सोमवार, 25 सितंबर 2023

'एनजीओ' की याचिका पर बीबीसी को नोटिस

'एनजीओ' की याचिका पर बीबीसी को नोटिस 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' को लेकर गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 'जस्टिस ऑन ट्रायल' की याचिका पर सोमवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) को नया नोटिस जारी किया।
'जस्टिस ऑन ट्रायल' ने अपनी याचिका में दावा किया है कि बीबीसी का वृत्तचित्र 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' देश की प्रतिष्ठा पर कलंक लगाता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भारतीय न्यायपालिका के खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाता है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने गुजरात स्थित एनजीओ 'जस्टिस ऑन ट्रायल' की ओर से दायर याचिका पर बीबीसी (ब्रिटेन) के अलावा बीबीसी (भारत) को भी नया नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता एनजीओ के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि बीबीसी (ब्रिटेन) और बीबीसी (भारत) को पहले नोटिस जारी  
एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सिद्धार्थ शर्मा ने प्रतिवादियों को नोटिस देने के लिए और समय मांगा। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ प्रतिवादियों को सभी स्वीकार्य तरीकों से नए सिरे से नोटिस जारी करें।
’’ इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस वृत्तचित्र से भारत के माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार, राज्य सरकार और भारत के लोगों की प्रतिष्ठा और सद्भावना को हानि हुई है तथा एनजीओ के पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ 10,000 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' 2002 के गुजरात दंगों के बारे में है, जब नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।

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