बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

देश को कर्ज में डुबा देगा केंद्रीय 'बजट' 2023-24

देश को कर्ज में डुबा देगा केंद्रीय 'बजट' 2023-24

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट 2023-24 ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है और यह देश को कर्ज में डुबा देगा। सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट से 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ जाएगा। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि भाजपा ने ‘अच्छे दिन’ लाने जैसे वादे को ‘जुमला’ बना दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र का बजट एक ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है। हमने अतीत में ऐसे कई जुमले सुने हैं- जैसे बुलेट ट्रेन की शुरुआत या किसानों की आय दोगुनी करने या 60 लाख रोजगार सृजन करने का वादा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट देश को कर्ज में डुबा देगा। उन्होंने दावा किया कि 2014 तक केंद्र पर 53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था और भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के लगातार दो कार्यकाल के दौरान देश पर 150 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है और ‘‘यह बजट देश को 15 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज में डूबा देगा।’’

उन्होंने कहा कि बजट दिल्लीवासियों के लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि कर अनुदान के रूप में राष्ट्रीय राजधानी को सिर्फ 325 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि दिल्ली 1.75 लाख रुपये का आयकर देती है। सिसोदिया ने दावा कि पिछले 22 वर्षों में 325 करोड़ रुपये की राशि बदली नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बजट में रोजगार सृजन या महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार 

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मित्रकाल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है।’’

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी देते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है। बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है।’’ 

अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को भी सौगात दी है। 

इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है। नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है। साथ ही कर ‘स्लैब’ (श्रेणी) को सात से घटाकर पांच किया गया है। 

चुनाव: 'एमसीडी' के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी 

चुनाव: 'एमसीडी' के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने छह फरवरी को महापौर के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास ‘राजनिवास’ के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

एक अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को इस तारीख का प्रस्ताव दिया था। अधिकारियों ने बताया कि महापौर चुनाव के लिए उपराज्यपाल ने छह फरवरी को एमसीडी सदन का सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि एमसीडी की स्थगित हुई पहली बैठक आयोजित करने के लिए उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रस्ताव भेजा था। सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि एमसीडी ने महापौर के चुनाव के लिए 10 फरवरी को सदन का सत्र बुलाने का प्रस्ताव दिया था। 

वहीं, केजरीवाल सरकार ने तीन तारीखों- तीन, चार और छह फरवरी का सुझाव दिया था। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक के बीच सत्र स्थगित होने के बाद छह जनवरी और 24 जनवरी को जब सदन की बैठक हुई तो महापौर का चुनाव नहीं हो सका था। आम आदमी पार्टी की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबराय ने चुनाव समयबद्ध तरीके से कराने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 

ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात: बजट

ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात: बजट

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को दावा किया वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किये गये केंद्रीय बजट ने देश के ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2023-24 के लिए बजट और वित्त मंत्री का बजट भाषण यह प्रदर्शित करता है कि जनता, उसके जीवन, आजीविका तथा अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई से सरकार कितनी अनजान है।’’ चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी, गरीबी और असमानता जैसे शब्दों का कहीं उल्लेख नहीं किया। शुक्र है कि उन्होंने ‘गरीब’ शब्द का उल्लेख दो बार किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि भारत के लोग इसका संज्ञान लेंगे कि सरकार को किन लोगों की चिंता है और किन लोगों की नहीं है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार की ओर से अनुमानित जीडीपी (वास्तविक मूल्यों पर आधारित) 232,14,703 करोड़ रुपये बताई गई थी और 11.1 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया गया था। वहीं, वर्ष 2022-23 के लिए 258,00,000 करोड़ रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया गया था। 

उन्होंने कहा कि आज पेश किये गये बजट में सरकार ने 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान 273,07,751 करोड़ रुपये का लगाया है। चिदंबरम ने कहा,‘‘इसतरह, वास्तविक मूल्यों पर आधारित जीडीपी दोगुनी होनी चाहिए थी, जबकि वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) द्वारा और आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत रही। सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’ 

