बुधवार, 6 सितंबर 2023

भारत में ऐसा झरना, जिसका पानी ऊपर जाता है

भारत में ऐसा झरना, जिसका पानी ऊपर जाता है 

सरस्वती उपाध्याय 
नई दिल्ली। झरने को बहते हुए तो आप सभी लोगों ने देखा होगा। कोई झरना बहुत तेज बहता है, तो कोई बहुत ऊंचा होता है। लेकिन अपने देश भारत में एक झरना ऐसा भी है, जिसका पानी नीचे आने के बजाय ऊपर की ओर चला जाता है। बता दें नानेघाट पुणे में जुन्नार के पास ये झरना महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में मौजूद है। मुंबई से लगभग तीन घंटे की दूरी पर मौजूद ये घाट उल्टे झरने यानि रिवर्स वॉटरफॉल के लिए जाना जाता है। इसकी खासियत ये है कि झरने का पानी ऊपर की ओर जाता है, नीचे नहीं। 
किताबों में तो हमने यही पढ़ा है कि ऊपर से कोई भी चीज गिरे तो नीचे ही आती है, फिर चाहे ये कोई भारी चीज हो या फिर पानी। झरनों से नीचे बहते पानी का हाहाकार तो आपने सुना ही होगा लेकिन नानेघाट का झरना कुछ अलग ही है। ये झरना घाट की ऊंचाई से नीचे गिरने के बजाय ऊपर की ओर जाता है। बता दें इससे जुड़ा हुआ एक वीडियो @wonderofscience नाम के ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे अब 4 लाख से भी ज्यादा लोग देख चुके हैं। वायरल हो रहे वीडियो में झरने का पानी नीचे से ऊपर जा रहा है।

शर्मा ने एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

शर्मा ने एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा 

सनातन धर्म बचाओ संघर्ष  समिति ने राष्ट्रपति के नाम उप जिला अधिकारी लोनी को ज्ञापन दिया

तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण मंत्री मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान से सनातन धर्म को नुकसान पंहुचाने पर कार्यवाही एवं सजा दिलाने हेत ज्ञापन दिया
इकबाल अंसारी 
लोनी। जनपद गाजियाबाद के लोनी तहसील में सनातन धर्म बचाओ संघर्ष समिति जिला संयोजक नितिन शर्मा ने अपनी टीम के साथ उप जिला अधिकारी लोनी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति जी से मांग की है, कि उदयनिधि स्टालिन ने अपने एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर अकाउंट) में लिखा कि ऐसे शून्य इतिहास वाले सनातनियों को जनता के सामने उजागर करने के लिए डीएमके के कामरेड साधुवाद। हम फासिस्टों को चुनावी मैदान में हराएंगे और सनातन को खत्म करेंगे। उदयनिधि ने सम्मेलन में यह भी कहा कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है, इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए। वह नरसंहार का आहवान कर रहे हैं। भारत की 80 प्रतिशत आबादी, जो सनातन धर्म का पालन करती है। उसके लिए घोर आपत्तिजनक बयान और नर संहार की बात सीधे सीधे भारतीय संविधान को चुनौती है और ऐसे लोग सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने की साजिश में एक अहम रोल निभा रहे हैं। ऐसे लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदू हितों और हिंदू धर्म की अवहेलना करते हैं और आगे भी करते रहेंगे क्योंकि इनकी बुनियादी सोच ही हिंदू विरोधी है।
इसलिए महोदया से निवेदन है कि ऐसे लोग देश की अखंडता एवं एकता के लिए घातक है और इन पर कठोर कार्यवाही बेहद जरूरी है जिससे देश में शांति कायम रह सके। 
साथ में वहां उपस्थित कार्यकर्ता सतीश गुर्जर,जितेंद्र बंसल, मोहित गुर्जर, पंकज गुर्जर, पम्मी गुर्जर, कृष्ण बंसल, राज बंसल, ललित बंसल, सुमित शर्मा, सुनील शर्मा, भोले गुर्जर, पवन कुमार,आशीष रहे।

