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मंगलवार, 10 अगस्त 2021

आयुर्वेद में सालों से किया जाता हैं 'घी' का उपयोग

घी का उपयोग आयुर्वेद में हजारों सालों से किया जाता है। दादी-नानी के घरेलू नुस्‍खों में भी घी का अलग-अलग तरीके से प्रयोग देखने को मिलता है। ऐसा ही एक नुस्‍खा हम यहां शेयर कर रहे हैं। दरअसल, आयुर्वेद में माना जाता है कि अगर आप अनिंद्रा या जोड़ों में दर्द से परेशान रहते हैं और रात भर सोने में तकलीफ रहती है तो आप इससे छुटकारा पाने के लिए देसी घी का उपयोग कर स‍कते हैं। आप घी के सेवन से अनपच की समस्‍या से लेकर शरीर में सूजन, दर्द आदि को भी ठीक कर सकते हैं। तो आइए यहां घी के एक ऐसे ही देसी नुस्‍खे के बारे में जानते हैं जिसकी मदद से आप कई समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं। देसी घी को तलवे पर लगाना का ये है तरीका रोज रात को अगर आप पैर धोकर तलवे पर देसी घी को लगाएं तो आपको कई तरह से आराम मिल सकता है लेकिन इसके लिए आपको इसे लगाने का तरीका सीखना होगा। सबसे पहले आप एक कटोरी में थोड़ा देसी घी लें और अपनी उंगली की मदद से इसे पैरों पर लगा कर मालिश करें। इसे तब तक करें जब तक आपका पैर गर्म महसूस न हो जाए। आप दूसरे पैर पर भी इसे दोहराएं। आपको गहरी नींद आएगी।
देसी घी को तलवे पर लगाने के फायदे
 खर्राटों की समस्या दूर होती है।
रात को गहरी नींद आती है।
जो लोग बार-बार अपच की समस्या का सामना करते हैं, उनकी समस्‍या दूर होती है।
आईबीएस और पुरानी कब्ज की दिक्कत महसूस करने वाले लोग या जिनका नियमित रूप पेट साफ नहीं हो पाता है उन्‍हें पैर पर घी लगाने से आराम मिलता है।
जो लोग रोजाना एंटासिड का सेवन करते हैं, उनकी समस्‍या भी दूर होती है।
 जोड़ों का दर्द कम होता है।
 पाचन में आने वाली दिक्कत दूर होती है।
वात्त दोष कम होता है और इससे ब्‍लोटिंग की समस्‍या नहीं होती है।
 तनाव भी कम होता है और स्किन टोन भी बेहतर होता है।

शनिवार, 7 अगस्त 2021

सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है गुड की रोटी

दुष्यंत टीकम     
रायपुर। गुड़ की मीठी रोटी न सिर्फ टेस्‍टी होती है। बल्कि सेहत के लिए भी यह काफी फायदेमंद होती है। ये है गुड़ की मीठी रोटी की रेसिपी।

सामग्री:
गेहूं का आटा- 500 ग्राम
गुड़- 500 ग्राम
पानी- 400 मि.ली.
खसखस – थोड़ी सी
घी – आवश्‍यकतानुसार
सूखे मेवे बारीक कटे हुए
सौंफ - 1 टीस्पून

विधि:
-सबसे पहले हल्‍के गुनगुने पानी में गुड़ को भिगोकर रख दें। लगभग आधे घंटे में यह गुड़ अच्‍छी तरह पानी में मिक्‍स हो जाएगा।
-अब बाऊल में गेहूं का आटा और थोड़ा सा घी डालें। इसे मिक्‍स किए हुए गुड़ के पानी से सख्‍त गूथ लें।
-गुथे हुए आटे की कुछ मोटी लोई बनाकर इसे हल्‍के हाथ से बेल लें।
-रोटी को पूरी तरह बेलने से पहले उस पर खसखस बुरक दें। और अपनी इच्‍छानुसार बारीक कटे मेवे भी।
-बेली हुई रोटी को तवे पर सेकें। एक तरफ से सिकने के बाद पलटें और घी लगाएं। इसी तरह रोटी की दूसरी साइड भी सेकें और घी लगाएं।

गुरुवार, 5 अगस्त 2021

मखाना भेल की रेसिपी को बनाने का जानिए तरीका

सावन का महीना हो, बरसात का मौसम हो चटपटा खाने का मन ना करे ये तो हो ही नहीं सकता। लेकिन ऐसे मौसम में ज्यादातर लोग बाहर का खाना अवॉयड कर घर पर ही तरह तरह की जायकेदार चीज़ें ट्राई करते हैं।ऐसे में हम भी आपके लिए एक बड़ी ही मजेदार रेसिपी लेकर आए हैं, जो न सिर्फ स्वाद में भरपूर है। बल्कि सेहत के नजरिये से भी लाजवाब है। इस मौसम में अगर आपको कुछ तीखा, चटाकेदार हेल्दी खाने का मन हो रहा है, तो आप घर पर मखाना भेल बना सकते है। टेस्ट के साथ साथ इसका नाम हेल्दी रेसिपीज में शुमार है।मखाना भेल की रेसिपी को बनाना काफी आसान है, तो चलिए जानते हैं इसे बनाने का तरीका।
घर पर ही आसानी से बनाएं ये डिटॉक्स ड्रिंक, फेफड़ों को रखती है बीमारियों से दूर।

मखाना भेल बनाने के लिए जरूरी सामग्री
1. भुनी हुआ मखाना - 200 ग्राम
2. मुरमुरे - 5 चम्मच
3. मूंगफली - 20 ग्राम भुनी हुई
4. प्याज - 1 कटा हुआ
5. बादाम काजू - 20 ग्राम भुने हुए
6. हरी मिर्च - 2 कटी हुई
7. टमाटर - 1 कटा हुआ
8. काला नमक - स्वाद के अनुसार
9. हरा धनिया - 1 चम्मच कटा हुआ
10. नींबू - 1
11. देसी घी - पैन ग्रीस करने के लिए
12. काली मिर्च - 1 चम्मच

Food Tips: लहसुन वाले आलू खाकर उंगलियां चाटते रह जाएंगे आप, जानिये मसालेदार रेसेपी

खट्टी मीठी चटनी बनाने के लिए जरूरी सामग्री
1. इमली - 10 ग्राम
2. गुड़ - 10 ग्राम
3. भुना जीरा पाउडर - 2 चम्मच
4. पानी - 500 मिली

