रविवार, 6 जून 2021
सिक्किमः 14 जून तक संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा
दो दिन साप्ताहिक बंदी, आंशिक कर्फ्यू खत्म: यूपी
संदीप मिश्र
लखनऊ। अब चार जिलों को छोड़कर पूरा प्रदेश कोरोना कर्फ्यू मुक्त हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिले में भी कोरोना कर्फ्यू हटा लिया गया है। नोएडा में 7 जून से सभी दुकानें, बाजार कोरोना नियमों का पालन करते हुए खुल सकेंगे। सरकारी कार्यालयों में भी 50 फीसदी स्टाफ उपस्थित रह सकेंगे। हर कार्यालय में कोविड हेल्प डेस्क बनाना अनिवार्य होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन का कहना है कि वीकेंड कर्फ्यू की वजह से मरीजों की संख्या 600 से कम होने के बावजूद लॉकडाउन में ढील सोमवार यानी 7 जून से दी जाएगी। जिले में 5 दिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक जिला प्रशासन की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक छूट मिलेगी। हालांकि नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन जारी रहेगा। कंटेनमेंट जोन में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
इसके साथ ही प्रदेश के 71 जिले कोरोना कर्फ्यू मुक्त हो गए हैं। यह निर्णय शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ टीम-9 की बैठक में लिया गया। हालांकि, शनिवार व रविवार को सभी जिलों में पहले के आदेशों के अनुसार साप्ताहिक बंदी लागू रहेगी। वहीं, बीते 24 घंटों में प्रदेश में 1100 नए मामले आए हैं जबकि 2446 मरीज डिस्चार्ज होकर घर वापस गए हैं। प्रदेश में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 17944 है।बता दें कि यूपी सरकार कोरोना को नियंत्रित करने के 'ट्रिपल टी' अर्थात टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर काम कर रही है। प्रदेश में हर रोज तीन लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।
फिलहाल कोचिंग सेंटर, जिम, स्पॉ सेंटर और मॉल्स को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से अगला आदेश जारी किए जाने तक हर हफ्ते शनिवार और रविवार को वीकेंड लॉकडाउन जारी रहेगा। जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक रेस्टोरेंट और होटल से खाना ले जाने की अनुमति होगी। धार्मिक स्थलों पर एक बार में केवल पांच लोगों को ही दर्शन की अनुमति होगी।
पेट्रोल-डीजल की कीमत में फिर इजाफा हुआ
केंद्र ने सरकार की ‘राशन’ योजना को क्यों रोका ?
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि केंद्र ने सरकार की ‘घर-घर राशन’ योजना को क्यों रोका ? उन्होंने कहा कि इस योजना को राष्ट्रहित में मंजूरी दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ‘घर-घर राशन’ योजना सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘‘सुपरस्प्रेडर’’ हैं। केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों की सरकारों से लड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, “इतने मुसीबत के समय केंद्र सरकार सबसे झगड़ रही है। आप (केंद्र) ममता दीदी से, झारखंड सरकार से, लक्षद्वीप के लोगों से, महाराष्ट्र सरकार से, दिल्ली के लोगों से और किसानों से लड़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि अगर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के बजाय आपस में ही लड़ेंगे तो महामारी कैसे निपटेंगे। केजरीवाल ने एक डिजिटल पत्रकार वार्ता में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा, “आज मैं बेहद व्यथित हूं और मैं सीधे आपसे बात करना चाहता हूं… दिल्ली में अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने का काम शुरू हो जाना था।” मुख्यमंत्री ने कहा, “ सरकारी तैयारियां हो चुकी थीं और यह क्रांतिकारी कदम होने वाला था, लेकिन अचानक दो दिन पहले आपने (प्रधानमंत्री) इसे रोक दिया। क्यों सर आपने ऐसा क्यों किया?” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, “ पिछले 75 साल से गरीब जनता राशन माफिया का शिकार होती आई है और हर महीने फाइलों में उसके लिए राशन जारी होता है, लेकिन उसे मिलता नहीं है। अधिकांश राशन चोरी हो जाता है।”
भारत: 24 घंटे में 1,14,460 नए मामलें सामने आएं
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,14,460 नए मामले सामने आए। जो 60 दिन की अवधि में सबसे कम संख्या है। इसके साथ ही दैनिक संक्रमण दर घटकर अब 5.62 प्रतिशत रह गई है। वहीं, महामारी से 2,677 और लोगों की मौत हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को अपने अद्यतन आकड़ों में यह जानकारी दी और कहा कि संक्रमण के नए मामलों के साथ देश में महामारी के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 2,88,09,339 हो गई है। वहीं संक्रमण से 2,677 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 3,46,759 हो गई है। करीब 42 दिन में मृतकों की यह सबसे कम संख्या है। उपचाराधीन मामलों की संख्या भी घटकर 15 लाख से कम रह गई है। छह अप्रैल को 24 घंटे में संक्रमण के 96,982 नए मामले सामने आए थे। मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को 20,36,311 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई, जिन्हें मिलाकर जांच संख्या बढ़कर 36,47,46,522, हो गई है।
