गुरुवार, 19 सितंबर 2019

मोदी ने यात्रा समारोह को किया संबोधित

राकेश पाण्डेय
नासिक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नासिक में 'महाजनादेश यात्रा समारोह' को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में भाजापा की लहर को और मजबूती देना है। आज इस रैली में जो इतनी भीड़ उमड़ी है, वह नासिक में लोकतंत्र के कुंभ का परिचायक है। महाराष्ट्र की जनता देवेंद्र फडणवीस को यहां की जनता आशीर्वाद देने के लिए यहां आयी है। यहां की जनता उन्हें वोट देगी जो आशा के अनुरूप काम करेगी।


पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में राजनीतिक अस्थिरता थी जिसके कारण महाराष्ट्र का उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। मुंबई महानगरी की चकाचौंध में महाराष्ट्र के दूर दराज के क्षेत्र, वहां के गरीब, किसान राजनीतिक अस्थिरता के शिकार हो गये हैं।भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि जब लोकसभा चुनाव चरम पर था, तब मैं डिंडोरी में एक सभा करने आया था।उस सभा में ऐसा जनसैलाब उमड़ा था कि उसने पूरे देश में चल रही भाजपा की लहर को और प्रचंड बना दिया था। आज नासिक की ये रैली और भी आगे निकल गयी है। मैं इसे अपने जीवन का बहुमूल्य पल मानता हूं, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति उदयन ने मेरे सिर पर एक छत्र रखा है। ये सम्मान भी है और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति दायित्व का भी प्रतीक है।पीएम मोदी की यह रैली 'महाजनादेश यात्रा' की समापन रैली है, जिसे वे संबोधित कर रहे हैं. यह यात्रा मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शुरू की थी। फड़णवीस ने बीते पांच साल में अपनी सरकार के कामकाज से जनता को रू-ब-रू कराने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की यात्रा की। महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव होने की संभावना है।


जुए में फिर दांव पर लगाई पत्नी

राकेश पाण्डेय
कानपुर। जिले में जुए में रुपये हारने के बाद एक नशेबाज ने अपनी पत्नी को दोस्तों के हवाले कर दिया। दरिंदो के चंगुल से बचकर महिला रसोई में जा छिपी।


थाने में सुनवाई न होने पर पीड़िता ने सीओ कल्याणपुर से न्याय की गुहार लगाई।कल्याणपुर आवास विकास की रहने वाली महिला ने बताया कि उसका पति को शराब व जुए का लत लगी हुई है। 16 सितंबर को उसके पति अपने पांच दोस्तों के साथ घर पर आया फिर पति ने पहले पांचों युवकों के साथ जमकर शराब पी। इसके बाद जुआ खेलने लगा।आरोप है कि रुपये हारने पर जब महिला ने जुआ खेलने का विरोध किया तो पति ने उसकी पिटाई करने के बाद दोस्तों के हवाले कर दिया। इसके बाद पांचों ने उसे बदनीयती से दबोच लिया। नशेड़ियों से बचने के लिए वह अपने घर की रसोई में जा कर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।पीड़िता की सूचना पर पहुंची पुलिस उसे थाने ले आई। वहां, करीब एक घंटे तक बैठाए रखने के बाद पारिवारिक विवाद बताकर उसे टहला दिया।


तीन वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म

अंबिकापुर। बतौली क्षेत्र मे एक युवक ने गांव की ही 3 वर्षीय मासूम को 5 दिन पूर्व अपने घर ले जाकर हवस का शिकार बनाया। मासूम ने यह बात अपने माता-पिता को बताई तो पिता बेटी को लेकर आरोपी के घर पहुंच गया। इस पर आरोपी के पिता ने इलाज कराने की बात कहकर मुंह बंद रखने की बात कही।


मामला तब खुला जब मासूम की तबियत बिगड़ गई और पिता द्वारा उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टर ने पीडि़ता के पिता से कहा कि पहले आप थाने में रिपोर्ट दर्ज कराइए। इसके बाद पिता ने थाने में आरोपी युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस युवक को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। बतौली थानांतर्गत ग्राम पोकसरी निवासी 3 वर्षीय मासूम बालिका 13 सितंबर की शाम करीब 4 बजे अपने घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान गांव का ही 18 वर्षीय दीपक खाखा उर्फ टेर्रा पिता रामप्रसाद खाखा वहां पहुंचा और उसे अपने घर ले गया। यहां उसने मासूम का बलात्कार किया।