बुधवार, 4 अगस्त 2021

हरी चटनी के साथ गर्मा-गर्म टिक्की खाने का मजा

रायपुर। हरी चटनी के साथ गर्मा-गर्म टिक्की खाने का मजा ही अलग होता है। इसे घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है। आज हम आपको आलू और मूंगफली की टिक्की बनाने का तरीका बताने जा रहे हैं।
आलू (उबले हुए) - 2
पनीर - 200 ग्राम
मूंगफली (भुनी हुई) - 1 बड़े चम्मच
हरी मिर्च (बारीक कटी हुई) - 2
कॉर्न फ्लोर - 1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 चम्मच
धनिया पाउडर - 1/2 चम्मच
नमक - स्वादानुसार
तेल - जरूरत के अनुसार
विधि
इसे बनाने के लिए आप सबसे पहले एक कटोरी में उबले हुए आलू और पनीर को एकसाथ क्रश करके मिलाएं।
फिर अब थोड़ी भुनी हुई मूंगफली टुकड़े कर और थोड़ी दरदरा पीसकर मिक्सचर में मिला लें।
तैयार मिक्सचर में हरी मिर्च, कॉर्न फ्लोर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक मिक्स करें।
मिक्सचर का थोड़ा-थोड़ा हिस्सा हाथ में लेकर इसकी टिक्कियां बनाएं।
फिर मीडियम गैस पर तवा गरम करके धीमी गैस पर टिक्कियों को गोल्डन ब्राउन होने तक दोनों तरफ से सेंकें।
आलू मूंगफली टिक्की तैयार है। इसे आप हरी चटनी के साथ सर्व करें।

रविवार, 1 अगस्त 2021

त्वचा के लिए कर सकते हैं इमली का इस्तेमाल

निखरी त्वचा के लिए आप इमली का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।  ये मुंहासे, ड्राई त्वचा और सुस्त त्वचा की समस्या को दूर करने में मदद करती है। आप इसका इस्तेमाल कई तरह से कर सकते हैं। आइए जानें निखरी त्वचा के लिए इमली का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
इमली और दही का इस्तेमाल निखरी त्वचा के लिए ऐसे करें।  इमली को पानी में उबालकर इसका गूदा निकाल लें। एक चम्मच इमली का गूदा लें और इसमें एक छोटा चम्मच ताजा दही मिलाएं। इसे एक साथ मिलाने के बाद फेस पैक को पूरे चेहरे के साथ-साथ गर्दन पर भी लगाएं। इसे 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दें। इसके बाद धो लें। निखरी त्वचा के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हफ्ते में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
निखरी त्वचा के लिए आप इमली का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। ये मुंहासे, ड्राई त्वचा और सुस्त त्वचा की समस्या को दूर करने में मदद करती है। आप इसका इस्तेमाल कई तरह से कर सकते हैं। आइए जानें निखरी त्वचा के लिए इमली का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
इमली और दही का इस्तेमाल निखरी त्वचा के लिए ऐसे करें इमली को पानी में उबालकर इसका गूदा निकाल लें। एक चम्मच इमली का गूदा लें और इसमें एक छोटा चम्मच ताजा दही मिलाएं. इसे एक साथ मिलाने के बाद फेस पैक को पूरे चेहरे के साथ-साथ गर्दन पर भी लगाएं। इसे 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दें। इसके बाद धो लें। निखरी त्वचा के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हफ्ते में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इमली और पपीते का इस्तेमाल त्वचा के निखार के लिए  इमली का गूदा गर्म पानी में थोड़ा सा भिगो कर नरम होने तक बना लें। गूदा निकाल लें और बीज और छिलका अलग कर लें। पपीते का पल्प बनाने के लिए कुछ पके हुए पपीते के क्यूब्स लें और इन्हें ब्लेंड करें। एक चम्मच इमली का गूदा और पपीते का गूदा मिलाएं। मिश्रण को पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। अपनी उंगलियों से धीरे से मसाज करें. इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें और धो लें। सप्ताह में दो बार इमली और पपीते के फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इमली, बेसन और शहद का फेस पैक – एक कटोरी में एक-एक चम्मच इमली का गूदा और शहद लें। इसमें थोड़ा सा बेसन मिलाएं। इसे मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे पूरे चेहरे और गर्दन पर समान रूप से लगाएं और 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दें। त्वचा को निखारने के लिए हफ्ते में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
त्वचा की रंगत निखारने के लिए इमली और नींबू के रस का फेस पैक – इमली का गूदा तैयार करें और इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। इसे एक साथ मिलाएं और मिश्रण को पूरे चेहरे के साथ-साथ गर्दन पर भी लगाएं। इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें और धो लें। इमली और नींबू के रस के साथ इस फेस पैक को सप्ताह में दो बार त्वचा की रंगत निखारने के लिए लगा सकते हैं।

 

स्वास्थ्य: सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है 'घी'

हम सभी के घर में घी का इस्तेमाल किया जाता है। ये खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। घी में कई तरह के पौष्टिक गुण होते हैं। जो शरीर को कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करते हैं। लेकिन अधिक घी खाने से डायरिया और फैट जमने लगता है। जिसकी वजह से मेटाबॉलिज्म धीरे- धीरे काम करता है। इसकी वजह से शरीर में फैट जमने लगता है और मोटापा बढ़ जाता है। 
घी देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग- अलग हिस्सों में काफी डिमांड में है। ये बटर का हेल्दी ऑप्शन है। विशेषज्ञों के मुताबिक सही मात्रा में घी खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। ये पूरी तरह से आपकी डाइट में निर्भर करता है, अगर आप डाइट में अधिक मात्रा में साबूत अनाज वाली चीजें खा रहे हैं तो घी का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। 
लेकिन अगर आप दाल और चावल खा रहे हैं तो अधिक घी का इस्तेमाल कम करें। अगर आपका बच्चा सात महीने का है तो उसके खाने में 4 से 5 चम्मच मिलाएं। लेकिन अगर वो एक साल का है तो आधा चम्मच घी शामिल करें। हालांकि बच्चे की डाइट में बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
घी में बटर के मुकाबले अधिक फैट होता है क्योंकि इसमें पानी और दूध की मात्रा नहीं होती है। हालांकि घी बनाने के लिए बटर को धीरे- धीरे उबाला जाता है और बाद में फैट अलग हो जाता है। खाना पकाने के अलावा घी का इस्तेमाल आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। घी में विटामिन ए, डी, ई और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है।
घी को गाय और भैस के दूध से बनाया जाता है। आप किसी भी दूध को प्रोसेस्ड करके बना सकते हैं। मार्केट में मिलने वाला घी शुद्ध और केमिकल फ्री नहीं होता है। अगर हो सके तो घर पर घी बनाएं। आप इसका इस्तेमाल त्वचा को मुलायम रखने के लिए कर सकते हैं। शायद आप नहीं जानते हैं, घी का इस्तेमाल कोलेजन को बूस्ट करने के लिए कर सकते हैं। इससे त्वचा जवां और निखरी नजर आती है।

