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शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

मार्च-अप्रेल के महीने में मनाई जाती है 'चैत्र नवरात्रि'

मार्च-अप्रेल के महीने में मनाई जाती है 'चैत्र नवरात्रि'   

सरस्वती उपाध्याय              
चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि, चैत्र (मार्च-अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता यह है कि जो व्यक्ति मां दुर्गा की पूजा आराधना सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करता है, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, हालाँकि इसका वर्णन हमारे शास्त्रों में कहीं नही है।

महत्व...
प्रथम नवरात्रि गर्मियो की शुरूआत में चैत्र मास यानी अप्रैल में आती है और दूसरी नवरात्रि सर्दियों की शुरुआत में यानी अक्टूबर में मनाई जाती है। इस दौरान फसल पकने का समय होता है, वर्षा होने के साथ मौसम में बदलाव होता है। इसलिए शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाये रखने के लिए नवरात्रि पर शक्ति की पूजा की जाती है और उपवास रखे जाते हैं। हालाँकि उपवास का भी वर्णन हमारे शास्त्रों में कहीं नही मिलता।

9 देवियों के नाम...
1. शैलपुत्री।
2. ब्रह्मचारिणी‌।
3. चंद्रघंटा।
4. कूष्माण्डा।
5. स्कन्दमाता।
6. कात्यायनी।
7. कालरात्रि।
8. महागौरी।
9. सिद्धिदात्री।

रविवार, 13 मार्च 2022

'कपूर' की खुशबू से शुद्ध होता है घर का वातावरण

'कपूर' की खुशबू से शुद्ध होता है घर का वातावरण      

सरस्वती उपाध्याय       

पूजा पाठ में कपूर का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। कपूर की खुशबू से घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है। इसके अलावा वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में कपूर का काफी अधिक महत्व है। वास्तु के अनुसार, घर में कपूर जलाने या ऐसे ही रखने से घर से निगेटिव एनर्जी बाहर निकल जाती है, साथ ही धन-धान्य की वृद्धि होती है। वास्तु शास्त्र में कपूर संबंधी कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से वैवाहिक जीवन सही रहने के साथ सुख और धन-संपत्ति की प्राप्ति होगी।अगर आप नौकरी .या फिर बिजनेस में तरक्की चाहते हैं तो किचन का सभी काम खत्म करने के बाद सफाई कर लें। इसके बाद किचन के एक कोने में एक कटोरी में थोड़ा सा कपूर के साथ 2 लौंग जला दें।कर्ज से छुटकारा पाने के साथ-साथ धन लाभ के लिए घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में थोड़ी की कपूर रोजाना जला दें। इससे मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहेगी।अगर पति-पत्नी के बीच हमेशा किसी न किसी बात को लेकर मनमुटाव होता रहता है तो सोते समय तकिए के नीचे थोड़ी सी कपूर रख दें और सुबह इसे जला दें। इससे आपके घर में शांति बनी रहेगी और पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ेगा।रात को किचन का सभी काम करने के बाद रोजाना चांदी की कटोरी में थोड़ा सा कपूर और लौंग जला दिया करें। इससे कभी भी घर में धन की कमी नहीं होगी।

अगर आप चाहते हैं कि घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहें तो इसके लिए रोजाना सुबह और शाम को कपूर को घी में भिगोकर जलाएं और पूरे घर में घूमा दें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा निकल जाएगी और परिवार के सदस्य प्रेम से रहेंगे।किसी भी तरह की दुर्घटना और अनहोनी से बचने के लिए रोजाना कपूर जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके अलावा रोजाना घर में कपूर जरूर जलाएं।

शुक्रवार, 11 मार्च 2022

रूखी त्वचा की समस्या, अपनाएं घरेलू नुस्खे

रूखी त्वचा की समस्या, अपनाएं घरेलू नुस्खे       

सरस्वती उपाध्याय     

कई बार बदलते मौसम के कारण रूखी त्वचा की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो ये फट सकती है या संक्रमित हो सकती है। रूखी त्वचा को मॉइस्चराइज रखना बहुत जरूरी है‌। बहुत से लोग त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, ये लंबे समय में त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में हम घरेलू नुस्खे भी आजमा सकते हैं। ये हमारी त्वचा को न केवल गहराई से पोषण देने का काम करेंगे बल्कि इससे आपके त्वचा ग्लोइंग और मुलायम भी बनी रहेगी।

सूरजमुखी के बीज का तेल...

सूरजमुखी के बीज के तेल का इस्तेमाल आप त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए कर सकते हैं‌। ये त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज करने का काम करता है‌।

नारियल का तेल...

रूखी त्वचा के इलाज के लिए नारियल का तेल बहुत ही प्रभावी है. ये त्वचा को हाइड्रेट रखता है। नारियल के तेल में सैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं। ये तेल त्वचा को मॉइस्चराइज करने का काम करता है।

डाइट में दूध करें शामिल...

