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बुधवार, 19 अप्रैल 2023

कंपनियों ने 7,673.95 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया

कंपनियों ने 7,673.95 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2022-23 में विभिन्न सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उपक्रमों का 7,673.95 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया है। इस्पात मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में एमएसएमई को चुकाई गई 5,511.07 करोड़ रुपये की राशि से 39.3 प्रतिशत अधिक है।

मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) पर एमएसएमई के बकाया भुगतान की साप्ताहिक आधार पर निगरानी की जाती है। इससे एमएसएमई को 45 दिन में भुगतान सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है। इस तरह के भुगतान की समयसीमा 45 दिन की है। मंत्रालय ने कहा कि इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने मार्च, 2023 में एमएसएमई को 876.10 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

यह सालाना आधार पर 38.1 प्रतिशत अधिक है। पिछले महीने की तुलना में यह राशि 23.1 प्रतिशत अधिक है। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने एमएसएमई को 7,673.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह राशि इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 39.3 अधिक है। इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनियों में सेल, एनएमडीसी, आरआईएनएल, केआईओसीएल, मॉयल, मेकॉन, एमएसटीसी और उसकी अनुषंगी एफएसएनएल शामिल हैं।

मंगलवार, 18 अप्रैल 2023

अतीक व अशरफ हत्याकांड के मामलें में जवाब मांगा 

अतीक व अशरफ हत्याकांड के मामलें में जवाब मांगा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड के मामलें में मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी और पुलिस कमिश्नर से 1 महीने में जवाब मांगा है। गौरतलब है कि बीते दिनों प्रयागराज में पूर्व सांसद और बाहुबली नेता अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की 3 शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पुलिस कस्टडी में हुए इस हत्याकांड के बाद आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर को नोटिस भेजते हुए 1 महीने में जवाब मांगा है।

9 प्रतिशत गिरकर बंद हुए कंपनी के शेयर 

9 प्रतिशत गिरकर बंद हुए कंपनी के शेयर 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण संबंधी सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी एवलॉन टेक्नोलॉजीज के शेयर 436 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले पहले दिन नौ प्रतिशत गिरकर बंद हुए। इससे पहले कंपनी के शेयर बीएसई पर निर्गम मूल्य के मुकाबले 1.14 प्रतिशत गिरकर 431 रुपये पर सूचीबद्ध हुए थे। कारोबार के अंत में शेयर 8.84 प्रतिशत गिरकर 397.45 रुपये पर बंद हुए।

एनएसई पर एवलॉन टेक्नोलॉजीज के शेयर निर्गम मूल्य 436 रुपये पर सूचीबद्ध हुए थे। कारोबार के अंत में शेयर 9.17 प्रतिशत गिरकर 396 रुपये पर बंद हुए। कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को 2.21 गुना अभिदान मिला था। कंपनी के 865 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 415-436 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।

ईद-उल-फितर: नए व्यंजनों की पेशकश, घोषणा 

ईद-उल-फितर: नए व्यंजनों की पेशकश, घोषणा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नई एयरलाइन कंपनी अकासा एयर ने ईद-उल-फितर के उपलक्ष्य में अपनी इनफ्लाइट मील सर्विस कैफे अकासा ने नए व्यंजनों की पेशकश की घोषणा की है। एयरलाइन ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा कि यह पेशकश 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। अकासा एयर के ग्राहक पारंपरिक मीठे सेवइयां (सेंवई) और कारमेल-स्वाद वाले खजूर के साथ-साथ अकासा एयर रूट नेटवर्क में सभी उड़ानों पर पेय के विकल्प के साथ मटन कीमा पफ के साथ विशेष भोजन का आनंद ले सकेंगे।

ये पेशकश अकासा एयर की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर प्री-बुकिंग और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंटों (ओटीए) का चयन करने पर उपलब्ध है। इस पेशकश का उद्देश्य ग्राहकों को उत्सव का लुत्फ उठाना और अकासा एयर की सिग्नेचर सर्विस में अवसर की भावना जोड़ना है।

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध, सुनवाई 

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध, सुनवाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई शुरू की। वहीं, केंद्र सरकार अपनी प्रारंभिक आपत्ति पर जोर दे रही है कि क्या अदालत इस प्रश्न पर सुनवाई कर सकती है या पहले इस पर अनिवार्य रूप से ससंद में चर्चा कराई जाएगी ? प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति एस आर भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि प्रारंभिक आपत्ति की प्रकृति और गुण-दोष इस बात पर निर्भर करता है कि याचिकाकर्ता का क्या कहना है और अदालत उनका पक्ष जानना चाहती है ?

मेहता ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता अपना पक्ष रख सकते हैं और उनके द्वारा जतायी प्रारंभिक आपत्ति पर भी राय रख सकते हैं। इस पर सीजेआई ने मेहता से कहा, ‘‘मुझे माफ करिएगा श्रीमान सॉलिसिटर, हम फैसला लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अदालत पहले याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनेगी। उन्होंने कहा, ‘‘आप हमें बता नहीं सकते कि हम कैसे कार्यवाही का संचालन करेंगे। मैंने अपनी अदालत में कभी इसकी अनुमति नहीं दी है।’’ इस पर मेहता ने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं करते हैं। मेहता ने कहा, ‘‘यह बहुत संवदेनशील मामला है जिस पर आप प्रारंभिक दलीलों पर गौर करेंगे और फिर मुझे कुछ वक्त देंगे। हमें विचार करना पड़ सकता है कि इस बहस में आगे भाग लेने के लिए सरकार का क्या रुख होगा ?''