गुरुवार, 22 जुलाई 2021

रसायन: गर्मियों के मौसम में रसीले आम का स्वाद

गर्मियों के मौसम में हर तरफ आम नजर आते हैं। मीठे और रसीले आम खाना हर किसी को पसंद होता है। आम में फाइबर, विटामिन सी, ए और कई सारे मिनरल्स पाए जाते हैं। आम में कई सारे एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। आम खाने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लेकिन आजकल बाजार में बिकने वाले कुछ आमों में ऐसे जहरीले केमिकल भी पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। कुछ फलों को नकली तरीके से पकाया जाता है और इन्हें नेचुरल और ताजा बनाकर बेचा जाता है। अगर आप ऐसा आम खा रहे हैं। जिसमें जूस नहीं है तो हो सकता है ये आम भी नकली तरीके से पकाया गया हो। बाजार में आम की कमी और लोगों की ज्यादा मांग को देखते हुए, पूरे भारत में आमों का कृत्रिम रूप से पकाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। आखिर केमिकल्स के इस्तेमाल से आम को कैसे पकाया जाता है। 
एक्सपर्ट के अनुसार, इस प्रक्रिया में प्रमुख रूप से कैल्शियम कार्बाइड रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है। कैल्शियम कार्बाइड के पैकेट को आम के साथ रखा जाता है। जब यह रसायन नमी के संपर्क में आता है, तो एसिटिलीन गैस बनती है। इसका प्रभाव एथिलीन के समान ही होता है, जो स्वाभाविक रूप से फल पकने की प्रक्रिया में इस्तेमाल होता है। सिर्फ आम ही नहीं बल्कि कई अन्य फल भी इसी तरह कृत्रिम रूप से पकाए जाते हैं। कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग द्वारा प्रतिबंधित है।  कैल्शियम कार्बाइड सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसकी वजह से चक्कर आना, नींद न आना, मानसिक भ्रम और यादाश्त कमजोर होने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कैल्शियम कार्बाइड तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। आर्सेनिक और फास्फोरस हाइड्राइड हार्मोन को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। 
कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग से फलों की गुणवत्ता काफी हद तक कम हो जाती है। इसकी वजह से फल बहुत ज्यादा नरम हो जाते हैं। इसकी वजह से फल में प्राकृतिक मिठास खत्म हो जाती है और ये नैचुरल तरीके से पके आमों की तुलना में तेजी से सड़ने लगते हैं। फलों में कैल्शियम कार्बाइड की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि वो कितना कच्चा है, इसके हिसाब से इसमें केमिकल की मात्रा बढ़ाई जाती है। इसके अलावा कृत्रिम रूप से पके आम में हरे रंग के धब्बे होने की संभावना होती है।
 ये पैच पीले रंग वाले आम से अलग होते हैं। नकली तरीके से पके आम खाने में मुंह में हल्की जलन, पेट में दर्द और दस्त का अनुभव हो सकता है।
आम के रस के जरिए भी असली-नकली की पहचान की जा सकती है। नेचुरल और अच्छी तरह से पके हुए आम में बहुत सारा रस होता है। जबकि कृत्रिम रूप से पके आम में बहुत कम या बिल्कुल भी रस नहीं होता है। इन कुछ तरीकों से आप असली-नकली फल और सब्जियों की पहचान कर सकते हैं।

बुधवार, 21 जुलाई 2021

घर पर आसानी से बनाएं चने की दाल का पराठा

चाय के साथ नाश्ते में कुछ अलग पराठा खाना है तो घर पर आसानी से बनाए चने की दाल का पराठा। ये खाने में बहुत स्वादिस्ट होता है। 
सामग्री : आटा - 2 कप
चने की दाल - 1/2 कप
हींग - चुटकीभर
जीरा - 1/4 चम्मच
धनिया पाउडर - 1/2 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 चम्मच
अमचूर पाउडर - 1/4 चम्मच
गरम मसाला - 1/4 चम्मच
हरी मिर्च बारीक कटी हुई - 1-2
अदरक का टुकड़ा कद्दूकस किया हुआ - 1/2
हरा धनिया बारीक कटा हुआ - 2 बड़ा चम्मच
नमक - स्वादानुसार
तेल या घी - पराठे सेंकने के लिए लिए

विधि
इसे बनाने के लिए चने की दाल को धोकर 5-6 घंटों के लिए पानी में भिगो दें।
इसके बाद आटे में स्वादानुसार नमक, 1 बड़ी चम्मच तेल और पानी मिलाकर आटा गूंद लें और फिर इसे आधा घंटे के लिए ढककर रख दें।
कूकर में दाल और एक चौथाई कप पानी डालकर उबाल लें।
इसके बाद गैस बंद कर दें और कूकर को ठंडा होने के लिए रख दें।
इसके बाद दाल को कूकर से निकाल कर बिना पानी डालकर बारीक पीस लें।
फिर अब कड़ाही में 1 बड़ा चम्मच तेल डालकर मध्यम आंच में गर्म करें और इसमें हींग और जीरा भून लें।
इसके बाद फिर अब इसमें पिसी हुई दाल, हरी मिर्च, अदरक, धनिया पाउडर, अमचूर पाउडर, नमक, गरम मसाला और लाल मिर्च डाल कर हल्का सा भूने लें।
गैस बंद करके इसमें हरा धनिया मिलाएं।
अब आटे की 7-8 लोइयां बनाएं और एक लोई की छोटी पूरी बेलें।
अब पूरी के बीच में भरावन रखें और पूरी को चारों तरफ से पलटकर इसे बंद कर पराठा बेल लें।
 गैस पर तवा गर्म करके अच्छे से सेंक लें।
चना दाल पराठा तैयार है।

शनिवार, 17 जुलाई 2021

खास बात: पानी से शरीर का वजन कैसे कम करें

यदि आप वजन कम करने का विचार बना रहे हैं तो आपको कुछ नियम बनाने पड़ेंगे। उन नियमों का कम से कम 40 दिनों तक पालन भी करना होगा। तब कहीं जाकर आपको उसके परिणाम देखने को मिलेंगे।

