मंगलवार, 1 अगस्त 2023

पत्नी की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या की: यूपी

पत्नी की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या की: यूपी   

संदीप मिश्र 

मिर्जापुर। मिर्जापुर से एक दिल दहलाने वाली खबर आई है। कछवां थाना क्षेत्र के बजरडीहा गांव में एक व्यक्ति ने पहले अपनी पत्नी की कुल्हाड़ी से गला काट कर हत्या कर दिया। इसके बाद स्वयं विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। पति को उपचार के लिए ले अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।

क्षेत्र निवासी राजेश पटेल (40) ने मंगलवार की सुबह किसी बात को लेकर अपनी पत्नी नीतू पटेल (36) पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी हत्या कर दिया। इसके बाद स्वयं विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। इसके बाद परिजन राजेश पटेल को उपचार के लिए पास के अस्पताल ले गए। जहां से उसे वाराणसी रेफर कर दिया गया। बनारस ले जाते समय रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर श्रीकांत प्रजापति व क्षेत्राधिकारी सदर शैलेंद्र त्रिपाठी मौके पर पहुंचे कर जांच पड़ताल किया। मृतक को एक पुत्री और एक पुत्र है। 

एएसपी सिटी श्रीकांत प्रजापति ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि राजेश पटेल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसका इलाज चल रहा था इसी के चलते उसने पत्नी की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। इसके बाद स्वयं भी विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। इससे उसकी भी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच की जा रही है।

मुफ्त बिजली का वादा, किसानों को बकायदार बनाया

मुफ्त बिजली का वादा, किसानों को बकायदार बनाया   

हरिओम उपाध्याय 

लखनऊ। सरकार के मुफ्त बिजली के चुनावी वादे ने किसानों को बकाएदार बना दिया। मुफ्त बिजली की घोषणा की राह देखते-देखते पश्चिमांचल के 14 जिलों के 4.13 लाख किसानों पर पीवीवीएनएल का 25 सौ करोड़ रुपये बिजली का बिल बकाया हो गया। बकाया राशि हर माह बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से नलकूप किसानों को फ्री बिजली का कोई आदेश अभी तक विभाग को नहीं मिला है।

वहीं, इसका खामियाजा विद्युत निगम को भी उठाना पड़ रहा है। 80 प्रतिशत किसानों ने अप्रैल के बाद से बिजली का बिल जमा नहीं किया है।

प्रदेश सरकार की ओर से एक अप्रैल 2023 से नलकूप किसानों की बिजली फ्री किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद ही किसानों ने बिल जमा करने बंद कर दिए। इससे विभाग पर पहले से बकाए पर और बोझ बढ़ गया है। मेरठ जोन में मेरठ और बागपत जिला आता है। अप्रैल तक मेरठ के 33 हजार नलकूप किसानों पर 79 करोड़ रुपये बकाया था। बागपत के 19 हजार किसानों पर 15 करोड़ बकाया था। अब पिछले तीन माह में मेरठ जोन में ही नलकूप किसानों पर बकाया दो गुना हो चुका है। मेरठ जोन के 49 हजार नलकूप किसानों पर पीवीवीएनएल का 164 करोड़ रुपये बकाया हो गया है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में पांच साल तक किसानों की बिजली फ्री करने की घोषणा की थी, जिसे पूरा नहीं किया। इसके बाद एक साल के लिए फ्री करने की घोषणा की गई। किसान सरकार के झूठ में फंसते चले गए, जिससे वह बकाएदार हो गए हैं।

नलकूपों की बिजली फ्री करने की घोषणा की गई थी, इस कारण बिल जमा नहीं किए। अभी भी बिजली फ्री होने की उम्मीद है। अप्रैल में बिजली फ्री होनी थी। चार माह बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। बकाया भी बढ़ता जा रहा है।

जून तक बकाए नलकूप किसानों के बकाए की स्थिति
जोन उपभोक्ता बकाया
मेरठ जोन 49081 164.50 करोड़
गाजियाबाद जोन 7785 26.16 करोड़
बुलंदशहर जोन 60089 703.37 करोड़
सहारनपुर जोन 126788 1039.12 करोड़
नोएडा जोन 4848 32.75 करोड़
मुरादाबाद जोन 165170 469.17 करोड़
कुल 413761 2435.06 करोड़

सरकार की तरफ से अभी तक काई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जब भी निर्देश मिलेंगे उसके बाद ही कुछ किया जाएगा।

नलकूपों की बिजली फ्री किए जाने के लिए शासन स्तर पर कार्य चल रहा है। कार्य योजना प्रक्रिया में है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