सीजेआई ने कहा, ‘‘हम पर व्यापक दृष्टिकोण रखने के लिए भरोसा रखिए।’’ मेहता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय जिस मामले पर सुनवाई कर रही है, वह वास्तव में विवाह का सामाजिक-कानूनी संबंध बनाने को लेकर है जो सक्षम विधायिका का कार्य क्षेत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘जब विषय समवर्ती सूची में है तो हम एक राज्य के इस पर सहमत होने, दूसरे राज्य के इसके पक्ष में कानून बनाने तथा किसी तीसरे राज्य के इसके खिलाफ कानून बनाने की संभावना से इनकार नहीं कर सकते।

इसलिए राज्यों की अनुपस्थति में ये याचिकाएं विचार करने योग्य नहीं रहेंगी, यही मेरी प्रारंभिक आपत्तियों में से एक है।’’ इसे ‘‘बेहद मौलिक मुद्दा’’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने 13 मार्च को इन याचिकाओं को सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष भेजा था। सोमवार को शीर्ष न्यायालय समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया था। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं ‘‘शहरी संभ्रांतवादी’’ विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं और विवाह को मान्यता देना अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, जिस पर अदालतों को फैसला करने से बचना चाहिए।

केंद्र ने याचिकाओं के विचारणीय होने पर सवाल करते हुए कहा कि समलैंगिक विवाहों की कानूनी वैधता ‘पर्सनल लॉ’ और स्वीकार्य सामाजिक मूल्यों के नाजुक संतुलन को गंभीर नुकसान पहुंचाएगी। इस मामले की सुनवाई और फैसला देश पर व्यापक प्रभाव डालेगा, क्योंकि आम नागरिक और राजनीतिक दल इस विषय पर अलग-अलग विचार रखते हैं।दो समलैंगिक जोड़ों ने विवाह करने के उनके अधिकार के क्रियान्वयन और विशेष विवाह कानून के तहत उनके विवाह के पंजीकरण के लिए संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिन पर न्यायालय ने पिछले साल 25 नवंबर को केंद्र से अपना जवाब देने को कहा था।

मक्का उत्पादन को 4.4-4.5 करोड़ टन करें, जरूरत 

मक्का उत्पादन को 4.4-4.5 करोड़ टन करें, जरूरत 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। एथनॉल उत्पादन और पोल्ट्री उद्योग के लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच देश के मक्का उत्पादन को अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर 4.4-4.5 करोड़ टन करने की जरूरत है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण सचिव मनोज आहूजा ने यहां मंगलवार को उद्योग निकाय फिक्की द्वारा आयोजित नौवें 'भारत मक्का शिखर सम्मेलन' में यह बात कही।

उन्होंने पूरी मक्का मूल्य श्रृंखला में नुकसान को व्यवस्थित रूप से कम करने की जरूरत पर भी जोर दिया। आहूजा ने कहा, ''वर्तमान में, देश में मक्का का उत्पादन 3.3-3.4 करोड़ टन की सीमा में है। हमें एथनॉल और पोल्ट्री उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में मक्का उत्पादन को बढ़ाकर 4.4-4.5 करोड़ टन करने की जरूरत है।''

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच बेहतर बीज उपलब्धता में सुधार, भंडारण और विपणन संपर्क स्थापित करने, सार्वजनिक और निजी भागीदारी बनाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार उन निजी कंपनियों का समर्थन करने को तैयार है, जो महाराष्ट्र में मक्का की मूल्य श्रृंखला और एथनॉल उत्पादन में निवेश करने की इच्छुक हैं।

24 को सुनवाई करने के लिए सहमत हुआ 'एससी'

24 को सुनवाई करने के लिए सहमत हुआ 'एससी'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया। अतीक और अशरफ़ को शनिवार रात को पत्रकार बनकर आए तीन लोगों ने उस वक्त नजदीक से गोली मार दी थी, जब वे चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख करने वाले वकील विशाल तिवारी की दलीलों पर गौर किया। याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच का भी अनुरोध किया गया है। याचिका में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच करने के लिए एक स्वतंत्र विशेष समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है।

सोमवार, 17 अप्रैल 2023

नेता करात की याचिका पर जवाब दाखिल करें पुलिस 

नेता करात की याचिका पर जवाब दाखिल करें पुलिस 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने माकपा नेता बृंदा करात की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब दाखिल करने को कहा है। जिसमें सीएए विरोधी प्रदर्शन को लेकर कथित तौर पर नफरती भाषण देने को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा नेता प्रवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। इससे पहले निचली अदालत और फिर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया गया था जिसके खिलाफ करात ने यह याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने शहर की पुलिस को नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।

