोलकाता तक विक्रय के लिए ले जाना चाहते है। इस संबंध में शासन की ओर से कलकत्ता और वारंगल में सीताफल विक्रेताओं की बात हो रही है, वहां लगभग 5 से 10 टन सीताफल की मांग की गई है।


राज्य सरकार द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं को सीताफल के पैकेजिंग, विपणन और सीताफल पल्पिंग के प्रशिक्षण के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया गया। सीताफल संग्रहण के लिए 28 सीताफल कलेक्शन सेंटरो में विशेष ट्रैनिंग दिया गया है। वर्तमान में काँकेर, चारामा और नरहरपुर विकासखंड के 77 ग्रामों में कलेक्शन पॉइन्ट बनाकर महिला समूहों के माध्यम से सीताफल संग्रह का कार्य शुरू कर दिया गया है तथा सड़क के किनारे बैठने वाले सीताफल विक्रेताओं को भी स्वसहायता समूह के माध्यम से सीताफल बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सीताफल का दुगुना व्यवसाय महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से किया जाएगा।


काँकेर वेली फ्रेश सीताफल के ब्रांड नाम से सीताफल की ग्रेडिंग कर मार्केटिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। काँकेर वेली फ्रेश का सीताफल 20 किलोग्राम के कैरेट और एक किलोग्राम के बॉक्स में बिक्री के लिए उपलब्ध है। प्रशासन द्वारा सीताफल की खरीदी महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से हो सके इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई हैं। संग्राहकों के साथ ग्रेडिंग करने वाली महिलाओं को लाभ पहुंचाने और सीताफल आसानी से सभी लोगों तक पहुंच सके इस दिशा में भी कदम उठाया गया हैं। यहाँ संग्रहण एवम ग्रेडिंग से जुड़े लोगों के अलावा कांकेर के लोगों को भी खुशी है कि प्रशासन के इस पहल से स्थानीय लोगों को लाभ मिलने के साथ उनके जिले के सीताफल की पहचान लगातार बढ़ती जा रही है।


मतदाता सूची में नाम अंकित कराएं

इलाहाबाद-झाँसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में अपना नाम रजिस्ट्रीकृत किये जाने के लिए प्रत्येक हकदार व्यक्ति फार्म-18 भरकर 06 नवम्बर तक अपना नाम सम्मिलित करायें