पाक के मन में 'किसी के खिलाफ' कुछ भी नहीं

पाक के मन में 'किसी के खिलाफ' कुछ भी नहीं

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से भारत के साथ बातचीत का ऑफर दिया है। साथ ही पाक पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान के मन में "किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं" है। यही नहीं, शहबाज ने कहा कि वह भारत के साथ मूल्यवान जुड़ाव को बढ़ावा देना चाहते हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का दशकों पुराना इतिहास रहा है। हालांकि, अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू और कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए धारा 370 हटा दी थी जिससे पाकिस्तान भड़क गया। इसके बाद से रिश्ते और खराब हुए हैं। अब पाकिस्तान एक बार फिर से बातचीत के लिए हाथ बढ़ा रहा है। 
लेकिन भारत का कहना है कि पहले अपने यहां चल रही आतंक की फैक्ट्री बंद करो फिर बातचीत होगी। पाकिस्तानी पीएम शहबाज ने मंगलवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी (भारत) के साथ भी, बशर्ते कि पड़ोसी देश गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो। युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।" इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पाकिस्तान में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाना और 'धूल से विकास' की ओर बढ़ना है। इस दौरान उन उन्होंने अमेरिका के साथ भी काम करने की बात कही। अमेरिका और भारत के साथ काम करने पर प्रधानमंत्री शरीफ की टिप्पणी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद आई है। इस परियोजान का भारत खुलकर विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है। बता दें कि शरीफ ने करीब 6 महीने पहले भी इसी तरह का ऑफर दिया था। उन्होंने अलअरबिया समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू के दौरान इसी तरह का प्रस्ताव दिया था।
2008 के मुंबई हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई ठोस बातचीत नहीं हुई है। ताजा बयान में हालांकि शरीफ ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि उनका इशारा भारत की ओर था। उन्होंने कहा कि युद्ध दोनों देशों के लिए कोई विकल्प नहीं है और "परमाणु विस्फोट" की स्थिति में कोई भी जीवित नहीं बचेगा। उन्होंने कहा, “हमारे मन में किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं है। हमें अपना ख्याल रखना है, अपने राष्ट्र का निर्माण करना है, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी। हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।” 
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कोई आक्रामक रूप में नहीं बल्कि अपने रक्षा उद्देश्यों के लिए परमाणु शक्ति है। शहबाज ने भारत के साथ हुए युद्धों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले 75 वर्षों में भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं, जिसके परिणामस्वरूप केवल गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा, स्वास्थ्य और लोगों की भलाई के लिए संसाधनों की कमी बढ़ी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह युद्ध करने का नहीं बल्कि क्षेत्र में आर्थिक प्रतिस्पर्धा से लड़ने का तरीका है। उन्होंने कहा, "क्योंकि अगर कोई परमाणु विस्फोट होता है, तो यह बताने के लिए कौन जीवित रहेगा कि क्या हुआ था? इसलिए (युद्ध) कोई विकल्प नहीं है।" उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जहां पाकिस्तान इस बात को समझता है। शहबाज ने कहा, "यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी को यह समझना होगा कि जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता है और जब तक हमारे गंभीर मुद्दों को समझा नहीं जाता है और शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा के माध्यम से संबोधित नहीं किया जाता है, तब तक हम सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते हैं।"

कानून-व्यवस्था एवं मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त

कानून-व्यवस्था एवं मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त   

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। मणिपुर की स्थिति से नाराज उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को टिप्पणी की कि वहां पर कानून-व्यवस्था एवं संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। शीर्ष अदालत ने राज्य पुलिस द्वारा हिंसा के मामलों की जांच को ‘सुस्त’ और ‘बहुत ही लचर’ करार दिया। मणिपुर में बेलगाम जातीय हिंसा से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के तौर तरीके की आलोचना करते हुए न्यायालय ने कहा कि पुलिस ने कानून व्यवस्था पर से नियंत्रण खो दिया। 

शीर्ष अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि सोमवार को जब वह राज्य मणिपुर से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करे तब वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले वीडियो को ‘बहुत परेशान’ करने वाला करार दिया। 

इसके साथ ही पीठ ने सरकार से घटना, मामले में ‘जीरो एफआईआर’ और नियमित प्राथमिकी दर्ज करने की तारीख बताने को कहा। चार मई का यह वीडियो पिछले महीने सामने आया था। शीर्ष अदालत ने जानना चाहा कि अबतक दर्ज करीब 6000 प्राथमिकियों में कितने लोगों को नामजद किया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए गए। 