3 वर्षीय मासूम से युवक ने किया बलात्कार, आरोपी का पिता बोला- चुप रहना, मैं इलाज करा दूंगा, फिर बिगड़ गई हालत और...
मासूम दर्द से कराहती घर पहुंची और माता-पिता को पूरी बात बताई। बेटी की बात सुनकर माता-पिता के पैरों तले से जमीन खिसक गई। इसके बाद बेटी को लेकर पिता आरोपी के घर पहुंचा। यहां उसने आरोपी के पिता को उसके बेटे की करतूत बताई तो उसने कहा कि चुप रहना, वह इलाज करा देगा। 4 दिन तक नहीं कराया इलाज, 5वें दिन बिगड़ी तबियत-आरोपी के पिता की बात मानकर पीडि़ता का पिता थाने नहीं गया। इधर आरोपी के पिता ने न तो मासूम का इलाज कराया और न ही कोई बातचीत की। इसी बीच 18 सितंबर को मासूम की तबियत बिगड़ गई तो पिता इलाज कराने सीतापुर अस्पताल ले गया।


डॉक्टर के कहने पर दर्ज कराई रिपोर्ट-सीतापुर अस्पताल के डॉक्टर ने मासूम की हालत देख उसके पिता को सलाह दी कि वह आरोपी के खिलाफ पहले थाने में रिपोर्ट दर्ज कराए। इसके बाद पिता बतौली थाने पहुंचा और आरोपी के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 (क)(ख), पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर 19 सितंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।


पानी से घिरे हुए लोगों को राहत नहीं

हमीरपुर। बाढ़ के हाहाकार से परेशान लोग अब राहत शिविरों में पहुँचने शुरू हो गए हैं। यहाँ प्रशासन ने कुछेछा डिग्री कॉलेज में राहत शिविर बनाया हुआ है। जहाँ लोगों के रुकने और खाने पीने का बंदोबस्त किया हुआ है। लेकिन इस राहत शिविर में हमीरपुर मुख्यालय के आस पास के इलाकों के लोग ही पहुँच सकें हैं। लेकिन वोह लोग जिनके गाँव पानी से घिरे हुए हैं और उनके बाहर निकलने का रास्ता नहीं है उनका क्या हाल है इस बात की फ़िक्र फिलहाल प्रशासन को नहीं है। क्‍योंकि प्रशासन को अभी सिर्फ उपचुनाव और मुख्यमंत्री का चुनावी दौरा दिखाई दे रहा है। बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे सपा के राज्यसभा सांसद ने राहत शिविरों का मुआयना करने के बाद प्रशासन पर सवाल उठाये हैं।


कृषि मंत्री का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का जायजा

रिपोर्ट-अंकुर त्रिपाठी 


इटावा। जनपद इटावा में चम्बल नदी की बाढ़ से विकास खंड बढ़पुरा के अत्यधिक प्रभावित ग्राम मड़ैया पछायागांव में कृषि मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार सूर्य प्रताप शाही द्वारा निरीक्षण कर ग्रामीणों का हालचाल पूछा तथा शासन स्तर की सभी सुबिधायें उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया गया।उनके साथ सदर विधायक सरिता भदौरिया,भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे,विमल भदौरिया एवं उपजिलाधिकारी सदर सिद्धार्थ भी उपस्थित रहे।
कृषि मंत्री द्वारा बाढ़ के पानी से घिरे उक्त ग्राम में मोटर बोट से पहुँचकर ग्रामीणों का हाल चाल जाना तथा उन्हें जिला प्रशासन से मिल रही सहायता की बारे में जानकारी ली गयी।उनके द्वारा निरीक्षण के बाद बताया गया कि भाजपा सरकार द्वारा पूर्व से ही ऐसे निर्देश दिए गए हैं कि जहाँ भी दैवीय आपदा की बात आये तो वहाँ के जिला मजिस्ट्रेट व जिला प्रशासन तत्काल सभी व्यवस्था करेंगे।अभी मेरे द्वारा ग्रामीणों से बात की गयी है यहाँ लोगो के आने जाने के लिए नाव की व्यवस्था की गयी है।लोगो को भोजन सामिग्री व खाने की व्यवस्था के साथ चिकित्सा व दवा आदि के इंतजामात किये गए है।


पानी घटने के बाद फसल आदि जो भी क्षति हुयी है उसका सर्वे कराए जाने के बाद सभी की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करायी जावेगी।कृषि मंत्री आज ग्वालियर से बाई रोड़ चलकर इटावा में दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे।इसी बीच उनके द्वारा चंबल नदी की बाढ़ से प्रभावित उपरोक्त ग्राम का निरीक्षण किया गया।कृषि मंत्री का उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर स्थित चम्बल नदी पुल पर भाजपा नेताओं द्वारा भव्य स्वागत भी किया गया।