 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिये इलाहाबाद-झाँसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों को तैयार करने हेतु 01 नवम्बर, 2019 की अर्हता दिनांक के आधार पर् नामावली तैयार कराये जाने के निर्देश दिये गये है। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम-1960 के नियम-31 (3) के अधीन दिनांक 01 अक्टूबर, 2019 को लोक सूचना जारी करने करने के बाद दिनांक 15 अक्टूबर, 2019 को नियम-31 (4) के अधीन समाचार पत्रों में सूचना का पहला पुनः प्रकाशन, नियम-31 (4) के अधीन समाचार पत्रों में सूचना का दूसरा पुनः प्रकाशन 25 अक्टूबर, 2019 को, फाॅर्म-18 में नामों को सम्मिलित करने का अंतिम दिनांक 06 नवम्बर, 2019 निर्धारित की गयी है। हस्तलिखित प्रतियों की तैयारी एवं मतदाता सूचियों का मुद्रण 19 नवमबर, 2019 कराया जाना निर्धारित है। निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन 23 नवम्बर, 2019 को, दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 23 नवम्बर, 2019 से 09 दिसम्बर 2019 निर्धारित की गयी है। दावे और आपत्तियों का निस्तारण और पूरक सूचियों की तैयारी एवं निर्वाचक नामवलियों की छपाई दिनांक 26 दिसम्बर, 2019 निर्धारित की गयी है। निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन का दिनांक 30 दिसम्बर, 2019 कराया जायेगा।
निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रीकृत किये जाने के हकदार प्रत्येक व्यक्ति से यह अपेक्षा की जाती है कि अपना नाम सम्मिलित किये जाने के लिये निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम-1960 के अन्तर्गत फाॅर्म-18 में अपना आवेदन पत्र 06 नवम्बर, 2019 (बुधवार) तक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय (आयुक्त कार्यालय, झाँसी) एवं संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालयों/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/अतिरिक्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र)/पदाभिहित केन्द्रों में भेज दें या परिदत्त कर दें। अर्हक तारीख के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियां निर्धारित तरीके से नयी बनायी जायेंगी।
आवेदन पत्र फाॅर्म-18 संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालयों एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयों से प्राप्त किये जा सकते हैं। पाण्डुलिपि, टंकित, साईक्लोस्टाइल किये गये अथवा व्यक्तिगत रूप से मुद्रित/डाउनलोड किये गये फाॅर्म भी स्वीकार किये जायेंगे।
पात्र व्यक्तियों को सहायक दस्तावेज, जो आयोग की वेबसाइट  http://eci.nic.in/ecimain/ form/ form18E.pdf पर उपलब्ध है, के साथ निर्धारित फाॅर्म (फाॅर्म-18 स्नातकों के लिये) में अपने नामों के नामांकन के लिये आवेदन करना चाहिये। आवेदन पत्र सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/पदाभिहित अधिकारी, जिनकी विशिष्टियां प्रथम अनुसूची में दर्शायी गयी हैं, को भेजे जा सकते हैं।
ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, उस निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य रूप से निवासी है तथा 01 नवम्बर 2019 से कम से कम तीन वर्ष पहले या तो भारत के राज्य क्षेत्र में किसी विश्वविद्यालय का स्नातक है अथवा समतुल्य अर्हता रखता है तो वह निर्वाचक नामावली में शामिल होने का पात्र है। तीन वर्ष की अवधि का परिकलन उस तारीख से किया जायेगा जब से विश्वविद्यालय या अन्य संबंधित प्राधिकरण द्वारा अर्हक डिग्री परीक्षा का परिणाम घोषित और प्रकाशित किया गया हो।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा थोक में प्राप्त आवेदनों, चाहे डाक द्वारा भेजा गया हो अथवा स्वयं जमा किया गया हो, पर नाम सम्मिलित करने के लिये विचार नहीं किया जायेगा। फिर भी, संस्थानों के प्रमुख अपने अधीन कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों के आवेदन पत्रों को अग्रसारित कर सकते हैं। परिवार का एक सदस्य उस परिवार के अन्य सदस्यों के फाॅर्म-18 को जमा कर सकते हैं तथा प्रत्येक सदस्य के संदर्भ में मूल प्रमाण-पत्रों को प्रस्तुत करके प्रमाण-पत्र सत्यापित करा सकते हैं।
यह भी ध्यान मे रखा जाये कि यदि कोई व्यक्ति अपने आवेदन में ऐसी कोई सूचना या घोषणा प्रस्तुत करता है जो गलत हो तथा जिसे वह या तो गलत समझता है, या गलत मानता हो अथवा जिसे वह सही नहीं समझता हो उस स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के अधीन दण्डनीय होगा। यह जानकारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन/उप जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रयागराज ने दी है।
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी


क्षय रोगियों की पहचान के लिए सक्रिय

204 टीम घर घर जाकर सक्रिय कर रही सक्रीय क्षय रोगियों की पहचान 
अब तक 41 चिन्हित हुए सक्रिय क्षय रोगी   