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक टिप्पणी की, ‘‘ जांच बहुत ही सुस्त है, प्राथमिकियां बहुत देरी से दर्ज की गईं और गिरफ्तारियां नहीं की गईं, बयान दर्ज नहीं किये गये ...राज्य में कानून व्यवस्था और संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।’’ जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में उस समय तनाव और बढ़ गया था जब चार मई का वह वीडियो सामने आया जिसमें एक समुदाय के कुछ लोगों की भीड़ दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती नजर आई थी।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मौखिक टिप्पणी की, ‘‘एक चीज बहुत स्पष्ट है कि वीडियो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई।’’ सुनवाई शुरू होने पर मणिपुर सरकार ने पीठ को बताया कि उसने मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 6,523 प्राथमिकियां दर्ज कीं। 

केंद्र तथा मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में राज्य पुलिस ने ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज की थी। ‘जीरो एफआईआर’ न्यायाधिकार क्षेत्र से परे कहीं पर भी दर्ज कराई जा सकती है और उसे बाद में उस पुलिस थाने में जांच के लिए स्थानांतरित कर दिया जाता है जहां पर अपराध घटित हुआ था। मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि मणिपुर पुलिस ने वीडियो मामले में एक नाबालिग समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। 

मेहता ने पीठ को बताया कि प्रतीत होता है कि राज्य पुलिस ने वीडियो सामने आने के बाद महिलाओं के बयान दर्ज किये। इससे पहले, आज उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मणिपुर में पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज न करने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इस मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर अपराह्न दो बजे सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने महिलाओं की ओर से पेश वकील निजाम पाशा की दलीलों पर संज्ञान लिया। 

सीबीआई ने इन महिलाओं को आज अपने समक्ष पेश होने तथा बयान दर्ज कराने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में संबंधित महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो को सोमवार को “भयावह” करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी की वजह का पता लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति या फिर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का सुझाव भी दिया था। 

धनिया बेचकर करोड़पति बना किसान, खेती

धनिया बेचकर करोड़पति बना किसान, खेती 

कविता गर्ग 
लातूर। बीते दिनों किसान द्वारा टमाटर की खेती कर करोड़ पती बनने की खबर सामने आई थी। ऐसा ही महाराष्ट्र के रमेश विठ्ठलराव ने भी कर के दिखाया है। रमेश अपनी 5 एकड़ जमीन में पिछले चार सालों से आधुनिक तरीके से धनिया की खेती कर रहे हैं।

जिससे उन्हें 1 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। लातूर जिला सूखा प्रभावित क्षेत्र है, यहां किसानों को पारंपरिक खेती से मनचाही कमाई नहीं हो पाती है। इसी के चलते रमेश ने धनिया की खेती करने का फैसला लिया।जानकारी के अनुसार  रमेश ने साल 2019 में  धनिया उगाना शुरू किया था, रमेश ने उसी साल 25 लाख रुपयों का मुनाफा कमाया था। इस दौरान उनकी लागत सिर्फ 1 लाख रुपये थी वहीं  साल 2020 में 16 लाख , 2021 में 14 लाख , 2022 में 13 लाख और इस साल  16 लाख 30 हजार रुपयों की कमाई कर ली है।

रमेश ने बताया कि  पिछले 5 सालों में उन्होंने  धनिया की खेती से लगभग 1 करोड़ का मुनाफा कमाया है। इस के साथ ही उन्होंने  एक SUV कार और घर भी खरीद ली है।  

मेवात में हुई हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की

मेवात में हुई हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की   

राणा ओबरॉय 

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेवात में हुई हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। हुड्डा ने मंगलवार को यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि मेवात समेत पूरा राज्य सौहार्द्र और भाईचारे के लिए जाना जाता है।

मेवात में देश के बंटवारे के वक्त भी इस तरह का आपसी टकराव देखने को नहीं मिला। उन्हाेंने राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वक्त रहते सतर्कता नहीं बरते जाने के चलते यह घटनाक्रम देखने को मिला। उन्होंने जनता से शांति और आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की और कहा है कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें तथा शांति स्थापित करने में एक दूसरे का सहयोग करें।

उन्हाेंने सरकार को नसीहत दी कि उसे अपनी गलती सुधारते हुए अब तमाम एहतियाती कदम उठाने चाहिएं। शांति स्थापित करना और भाईचारा कायम करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-290, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, अगस्त 2, 2023

3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:16, सूर्यास्त: 07:09।

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 36+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...