बुधवार, 12 जुलाई 2023

शिव की पूजा में 'केतकी' का फूल चढ़ाना पाप

शिव की पूजा में 'केतकी' का फूल चढ़ाना पाप

सरस्वती उपाध्याय 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी देव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें उनकी पसंदीदा वस्तुएं दी जाती हैं। सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुओं को अर्पित करना प्रचलित है। लेकिन कुछ चीजें देवताओं को देने से वे जल्द ही नाराज़ हो जाते हैं। आइए पता करें...!

सावन का महीना बहुत पावन और पवित्र है। यह कहते हैं कि इस माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया एक छोटा सा काम भी बहुत जल्द काम करेगा। शिव भगवान बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। ऐसे में श्रद्धालु महादेव को अपनी प्रिय वस्तुएं देते हैं। लेकिन शास्त्र कहते हैं कि कुछ चीजें भूलकर भी महादेव को नहीं देनी चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि भगवान शिव को एक फूल भी नहीं देना चाहिए। यह एक केतकी का फूल है। शिव पुराण में एक कथा है, जो बताती है कि पूजा में केतकी के फूल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है ?

आइए, केतकी के फूल और भगवान शिव के बारे में जानें...!

केतकी के फूल की पौराणिक कथा...

शिव पुराण में भगवान शिव को केतकी का फूल अर्पित न करने की कथा के बारे में बताया गया है। एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी के बीच विवाद हो गया कि कौन सर्वश्रेष्ठ है और इस विवाद को खत्म करने के लिए दोनों को भगवान शिव के पास जाना पड़ा। उस समय महादेव ने एक ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कर उसका आदि और अंत खोजने को कहा। साथ ही, कहा कि जो खोज लेगा, वहीं श्रेष्ठ कहलाएगा।

इस तरह से आदि अंत खोजने की हुई शुरुआत

ज्योतिर्लिंग का आदि-अंत खोजने के लिए भगवान विष्णु ऊपर की ओर और ब्रह्मा जी नीचे की ओर बढ़ें। 

शिवलिंग का आदि-अंत खोजने के लिए ब्रह्मा जी और विष्णु जी ने लाख कोशिश की। लेकिन उन्हें कुछ न मिला। जब ब्रह्मा जी अंत ढूंढते-ढूंढते थक गए, तब उन्हें रास्ते में केतकी का फूल मिला।ब्रह्मा जी ने केतकी के फूल को बहलाकर शिव दी के आगे झूठ बोलने को कहा और दोनों ने महादेव के सामने जाकर झूठ बोलकर ये स्वीकार किया कि उन्हें शिवलिंग का अंत मिल गया।

भगवान शिव ने दिया केतकी को श्राप

महादेव जानते थे कि ब्रह्मदेव झूठ बोल रहे हैं और उनकी इस बात से वे क्रोधित हो गए और ब्रह्मा जी को पांचवा सिर काट दिया। वहीं, केतकी के फूल को शाप दिया कि शिल जी को पूजा में केतकी के फूल का इस्तेमाल वर्जित रहेगा।

तब से ही महादेव की पूजा में केतकी के फूल को चढ़ाना मना है। केतकी का फूल चढ़ाना पाप माना गया है। इसलिए सावन या महादेव की पूजा के समय भूलवश भी केतकी का फूल अर्पित न करें।

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