शरीर का मोटापा, वजन या फैट अलग अलग तरीके से बढ़ता है। और यह बड़ा हुआ वजन नया और पुराना कहलाता है। नया वजन मतलब कुछ महीने के अंदर बढ़ा हुआ वजन और जो बहुत लंबे समय से बढ़ा हुआ है ऐसा वजन जो कम ही नहीं हो पाया है वह पुराना वजन कहलाता है। नया वजन अर्थात तत्काल बढ़ा हुआ वजन जल्दी ही कम हो जाता है। किंतु जो वजन बहुत समय से बढ़ा है और बढ़ते ही जा रहा है उसको उतना ही समय कम करने में भी लगता है। वजन अचानक कम भी नहीं करना चाहिए इससे शरीर में ढीलापन और त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती है।

आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह बढ़े हुए वजन को सही तरीके से पानी पीकर आसानी से कम किया जा सकता है। अतः इस आर्टिकल में वजन कम करने का आसान उपाय और कुछ टिप्स दिए गए हैं जिन्हें ध्यान से अंत तक पढ़ें

वजन कम करने का आसान उपाय!

  • पानी से वजन कम करना है तो सुबह उठते ही खाली पेट लगभग डेढ़ गिलास पानी पियें।
  • सुबह का पानी पेट साफ करता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  • नाश्ता करने के एक घंटा पहले व एक घंटा बाद एक एक गिलास पानी पिए।
  • चाय या कॉफी पीने के 10 से 15 मिनट बाद पानी पिएं। इससे शरीर में एसिड का इफेक्ट कम होता है।
  • तथा वजन भी कम होता है।
  • लंच या डिनर के 20 मिनट पहले एक गिलास पानी पिएं, इससे भूख कम होगी तथा ओवर रेटिंग से बचेंगे।
  • साथ ही वजन आसानी से घटने लगेगा।
  • सोने से 30 मिनट पहले एक गिलास पानी पिएं। इससे रात में भूख नहीं लगेगी।
  • और सुबह आपके शरीर से सारे विषैले तत्व बाहर निकालने में मदद मिलेगी।
  • एक बार में बहुत सारा पानी पीने के बजाय थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा पानी 9 से 10 बार लगभग पीते रहें।
  • इससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी और धीरे-धीरे यह शरीर को शुद्ध करता हुआ वजन कम करेगा।
  • पानी पीने के इस तरीके से आप आसानी से अपना बढ़ा हुआ 5 किलो वजन कम कर सकते हैं।
  • इसके साथ ही नीचे बताए गए कुछ टिप्स ध्यान में रखें तो स्थाई फायदा प्राप्त होगा।

वजन कम करने की टिप्स!

  • हमारा वजन कम क्यों नहीं होता इसके लिए हमें वजन बढ़ने के कारणों पर ध्यान देना होगा।
  • बताए गए नियमों का कठोरता पूर्वक पूरे 40 दिनों तक प्रयोग करने से अवश्य लाभ होता है।
  • कुछ भी खाने की लिए केवल 4 बार का समय निश्चित करें।
  • इसके अलावा पांचवीं बार में एक लौंग भी आपको नहीं खानी है।
  • प्रत्येक बार खाने के बीच में कम से कम 3 घंटे का अंतर अवश्य रखें। इतनी देर में खाया हुआ भोजन पचने लगता है।
  • जितना भी अभी आप भोजन करते हो उस भोजन में से अन्न की मात्रा को आधा कर दें।
  • इसके स्थान पर पल व सब्जियों को रखें।
  • रात्रि के भोजन में से अन्न को बिल्कुल हटा दें पूर्ण करा उसके स्थान पर सब्जियां सूप और दूध का सेवन करें।
  • ध्यान रखें मोटापा एक रोग है जिसकी हमें चिकित्सा करनी है और यह मनमाने ढंग से नहीं होती है।
  • इसके नियमों का कठोरता से पालन करने पर ही इसका लाभ होता है।

भोजन करने के चार नियमों का पालन जरूर करें।

  • पहला नाश्ता जो भी करें उसके साथ दही अवश्य खाएं।
  • सुबह का खाया दही आप की चयापचय क्रिया को दुरुस्त करने का काम करता है।
  • दोपहर को भोजन के बाद मट्ठा अवश्य पिएं यह आपके भोजन को पचने में मदद करता है।
  • शाम के नाश्ते में फल खाएं। ज्यादा भूख लगे तो इसी समय एक रोटी दाल या सब्जी के साथ खा लें।
  • रात्रि में सूप, दलिया या खिचड़ी(पतली) खाएं जिसमें अन्न की मात्रा नहीं के बराबर हो और सब्जियां ज्यादा डालें।
  • रात्रि भोजन के 1 घंटे बाद हल्दी डालकर दूध पी लें।
  • रात में ही एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें।
  • सुबह उठते ही बिना मुंह धोए इस पानी को छानकर पी लें।
  • उपरोक्त क्रियाओं के साथ कुछ योगासन भी अवश्य करें यह शरीर में फुर्तीला आएगा और चर्बी को घटाएगा।
  • आपकी सुविधा के लिए वजन कम करने वाले योगासन का लिंक दिया जा रहा है इससे पालन करें।

रविवार, 11 जुलाई 2021

बारिश के मौसम में गर्मा-गर्म व्यंजन खाने का मजा

बारिश के मौसम में चटपटे गर्मा-गर्म व्यंजन खाने का अपना ही मजा होता है। हालांकि इन्हें रोज या ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए। लेकिन कभी-कभार तो खाया ही जा सकता है। इसलिए इस बार हम आपके लिए लेकर आए हैं मानसून स्पेशल चटपटी हॉट मैंगो रोल्स की रेसिपी। हॉट मैंगो रोल्स खाने में जितने स्वादिष्ट हैं। इसकी रेसिपी उतनी ही आसान है। इसे घर पर भी मिनटों में बना सकते हैं। 
हॉट मैंगो रोल्स के लिए सामग्री कद्दूकस किए हुए कच्चे आम : 250 ग्राम भुना जीरा : 1 टी स्पून हरे प्याज के पत्ते : 2 हरा धनिया : 1 टी स्पून उबले हुए आलू : 2 मैदा : 3 टेबल स्पून ब्रेड क्रंब्स : 1 कप हरी मिर्च : 2 लाल मिर्च : स्वादानुसार नमक : स्वादानुसार तेल : तलने के लिए यह है विधि कद्दूकस किए कच्चे आम को गरम पानी में 2 मिनट रखकर छान लें। पानी को अच्छी तरह निकाल दें। इस मिश्रण में नमक, मिर्च, आलू, हरा प्याज, हरा धनिया सभी को अच्छी तरह मिला लें। मैदे का घोल बना लें। 
ब्रेड क्रंब्स को प्लेट पर फैला दें। मिश्रण के रोल बनाएं। मैदे के घोल में रोल्स को डिप करके ब्रेड क्रंब्स में लपेट दें। कड़ाही में तेल गरम करें और रोल्स को सुनहरा होने तक तलें। मीठी या हरी चटनी के साथ परोसें। हॉट मैंगो रोल्स के साथ बारिश के मौसम का मजा लें।