अधिवक्ताओं ने जुलूस निकाल, प्रदर्शन किया

अधिवक्ताओं ने जुलूस निकाल, प्रदर्शन किया

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने कचहरी में जुलूस निकाल उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए अधिवक्ताओं ने कहा की उनकी हड़ताल को 7 दिन हो गए हैं। लेकिन हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
मुजफ्फरनगर में 29 अगस्त को हापुड़ में लाठीचार्ज की घटना के विरोध में बुधवार को सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने नाराजगी जाहिर की। सिविल एसोसिएशन से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता तेग बहादुर सैनी ने कहा कि पुलिस ने हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज किया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हापुड़ में पुलिस ने महिला अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किया, उसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता संघ पीड़ित लोगों को न्याय दिलाता है और कानून की बेहतर जानकारी रखता है।
देश की आज़ादी की लड़ाई में अधिवक्ता वर्ग की जंग में अधिवक्ताओं ने ही बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। पुलिस ने जो आमानवीय व्यवहार अधिवक्ताओं के साथ किया, वह निंदनीय है। डीएम कार्यालय पर पहुंचे अधिवक्ताओं ने संगठन की एकता के लिए नारेबाजी की। लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की।
मांग उठाई की अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। सिविल बार एसोसिएशन के जिला महासचिव बिजेंदर मलिक ने कहा कि अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही हाल रहा तो अधिवक्ता समाज सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेगा।

जी20: सही समय पर सही देश है 'भारत'

जी20: सही समय पर सही देश है 'भारत' 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को कहा कि भारत की विविधता और उसकी असाधारण सफलताओं का अर्थ है कि जी20 की अध्यक्षता के लिए वह "सही समय" पर "सही देश" है। इसके साथ ही सुनक ने नरेन्द्र मोदी के पिछले साल के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब विश्व कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है।
भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ने 9-10 सितंबर को यहां आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले कहा कि ब्रिटेन और भारत के संबंध दोनों देशों के वर्तमान से भी अधिक, उनके भविष्य को परिभाषित करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का आकार, विविधता और इसकी असाधारण सफलताओं का अर्थ है कि यह जी20 की अध्यक्षता के लिए सही समय पर सही देश है।
मैं पिछले वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करता हूं और भारत जिस प्रकार वैश्विक नेतृत्व कर रहा है, उसे देखना अद्भुत है।’’ प्रधानमंत्री सुनक ने  सवालों के ईमेल से भेजे गए जवाब में कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने से लेकर जलवायु परिवर्तन से निपटने तक विश्व की मौजूदा प्रमुख चुनौतियों का सामना करने के लिए हम जी20 की अध्यक्षता के जरिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।"
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने यूक्रेन पर रूसी हमले का भी जिक्र किया और कहा कि यदि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को किसी संप्रभु पड़ोसी देश पर हमला करने की अनुमति दी गई, तो पूरी दुनिया के लिए इसके "भीषण परिणाम" होंगे। सुनक ने कहा, "विश्व के दो प्रमुख लोकतंत्रों के तौर पर, हमारे लोग हमें परिभाषित करते हैं और हमें दिशा दिखाते हैं।
यही वजह है कि ब्रिटेन अवैध और अकारण रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।" उन्होंने कहा, "एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के तौर पर यूक्रेन को अपना भविष्य खुद तय करने का अधिकार है।
अगर पुतिन को किसी संप्रभु पड़ोसी पर हमला करने की अनुमति दी गई तो पूरे विश्व के लिए इसके भीषण परिणाम होंगे।" सुनक ने कहा, "यूक्रेन के लोगों से ज्यादा कोई भी शांति नहीं चाहता है, लेकिन पुतिन के पास अपने सैनिकों को वापस बुलाकर इस युद्ध को कल समाप्त करने की शक्ति है।’’

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-324, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बृहस्पतिवार, सितंबर 7, 2023

3. शक-1944, भाद्रपद, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:06।

5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम- 36+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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मंगलवार, 5 सितंबर 2023

