गुरुवार, 9 सितंबर 2021
संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत के जुड़ाव का एक पहलू
अफगानिस्तान को लेकर देश-दुनिया की चर्चाएं बढ़ीं
अस्पताल में आग लगने से 14 लोगों की मौंत हुईं
बुधवार, 8 सितंबर 2021
ताइवान की हवाई सीमा में भेजें 19 लड़ाकू विमान
सरकार के गठन होने पर अब्दुल्ला ने बयान दिया
तालिबान के साथ चीन की 'वास्तविक समस्या' हैं
इंडोनेशिया: जेल में आग लगने से 41 कैदियों की मौंत
सिराजुद्दीन को अफगानिस्तान का गृहमंत्री बनाया
मंगलवार, 7 सितंबर 2021
उड़ान: तालिबान के साथ काम कर रहा अमेरिका
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उनका विभाग काबुल से अतिरिक्त चार्टर उड़ानों की व्यवस्था के लिए तालिबान के साथ काम कर रहा है। ताकि वे लोग अफगानिस्तान से निकल सकें जो अमेरिका की सैन्य वापसी के बाद देश छोड़ना चाह रहे हैं। ब्लिंकन मंगलवार को कतर के शीर्ष राजनयिकों और रक्षा अधिकारियों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी से अतिरिक्त चार्टर उड़ानों के बंदोबस्त के लिए अमेरिका पिछले कुछ समय से तालिबान के साथ संपर्क में है। विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान ने उन सभी लोगों को सुरक्षित निकासी का आश्वासन दिया है जो उचित यात्रा दस्तावेजों के साथ अफगानिस्तान से निकलना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अब भी करीब 100 अमेरिकी नागरिक जहां-तहां हैं जो वहां से निकलना चाहते हैं।
सरकार ने इलाके में कोई शिविर स्थापित नहीं किया
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा है कि अफगानिस्तान से भागने की कोशिश कर रहे अफगान शरणार्थियों को आश्रय देने के लिए उनका देश कोई नया शिविर स्थापित नहीं कर रहा है। ‘बिजनेस रिकॉर्डर’ की खबर के अनुसार, रशीद ने कहा कि सीमा पर कोई अफगान शरणार्थी नहीं है और सरकार ने उस इलाके में कोई शिविर स्थापित नहीं किया है।
रशीद ने रविवार को तोरखम सीमा का दौरा किया था जहां उन्होंने यह बयान दिया। देश में पहले से ही लगभग तीस लाख अफगान शरणार्थी हैं और ऐसी खबरें आ रही थीं कि सीमा पर लोग एकत्र होकर पाकिस्तान में घुसने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान में रह रहे शरणार्थियों में से लगभग आधे लोग अवैध रूप से रह रहे हैं क्योंकि उन्हें अपना पंजीकरण नहीं करवाया है।
सरकार के गठन की घोषणा की तैयारियां पूरी की
भारत के कप्पाड तट पर केरल पहुँचा था वास्को
नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। वास्को दी गामा को भारत की खोज करने का श्रेय देते हुए इतिहासकार उसके गुणगान करते दिखेंगे। उस काल में जब यूरोप से भारत के मध्य व्यापार केवल अरब के माध्यम से होता था। उस पर अरबवासियों का प्रभुत्व था। भारतीय मसालों और रेशम आदि की यूरोप में विशेष मांग थी। पुर्तगालवासी वास्को दी गामा समुद्र के रास्ते अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाते हुए भारत के कप्पाड तट पर 14, मई, 1498 कालीकट, केरल पहुँचा था। केरल का यह प्रदेश समुद्री व्यापार का प्रमुख केंद्र था। स्थानीय निवासी समुद्र तट पर एकत्र होकर गामा के जहाज को देखने आये क्यूंकि गामा के जहाज की रचना अरबी जहाजों से अलग थी