सुनवाई के दौरान पीठ ने पाया कि प्रथम दृष्टया मजिस्ट्रेट का यह कहना कि दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मंजूरी की आवश्यकता है, सही नहीं था। पिछले साल 13 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय ने माकपा नेताओं बृंदा करात और के.एम. तिवारी द्वारा भाजपा के दो सांसदों के खिलाफ उनके कथित घृणास्पद भाषणों के सिलसिले में दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि कानून के तहत मौजूदा तथ्यों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी लेनी जरूरी है। याचिकाकर्ताओं ने निचली अदालत के समक्ष अपनी शिकायत में दावा किया था कि ठाकुर और वर्मा ने “लोगों को उकसाने की कोशिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो अलग-अलग विरोध स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं”।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यहां रिठाला रैली में ठाकुर ने 27 जनवरी, 2020 को भीड़ को उकसाने के लिए भड़काऊ नारेबाजी की थी। याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि वर्मा ने 28 जनवरी, 2020 को शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी की थी। निचली अदालत ने 26 अगस्त, 2021 को याचिकाकर्ताओं की प्राथमिकी दर्ज करने की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह सुनवाई योग्य योग्य नहीं है क्योंकि सक्षम प्राधिकार, केंद्र सरकार से अपेक्षित मंजूरी नहीं मिली।

शिकायत में, करात और तिवारी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153-बी (राष्ट्रीय एकजुटता को कमजोर करने वाले भाषण देना) और 295-ए (जानबूझकर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकियां दर्ज किए जाने का अनुरोध किया था।

आईपीसी की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दिया गया भाषण), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 505 (गड़बड़ी फैलाने के इरादे से दिया गया बयान) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत भी कार्रवाई का अनुरोध किया गया था। इन अपराधों के लिए अधिकतम सात वर्ष कैद की सजा हो सकती है।

शनिवार, 15 अप्रैल 2023

24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 10,753 नए मामलें

24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 10,753 नए मामलें

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 10,753 नए मामलें सामने आए, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 53,720 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बीते 24 घंटे में कोविड-19 से 27 और मरीजों के दम तोड़ने के बाद देश में मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 5,31,091 पर पहुंच गई।आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में संक्रमण से छह, महाराष्ट्र में चार, राजस्थान में तीन और छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में एक-एक मौत हुई है।

वहीं, केरल ने कोविड-19 से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में छह और नाम जोड़े हैं।आंकड़ों के मुताबिक, भारत में संक्रमण की दैनिक दर 6.78 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 4.49 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,48,08,022 हो गई है। मंत्रालय के अनुसार, देश में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या कुल मामलों का 0.12 प्रतिशत है।

वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.69 प्रतिशत है। मंत्रालय के मुताबिक, भारत में अब तक कुल 4,42,23,211 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।

गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

भारत: आज मनाया जाएगा 'बैसाखी' का त्यौहार 

भारत: आज मनाया जाएगा 'बैसाखी' का त्यौहार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश में फसल कटने के बाद बैसाखी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार ये 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। ये त्यौहार हर पंजाबी के लिए बेहद खास होता है। इस दिन लोग खुशियां मनाते हैं, भांगड़ा करते हैं। महिलाएं पारंपरिक तरीके से तैयार होती हैं। वहीं दूसरी तरफ बैसाखी के त्योहार में तरह-तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं। वैसे भी ऐसा कहा जाता है कि खाने के मामले में पंजाबी काफी शौकीन होते हैं। ऐसे में अगर आप भी त्यौहार के दिन अपनों को खुश करना चाहती हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद मददगार हो सकती है।

दरअसल, आज हम आपको कुछ ऐसे पकवान बनाना सिखाएंगे, जिनको बनाकर आप अपने अपनों को खुश कर सकती हैं। ये पकवान हर पंजाबी को बेहद पसंद होते हैं। तो अगर आप त्यौहार के दिन अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों को खुश करना चाहती हैं, तो इन डिशेज को बैसाखी की थाली में जरूर शामिल करें। 

मक्के की रोटी और सरसों का साग...

इस डिश का नाम सुनते ही पंजाब का नाम जहन में आता है। शायद ही कोई ऐसा पंजाबी होगा जिसे मक्के की रोटी और सरसों का साग पसंद नहीं आता होगा। ऐसे में आप भी अपने घर वालों के लिए इसे बनाकर उनका दिल जीत सकती हैं। 

केसरी चावल- अगर आपके घर में कोई मीठा पसंद करता है तो, केसरी चावल एक अच्छा ऑप्शन बन सकता है। खाने के साथ आप अपने घरवालों के लिए केसरी चावल बना सकती हैं परिवार वाले खूब पसंद करेंग। 

लस्सी या छाछ- छाछ या लस्सी दोनों ही सभी को पीना बेहद पसंद होता है। अगर चाहें तो आप टिपिकल पंजाबी की तरह ही लस्सी या छाछ बना कर सभी को पिला सकती हैं। 

पराठे और नान- आप आलू या पनीर के पराठे बैसाखी के मौके पर बना सकती हैं। इसके साथ ही आप किसी सब्जी के साथ नान भी बना सकती है।

छोले चावल- छोले चावल तो हर किसी को पसंद होता है। आप चाहें तो बैसाखी के लंच में छोले चावल बना सकते हैं। 

छोले भटूरे- ये एक ऐसी डिश है जो हर कोई खाता है। आप चाहें तो लंच में छोले भटूरे बना सकती हैं। इसके साथ चटनी, अचार और सलाद इसका स्वाद और ज्यादा बढ़ा देंगे। 

हवाईअड्डों पर टैक्सीबोट का संचालन शुरू करेंगे

हवाईअड्डों पर टैक्सीबोट का संचालन शुरू करेंगे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने ए320 विमान बेड़े के लिए दिल्ली और बेंगलुरु हवाईअड्डों पर टैक्सीबोट का संचालन शुरू करेगी। माना जा रहा है कि इससे तीन साल में 15,000 टन तक विमान ईंधन बचाया जा सकता है। बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, विमानन कंपनी ने टैक्सीबोट का संचालन शुरू करने के लिए केएसयू एविएशन के साथ समझौता किया है।