दैनिक संक्रमण दर घटकर अब 5.62 प्रतिशत रह गई है और लगातार 13 दिन से यह दस प्रतिशत से कम बनी हुई है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर घटकर 6.54 प्रतिशत रह गई है। इसने कहा कि देश में अब 14,77,799 मामले उपचाराधीन हैं, जो कुल मामलों का 5.13 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 93.67 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटे में 77,449 मामले कम हुए हैं। यह लगातार 24वां दिन है। जब स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमितों की संख्या से अधिक है।
अब तक 2,69,84,781 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। वहीं, संक्रमण से मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है। गौरतलब है कि देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए।
शनिवार, 5 जून 2021
सोने-चांदी की कीमत में ब्रेक लगता हुआ नजर आया
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए: कांग्रेस
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस ने तीनों कृषि कानूनों से जुड़े अध्यादेश जारी किए जाने के एक साल पूरा होने के मौके पर शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि इन कानूनों के जरिए सरकार देश के किसानों को ‘बंधुआ मजदूर’ बनाना चाहती है। सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ”मोदी सरकार तीन काले कृषि अध्यादेश आज ही के दिन 5 जून, 2020 को लेकर आई थी। मोदी जी ने कहा था कि महामारी की आपदा के समय वे इन काले कानून से अन्नदाता के लिए अवसर लिख रहे हैं। सही मायने में उन्होंने 25 लाख करोड़ सालाना के कृषि उत्पादों के व्यापार को अपने मुट्ठीभर पूंजीपति दोस्तों के लिए ‘अवसर’ लिखा और 62 करोड़ किसानों के हिस्से में उन्होंने ‘अवसाद’ लिख दिया।”
उन्होंने दावा किया, ”मोदी सरकार अनुबंध पर खेती के अनैतिक प्रावधानों के माध्यम से अन्नदाता भाइयों को चंद पूंजीपतियों का ‘बंधुआ मज़दूर’ बनाना चाहती है।” उनके मुताबिक, ”मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 2014 में अध्यादेश के माध्यम से किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की। साल 2015 में उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दे दिया कि किसानों को लागत के अलावा 50 प्रतिशत मुनाफा कभी भी समर्थन मूल्य के तौर पर नहीं दिया जा सकता। फिर 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लेकर आए, जिससे चंद बीमा कंपनियों ने 26,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमवाया।” उन्होंने आरोप लगाया, ”5 जून, 2020 को लाए गए तीन काले कानूनों के माध्यम से किसानों की आजीविका पर फिर से डाका डालना चाहती है।” सुरजेवाला ने कहा, ”काले कानूनों की बरसी पर मोदी सरकार को चाहिए कि वो अपने निर्णय को वापस ले और इन कानूनों को फौरन खारिज करे।
जियो: नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा
प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना भारतीय लोकाचार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना भारतीय लोकाचार के केंद्र में रहा है।विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है।
कोविंद ने ट्वीट किया, "प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना और जैव विविधता की रक्षा करना भारतीय लोकाचार और संस्कृति के केंद्र में रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर, जब मानवता कोविड-19 के खिलाफ लड़ रही है, हम एक स्थायी भविष्य के लिए वैश्विक समुदाय के साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।"
एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाने से किसानों को फायदा
नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए मौका दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है। सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहती है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवा देगी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती।सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ”भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है।
जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती।” मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है। वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है।
24 घंटे में 1 लाख 20 हजार 529 नए मामलें मिलें
ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटाया
लॉकडाउन में ओर छूट देने की घोषणा की: दिल्ली
