बुधवार, 23 सितंबर 2020

पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाने का मामला

पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाने का मामला, परोल पर आए पिता ने किया अंतिम संस्कार, कठघरे में पुलिस।


सुल्तानपुर। परोल पर बाहर आए पत्रकार ने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान उन्होंने सुलतानपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। सोमवार को पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाने का मामला सामने आया था। इस मामले में तीन आरोपी हिरासत में हैं।
यूपी के सुलतानपुर में पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाने का मामला
पिता ने परोल पर जेल से बाहर आकर किया बेटी का अंतिम संस्कार।
पीड़ित पिता ने थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज पर लगाए गंभीर आरोप।
कहा- अब तक पुलिस ने इस मामले में नहीं की कोई भी गिरफ्तारी।
सुलतानपुर।
यूपी के सुलतानपुर जिले में पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाने का मामला चर्चा में है। मृतका का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच जेल में बंद मृतका के पिता ने परोल पर पहुंचकर अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। उन्होंने इस दौरान बल्दीराय थाने के प्रभारी और देहली बाजार चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए। फिलहाल पुलिस ने हत्याकांड से जुड़े चार में से तीन आरोपियों को पकड़ने की बात कही है।
मंगलवार की रात हुआ अंतिम संस्कार।
मंगलवार रात बल्दीराय थाना क्षेत्र का टरणसा मजरे ऐंजर गांव छावनी में तब्दील था। भारी संख्या में पुलिस बल लगाकर पत्रकार प्रदीप सिंह की बेटी श्रद्धा सिंह का अंतिम संस्कार कराया गया। यहां लोगों की भारी भीड़ जमा थी। इस बीच परोल पर बेटी के अंतिम संस्कार में पहुंचे प्रदीप को देखकर उनकी पत्नी फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने पति से पुलिस की कथित बर्बरता का जिक्र करते हुए कहा कि एसओ कुछ भी करा सकते हैं।
पिता बोले- गिरफ्तारी न होने से बढ़ा आरोपियों का मनोबल
लड़की के पिता पत्रकार प्रदीप सिंह ने मीडिया को बताया, 'पहले जो एफआईआर हुई थी, उसमें आजतक पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की। एसओ बल्दीराय ने धारा बदल दी। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने का ये नतीजा है कि आज जो मनोबल बढ़ा है।' प्रदीप ने आरोप लगाया कि पूर्व में जो घटना हुई उसमें चौकी इंचार्ज ने बदलाव कर नई तहरीर ली है। पहली तहरीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। सभी के पास मौजूद है नहीं होगी तो हम उपलब्ध करा देंगे। चौकी इंचार्ज खुर्शीद अहमद पूरी तरह से विरोधियों से मिले हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि एसओ ने मुकदमा 302 में चार्जशीट किया है, जबकि मुकदमा 304 का है।
मेडिकल के आधार पर पुलिस ने कम की धारा।
दरअसल 2 जून को हुई घटना में स्थानीय पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा था। बाद में प्रदीप की पत्नी अर्चना की तहरीर पर आईजी रेंज फैजाबाद डॉक्टर संजीव गुप्ता के निर्देश पर जानलेवा हमले समेत आईपीसी की 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें बेटी के हत्यारोपी भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बाद में 307 की धारा आरोपियों पर से हटा दी गई थी। जो हत्यारोपियों के लिए संजीवनी का काम कर गई। अन्य धाराओं में लॉकडाउन की ढाल लेकर पुलिस ने उन्हें बाहर घूमता छोड़ दिया।
मामले के तीन आरोपी हिरासत में
फिलहाल सोमवार को बिटिया श्रद्धा को जिंदा जलाने वाले दरिंदों के खिलाफ पुलिस ने मां की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार नामजद 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जबकि एक आरोपी पिछले एक महीने से हरियाणा में रह रहा है। वैसे पूरे मामले में सुस्त पुलिस अब नया मामला दर्ज होने के बाद एक आरोपी के हरियाणा में होने की बात कर रही है। इस पूरे मामले में पुलिसिया कार्रवाई चौतरफा सवालों के घेरे में है।             


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