'जीरे' का पानी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद

भारत में जीरे का इस्तेमाल खूब किया जाता है। यहां हर घर की रसोई में आपको जीरा मिल जाता है। यह फाइबर, आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक और मैग्नीशियम जैसे खनिजों और विटामिन-ए, बी, सी और ई जैसे विटामिन से भरपूर होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इसका इस्तेमाल सिर्फ खाना पकाने के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों के कारण पारंपरिक और आयुर्वेदिक औषधियों में भी जीरे का महत्व बहुत है। इसके बीजों को मोटापे और डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में प्रभावी माना गया है। इसके अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने और एनीमिया की समस्या को दूर करने में भी जीरा बहुत उपयोगी है। इसी तरह जीरे का पानी भी सेहत को लाभ पहुंचाता है।

वजन घटाने में है सहायक

मोटापा या वजन कम करने के लिए जीरे का पानी एक बेहतरीन विकल्प है। विशेषज्ञ कहते हैं कि नियमित रूप से सुबह खाली पेट अगर जीरे के पानी का सेवन किया जाए, तो इससे वजन तेजी से कम होता है। इसका प्रभाव महज कुछ ही दिनों में दिखने लगता है।

शुगर लेवल करता है नियंत्रित

आयुर्वेद के मुताबिक, जीरे में मधुमेह रोधी गुण पाए जाते हैं। ऐसे में जीरे का पानी शुगर लेवल (शर्करा का स्तर) को नियंत्रित करने में उपयोगी हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए नियमित रूप से जीरे के पानी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। लेकिन इससे पहले आपको डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

पाचन को बनाता है बेहतर

अपच, पेट फूलना और पेट दर्द जैसे पाचन संबंधी विकारों के उपचार के लिए जीरा एक बेहतरीन औषधी है। यह पाचन को बेहतर और मजबूत बनाता है। इसके अलावा जीरे के पानी को आंतों के लिए अच्छा माना जाता है। यह आंतों को स्वस्थ रखता है।

कैसे बनाएं जीरे का पानी ?

जीरे का पानी बनाने के लिए सबसे पहले एक चम्मच जीरा लें और उसे एक गिलास पानी में भिगोकर रातभर के लिए छोड़ दें। फिर सुबह उठकर उस पानी को छानकर पी लें। इसके लिए तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करें तो यह ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

मंगलवार, 29 जून 2021

काले कलूटे जामुन का लंदन को निर्यात किया: दवा

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढती जागरुकता और मधुमेह रोधी गुणों के कारण देश से पहली बार काले कलूटे जामुन के लंदन को निर्यात किया गया है। उत्तर प्रदेश से लंदन में जामुन की पहली सफल खेप के निर्यात ने निर्यातकों और किसानों को इस स्वदेशी फल की खेती एवं व्यापार की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। 
पहली बार बिठूर (कानपुर) में उत्पादित जामुन के फलों का निर्यात कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) पंजीकृत निर्यातक द्वारा जून के पहले सप्ताह में किया गया और निर्यात जारी रखा जा रहा है जो टनों में है। हाल के वर्षों में भारतीयों और विदेशों में जामुन के फलों की लोकप्रियता में अपार वृद्धि हुई है। 
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहायक महाप्रबंधक डॉ. सी बी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जामुन का लंदन के बाजार में स्वागत हो रहा है और आम के अलावा इस फल के निर्यात की भी काफी संभावनाएं हैं। निर्यातकों को गुणवत्ता वाले फल और पैकेजिंग प्रौद्योगिकी के कारण दूर के बाजारों में शिपमेंट भेजने में सफलता मिली। जामुन की मांग को देखते हुए यूरोप और मध्य पूर्व देशों में उच्च गुणवत्ता वाले जामुन के फलों के निर्यात की अच्छी संभावनाएं है।
जामुन मधुमेह रोधी गुणों के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट के साथ ही बड़ी संख्या में बायोएक्टिव यौगिक भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं| इनका मानव स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के प्रमाण वैज्ञानिक प्रयोगों पर आधारित है। अविश्वसनीय बायोएक्टिव यौगिक हृदय, स्वास्थ्य, पाचन और मसूड़ों के स्वास्थ्य सुधार में सहायता करते हैं। जामुन के कई स्वास्थ्य लाभों के कारण इसके शौकीन कुछ लोग गूदे का आनंद तो लेते ही हैं और स्वास्थ्य सप्लीमेंट के रूप में उपभोग करने के लिए गुठली का पाउडर बनाकर रख लेते हैं। पहले जामुन की निर्यात संभावनाओं से अनभिज्ञ निर्यातक अब इस अनोखे फल को यूरोपीय देशों में निर्यात करने की योजना बना रहे हैं जहां लोग इस तरह के दुर्लभ और विदेशी उत्पाद के लिए प्रीमियम मूल्य का भुगतान करने को तैयार हैं। अधिकांश यूरोपीय बाजारों में जामुन एक दुर्लभ फल है नतीजतन अगर इस फल के व्यवस्थित निर्यात को प्रोत्साहित किया जाता है तो उत्पादक और निर्यातक उचित लाभ कमा सकेंगे।