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लॉकडाउन में ओर छूट देने की घोषणा करते हुए कहा कि सात जून से दिल्ली मेट्रो 50 फीसदी क्षमता के साथ चलेगी तथा बाजार और मॉल सम-विषम आधार पर खुलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के स्वरूप का पता लगाने के लिए एलएनजेपी अस्पताल तथा यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) में दो जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाएं बनाएगी। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में सोमवार सुबह पांच बजे तक लगे लॉकडाउन की अवधि और बढ़ायी जाएगी लेकिन कई तरह की छूट भी दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी कार्यालयों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी। बाजार और मॉल सुबह 10 बजे से रात आठ बजे तक सम-विषम आधार पर खोले जा सकते हैं।केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार यह ध्यान में रखते हुए कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी कर रही है कि इसके चरम पर पहुंचने पर रोज 37,000 मामले आ सकते हैं और साथ ही बिस्तरों, आईसीयू तथा दवाओं की व्यवस्था भी कर रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए आवश्यक बिस्तरों की संख्या, आईसीयू सुविधाओं तथा अन्य उपकरणों पर फैसला लेने के लिए एक बाल चिकित्सा कार्य बल गठित किया गया है।
कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जतायी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडार करने की व्यवस्था की जा रही है। 25 ऑक्सीजन टैंकर खरीद रहे हैं और 64 छोटे ऑक्सीजन संयंत्र लगा रहे हैं। विशेषज्ञों और डॉक्टरों का एक दल उपयोगी दवाएं बताएगा तथा कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का भंडार रखा जाएगा।
शुक्रवार, 4 जून 2021
'पर्यावरण दिवस' कार्यक्रम को संबोधित करेंगे पीएम
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शनिवार की सुबह 11 बजे विश्व पर्यावरण दिवस 2021 कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय 'बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईंधन को बढ़ावा देना' है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि इस कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी 'भारत में 2020-2025 के दौरान इथेनॉल सम्मिश्रण से संबंधित रोडमैप के बारे में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट' जारी करेंगे। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के क्रम में भारत सरकार तेल कंपनियों को 1 अप्रैल 2023 से इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को इथेनॉल की 20 प्रतिशत तक की प्रतिशतता के साथ बेचने और उच्च इथेनॉल मिश्रणों ई-12 और ई-15 से संबंधित बीआईएस विनिर्देश के बारे में निर्देश देते हुए ई-20 अधिसूचना जारी कर रही है।
कमजोरी का रुख, सोने-चांदी के दामों में गिरावट आईं
सीबीएसई ने 13 सदस्यीय समिति का गठन किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है और यह समिति 10 दिनों में रिपोर्ट पेश करेगी। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थीं।सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ” कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चित स्थिति और विभिन्न पक्षकारों की राय के आधार पर यह फैसला किया गया था कि इस वर्ष सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। यह भी फैसला किया गया कि समयबद्ध तरीके से परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिये वस्तुनिष्ट मानदंड निर्धारित किये जायेंगे। ”उन्होंने कहा, ” बारहवीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से सीबीएसई ने वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति 10 दिनों के भीतर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन मानदंड पर रिपोर्ट सौंपेगी। ”
गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था। सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है। जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। छात्रों को अंक किस आधार पर मिलेंगे और परिणाम कैसे तैयार होगा। इस बारे में सीबीएसई ने कहा था कि समय के अनुसार उचित मानदंड के तहत अंक दिये जायेंगे और परिणाम तैयार होगा। वहीं छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो छात्र अपने अंक से संतुष्ट नहीं होंगे वे बाद में परीक्षा देने का विकल्प चुन सकेंगे। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है।
किसान आंदोलन के नेतृत्व को लेकर फूट बढ़ने लगी
हाल फिलहाल भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं, जिन्होंने पिछले दिनों बाकी किसान संगठनों से अपना नाता तोड़ते हुए अलग फेडरेशन बना ली। चढूनी भले ही इस फेडरेशन के बनाने के कितने भी कारण गिनाते रहें, लेकिन इस वास्तविकता से इन्कार नहीं किया जा सकता कि राकेश टिकैत की मध्य और उत्तर हरियाणा में दस्तक से चढूनी खासे नाराज हैं। बातों ही बातों में कई बार चढूनी यह इशारा भी कर चुके हैं कि टिकैत को उत्तर प्रदेश देखना चाहिए, हरियाणा को हम संभाल ही लेंगे। इस विवाद के बीच योगेंद्र यादव ने दक्षिण हरियाणा में मोर्चा संभाला हुआ है।
हिसार में हुई वार्ता और टोहाना में देवेंद्र बबली के विरोध की घटना के बाद फूट की दरार अधिक चौड़ी हुई