टैक्सीबोट एक तरह से रोबोटिक उपकरण है, जो विमान के अगले हिस्से को लैंड करने में काम करता है। यह विमान के लैंड होने के बाद उसे एयरपोर्ट टर्मिनल दरवाजे से टैक्सी मिलने वाले स्थान तक खींचकर ले जाने का काम करता है। इस दौरान विमान का इंजन बंद होता है, जिससे ईंधन की बचत होती है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, “टैक्सीबोट अपनाने से तीन साल में लगभग 15,000 टन विमान ईंधन बचाया जा सकता है।” एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने कहा कि विमानन कंपनी परिचालन को पर्यावरण अनुकूल बनाने तथा अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के तरीकों की लगातार तलाश कर रही है। 

बुधवार, 12 अप्रैल 2023

सूचना प्रौद्योगिकी नियम में संशोधन वापस, अनुरोध 

सूचना प्रौद्योगिकी नियम में संशोधन वापस, अनुरोध 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) ने बुधवार को केंद्र से सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 में संशोधन वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि उससे (सरकार से) जुड़ी सामग्री को ‘फर्जी’ या ‘गुमराह करने वाला’ बताने के लिए एक तथ्यान्वेषी इकाई गठित करना ‘‘सेंशरशिप’’ के समान है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता है। आईएनएस ने यह उल्लेख किया कि नये अधिसूचित नियमों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पास एक तथ्यान्वेषी इकाई गठित करने की शक्ति होगी, जिसके पास यह निर्धारित करने की असीम शक्तियां होंगी कि क्या केंद्र सरकार के किसी कामकाज से जुड़ी कोई खबर क्या ‘‘फर्जी या झूठी या गुमराह करने वाली’’ है?

इस तथाकथित इकाई के पास सोशल मीडिया मंचों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और अन्य सेवा प्रदाताओं सहित मध्यस्थों को इस तरह की सामग्री की अनुमति नहीं देने और प्रकाशित होने पर उन्हें हटाने का निर्देश देने की शक्ति भी होगी। मीडिया संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी छह अप्रैल 2023 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 (आईटी संशोधन नियमें,2023) से बहुत परेशान है।’’

मीडिया संगठन ने कहा कि आईएनएस यह कहने को मजबूर हुआ है कि सरकार या इसकी एजेंसी यह निर्धारित करने के लिए असीम शक्ति का इस्तेमाल करेगी कि उसके कामकाज के बारे में क्या फर्जी है, तथा उसे हटाने का आदेश देगी। आईएनएस ने कहा, ‘‘इस तरह की शक्ति को मनमाना माना जाता है। क्योंकि इसका इस्तेमाल पक्षों को सुने बगैर किया जाता है तथा नैसर्गिक न्याय के सभी सिद्धांतों का हनन होता है। इसके तहत, शिकायतकर्ता निर्णय लेने वाले के तौर पर कार्य करता है।’’ मीडिया संगठन ने कहा कि यह भी उल्लेख करने की जरूरत है कि तथाकथित तथ्यान्वेषी इकाई का मंत्रालय द्वारा गठन आधिकारिक गजट में प्रकाशित एक सामान्य अधिसूचना के जरिये किया जा सकता है।

आईएनएस ने कहा, ‘‘अधिसूचित नियम यह नहीं बताते हैं कि इस तरह की तथ्यान्वेषी इकाई के लिए क्या संचालन तंत्र होगा, इसकी शक्तियों के इस्तेमाल के आलोक में क्या न्यायिक अवलोकन उपलब्ध होगा, अपील करने का अधिकार होगा या नहीं, आदि।’’ आईएनएस ने कहा कि मंत्रालय जनवरी 2023 में लाये गये मसौदा संशोधनों को मीडिया संगठनों द्वारा व्यापक विरोध किये जाने के बाद वापस लेने के लिए मजबूर हो गया था और उसने (मंत्रालय ने) मीडिया संगठनों के साथ परामर्श करने का वादा किया था।

मीडिया संगठन ने कहा, ‘‘यह खेद का विषय है कि मंत्रालय ने इस संशोधन को अधिसूचित करने से पहले मीडिया संगठनों जैसे हितधारकों के साथ कोई सार्थक परामर्श नहीं किया।’’ आईएनएस ने कहा, ‘‘नतीजा यह है कि छह अप्रैल को अधिसूचित किये गये नये नियमों में जनवरी 2023 में लाये गये मसौदा संशोधन से शायद ही कोई बेहतर प्रावधान नजर आता हो।’’

मीडिया संगठन ने कहा, ‘‘इन तथ्यों के आलोक में, और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों तथा हमारे संविधान में प्रदत्त वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी सरकार से इस अधिसूचना को वापस लेने का अनुरोध करती है।’’ आईएनएस ने कहा कि सरकार को मीडिया के पेशे और इसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली कोई भी अधिसूचना जारी करने से पहले मीडिया संगठनों और प्रेस संस्थानों जैसे हितधारकों के साथ व्यापक व सार्थक परामर्श करना चाहिए।