अपनी डाइट में दूध शामिल करें। ये रूखी त्वचा से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसमें फॉस्फोलिपिड नामक फैट होता है, ये त्वचा के लिए फायदेमंद है।

शहद...

शहद में कई गुण होते हैं जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। ये त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। शहद मॉइस्चराइजिंग, हीलिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये रूखी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है।

पेट्रोलियम जेली...

कई बार बढ़ती उम्र के कारण भी त्वचा रूखी हो जाती है। ऐसे में आप पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये त्वचा को मॉइस्चराइज करने का काम करती है।

एलोवेरा...

एलोवेरा रूखी त्वचा से राहत पाने में काफी मदद करता है। आप एलोवेरा जेल को अपनी त्वचा पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। ऐसा करने से आपकी त्वचा पर निखार आएगा‌। ये त्वचा को गहराई से नमी प्रदान करने का काम करता है‌।

बादाम तेल...

बादाम का तेल भी रूखी त्वचा के लिए बहुत उपयोगी है।आप बादाम के तेल से त्वचा की मसाज कर सकते हैं। आप शहद में बादाम का तेल मिलाकर भी त्वचा की मसाज कर सकते हैं। इसे 10 मिनट तक लगा रहने दें।इसके बाद तौलिए से पोंछ लें। ये त्वचा पर निखार लाने का काम करता है‌।

गुरुवार, 10 मार्च 2022

गर्मी में मौसमी बीमारियों के अटैक से करें बचाव

गर्मी में मौसमी बीमारियों के अटैक से करें बचाव  

हरिओम उपाध्याय   

जैसे-जैसे मौसम बदलता है बीमारियां भी अपना रूप बदलने लगती हैं और मौसम के बदलने के साथ ही अपने पैर पसारने लगती हैं‌। ऐसी ही कुछ बीमारियां होती हैं, जो गर्मियों में लोगों पर ज्यादा तेजी से अटैक करती हैं। वैसे तो ये बीमारियां काफी सामान्य होती हैं, लेकिन अगर समय पर सही इलाज न किया जाए तो यह काफी घातक भी साबित हो सकती हैं। हालांकि इन बीमारियों का घर में भी इलाज संभव है, लेकिन बस जरूरत है सही जानकारी की। तो आइए, आपको बताते हैं कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में जो गर्मियों में लोगों पर ज्यादा तेजी से अटैक करती हैं और इनसे बचने के कुछ घरेलू उपायों  के बारे में।हीट स्ट्रोक या कहें लू, गर्मियों की सबसे कॉमन बीमारी है, जो शरीर में पानी की कमी की वजह से इसे अपनी चपेट में ले लेती है। वैसे तो गर्मियों में लू लगना काफी कॉमन माना जाता है, लेकिन अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है‌‌। हीट स्ट्रोक में फूड प्वॉइजनिंग, बुखार, पेट दर्द और उल्टी आने की समस्याएं होने लगती हैं, ऐसे में  जरूरी है इसका उचित इलाज।

हीट स्ट्रोक से बचने का सबसे आसान तरीका है खान-पान का ध्यान रखना‌। जी हां, गर्मियों के दौरान शरीर में पानी की कमी इसे कमजोर बना देता है‌। ऐसे में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि गर्मियों के दौरान आप बॉडी को हाईड्रेट रखें। इसके लिए आप ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और हरी सब्जियों, सलाद और फलों का सेवन जरूर करें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी, जिससे लू का खतरा भी कम हो जाएगा।

एसिडिटी गर्मियों में होने वाली सबसे बड़ी समस्या है और यात्रा के दौरान अगर एसिडिटी की प्रॉब्लम हो जाए तब तो बस लगता है जान ही निकल गई। एसिडिटी में सीने में जलन और दर्द, उल्टी जैसा महसूस होना जैसी और भी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में जब यह तकलीफ बार-बार होने लगती है तो यह गंभीर समस्या का रूप ले लेती है और कई बार तो यह लोगों को हॉस्पिटल तक पहुंचा देती है। ऐसे में जरूरी है कि इससे बचने के लिए पहले से ही सतर्क हो जाएं और खान पान पर कंट्रोल करें।

एसिडिटी से बचने का सबसे आसान तरीका है तले-भुने और मसालेदार खाने को बाय-बाय कह दें, क्योंकि यह एसिडिटी की सबसे बड़ी वजह होती है। इसके साथ ही खाने का समय  निर्धारित कर लें और रोजाना उसी समय पर खाना खाएं। इसके अलावा मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा बनाकर उसका सेवन करनें। इससे एसिडिटी में फायदा होता है।गर्मियों के मौसम में बच्चे हों या बड़े उनमें पीलिया का खतरा बढ़ जाता है। पीलिया को हेपेटाइटिस ए भी कहा जाता है। पीलिया होने का सबसे बड़ा कारण है दूषित पानी और दूषित खाना। पीलिया में रोगी की आंखे व नाखून पीले हो जाते हैं और पेशाब भी पीले रंग की होती है। सही इलाज न मिलने पर यह काफी  गंभीर रूप ले सकता है, इसलिए जरूरी है इसकी जद में आने से पहले  ही सावधान हो जाएं।