शुक्रवार, 18 जून 2021

सेहत को दुरुस्त रखने के लिए करी पत्तें का जूस

सांभर, कढ़ी और चटनी जैसी चीजों का स्वाद बढ़ाने के लिए आपने करी पत्ते का छौंक तो कई बार लगाया होगा। खास कर दक्षिण भारतीय खाना तो इसके बगैर अधूरा-सा ही लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए करी पत्ते या इसके जूस का सेवन किया है ? दरअसल करी पत्ता केवल स्वाद के लिए ही इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ये सेहत को भी कई तरह से फायदे पहुंचाता है। इसमें मौजूद आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, विटामिन ‘ए’ और  ‘बी’, अमीनो एसिड, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।आइए मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जानते हैं कि करी पत्ते का जूस किस तरह से तैयार किया जाता है और ये सेहत को क्या-क्या फायदे पहुंचाता है।
करी पत्ते का जूस तैयार करने के लिए पंद्रह-बीस करी पत्तों को धोकर साफ़ कर लें। इनको मिक्सर में डालकर साथ में दो चम्मच पानी डालकर बारीक पीस लें। जब ये पेस्ट की तरह से बन जाये तो इसको मिक्सर जार में ही रहने दें और इसमें एक गिलास पानी डालकर फिर से मिक्सर चला दें। अब इसको चाय की छन्नी से गिलास में छान लें और इसका सेवन करें। करी पत्ते का जूस बनाने के लिए पंद्रह-बीस करी पत्तों को साफ पानी से धोकर एक गिलास पानी में तेज गैस पर उबलने रख दें। पांच मिनट तक उबालने के बाद इसको छन्नी से छान लें। अब इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और ठंडा या गर्म जैसे भी चाहें इसका सेवन करें।
करी पत्ते के जूस का सेवन करने से एनीमिया की दिक्कत दूर होती है। 
इसमें काफी मात्रा में आयरन और फोलिक एसिड होता है। जो एनीमिया को दूर करने में मदद करता है।
शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालकर बॉडी को डिटॉक्स करने का काम भी करी पत्ते का जूस बखूबी करता है। इसके साथ ही ये एक्स्ट्रा चर्बी को हटाने में भी काफी मदद करता है। वजन कम करने में करी पत्ते का जूस काफी मदद करता है। जो लोग जूस पीना पसंद नहीं करते हैं वो इसके पत्तों का सेवन भी खाने के साथ कर सकते हैं। ये चर्बी को घटाता है और इसमें मौजूद फाइबर बॉडी से टॉक्सिन बाहर करता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी करी पत्ते का जूस मदद करता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट इसमें मददगार साबित होते हैं। साथ ही ये मोतियाबिंद जैसी दिक्कत भी जल्दी नहीं होने देते हैं। आप चाहें तो जूस की जगह पत्तों का सेवन भी कर सकते हैं।
करी पत्ते के जूस का सेवन करने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही पेट में गैस, अपच जैसी दिक्कत को दूर करने में भी ये अच्छी भूमिका निभाता है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके डाइबिटीज के पेशेंट को राहत देता है। इसमें एंटी-डायबिटिक एंजेट की मौजूदगी शरीर में इंसुलिन की एक्टिविटी पर असर डालती है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है। साथ ही साथ करी पत्ते में मौजूद फाइबर भी डायबिटीज पेशेंट को फायदा पहुंचाता है। इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इनकी पुष्टि नहीं करता है।इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

बुधवार, 26 मई 2021

खाली पेट चाय नहीं पीना चाहिए, जानिए नुकसान

देखा जाए तो भारत में अधिजकर लोगों के दिन की शुरुआत एक कप चाय से ही होती है। बिना चाय की चुस्की लिए लोगों का दिन शुरू नहीं होता है। चाय लोगों के जिदंगी का एक हिस्सा बन गया है। कई लोगों को एक टाइम की चाय ना मिले तो ना जानें उन्हें क्या-क्या होने लगता है कभी सिरदर्द तो कभी पैर दर्द। चाय की जैसे लोगों को लत लग गई है। जो कभी-कभी बहुत बड़ी परेशानी बन जाती है। अगर आप भी चाय के ऐसे ही दिवाने हैं जान लें कितने गलत तरीके से पीते हैं आप चाय ?

चाय में कैफीन होता है। अगर आप सुबह उठते ही सबसे पहले चाय पीते हैं, तो इसका आपके ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है। इसलिए खाली पेट चाय नहीं पीना चाहिए। दरअसल रात भर की नींद के दौरान आपके शरीर में कई तरह की क्रियाएं होती हैं, साथ ही कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर सुबह उठते ही चाय पीने की आदत शरीर के लिए अच्छी नहीं है। कैफीन की मात्रा शरीर में कॉर्टिसोल यानी स्‍टेरॉयड हार्मोंस को बढ़ा देती है, जिससे शरीर को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें दिल से संबंधित समस्याएं, डायबिटीज़ और वजन का बढ़ना जैसी परेशानियां होती हैं।

कुछ लोगों की आदत होती है की वो खाना खाने के बाद की चुस्की जरूर लेते हैं। ये आदत आपकी सेहत के लिए बहुत ही खराब है। आपका चाय पीने का ये तरीका गलत है। ऐसा करने से शरीर को खाने के पौष्टिक तत्व सही तरीके से नहीं मिल पाता है। इसलिए आपकी या आपके किसी रिश्तेदार या दोस्त की ये आदत है तो अभी से बंद कर दें ये काम।

इसके अलावा कई लोगों की आदत होती है कि वो बिना ब्रश किए या पानी से कुल्ला करके ही चाय पी लेते हैं। ये आदत आपके मुंह के लिए खतरनाक हो सकती है। दरअसल जब आप सुबह सबसे पहले चाय पीते हैं, तो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया चाय में मौजूद शुगर को तोड़ते हैं और मुंह का एसिडिक लेवल बढ़ा देते हैं।

गुरुवार, 20 मई 2021

खून में ऑक्सीजन की कमी, खान-पान से पूरा करें

कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। हालात ज्यादा बदतर न हों, इसके लिए ऐसा तरीका तलाशा जाए, जिससे ब्लड में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सके। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन परिस्थितियों में ऑक्सीजन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना बेहतर विकल्प है।

अगर आप अपने खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए कोई डाइट प्लान बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आपके भोजन में 80 प्रतिशत अल्कलाइन से भरपूर खाद्य पदार्थ हों। यह आपके रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने में बहुत मदद करेंगे। विशेषज्ञों की मानें, तो इनसे मिलने वाली ऑक्सीजन प्राप्त करने के बाद आप पहले से कहीं ज्यादा तरोताजा और स्वस्थ महसूस कर सकते हैं। ब्लड में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए आपको अपने आहार में कौन से खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए, जानने के लिए पढ़ें हमारा ये आर्टिकल।