चेयरमैन केशब का 99 साल की उम्र में निधन

चेयरमैन केशब का 99 साल की उम्र में निधन

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय वाहन उद्योग के दिग्गज और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (एमएंडएम) के मानद चेयरमैन केशब महिंद्रा का बुधवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वह 99 साल के थे। कंपनी ने कहा कि केशब महिंद्रा ने आज सुबह घर पर ही अंतिम सांस ली। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘‘वह एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। केशब महिंद्रा को उनके निपुण व्यापार कौशल के लिए जाना जाता था। उन्होंने महिंद्रा को विविध क्षेत्रों के समूह में बदलने में मदद की। उनके जन-केंद्रित दृष्टिकोण ने उन्हें वैश्विक व्यापार का दिग्गज बना दिया, जिसे बहुत स्नेह और सम्मान मिला।’’ केशब ने चेयरमैन के रूप में 48 साल तक महिंद्रा समूह का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्हें महिंद्रा समूह के वाहन से अन्य क्षेत्रों मसलन सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), रियल एस्टेट, वित्तीय सेवा और आतिथ्य में विस्तार का श्रेय जाता है।

केशब का जन्म शिमला में नौ अक्टूबर, 1923 में हुआ था और उन्होंने अमेरिका के व्हॉर्टन, पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। वह 1947 में कंपनी में शामिल हुए थे और 1963 में इसके चेयरमैन बन गए थे।। केशब महिंद्रा ने इस्पात व्यापार कंपनी को 15.4 अरब डॉलर के विविध क्षेत्रों में कार्यरत समूह में बदला था।उन्होंने 2012 में अपने भतीजे और समूह के तत्कालीन वाइस-चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा को समूह की कमान सौंप दी। केशब 64 साल तक महिंद्रा एंड महिंद्रा के बोर्ड में निदेशक रहे। वह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई संगठनों के बोर्ड और परिषद में शामिल रहे। वह हुडको के संस्थापक चेयरमैन थे।

इसके अलावा वह कई कंपनियों मसलन सेल, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स, आईएफसी, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के बोर्ड में भी रहे। केशब ने भारत में बेहतर कॉरपोरेट प्रशासन को फिर से परिभाषित किया। वह उद्योग संगठन एसोचैम की सर्वोच्च सलाहकार परिषद के सदस्य भी थे। उन्हें वर्ष 1987 में फ्रांस के शीर्ष नागरिक सम्मान ‘शेवेलियर डे ला लीजियन डी’होनूर’ से सम्मानित किया गया था। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने बयान में कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने अपने अग्रणी लोगों में से एक को आज खो दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वाहन उद्योग की यात्रा के शुरुआती वर्षों में उनके नेतृत्व ने देश को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में पहचान दिलाई। उनकी मदद से ही भारत वाहन क्षेत्र का विनिर्माण केंद्र बन सका।’’ केशब 1964 में सियाम के अध्यक्ष थे।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘सियाम और भारतीय वाहन उद्योग एक सच्चे दूरदर्शी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।’’ फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा, ‘‘वाहन खुदरा बिरादरी के सदस्यों के रूप में हमने आज उद्योग एक दिग्गज को खो दिया। उनके भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’’ महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने ट्वीट किया, ‘‘औद्योगिक दुनिया ने आज अपनी सबसे बड़ी हस्तियों में से एक को खो दिया है। केशब महिंद्रा का कोई मुकाबला नहीं था। मुझे एक सबसे अच्छे व्यक्ति को जानने का सौभाग्य मिला। मैं उनसे प्रेरित था कि कैसे उन्होंने व्यापार, अर्थशास्त्र और सामाजिक मामलों को जोड़ा।

अल नीनो साल, बारिश में बेहद कमी होती है

अल नीनो साल, बारिश में बेहद कमी होती है

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत में मानसून के सामान्य रहने के भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुमान के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि ला नीना के बाद अल नीनो साल में बारिश में बेहद कमी होती है। लगातार तीन बार ला नीना के प्रभाव के बाद इस साल अल नीनो की स्थिति बनेगी। ला नीना की स्थिति अल नीनो से विपरीत होती है। ला नीना स्थिति के दौरान आमतौर पर मानसून के मौसम में अच्छी बारिश होती है। आईएमडी ने मंगलवार को अपने अनुमान में कहा था कि अल नीनो की स्थिति बनने के बावजूद भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।

ऐसी स्थिति से कृषि क्षेत्र को खासी राहत मिलेगी। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने मॉनसून के दौरान देश में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान जताया है। आईआईटी बंबई और मैरीलैंड विश्वविद्यालय में अध्यापन करने वाले प्रोफेसर रघु मुर्तुगुड्डे ने कहा था कि 60 प्रतिशत अल नीनो साल में जून-सितंबर के दौरान 'सामान्य से कम' बारिश दर्ज की गई है लेकिन विश्लेषण से पता चलता है कि ला नीन  साल के बाद आने वाले अल नीनो साल में मानसून के दौरान बारिश की कमी की प्रवृत्ति रहती है।

आईएमडी के अनुसार अल नीनो की स्थिति के जुलाई के आसपास विकसित होने की उम्मीद है और इसका प्रभाव मॉनसूनी मौसम के दूसरे हिस्से में महसूस किया जा सकता है। आईएमडी ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) की स्थिति उत्पन्न होने की उम्मीद है और उत्तरी गोलार्ध तथा यूरेशिया पर बर्फ का आवरण भी दिसंबर 2022 से मार्च 2023 तक सामान्य से कम था।