पीलिया हो जाने पर दूषित खाना खाने से बचें। इसके अलावा तला-भुना खाना बिल्कुल भी न खाएं, हो सके तो सिर्फ उबला हुआ हल्का खाना ही खाएं और उबला हुआ या छना हुआ ही पानी पीएं।गर्मियों  की शुरुआत मतलब चेचक की दस्तक। चेचक के होने से शरीर में लाल दाग पड़ जाते हैं।  इसके साथ ही सिरदर्द, बुखार और गले में खराश भी  चेचक के ही लक्षण हैं, चेचक में खांसी या जुखाम होना भी आम बात  है, जिससे आस-पास के लोगों में भी यह संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में सावधानी ही इसका सबसे पहला इलाज है।बच्चों और युवाओं को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। चेचक से बचने के लिए वैसे तो टीके लगाए जाते हैं, जो इससे बचाव का सबसे  सही तरीका माना जाता है, लेकिन इसके अलावा कुछ सावधानियों के जरिए भी चेचक से बचा जा सकता है। जैसे बाहर से घर आने पर अपने हाथों को धोएं और चेचक से पीड़ित को अलग कमरे में रखें।

सोमवार, 7 मार्च 2022

पेड़ के कटे हिस्से में 'हिजाब' की आकृति दिखीं

पेड़ के कटे हिस्से में 'हिजाब' की आकृति दिखीं     

अविनाश श्रीवास्तव     

सारण। सारण जिले के ताजपुर कब्रिस्तान में सोमवार को अजीबो-गरीब वाकया देखने को मिला। यहां जब लोगों ने एक पेड़ को काटा तो कटे हिस्से में एक आकृति नजर आई। ध्यान से देखने पर यह आकृति हिजाब पहने किसी औरत की तरह लग रही है। अब इसे अंध्विश्वास कहें या फिर कुदरत का करिश्मा लेकिन जैसे ही यह खबर फैली, दूर दराज के इलाकों से लोग इसे देखने के लिए पहुंच आने लगे हैं। यह घटना जनता बाजार थाना क्षेत्र के ताजपुर गांव की है।

यह घटना अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। जानकारी के अनुसार शाहपुर गांव निवासी अब्दुल मन्नान के बगीचे के पास कब्रिस्तान में एक तूत का पेड़ था। सूखने के बाद उन्होंने इसे काट दिया। पेड़ काटने के बाद उन्हें टहनी में एक हिजाब पहने हुए लड़की की आकृति दिखाई दी। ये बात देखते ही देखते जंगल में आग की तरह फैल गई। इसे देखने के लिए लोग अब मन्नान के घर पहुंच रहे हैं।
स्थानीय निवासी का कहना है कि कुछ लोग इसे कुदरत का करिश्मा बता रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसे अंधविश्वास कह रहे हैं। उनका कहना है कि पेड़ में अक्सर ऐसा होता है। यह पेड़ इलाके में लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल पेड़ की यह टहनी जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।

रविवार, 6 मार्च 2022

82 वर्षीय बुजुर्ग ने 38 साल की महिला से शादी रचाई

82 वर्षीय बुजुर्ग ने 38 साल की महिला से शादी रचाई   

मनोज सिंह ठाकुर  

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में बुजुर्ग और एक महिला ने अनोखी शादी रचाई है। यह शादी इसलिए चर्चा में है, क्योंकि दूल्हे की उम्र 82 साल और दुल्हन की 38 की है। अपने से आधी उम्र की महिला से बुजुर्ग ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज की। जहां दोनों ने एक-दूसरे का सहारा बनने की बात कही है।