​अल्कलाइन युक्त आहार

  • रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है।
  • लैक्टिक एसिड के निर्माण को रोकता है।
  • यह आपके शरीर में विभिन्न कार्यों को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।
  • शरीर के पीएच लेवल को सामान्य रखने में मदद करता है।
  • यह आपके शरीर के अंगों को ठीक से काम करने में मददगार है।

​खूब खाएं नाशपाती, पाइनएप्पल और किशमिश

इन खाद्य पदार्थों के सेवन से ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया जा सकता है। इन सभी खाद्य पदार्थों की पीएच वैल्यू 8.5 है। इसके साथ ही ये विटामिन ए , बी और सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं। इनकी मदद से खून को नियंत्रित कर बदले में ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।

​ऑक्सीजन की कमी पूरी करेगा नींबू

नींबू ऑक्सीजन युक्त भोजन में से एक है। आमतौर पर यह अम्लीय होता है, लेकिन इसके सेवन के बाद शरीर में जाकर ये अल्कलाइन में बदल जाते हैं। खांसी, सर्दी, फ्लू , हार्ट बर्न और वायरस से संबंधित बीमारियों में इसका सेवन करने पर बहुत राहत मिलती है। लिवर के लिए ये सबसे अच्छा टॉनिक माना गया है।

​तरबूज का सेवन जरूरी

तरबूज आमतौर पर सभी खाते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते कि इसे खाने से रक्त में ऑक्सीजन की कमी पूरी होती है। यह फल 9 पीएच वैल्यू के साथ सबसे ज्यादा अल्कलाइन है। इसमें मौजद फाइबर और पानी के कारण यह हल्का मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है।

इतना ही नहीं, यह लाइकोपीन, बीटा कैरोटीन और विटामिन-सी का भी बेहतरीन स्त्रोत है। कोलन की सफाई के लिए हर व्यक्ति को इसका सेवन करना चाहिए।

​आहार में शामिल करें आम-पपीता

इस ग्रुप के खाद्य पदार्थों की पीएच वैल्यू 8.5 होती है। ये दोनों ही फल किडनी की सफाई करने के लिए कारगर साबित हुए हैं। पपीता कोलन (आंत) को साफ और मल त्याग को नियंत्रित करता है। खासतौर से जब इसे कच्चा खाया जाए, तो यह आंतों से हानिकारक पदार्थों को नष्ट करने का काम करता है।

​फ्रूट जूस और कीवी खाएं

कीवी और फ्रूट जूस का सेवन तो आमतौर पर आप करते ही होंगे, लेकिन ब्लड स्ट्रीम में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के लिए इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। पबमेड PubMed में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ये सभी फ्लेवेनॉइड से भरपूर हैं।

इनमें नेचुरल शुगर होती है, जो भोजन के पचने पर अम्लीय यौगिक नहीं बनाती है। इन फलों में ऐसे गुण हैं, जो अल्कलाइन के निर्माण को बढ़ावा देते हुए शरीर को ऊर्जा से भर देते हैं।

​खुबानी का सेवन फायदेमंद

खुबानी में फाइबर भरपूर मात्रा में है, जिसकी पीएच वैल्यू 8 होती है। अच्छी बात ये है कि इसे पचाना आसान है। इनमें ऐसे बहुत से एंजाइम हैं, जिससे शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है। यदि आप रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाना चाहते हैं कि निश्चित रूप से खुबानी का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

​गाजर और खजूर का सेवन करें

ब्लड में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए गाजर, खजूर, किशमिश , जामुन, पके केले, गाजर, लहसुन , अजवाइन खाना चाहिए। दरअसल, इन सभी खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इनकी पीएच वैल्यू 8 होती है। बता दें कि खजूर, लहसुन और जामुन इन तीनों में ऐसे गुण हैं, जिससे आप अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल तक कर सकते हैं।

​आहार में शिमला मिर्च करें शामिल

इसकी पीएच वैल्यू 8.5 है। विटामिन ए से भरपूर शिमला मिर्च बीमारियों और तनाव पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ने में हमारी मदद करती है। इतना ही नहीं, एंटीबैक्टीरियल गुण होने की वजह से यह एंडोक्राइन सिस्टम के लिए बहुत अच्छी है।

यहां बताए गए ऑक्सीजन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। ये आपके ब्लड में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करेंगे।

सोमवार, 17 मई 2021

हाइपरटेंशन से पीड़ित आमतौर पर जागरूक नहीं

हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम है जो गंभीर हेल्थ कॉम्पलीकेशन जैसे कि दिल का दौरा, स्ट्रोक, डिमेंशिया, क्रोनिक किडनी डिजीज और विजन लॉस की वजह बन सकता है। हाइपरटेंशन से पीड़ित लोग आमतौर पर जागरूक नहीं होते हैं क्योंकि इस बीमारी के शुरुआती चरणों का पता लगाने के लिए कोई विशिष्ट लक्षण ही नहीं होते हैं।

इसलिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2021 मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत द वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग (WHL) के जरिए की गई थी, जो स्वयं 85 राष्ट्रीय हाइपरटेंशन लीग और समाजों के संगठनों के लिए एक छाते का काम करते हैं। हाइपरटेंशन कार्डियोवस्कुलर डिजीज के लिए प्राथमिक जोखिम कारक है जिसे इसके अज्ञात लक्षणों की वजह से साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है। 