केरल के उस प्रदेश में शाही जमोरियन राजपरिवार के राजा समुद्रीन का राज्य था। राजा अपने बड़े से शाही राजमहल में रहता था। गामा अपने साथियों के साथ राजा के दर्शन करने गया। रास्ते में एक हिन्दू मंदिर को चर्च समझ कर गामा और उसके साथी पूजा करने चले गए। वहां स्थित देवीमूर्ति को उन्होंने मरियम की मूर्ति समझा और पुजारियों के मुख से श्री कृष्ण के नाम को सुनकर उसे क्राइस्ट का अपभ्रंश समझा। गामा ने यह सोचा कि लम्बे समय तक यूरोप से दूर रहने के कारण यहाँ के ईसाईयों ने कुछ स्थानीय रीति रिवाज अपना लिए है। इसलिए ये लोग यूरोप के ईसाईयों से कुछ भिन्न मान्यताओं वाले है। गामा की सोच उसके ईसाईयत के प्रति पूर्वाग्रह से हमें परिचित करवाती है। राजमहल में गामा का भव्य स्वागत हुआ। उसे 3000 सशस्त्र नायर सैनिकों की टुकड़ी ने अभिवादन दिया। गामा को तब तक विदेशी राजा के राजदूत के रूप में सम्मान मिल रहा था। सलामी के पश्चात गामा को राजा के समक्ष पेश किया गया। जमोरियन राजा हरे रंग के सिंहासन पर विराजमान था। उनके गले में रतनजड़ित हीरे का हार एवं अन्य जवाहरात थे। जो उनकी प्रतिष्ठा को प्रदर्शित करते थे। गामा द्वारा लाये गए उपहार अत्यंत तुच्छ थे। राजा उनसे प्रसन्न नहीं हुआ। फिर भी उसने सोने, हीरे आदि के बदले मसालों के व्यापार की अनुमति दे दी।
स्थानीय अरबी व्यापारी राजा के इस अनुमति देने के विरोध में थे। क्यूंकि उनका इससे व्यापार पर एकाधिकार समाप्त हो जाता। गामा अपने जहाज़ से वापिस लौट गया। उसकी इस यात्रा में उसके अनेक समुद्री साथी काल के ग्रास बन गए। उसका पुर्तगाल वापिस पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ। उसने यूरोप और भारत के मध्य समुद्री रास्ते की खोज जो कर ली थी। आधुनिक लेखक उसे भारत की खोज करने वाला लिखते है। भारत तो पहले से ही समृद्ध व्यापारी देश के रूप में संसार भर में प्रसिद्द था। इसलिए यह कथन यूरोपियन लेखक की पक्षपाती मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
पुर्तगाल ने अगली समुद्री यात्रा की तैयारी आरम्भ कर दी। इस बार लड़ाकू तोपों से सुसज्जित 13 जहाजों और 1200 सिपाहियों का बड़ा भारत के लिए निकला। कुछ महीनों की यात्रा के पश्चात यह बेड़ा केरल पहुंचा। कालीकट आते ही पुर्तगालियों ने राजा के समक्ष एक नाजायज़ शर्त रख दी कि राजा केवल पुर्तगालियों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध रखेंगे। अरबों के साथ किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करेंगे। राजा ने इस शर्त को मानने से इंकार कर दिया। झुंझला कर पुर्तगालियों ने खाड़ी में खड़े एक अरबी जहाज को बंधक बना लिया।
अरबी व्यापारियों ने भी पुर्तगालियों की शहर में रुकी टुकड़ी पर हमला बोल दिया। पुर्तगालियों ने बल प्रयोग करते हुए दस अरबी जहाजों को बंधक बना कर उनमें आग लगा दी। इन जहाजों पर काम करने वाले नाविक जिन्दा जल कर मर गए। पुर्तगालियों यहाँ तक नहीं रुके। उन्होंने कालीकट पर अपनी समुद्री तोपों से बमबारी आरम्भ कर दी। यह बमबारी दो दिनों तक चलती रही। कालीकट के राजा को अपना महल छोड़ना पड़ा। यह उनके लिया अत्यंत अपमानजनक था। पुर्तगाली अपने जहाजों को मसालों से भरकर वापिस लौट गए। यह उनका हिन्द महासागर में अपना वर्चस्व स्थापित करने का पहला अभियान था।
गामा को एक अत्याचारी एवं लालची समुद्री लुटेरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करनी थी। इसलिए वह एक बार फिर से आया। इस बार अगले तीन दिनों तक पुर्तगाली अपने जहाजों से कालीकट पर बमबारी करते रहे। खाड़ी में खड़े सभी जहाजों और उनके 800 नाविकों को पुर्तगाली सेना ने बंधक बना लिया। उन बंधकों की पहले जहाजों पर परेड करवाई गई। फिर उनके नाक-कान, बाहें काटकर उन्हें तड़पा तड़पा कर मारा गया। अंत में उनके क्षत-विक्षत शरीरों को नौकाओं में डालकर तट पर भेज दिया गया।
ज़मोरियन राजा ने एक ब्राह्मण संदेशवाहक को उसके दो बेटों और भतीजे के साथ सन्धि के लिए भेजा गया। गामा ने उस संदेशवाहक के अंग भंग कर, अपमानित कर उसे राजा के पास वापिस भेज दिया। और उसके बेटों और भतीजे को फांसी से लटका दिया। पुर्तगालियों का यह अत्याचार केवल कालीकट तक नहीं रुका। वे पश्चिमी घाट के अनेक समुद्री व्यापार केंद्रों पर अपना कहर बरपाते हुए गोवा तक चले गए। गोवा में उन्होंने अपना शासन स्थापित किया। यहाँ उनके अत्याचार की एक अलग दास्तान फ्रांसिस ज़ेवियर नामक एक ईसाई पादरी ने लिखी।