आईओडी को अफ्रीका के पास हिंद महासागर के पश्चिमी भागों और इंडोनेशिया के पास महासागर के पूर्वी भागों के बीच समुद्र की सतह के तापमान में अंतर से परिभाषित किया गया है। एक सकारात्मक आईओडी भारतीय मॉनसून के लिए अच्छा माना जाता है। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के शोध निदेशक अंजल प्रकाश ने कहा कि 40 प्रतिशत अल नीनो वर्षों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जबकि 60 प्रतिशत साल में कम बारिश दर्ज की गई है।

उन्होंने सवाल किया, "हम उन बड़े रुझानों को समझने के बजाय छोटे मूल्यों पर क्यों गौर करते हैं जो दिखाते हैं कि अल नीनो का मॉनसून की बारिश की पद्धति (पैटर्न) पर प्रभाव पड़ता है।" भारत के कृषि परिदृश्य के लिए सामान्य बारिश महत्वपूर्ण है क्योंकि खेती वाले क्षेत्र का 52 प्रतिशत इसी पर निर्भर है। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों में जल के भंडारण के लिए भी जरूरी है।

देश के कुल खाद्य उत्पादन में वर्षा आधारित कृषि का हिस्सा लगभग 40 प्रतिशत है, जिससे यह भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है। आईएमडी के मुताबिक, 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच 50 साल के औसत 87 सेमी की बारिश को सामान्य माना जाता है। दीर्घावधि औसत के हिसाब से 90 प्रतिशत से कम वर्षा को कमी, 90 से 95 प्रतिशत के बीच सामान्य से कम 105 से 110 प्रतिशत के बीच सामान्य से अधिक और 100 प्रतिशत से अधिक वर्षा को अधिक वर्षा माना जाता है। 

मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं सरकारी कर्मचारी 

सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं सरकारी कर्मचारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं, भले ही वे वित्तीय लाभ लेने के अगले ही दिन सेवानिवृत्त क्यों न हो रहे हों। सार्वजनिक क्षेत्र की कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लि. (केपीटीसीएल) की अपील पर न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। कंपनी ने याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त होने के एक दिन पहले भी सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं। न्यायाधीश एम आर शाह और न्यायाधीश सी टी रविकुमार की पीठ ने केपीटीसीएल की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ अपीलकर्ता (केपीटीसीएल) की ओर से यह दलील दी गयी है कि वार्षिक वेतनवृद्धि प्रोत्साहन के रूप में है और एक कर्मचारी को अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रोत्साहित करने को लेकर है।

इसीलिए, जब वह सेवा में नहीं है, तो वार्षिक वेतनवृद्धि का कोई सवाल ही नहीं है। इस दलील का कोई मतलब नहीं है।’’ शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के अलग-अलग विचारों को संज्ञान में लिया और इस कानूनी प्रश्न पर निर्णय सुनाया कि क्या एक कर्मचारी के वेतन में उस स्थिति में वार्षिक वृद्धि होनी चाहिए कि वह यह लाभ लेने के अगले दिन ही सेवानिवृत्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में क्या वह इसका हकदार है या नहीं। पीठ ने कर्नाटक विद्युत बोर्ड कर्मचारी सेवा विनियमन, 1997 के नियम 40(1) पर विस्तार से विचार किया और वार्षिक वेतनवृद्धि प्रदान करने के पीछे की सोच और उद्देश्य का विश्लेषण किया। 

न्यायालय ने कहा, ‘‘एक सरकारी कर्मचारी को एक वर्ष की सेवा प्रदान करने के दौरान उसके अच्छे आचरण के आधार पर वार्षिक वेतनवृद्धि प्रदान की जाती है। अच्छे आचरण वाले अधिकारियों को सालाना वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाता है... वास्तव में एक वर्ष या निर्धारित अवधि में अच्छे आचरण के साथ सेवा प्रदान करने के लिये वेतनवृद्धि अर्जित की जाती है। वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ की पात्रता पहले से प्रदान की गई सेवा के कारण है।’’ 

पीठ ने कहा कि केवल इस कारण से कि एक सरकारी कर्मचारी अगले ही दिन सेवानिवृत्त हो रहा है, उसे पिछले वर्ष में अच्छे आचरण और दक्षता के साथ सेवा प्रदान करने के बाद अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता है। इससे पहले, उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। खंड पीठ ने उस आदेश को खारिज कर दिया था। 

एडिशन जीप व जीप मेरिडियन अपलेंड लॉन्च, घोषणा 

एडिशन जीप व जीप मेरिडियन अपलेंड लॉन्च, घोषणा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। जीप इंडिया ने अपनी प्रीमियम एसयूवी ब्रांड जीप मेरिडियन के दो लिमिटेड स्पेशल एडिशन जीप मेरिडियन एक्स और जीप मेरिडियन अपलेंड लॉन्च करने की घोषणा की है जिसकी शुरूआती एक्स शोरूम कीमत 32.95 लाख रुपये है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि स्पेशल एडिशन नई स्टाइलिंग और एक्सेसरी पैक के साथ जीप ब्रांड की प्रसिद्ध 4गुना4 क्षमता देता हैं जो जीप मेरिडियन की स्टाइल को और निखारता है। स्पेशल एडिशन दो अतिरिक्त रंगों सिल्वर मून और गैलेक्सी ब्लू में भी उपलब्ध है।