प्रयागराज। सक्रिय क्षय रोगियों की पहचान के लिए चलाये गये सक्रिय टीबी खोज अभियान की शुरुवात की गयी |
इस अभियान के अंतर्गत गठित 201 टीमों ने घर–घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जाचं कर रही हैं , अगर टीम द्वारा किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण प्रतीत हुए तो उनका बलगम लेकर जाचं के लिये भेजा गया। अभियान के अंतर्गत पूरे जनपद की जनसंख्या के 10% जनसंख्या का लक्ष्य निर्धारित किया गया जिसमे  6 लाख 64 हज़ार 405 लोगो को कवर करने का लक्ष्य रखा गया।
पब्लिक प्राइवेट मिक्स कोऑर्डिनेटर आशीष सिंह ने बताया की इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद में कुल 204 टीमों का गठन किया गया था, जो घर घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जाचं कर रही हैं  एक टीम एक दिन में पचास घरो का भ्रमण करेगी साथ ही इन टीमों की निगरानी करने के लिए 45 सुपरवाइजरो को लगाया गया हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया की ऐसे क्षेत्र जहाँ पहले से ही टीबी के मरीज चिनिह्त थे, उन क्षेत्रो में जाकर समूह बैठक करके लोगो को जागरूक किया गया | उन्होंने बताया की जिस व्यक्ति में टीबी की पुष्टि होती है, उस मरीज को तुरंत दवा उपलब्ध कराई जाती है। इस अभियान के तहत कुल 31 टीयू (ट्रीटमेंट यूनिट) में सक्रिय टीबी खोज का कार्यक्रम चलाया गया था | उन्होंने बताया कि अब तक 175582 लोगो की स्क्रीनिग की गई जिसमे से 41 सक्रीय मरीज पायें गए सबसे ज्यादा  11 सक्रिय मरीज शंकरगढ़ में पाए गए हैं |
डॉ. ए. के जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज ने बताया की सक्रिय टीबी खोज कार्यक्रम को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बहुत मेहनत कार्य को करते हुए लोगो को टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं निगरानी टीम द्वारा समय समय पर निरक्षण तथा सहयोग भी डोर टू डोर की टीम को दिया जा रहा हैं |  पिछले चरण में समुदाय के लोगो ने बहुत अच्छा सहयोग किया और विभागीय स्टाफ ने कड़ी मेहनत से कार्य को करते हुए लोगो को टीबी के प्रति जागरूक किया।
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी


मुंह पोतना,मल-मूत्र खिलाना,आरोप दर्ज

भिलाईनगर। शहर के एक उद्योगपति ने दूसरे उद्योग पति के साथ  मारपीट कर  मुंह पर कालिख पोतने और उसे जबरदस्ती मल खिलाने व चेहरे पर पेशाब  करने के मामले मे काफी मशक्कत के बाद खुर्शीपार पुलिस ने उद्योग पति व भिलाई अग्रवाल समाज के अध्यक्ष नेहरू नगर पूर्व निवासी बंशी अग्रवाल, होटल संचालक उद्योग पति आशीष गुप्ता सहित 5_6 लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 323,341,342,355,506,व34 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना कर रही है ।घटना की लिखित शिकायत पीड़ित ने की है मामला दो औधोगिक घरों का पारिवारिक मामला है।आरोपी की एमबीबीएस कर रही पुत्री ने पीड़ित के पायलट पुत्र के साथ ग्वालियर मध्यप्रदेश मे विगत दिनो शादी कर ली थी।


डीआरडीओ के प्रौद्योगिकी से जुड़े 30 समझौते


डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी हस्‍तातंरण से जुड़े 30 समझौते किये
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तीन स्‍टार्टअप्‍स सहित 16 भारतीय कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण के 30 समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये हैं। यह करार गोवा में चल रहे वाइब्रेंट गोवा ग्‍लोबल एक्‍सपो एंड समिट 2019 के मौके पर किये गये। यह एक्‍स्‍पो 17 से 19 अक्‍टूबर, 2019 तक गोवा विश्‍वविद्यालय में आयोजित किया गया है।
डीआरडीओ देश के सशस्‍त्र बलों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के साथ ही सैन्‍य बलों के अंतिम उपयोग के लिए रक्षा उद्योग को प्रौद्योगिकी का हस्‍तांतरण भी करता है।


भारतीय सशस्‍त्र बल तैयार खाना और आपा‍त स्थितियों के लिए राशन आदि जैसी चीजें डीआरडीओ से प्रौद्योगिकी हासिल करने वाली कंपनियों से खरीदते हैं। ये चीजें उन सैनिकों के लिए खास काम में आती है, जिनकी तैनाती विपरीत मौसम और दुर्गम स्‍थानों में होती है। ऐसे खाद्य उत्‍पाद पौष्टिक होने के साथ ही काफी दिनों तक खराब भी नहीं होते।


वाइब्रेंट गोवा समिट ने ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के साथ दूसरी कंपनियों को जुड़ने का अवसर दिया है। समिट का उद्घाटन कल गोवा के मुख्‍यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने किया। इस अवसर पर राज्‍य सरकार और डीआरडीओ के कई वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