पुर्तगालियों का यह अत्याचार केवल लालच के लिए नहीं था। इसका एक कारण उनका अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करना भी था। इस मानसिकता के पीछे उनका ईसाई और भारतीयों का गैर ईसाई होना भी एक कारण था। इतिहासकार कुछ भी लिखे मगर सत्य यह है कि वास्को दी गामा एक नाविक के भेष में दुर्दांत, अत्याचारी, ईसाई लुटेरा था। खेद है वास्को डी गामा के विषय में स्पष्ट जानकारी होते हुए भी हमारे देश के साम्यवादी इतिहासकार उसका गुणगान कर उसे महान बनाने पर तुले हुए है। इतिहास का यह विकृतिकरण हमें संभवत विश्व के किसी अन्य देश में नहीं मिलेगा।
जेल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए 6 फलस्तीनी भागें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/जेरूसलम। सुरक्षित मानी जाने वाली इजराइल की जेल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए 6 फलस्तीनी कैदी भाग निकले हैं। इजराइल जेल सेवा के एक अधिकारी ने 6 कैदियों के फरार हो जाने की घटना को बड़ी सुरक्षा और खुफिया चूक बताया है। जेल से 6 कैदियों के फरार हो जाने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। कैदियों की तलाश में देशभर के विभिन्न स्थानों पर नाकेबंदी करते हुए उन्हें दबोचने के प्रयास किए जा रहे हैं। इजराइल की अति सुरक्षित माने जाने वाली गिलबोआ जेल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए 6 फलस्तीनी कैदी भाग निकले हैं। जेल के स्टाफ को कैदियों के भागने की इस वारदात का उस समय पता चला जब रोजाना की तरह कैदियों की गिनती की गई और उसमें 6 लोग लापता पाए गए। माना जा रहा है कि जेल की सुरक्षा में सेंध लगाकर फरार हुए फलस्तीनी कैदियों ने अपने बाथरूम के फर्श से होते हुए एक सुरंग खोदी जो जेल के बाहर सडक पर जाकर निकली।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से दिखाई दे रहा है कि इजरायली अधिकारी जेल की एक सिंक के नीचे एक छोटे से छेद और जेल की दीवारों से सटी हुई धूल भरी सड़क पर दूसरे छेद की जांच कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि फलस्तीनी कैदियों ने किसी तरह जेल के बाहर के लोगों से संपर्क कर लिया था। किसी तरह उन्होंने जेल में मोबाइल प्राप्त कर लिया और भागने में उसका इस्तेमाल किया। जेल में सेंधमारी करते हुए बाहर आने के बाद कैदियों ने फोन करके तुरंत कार बुला ली। इजराइल की अति सुरक्षित मानी जाने वाली जेल से 6 फलस्तीनी कैदियों के फरार होने की घटना की तुलना हॉलीवुड की किसी थ्रिलर फिल्म से की जा रही है। अब इजराइली अधिकारी रातों-रात जेल में सेंधमारी करके भागने वाले आधा दर्जन फलस्तीनी कैदियों को दबोचने के लिए देश भर में बड़े स्तर पर नाकेबंदी करते हुए तलाशी अभियान चला रहे हैं। उधर बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा किसानों से की गई बातचीत में पता चला है कि उन्होंने समीप के खेतों में ही कुछ संदिग्ध लोगों को देखा है। बहरहाल मामला कुछ भी रहा हो लेकिन इजराइल की सुरक्षित जेल से 6 कैदियों ने फरार होकर इस बात को साबित कर दिया है कि समूचे विश्वभर में कोई भी जेल सुरक्षित नहीं है। उधर फलीस्तीनी चरमपंथी गुटों ने 6 कैदियों के जेल में सेंधमारी कर के भागने को जांबाजी भरा कदम बताया है।
महिलाओं को तितर करने के लिए चलाईं गोलियां