पुलिस के खिलाफ वकीलों में आक्रोश व्याप्त

पुलिस के खिलाफ वकीलों में आक्रोश व्याप्त 

संदीप मिश्र 
बरेली। हापुड़ में वकीलों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से प्रदेश भर के वकीलों में काफी आक्रोश है, जोकि लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों कई बार कार्य बहिष्कार करके वकील दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। वहीं यूपी बार एसोसिएशन के आह्वान पर तीन दिवसीय हड़ताल के आज दूसरे दिन भी पूरे प्रदेश में वकील धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 
इसी कड़ी में बरेली में भी सैकड़ों वकील एकजुट हुए और न्यायिक कार्य बहिष्कार करके कलेक्ट्रेट पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इस दौरान वकीलों ने कुछ देर के लिए रोड पर जाम भी लगाया। जिसके बाद बरेली बार भवन के सामने पहुंचकर वकीलों ने मुख्य सचिव और डीजीपी का पुतला फूंककर अपना आक्रोश जताया। 
दरअसल, हापुड़ जनपद में बीते दिनों पुलिस की तरफ से वकीलों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में समूचे प्रदेश के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। जिसके चलते बीते दिनों लाठियां बरसाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर अधिवक्ता कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होने पर आज फिर वकीलों ने कार्य बहिष्कार के साथ धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी वकीलों का कहना है कि हापुड़ में अधिवक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों पर कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए।

किस करने के बाद अस्पताल में भर्ती हुआ बॉयफ्रेंड

किस करने के बाद अस्पताल में भर्ती हुआ बॉयफ्रेंड

सरस्वती उपाध्याय 
सोशल मीडिया पर रोजाना एक से बढ़कर एक मामले सामने आते रहते हैं। इस बीच एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसे जान आपके होश उड़ जाएंगे। दरअसल, एक बॉयफ्रेंड को अपनी प्रेमिका से किस करना भारी पड़ गया। 
जानकारी के मुताबिक, चीन में एक व्यक्ति को गर्लफ्रेंड को किस करने के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। यह कपल चीन के पूर्वी झेजियांग प्रांत के वेस्ट लेक में डेट पर गया था, जहां यह घटना हुई। रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमिका को 10 मिनट तक किस करने के बाद प्रेमी बहरा हो गया। यह बेहद हैरान कर देने वाला मामला है। इस खबर ने पूरी दुनिया में हलचल पैदा कर दी है।
ये मामला 22 अगस्त को बताया जा रहा है। कपल एक दूसर को किस कर रहे थे, तभी बॉयफ्रेंड के कान में तेज दर्द महसूस हुआ। दर्द के बाद शख्स को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों से बताया गया कि कान में दर्द है। डॉक्टर की टीम ने जब देखा तो हैरान रह गए। उन्होंने देखा कि शख्स के कान में छेद हो गया है।
डॉक्टरों ने बताई वजह
डॉक्टरों के अनुसार अधिक जोश के साथ किस करने पर इस तरह की दिक्क्तें आ सकती हैं। उनके अनुसार, तेज किस करने से शरीर में सिहरन पैदा होती है, जिससे कान के परदे पर खिंचाव पड़ता है। ऐसे में कान का पर्दा फट सकता है। चीनी युवक को डॉक्टरों ने बताया गया कि पूरी तरह ठीक होने में दो महीने लगेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, कपल लगभग 10 मिनट तक स्मूच करता रहा। इसी दौरान युवक के कान में अजीब-सी आवाज के साथ तेज दर्द उठा। फिर धीरे-धीरे उसने सुनने की क्षमता को खो दिया।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले 2008 में भी इसी तरह का एक मामला देखने को मिला था। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी चीन की एक युवा महिला के साथ ऐसा हुआ था। जिसने किस करने के बाद सुनने की शक्ति खो दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी चीन में पिछले महीने घर पर टीवी देखते समय एक जोड़े की सुनने की शक्ति चली गई थी।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-202, (वर्ष-11) पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254 2. शुक्रवार, मई 10, 2024 3. शक-1945, बैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, ...