बुधवार, 12 मई 2021

नारियल का पानी पीना सेहत के लिए लाभकारी

गर्मियों में नारियल का पानी पीना सेहत के लिए लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि नारियल का दूध सेहत के लिए कितना लाभकारी है। ये आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रखने में मदद करता है। इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं। आइए जानें नारियल दूध पीने के क्या फायदे हैं।
अधिकतर लोगों को लगता है कि नारियल के अंदर के पानी को नारियल दूध कहा जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है नारियल दूध नारियल को कस के निकाला जाता है।नारियल के दूध में विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन बी 1, 3 , 5, 6 , आयरन,सेलेनियम,कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस होता है। इसका इस्तेमाल मिठाईयों और कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है।हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए – हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आप नारियल दूध का सेवन कर सकते हैं।इसमें कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है। ये हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल – नारियल के दूध में संतृप्त वसा होती है। ये कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने में मदद करता है, इसमें लैरीक एसिड होता है। ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए आप अपनी डाइट में नारियल का दूध शामिल कर सकते हैं।
इम्यूनिटी के लिए – नारियल के दूध में एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। ये शरीर में वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। ये इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
मैग्नीनिशयम के लिए – नारियल के दूध में मैग्नीनिशयम की मात्रा अधिक होती है। ये मांसपेशियों के लिए अच्छा होता है।
वजन कम करने के लिए – नारियल का दूध फैटी एजेंट के लिए भी जाना जाता है, इसमें फाइबर होता है। इससे आपको अधिक समय तक भरा हुआ महसूस होता है। ये वजन कंट्रोल करने में मदद करता है। इसलिए वजन कम करने के लिए इसका सेवन सिमित मात्रा में कर सकते हैं।
बालों के लिए – घर में बने नारियल दूध से आप 5 मिनट मालिश करें और इसे 15 से 20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें. ये बालों को मजबूत बनाता है। ये बाल बढ़ने में मदद करता है। ये बालों की समस्या जैसे दोमुंहे बाल, कमजोर बाल आदि को दूर करने में मदद करता है।
गठिया का इलाज – नारियल के दूध में सेलेनियम नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है। ये जोड़ों के दर्द और सजून की समस्या में राहत देता है। सजून के जोखिम को कम करने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं नारियल का तेल

नारियल हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते है। त्वचा के लिए बहुत उपयोगी है। लेकिन हम उसके गुणों को नजरअंदाज कर देते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके इसके फायदे। आप जब भी बाहर जाने के लिए तैयार हों तब आप फाउंडेशन लगाने से पहले नारियल तेल को प्राइमर के तौर पर लगाए।  इसकी सिर्फ कुछ बूंदें अपने चेहरे पर थपका कर पूरे चेहरे पर फैला लें।
यह फाउंडेसन के लिए बेस का काम करेगा इसके साथ ही चेहरे को मॉइश्चाराइजर भी प्रदान करेगा। आप इसे चिक बोन पर थोड़ा ज्यादा लगा सकती हैं। जिससे यह हाईलाइट हो जाए। वहीं अगर बालों पर नियमित रूप से नारियल तेल का प्रयोग बालों की खूबसूरती को बढ़ाता है।
उन्हें अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाता है और उन्हें नरम और सिल्की बनाता है। इसके अलावा प्रदूषित वातावरण से बचाता है। आपके बालों को प्रोटीन देता है और उन्हें मजहबूत, चमकदार और स्वस्थ बनाता है। ये बालों से दो मुंहे बालों वाली समस्या को पूरी तरह समाप्त करने का अद्भुत काम कर सकता है।
यदि आप अपनी त्वता से प्यार करते हैं तो नारियल तेल आपके लिए कुंजी है। यह आपकी त्वता को हाइड्रेटेड रखकता है और प्रदूषण से बचाता है। बदलते मौसम में त्वचा की भी रक्षा करता रहता है। यह एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है।
इससे त्वचा को डिटॉक्सीफाय करता है, इसलिए नहाने के बाद नियमिल रूप से त्वचा पर नारियल तेल लगाएं.नारियल तेल में शक्कर मिलाएं और पूरे शरीर पर धीरे-धीरे रगड़ें और धो लें। आप पाएंगे अपनी त्वचा पर जादुई चमक।

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

5 रोगों में फायदेमंद दालचीनी, गर्म पानी से सेवन

1 हृदय रोग – हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में दालचीनी सहायक होती है।क्योंकि यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। प्रतिदिन शहद और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें। आप दालचीनी और शहद के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में डालकर भी ले सकते हैं।
2 मोटापा – मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिए
3 जोड़ों में दर्द – जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी का प्रयोग आपको राहत देता है। इसके लिए प्रतिदिन दालचीनी का गर्म पानी में सेवन तो लाभप्रद है ही, इसके अलावा इस हल्के गर्म पानी की दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है
4 सर्दी-खांसी – सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में दालचीनी बेहद असरकार‍क दवा के रूप में काम करती है। इसे पीसकर एक चम्मच शहद के साथ एक चुटकी मात्रा में खाने से जुकाम में लाभ मिलता है। आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं। दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है
5 पेट के रोग – अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्यों में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम मिलता है। इससे उल्टी-दस्त की समस्या में भी लाभ होता है, और भोजन का पाचन भी बेहतर होता है।

रविवार, 25 अप्रैल 2021

कोरोना: नाक में सरसों या नारियल का तेल लगाएं

कोरोना महामारी में हर कोई बेहाल है। इसमें तमाम लोग लापरवाही भी बरत रहे हैं। जो बहुत ही घातक साबित हो रही है। ऐसे में अगर आपको संक्रमण से बचना है तो बस एक छोटा सा, सस्ता एवं भारतीय पारंपिरक नुस्खा अपनाना होगा। इसके कारण से आप काफी हद तक कोरोना से बच पाएंगे। बस आपको नाक में सरसों या नारियल का तेल लगाना है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू आयुर्वेद संकाय के कार्यवाहक डीन प्रो. केएन द्विवेदी बताते हैं कि सरसों को तेल सूक्ष्म वायरस के जीवन चक्र को बाधित करता है। इससे वायरस का मल्टी प्लीकेशन रूक जाता है। इसलिए नाक के अंदर सरसों का तेल लगाकर तेज सांस खींचें, जिससे तेल नाक के भीतर तक चला जाए। ऐसा दोनों नासारंध्रों से यह करें।
आयुष मंत्रालय के आयुष क्वाथ का मानकीकरण करने वाले प्रो. द्विवेदी बाते हैं कि सरसों तेल में इसेंशियल ऑयल्स होते हैं। जो दालचीनी से 10 गुना अधिक वायरस रोधक सक्षम होते हैं। इसके तत्व फंगश प्रतिरोधक, वायरस प्रतिरोधक भी है। वहीं नारियल तेल में मौजूद लॉरिक एसिड से वायरस के सेल वॉल रप्चर यानी फूट जाते हैं। सरसों एवं नारियल तेल दोनों ही वायरस को शरीर में घुसने से रोकने में सहायक माने जाते हैं।
नारियल के तेल में लॉरिक एसिड होती है। जो वायरस के सेल में मेंबरेन को क्रास करती है। सेल के भीतर जाती है और वह वहां लॉरेट साल्ट में बदल जाती है। वह वायरस के सेल वॉल को रप्चर यानी फोड़ देती है। जिससे वायरस का वहीं पर अंत हो जाता है। इस प्रकार दोनों वायरस के शरीर में घुसने से रोकने में वरदान साबित हो सकते हैं।

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...