बुजुर्ग पीडब्ल्यूडी विभाग में सेक्शन हेड पद से रिटायर्ड हैं, वह फरवरी 1999 में सेवानिवृत होने के बाद पत्नी बच्चे नहीं होने से अकेले रहते थे। उन्होंने एडीएम के पास विशेष विवाह अधिनियम के तहत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। इसमें पुरुष की उम्र अधिक है, जबकि महिला की उम्र कम है। लिहाजा आवेदन पर विचार करते हुए विधि संगत विवाह कराया गया है।
इस विवाह में दूल्हे की उम्र लगभग 82 साल और दुल्हन की करीब 38 साल बताई जा रही है। एडीएम संतोष टैगोर ने बताया कि दोनों ने ही अपनी जानकारी डिस्क्लोज न करने का अनुरोध किया था और दोनों के आवेदन अनुसार हमारे द्वारा विधिवत विवाह संपन्न कराया गया है।
बताया जा रहा है कि महिला अपने पति की मौत के बाद से अकेली रह रही थी और बुजुर्ग भी रिटायरमेंट के बाद से अकेले रह रहे थे। उनकी करीब 30 हजार रुपये महीने की पेंशन आती है और यही इनका सहारा है।महिला के बच्चे भी हैं लेकिन उसके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं था। इसलिए दोनों ने सहमति से एक-दूसरे का सहारा बनने की बात कही है। 
यह शादी पूरे इलाके में बेहद चर्चा हैं। बताया जा रहा है कि इस अनोखी शादी के बाद नव दंपति बेहद खुश दिखे। इस दौरान दोनों तरफ के करीबी लोग ही शामिल थे। लेकिन इस दौरान एडीएम कार्यालय पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थे।

मंगलवार, 1 मार्च 2022

हैरतअंगेज: एक बच्चे के मुंह से 50 दांत निकाले

हैरतअंगेज: एक बच्चे के मुंह से 50 दांत निकाले    

मनोज सिंह ठाकुर      
भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पर एक बच्चे के मुंह से 50 दांत निकाले गए। उस बच्चे को दांतों में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो पता चला कि वो एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है।
मेडिकल की दुनिया में इस बीमारी को ओडोनटोमा कहते हैं। एक लाख में तो सिर्फ एक या दो मामले, इस बीमारी के निकलते हैं।
इस केस की बात करें तो 10 साल के बच्चे के मुंह में काफी सूजन थी। उसे लंबे समय से दांतों में दर्द की भी शिकायत थी। ऐसे में बच्चे का तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी हो गया था।
डॉक्टर सचिन ठाकुर के मुताबिक अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। बच्चे को भी ये दिक्कत थी कि उसके ये अतिरिक्त दांत उसके स्वस्थ्य दांतों पर भी असर डालने लगे थे। अभी के लिए एक तीन डॉक्टरों की टीम ने उस बच्चे का सफल ऑपरेशन किया है।
ऑपरेशन के दौरान बच्चे के तीस दांत निकाल दिए गए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि 18 साल की उम्र तक बच्चे के तीस दांत वापस आ जाएंगे।
जानकारी दी गई है कि ये ऑपरेशन काफी कठिन था और इसको करने में पूरे ढ़ाई घंटे लग गए। अब बच्चे की तबीयत ठीक बताई जा रही है और उसकी सेहत में भी सुधार हो रहा है।

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

चरण छूने की महत्वपूर्ण परंपरा, जानिए

चरण छूने की महत्वपूर्ण परंपरा, जानिए     


सरस्वती उपाध्याय       

किसी के पैर छूने का मतलब है, उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है तो, अहंकार खत्म हो जाता है। पुराने समय से ही परंपरा चली आ रही है कि जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छुते हैं। इस परंपरा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। यह बात तो सभी जानते हैं कि, बड़ों के पैर छुना चाहिए। लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि, जब कोई हमारे पैर छुए तो, हमें क्या करना चाहिए ? पैर छुुना महत्वपूर्ण परंपरा है, और आज भी इसका पालन अधिकतर लोग करते हैं। इस परंपरा के संबंध में कई नियम भी हैं। इस परंपरा के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण बताए गए हैं।

जब भी कोई व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, आपके पैर छुए तो उन्हें आर्शीवाद तो देना चाहिए। साथ ही भगवान का नाम भी लेना चाहिए। आमतौर पर हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि, हमारा पैर किसी को ना लगे। ऐसा होने पर हमें दोष लगता है और जब कोई हमारे पैर छुता है तब भी हमें दोष लगता है।

सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

21 को मनाया जाता है 'अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस'

21 को मनाया जाता है 'अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस'   

भाषा के माध्यम से ही हम एक-दूसरे से बात करते हैं और फीलिंग को समझ पाते हैं। सोच कर देखिए अगर भाषा ही नहीं होती तो क्या होता और वो भी मातृभाषा ? क्योंकि सबसे पहले वो ही भाषा बोलना सीखते हैं। जो हमारे परिवार में बोलीं जाती है। अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और जागरुकता फैलाना है। विश्व भर में 21 फरवरी को ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया जाता है।

अंतरराष्‍ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाने के विचार को साल 1999 में यूनेस्को के आम सम्मेलन में मंजूरी दी गई थी और यह दिन साल 2000 से दुनिया भर में मनाया जा रहा है। हर साल इस दिन को एक खास थीम के जरिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय ‘बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर’ है और यह बहुभाषी शिक्षा को आगे बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की संभावित भूमिका को उजागर करेगा।

श्रीराम 'निर्भयपुत्र'

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...