स्पेशल एडिशन विशिष्ट रूप देने के साथ ग्राहकों को उनकी शैली और व्यक्तित्व के आधार पर एक वैरिएंट का चयन करने का विकल्प प्रदान करेगा। 'अर्बन फोकस्ड' जीप मेरिडियन एक्स को उन ग्राहकों के लिए डिजाइन किया गया है जो परिष्कृतता और भव्यता की ख़ोज कर रहे हैं और एक प्रीमियम अर्बन ड्राइव अनुभव की उम्मीद करते हैं। यह एडिशन एसयूवी के अपमार्केट फील को बढ़ाते हुए अधिक प्रीमियम और परिष्कृत अनुभव प्रदान करेगा। जीप मेरिडियन एक्स स्टाइलिश बॉडी कलर लोअर, ग्रे रूफ और ग्रे पॉकेट के साथ अलॉय व्हील देता है। इसके अलावा, यह साइड मोल्डिंग, पडल लैंप्स जैसे बाहरी मॉडिफिकेशन और एम्बिएंट लाइटिंग जैसे इंटीरियर मॉडिफिकेशन देता है।

इसके अलावा, दोनों वेरिएंट के खरीदारों को बिक्री मूल्य के 50 प्रतिशत पर रियर एंटरटेनमेंट पैकेज की पेशकश की जाएगी। 'एडवेंचर ओरिएंटेड जीप मेरिडियन अपलैंड' ऐसे लोगों के लिए है जो 'कहीं पर भी जाना, कुछ भी करना' चाहते हैं। यह उन लोगों के लिए है, जो अलग-अलग इलाकों में ड्राइव करना चाहते हैं और अपने जुनून को फॉलो करते हुए रोमांचकारी अनुभव लेते हैं।

इसमें स्प्लैश गार्ड्स, बूट ऑर्गनाइज़र, प्रीमियम फुटस्टेप्स, सनशेड्स, स्पेशल केबिन, कार्गो मैट्स और टायर इन्फ्लेटर के अलावा हुड डेकल और रूफ कैरियर जैसे बाहरी मॉडिफिकेशन शामिल हैं। यह एसयूवी 10.8 सेकंड में 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और 198 किमी प्रति घंटा की टॉप स्पीड तक जा सकती है। जीप मेरिडियन स्पेशल एडिशन की डिलीवरी अप्रैल 2023 के दूसरे पखवाड़े से शुरू की जाएगी।

'सीजेआई' के अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें

'सीजेआई' के अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को गहरी नाराजगी में एक वकील को चेतावनी दी कि वह (वकील) उनके (सीजेआई के) अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें। एक वकील द्वारा किसी मामले की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष उल्लेख (मेंशनिंग) के दौरान सीजेआई ने अपना आपा खो दिया और कहा, ‘‘मेरे अधिकार से खिलवाड़ न करें।’’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ न्यायिक कार्यवाही के दौरान शायद ही कभी अपना आपा खोते होंगे, लेकिन आज वह वकील के व्यवहार को लेकर काफी नाराज हो गये। हुआ यूं कि जब वकील ने पहली बार अपने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की तो उन्हें (वकील को) यह बताया गया कि इसे 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा, इसके बावजूद वकील ने किसी अन्य पीठ के समक्ष मामले के उल्लेख की स्वतंत्रता मांगी तो सीजेआई नाराज हो गए।

वकील ने कहा, ‘‘अगर इजाजत हो तो क्या मैं दूसरी पीठ के सामने इस मामले का उल्लेख कर सकता हूं।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “मेरे साथ यह खेल मत खेलिए। आप जल्दी सुनवाई के लिए पहले यहां तथा फिर कहीं और इसका उल्लेख नहीं कर सकते हैं। पीठ के मिजाज को भांपते हुए वकील ने खेद व्यक्त किया और कहा कि उन्हें अपनी दलीलों के लिए माफ किया जाना चाहिए। सीजेआई ने सख्ती कहा, ‘‘हां, आपको माफ कर रहे हैं, लेकिन मेरे अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें।’’ इसके बाद वह तत्काल सुनवाई के अनुरोध वाले अन्य मामलों पर विचार करने के लिये आगे बढ़े।

सोमवार, 10 अप्रैल 2023

2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया: समूह 

2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया: समूह 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह ने सोमवार को 2019 से अपनी कंपनियों में बेची गई कुल 2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया। समूह ने साथ ही यह भी बताया कि किस तरह इस राशि का 2.55 अरब डॉलर हिस्सा दोबारा व्यापार में लगाया गया। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे के जवाब में समूह ने यह जानकारी दी। राहूल गांधी ने आरोप लगाया था कि 'बेनामी कंपनियों' के जरिए समूह में 20,000 करोड़ रुपये आए हैं। समूह की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक अबू धाबी स्थित वैश्विक रणनीतिक निवेश इकाई इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) जैसे निवेशकों ने अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) जैसी समूह की कंपनियों में 2.593 अरब डॉलर (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया।

प्रवर्तकों ने अडाणी टोटल गैस लिमिटेड और एजीईएल में हिस्सेदारी बेचकर 2.783 अरब डॉलर जुटाए। समूह ने कहा, ''इस राशि को नए कारोबार के विकास और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडाणी पावर लिमिटेड जैसी कंपनियों की वृद्धि को गति देने के लिए प्रवर्तक संस्थाओं ने दोबारा निवेश किया।'' बयान में अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन की एक रिपोर्ट का खंडन किया गया, जो स्पष्ट रूप से गांधी के बयान का आधार था। रिपोर्ट में सवाल किया गया था कि, ''अडाणी की बेनामी कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये अचानक कहां से आ गए।'' समूह ने कहा, ''हम समझते हैं कि अडाणी को गिराने की प्रतिस्पर्धी दौड़ ध्यान खींच सकती है। लेकिन, हम प्रतिभूति कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहे हैं और प्रवर्तक स्वामित्व तथा वित्तपोषण को लेकर चीजें बिल्कुल साफ है।''