नई दिल्ली/ काबुल। अफगानिस्तान में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रही महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए तालिबान की ओर से गोलियां चलाई गई है। जिससे मौके पर तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान की ओर से किए गए कब्जे के बाद में आम लोग लगातार पाकिस्तान का विरोध कर रहे हैं। राजधानी काबुल की सड़कों पर लोग उतरते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद, आजादी और सपोर्ट पंचशीर के नारे लगा रहे हैं। विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शनकारी लोग काबुल स्थित पाकिस्तान दूतावास तक जा पहुंचे हैं। जहां पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं को तितर बितर करने के लिये तालिबान की ओर से उनके ऊपर गोलियां चलाई गई है। अफगानिस्तान में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का विरोध करते हुए सड़क पर उतरी महिलाएं जमकर पाकिस्तान का विरोध कर रही है। प्रदर्शनकारी महिलाएं पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उससे अफगानिस्तान छोड़ने की मांग कर रही हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान पर तालिबान को सपोर्ट करने के आरोप लगते रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बात का सबूत भी पेश किया है कि कैसे पाकिस्तान अफगानिस्तान सरकार को अस्थिर करके तालिबान का सहयोग कर रही है। अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश रहा है जो तालिबान का समर्थक है। तालिबान ने लगातार पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है। हाल ही पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान, तालिबान का संरक्षक रहा है और लंबे वक्त तक उनकी देखभाल की है। पाकिस्तान, तालिबान शासन को मान्यता देने वाला सबसे पहला देश हो सकता है।
सोमवार, 6 सितंबर 2021
दावा: तालिबान ने सरकार गठन का फैसला किया
नए 'अबॉर्शन' के खिलाफ 'सेक्स स्ट्राइक' का आह्वान
रविवार, 5 सितंबर 2021
भारत-यूएसए के पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा
वाशिंगटन डीसी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शस्त्र नियंत्रण मामलों की अमेरिका की उप विदेश मंत्री और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा राजदूत बोनी जेनकिंस से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने परमाणु अप्रसार, असैन्य परमाणु और अंतरिक्ष सहयोग सहित दोनों देशों के पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा की। यह बैठक श्रृंगला के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन शुक्रवार को हुई।
वाशिंगटन में अपने प्रवास के दौरान श्रृंगला ने जो. बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी शामिल थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस संबंध में ट्वीट के जरिए जानकारी दी। वहीं, जेनकिंस ने श्रृंगला से अपनी मुलाकात पर ट्वीट के जरिए खुशी व्यक्त की।
पाकिस्तान: आत्मघाती हमले में 3 लोगों की मौंत हुईं
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में मस्तुंग रोड पर फ्रंटियर कोर (एफसी) के एक चेकपोस्ट के पास रविवार को आत्मघाती हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और 20 अन्य घायल हो गये।
स्थानीय समाचारपत्र 'डॉन' ने क्वेटा के पुलिस उप महानिरीक्षक अजहर अकरम के हवाले से यह जानकारी दी। श्री अकरम ने बताया कि घायलों में से 18 सुरक्षा अधिकारी थे जबकि दो राहगीर थे। उन्होंने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी है। श्री अकरम ने बताया कि एक आत्मघाती हमलावर ने अपनी मोटरसाइकिल पर छह किलोग्राम विस्फोटक लाद कर एफसी के काफिले के एक वाहन को टक्कर मार दी। विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गयी।
अगले सप्ताह जी7 मंत्रियों की बैठक की योजना
संकट से निपटने की कोशिश करेगा 'तालिबान'
राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा
राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...