उक्त अवसर पर उपरोक्त लोगों के अलावा भाजपा जिला उपाध्यक्ष विकास भदौरिया,गोपाल मोहन शर्मा,विमल भदौरिया,अन्नू गुप्ता,अजयप्रताप धाकरे,आदित्य भदौरिया,सनी भदौरिया आदि सहित सदर तहसीलदार एन राम,पुलिस क्षेत्राधिकारी शहर चंद्रपाल सिंह,थानां बढ़पुरा प्रभारी अंजन कुमार सिंह एवं थानां पछायागांव पुलिस प्रभारी सहित भारी संख्या में फोर्स उपस्थित रहा।


प्रसपा ने निकाली सत्ता विरोधी रैली

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह ने प्रदेश सरकार के जन विरोधी नीतियों को लेकर एक रैली निकाल कर शहर की सड़कों पर किया ज़बरदस्त प्रदर्शन। शिवपाल ने कहाँ कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने जनता का अपमान किया है। इस प्रदर्शन के साथ ही शिवपाल सिंह ने 2022 के विधान सभा का फूंका बिगुल, साथ ही कहाँ जसवंतनगर विधान सभा उपचुनाव में वो ही जसवंतनगर से चुनाव लड़ेंगे,और वो जीतेंगे।


जुबान कीमती या जान (विचार)

आज कश्मीर में प्रतिबंध लगे हुए पूरा डेढ़ महीना हो गया है। सरकार कहती है कि कश्मीर के हालात ठीक हैं। कोई पत्थरबाजी नहीं है। कोई लाठी या गोलीबारी नहीं है। न लोग मर रहे हैं और न घायल हो रहे हैं। मरीज़ों के इलाज के लिए अस्पताल खुले हुए हैं। हजारों आपरेशन हुए हैं। लोगों को राशन वगैरह ठीक से मिलता रहे, उसके लिए दुकानें खुली रहती हैं लेकिन मैंने अपने कश्मीरी दोस्तों और नेताओं से लैंडलाइन टेलिफोन पर बात की है। कुछ जेल से छूटे हुए कार्यकर्ता भी दिल्ली और गुरुग्राम में आकर मुझसे मिले हैं। वे जो कह रहे हैं, वह बिल्कुल इससे उल्टा है।


इन लोगों का कहना है कि कश्मीर में लोग बेहद तकलीफ में हैं। सड़कों पर कर्फ्यू लगा हुआ है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। सैलानियों ने कश्मीर आना लगभग बंद कर दिया है। गरीब लोगों के पास रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। कोई किसी से बात नहीं कर पा रहा है। इंटरनेट और मोबाइल फोन बंद हैं। ज्यादातर घरों में लैंडलाइन फोन अब है ही नहीं। अखबार और टीवी चैनल्स भी पाबंदियों के शिकार हैं। शुक्रवार को कई मस्जिदों में नमाज भी नहीं पढ़ने दी जाती है, क्योंकि सरकार को डर है कि कहीं भीड़ भड़ककर हिंसा पर उतारू न हो जाए। दिल्ली से जाने वाले कई नेताओं को श्रीनगर हवाई अड्डे से ही वापस कर दिया जाता है।


सर्वोच्च न्यायालय ने कई याचिकाओं के जवाब में कहा है कि सरकार वहां जल्दी से जल्दी हालात ठीक करने के लिए कदम उठाए। लगभग सभी अखबारों और टीवी चैनलों पर मांग की जा रही है कि कश्मीरियों को अभिव्यक्ति की आजादी शीघ्रातिशीघ्र दी जाए। मुझे लगता है कि इस मांग पर अमल होना शायद अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार भारत-पाक वाग्युद्ध हो ले, उसके बाद भारत सरकार जरूर कुछ नरम पड़ेगी।


पाकिस्तान की फौज और सरकार को इस बात पर खुश होना चाहिए कि कश्मीरियों पर से प्रतिबंध उठाने की मांग वे जितने जोरों से कर रहे हैं, उससे ज्यादा जोरों से भारत में हो रही है। फिर भी यह प्रश्न उठता है कि मोदी सरकार ने इतने कड़े प्रतिबंध क्यों लगाए हैं? क्योंकि वह कश्मीर में खून की नदियां बहते हुए नहीं देखना चाहती। कश्मीर के लोगों को सोचना चाहिए कि उनकी जुबान ज्यादा कीमती है या उनकी जान? यही सवाल सबसे बड़ा है।


मैं तो समझता हूं कि कश्मीरी लोगों को अपना क्रोध या गुस्सा प्रकट करने की इजाजत वैसे ही मिलनी चाहिए, जैसी कि चीन ने हांगकांग के लोगों को दे रखी है। अहिंसक प्रदर्शन करने का पवित्र अधिकार सबको है। अब सही मौका है, जबकि जेल में बंद कश्मीरी नेताओं से सरकार मध्यस्थों के जरिये बात करना शुरू करे।


(यह लेखक के निजी विचार हैं।)



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