अडाणी ने कहा कि जनवरी 2021 में प्रवर्तकों ने नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी एजीईएल में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांस की दिग्गज कंपनी टोटल एनर्जी को बेचकर दो अरब डॉलर जुटाए। इससे पहले, उन्होंने शहरी गैस इकाई- अडानी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी उसी फ्रांसीसी कंपनी को 78.3 करोड़ डॉलर में बेची थी। टोटल एनर्जीज ने इस तरह के कुछ निवेश करने के लिए प्रवर्तकों की विदेशी निवेश कंपनियों को खरीदा।

विदेश में मिली धनराशि को समूह की कंपनियों में वापस लाया गया, जिसे कुछ लोग अब 'बेनामी कंपनियों' का नाम दे रहे हैं। बयान में कहा गया, ''इस राशि को प्रवर्तकों ने फिर से नए कारोबार के विकास के लिए निवेश किया।'' बयान में आगे कहा गया कि अडाणी की कंपनियों में प्रवर्तकों की पर्याप्त हिस्सेदारी है, जो समय के साथ बढ़ी है। ऐसा इक्विटी बिक्री के जरिए मिली राशि के निवेश की वजह से हुआ।

समूह ने कहा कि इन सभी लेन-देन की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी गई है। बयान के मुताबिक अडाणी परिवार ने हिस्सेदारी बिक्री से मिली राशि का इस्तेमाल एजीईएल के शेयर खरीदने के लिए किया। इसके अलावा एजीईएल को शेयरहोल्डर ऋण और अन्य प्रतिभूतियों के जरिए समर्थन भी दिया गया।

अग्निपथ स्कीम पर 'एससी' की मोहर, 3 अर्जी खारिज 

अग्निपथ स्कीम पर 'एससी' की मोहर, 3 अर्जी खारिज 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से देश की तीनों सेनाओं में युवाओं की नौकरी के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मोहर लगा दी है। अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर की गई तीन अर्जियों को खारिज करते हुए अदालत की ओर से टिप्पणी की गई है कि अग्निपथ स्कीम लाने को मनमानी नहीं कहा जा सकता है। सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने देश की तीनों सेनाओं में युवाओं की नौकरी के लिए केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से लाई गई अग्निपथ स्कीम को सही माना है। अदालत ने इस योजना के खिलाफ दायर की गई तीन याचिकाओ को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है। 

इससे पहले फरवरी महीने में दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ स्कीम पर अपनी मोहर लगाते हुए इसे सही बताया था, जिसके बाद कुछ लोगों ने उच्चतम न्यायालय का रुख करते हुए अपनी याचिकाएं दाखिल की थी। हाईकोर्ट के बाद अब आज उच्चतम न्यायालय द्वारा अग्नीपथ योजना को सही करार देने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी अपनी मूछों पर ताव दे रही है।

'एसबीआई' ने 1022 पदों पर वैकेंसी निकाली 

'एसबीआई' ने 1022 पदों पर वैकेंसी निकाली 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 1022 पदों पर वैकेंसी निकाली है। इसके लिए उम्मीदवार 30 अप्रैल तक एसबीआई की ऑफिशल वेबसाइट sbi.co.in. पर जाकर अप्लाई कर सकेंगे। उम्मीदवारों का सिलेक्शन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। इसमें सेलेक्ट होने पर उन्हें हर महीने 41,000 रुपए तक सैलरी दी जाएगी।

वैकेंसी डिटेल्स
SBI द्वारा निकली गई भर्ती में कुल 1022 पद भरे जाएंगे। इसके तहत चैनल मैनेजर फैसिलिटेटर, चैनल मैनेजर सुपरवाइजर और सपोर्ट ऑफिसर के पद पर भर्तियां होंगी।

सैलरी
चैनल मैनेजर फैसिलिटेटर पद पर सेलेक्ट होने पर उम्मीदवार को महीने के 36,000 रुपए सैलरी मिलेगी। जबकि बाकी दोनों पद पर चयनित होने पर वेतन महीने के 41,000 रुपए है।

सिलेक्शन प्रोसेस
एसबीआई भर्ती के लिए उम्मीदवारों का सिलेक्शन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। प्राप्त आवेदनों की स्क्रीनिंग के बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इंटरव्यू 100 अंकों का होगा और क्वालिफाइंग मार्क्स एसबीआई द्वारा बाद में दिए जाएंगे। कैंडिडेट्स के मार्क्स के आधार पर फाइनल सिलेक्शन लिस्ट बनेगी

ऐसे करें आवेदन
उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट sbi.co.in पर विजिट करें।
करियर सेक्शन में जाएं। यहां दिए गए लिंक से भर्ती नोटिफिकेशन डाउनलोड करें।
ऑनलाइन अप्लीकेशन पेज पर जाएं। उम्मीदवार पहले रजिस्ट्रेशन करें। रजिस्टर्ड डिटेल्स से लॉग-इन करके संबंधित पद के लिए अप्लीकेशन सबमिट करें।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...