किसान संगठनों के बीच फूट का सिलसिला हालांकि कई माह पहले आरंभ हो गया था, लेकिन उस समय विवाद ज्यादा बढ़ा जब हिसार के आइजी ने राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी को बातों ही बातों में यह कह दिया कि उत्तर प्रदेश के सीएम और हरियाणा के सीएम एक ही दिन अपने-अपने राज्यों में सरकारी दौरे पर आते हैं, लेकिन आप उत्तर प्रदेश की बजाय हरियाणा में आंदोलन को हिंसक बनाने से नहीं चूकते।इसके बाद चढूनी का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई दिए कि जब आइजी ने यह बात कही तो उन्हें बहुत शर्म आई। यानी वह आइजी की बात पर मुहर लगाने के साथ ही टिकैत पर भी सवाल उठा रहे हैं कि वह उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में सरकारी दौरे पर आए वहां के सीएम पर इतने मेहरबान कैसे हैं।
टीकरी से शुरू हुआ विरोध, कंडेला की महिला ने आठ मिनट का वीडियो जारी कर कहा चढूनी हमारा नेता नहीं
किसान संगठनों के बीच फूट उस समय अधिक बढ़ गई, जब हिसार के मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने एक वीडियो में किसान जत्थेबंदियों के नेताओं द्वारा सरकार से किए गए किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने व किसी नेता का रास्ता न रोकने के वादे से धरनों पर बैठे लोगों को वाकिफ नहीं कराया। टिकैत व चढूनी ने वार्ता के बाद दावा किया था कि सरकार ने उनकी सभी चार मांगे मान ली हैं, लेकिन मंडलायुक्त ने कहा कि सरकार ने दो मांगें मानीं और दो को तकनीकी व कानूनी कारण बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही मंडलायुक्त ने यह भी उजागर कर दिया कि इन किसान नेताओं ने वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर निकाला है।राकेश टिकैत ने कहा, चढूनी के निजी विचारों से हमारा मतलब नहीं
उधर, भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी के टोहाना मामले में दिए गए बयान से इतर राकेश टिकैत ने आंदोलनकारियों का समर्थन किया है। टिकैत ने कहा कि टोहाना में बबली का विरोध करने वाले तथा जिनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई हुई है, वे सभी किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य हैं। उनकी रिहाई तक हिसार के मैयड टोल पर जाम रहेगा।राकेश टिकैत मैयड टोल पर पहुंच भी गए। चढूनी ने बुधवार को बयान दिया था कि टोहाना में उपद्रव मचाने वालों का हमारे आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है। इसके बाद टिकैत ने कहा कि चढूनी ने जो बयान दिया है, वह उनका निजी विचार हो सकता है। मैं मैयड टोल पर खाट डालकर बैठ रहा हूं और गिरफ्तार लोगों को रिहा कराकर रहूंगा। बता दें कि देर रात विधायक बबली भी चंडीगढ़ पहुंच गए। उन्होंने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह से मुलाकात की। इस प्रकरण में आज शुक्रवार को सभी की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात संभव है।
रक्षामंत्री की 50 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना काफी समय से इस प्रयास में जुटी है कि उसका जंगी जहाजी बेड़ा दुनिया में सबसे अव्वल हो। इसके लिए जरूरी है कि नौसेना के पास अत्याधुनिक तकनीक से लैस जहाज और सबमरीन हों। जिस तरह से भारत के पड़ोसी चीन और उसकी सहायता से पाकिस्तान अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है उसको देखते हुए ये और भी जरूरी हो जाता है।
फाइजर-मॉडर्ना वैक्सीन की मंजूरी से होगी मदद
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय आयुध संस्थान केंद्र के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी देने से न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों के वैक्सीनेशन में भी मदद मिलेगी। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया था कि देश में वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में मंजूरी दी जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दोनों ही वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने में भारत उस नजरिए का इस्तेमाल करेगा, जिसे अमेरिका और अन्य उन देशों ने अपनाया है, ये देश इन दोनों वैक्सीन को लगा रहे हैं। एक इंटरव्यू में फाइजर को ब्रिजिंग ट्रायल से छूट देने पर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह न केवल अडल्ट्स बल्कि बच्चों के वैक्सीनेशन में भी देश की मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह पहले भी किया जा चुका है, जब सरकार ने उन सभी टीकों को आपातकालीन मंजूरी दी थी, जिसे यूएस, यूके और यूरोपिय संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी दे रखी है। ऐसे में मुझे लगता है कि जल्द ही हमारे पास बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए फाइजर वैक्सीन मौजूद होगी। पहले नियमों में छूट क्यों नहीं दी गई के सवाल पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पहले हमारे पास उभरते आंकड़ों का सही डाटा नहीं था।
यूरोपीय आबादी पर इसके दुष्प्रभाव हुए थे, ऐसे में आपको सावधान रहना था। पहली बात तो ये है कि आप ज्यादा नुकसान नहीं करना चाहते। यूके और यूएस में बड़ी संख्या में वैक्सीन लगाए जाने के बाद ये साफ हो गया कि इसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं थे। दोनों ही जगह अच्छी संख्या में भारतीय रहते हैं। आज हमारे पास विश्वस्तर का पर्याप्त डाटा है जिससे हम इन वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं।
राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...