कबड्डी में हाथ आजमाते कलेक्टर-एसपी

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पदस्थ कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने एसपी डॉ अभिषेक पल्लव को पटखनी दी तो मौके पर मौजूद लोग दंग रह गए। मौका था जिले के नक्सल प्रभावित गांव चिकपाल में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता का


दक्षिण बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित इस गांव में गुरूवार को पुलिस विभाग द्वारा कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें शिरकत करने कलेक्टर, एसपी से लेकर तमाम अफसर पहुंचे थे। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा और एसपी अभिषेक पल्लव ने यहां कबड्‌डी प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।


 कबड्‌डी के मैदान में हाथ आजमाते कलेक्टर व एसपी


 कबड्‌डी स्पर्धा के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित लोगों के अनुरोध पर कलेक्टर और एसपी भी मैदान में दो-दो हाथ करने उतर गए। अफसरों को 'कबड्‌डी-कबड्‌डी' बोलते देख लोग भी खुश हो रहे थे। इसी बीच कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने एसपी डॉ अभिषेक पल्लव को ऐसी पटखनी दी कि सभी देखते रह गए


बता दें कि कटेकल्याण ब्लाक के चिकपाल गांव में पहली बार जिले के कलेक्टर पहुंचे थे। बुधवार कोे यहां सीएएफ कैम्प का उद्घाटन भी किया गया। वहीं कलेक्टर और एसपी समेत अन्य अफसरों ने आश्रम के बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी किया। इस दौरान सीआरपीएफ के डीआईजी डीएन लाल, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक समेत अन्य अफसर मौजूद रहे।


भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी

नई दिल्ली। दीपावली पर आतंकी हमले की आशंका और गोरखपुर के पास 5 संदिग्ध देखे जाने की सूचना के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर और उससे सटे यूपी के 7 जिलों में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। 16 सितंबर को इन पांचों को नकहा जंगल रेलवे स्टेशन के पास देखा गया था। इसे लेकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने पहले 5 और फिर 14 अक्टूबर को नेपाल से सटे यूपी, बिहार के जिलों के लिए अलर्ट जारी किया था।


जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ को सूचना मिली थी कि 16 सितंबर को नकहा रेलवे स्टेशन के पास अंकित सर्विस सेंटर पर 5 संदिग्ध लोग एकत्र हुए हैं। सूचना के मुताबिक, इन पांचों की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच थी। उनमें से 4 ने कुर्ता-पायजामा और एक ने जींस व कुर्ता पहना हुआ था। 3 ने दाढ़ी रखी हुई थी और 2 क्लीन शेव थे। एक व्यक्ति के दाहिने गाल पर कटे का निशान था।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि बिहार के समस्तीपुर के आरपीएफ के डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर द्वारा इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया था। एटीएस और एसटीएफ से अलर्ट में दी गई जानकारियां सत्यापित करने को कहा गया है। नेपाल सीमा से सटे जिलों में खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।


'धमाकेदार होगी दिवाली'
आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, ये लोग आपस में बात कर रहे थे कि इस बार दिवाली काफी धमाकेदार होगी। पूरा हिंदुस्तान देखेगा और याद रखेगा। ये लोग नेपाल जाने और फिर 17 अक्टूबर को दिल्ली में मीटिंग करने की भी बात कर रहे थे। बातचीत के मुताबिक, दिल्ली की मीटिंग में कुछ लोगों को कश्मीर से भी आना था। ये लोग सफेद रंग की कार से यहां आए थे।


अनियंत्रित बस पलटी, 22 बच्चे घायल

होशंगाबाद। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। छात्रों से भरी यह स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। यह घटना शुक्रवार सुबह बाबई के सांगाखेड़ा तिराहे के पास हुई। बताया जा रहा है कि होशंगाबाद कैंपियन स्कूल की यह बस बच्चों को लाने गई थी। इस बस में तकरीबन 35 बच्चे सवार थे।
बस में सवार 22 स्कूली बच्चों को इस दुर्घटना में चोट लगी है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस पहले पेड़ से टकराई फिर अनियंत्रित होकर पलट गई। प्रथम दृष्टया यह बताया जा रहा है कि कैंपियन स्कूल की बस में सुरक्षा साधनों का अभाव था। तेज गति के कारण बस अनियंत्रित होकर पलट गई।
 


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...