उन्होंने दावा किया, ‘‘नयी कर व्यवस्था को अपनाने वालों के अलावा अन्य के लिए कर में कोई कमी नहीं दी गई है। अप्रत्यक्ष कर में कोई कमी नहीं की गई है। आतिर्कक जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दरों में कोई कमी नहीं की गई है। पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, उर्वरक की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। कई अधिभारों और उपकरों में कोई कमी नहीं की गई है।’’ चिदंबरम ने दावा किया कि यह एक ‘संवेदनहीन’ बजट है, जिसमें देश के ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया गया है। उन्होंने कहा कि ध्यान से विश्लेषण किया जाए, तो नयी कर व्यवस्था में भी लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंचाया गया है।

वित्तमंत्री ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया

वित्तमंत्री ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया। महिलाओं के लिए 'महिला सम्मान बचत पत्र' नामक लघु बचत योजना शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके तहत अधिकतम ₹2 लाख तक की जमा राशि पर 7.5% ब्याज मिलेगा। बकौल सीतारमण, 2 साल की अवधि वाली यह योजना 2025 तक चलाई जाएगी। बजट पेश होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। ये बजट वंचितों को वरीयता देता है। ये बजट आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, देश इस बजट में पहली बार अनेक प्रोत्साहन योजना लेकर आई है। ऐसे लोगों के लिए ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी, क्रेडिट, और मार्केट सपोर्ट की व्यवस्था की गई है। पीएम-विकास से हमारे करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। गांव से लेकर शहर तक में रहने वाली हमारी महिलाओं के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं, उन्हें अब और ताकत के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ये बजट, सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। सरकार ने को-ऑपरेटिव सेक्टर में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है। बजट में नए प्राइमरी को-ऑपरेटिव्स बनाने की एक महत्वकांक्षी योजना का भी ऐलान हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400% से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी के लिए आय के नए अवसर पैदा करेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आज जब मिलेट्स पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है, तो उसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों के नसीब में है। अब इस सुपर फूड को श्री अन्न के नाम से एक नई पहचान दी गई है। श्री अन्न से हमारे छोटे किसानों और किसानी करने वाले आदिवासी भाई-बहनों को आर्थिक सबल मिलेगा।

जिला एवं सत्र अदालत में घुसा चोर, नकदी लेकर फरार

जिला एवं सत्र अदालत में घुसा चोर, नकदी लेकर फरार

इकबाल अंसारी 

पणजी। गोवा की राजधानी पणजी में एक चोर जिला एवं सत्र अदालत की इमारत के साक्ष्य कक्ष में कथित तौर पर घुस गया और विभिन्न मामलों में सबूत के तौर पर जब्त की गई नकदी लेकर फरार हो गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना मंगलवार व बुधवार की दरमियानी रात को पुर्तगाली काल की इमारत में स्थित अदालत में हुई। इमारत के प्रवेश द्वार की तरफ एक सुरक्षा कर्मी तैनात था। मामले की जांच की वजह से परिसर में स्थित तीन जिला अदालतों का कामकाज बुधवार को प्रभावित हुआ।

न्यायाधीशों ने बुधवार को सूचीबद्ध मामलों को आगे की तारीख दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चोर इमारत के पीछे की ओर की एक खिड़की तोड़कर परिसर में दाखिल हुआ। अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि चोर विभिन्न मामलों में सबूत के तौर पर जब्त की गई नकदी लेकर फरार हो गया। विस्तृत जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या कोई कागजात और अन्य सामग्री चोरी हुई या नहीं। उन्होंने कहा,  हम यह भी पता लगा रहे हैं कि सुरक्षा कर्मी को चोर की मौजूदगी का कैसे पता नहीं चला ?

‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करेंगे 

‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करेंगे 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार वाणिज्यिक विवादों के निपटान के लिए ‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करेगी। सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि विवादों पर मेलमिलाप और व्यक्तियों की पहचान को अद्यतन करने के लिए एक जगह पर समाधान की व्यवस्था भी की जाएगी।

‘विवाद से समाधान’ योजना में कर, ब्याज, जुर्माने एवं शुल्क से संबंधित विवादों के निपटान का प्रावधान किया गया है। इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माने या ब्याज या शुल्क का 25 प्रतिशत भुगतान कर वाणिज्यिक इकाई विवाद का निपटान कर सकती है। सीतारमण ने कहा कि सरकार वाणिज्यिक विवादों के निपटान के लिए इस योजना का दूसरा चरण भी लेकर आएगी।

इससे फर्मों को कर संबंधी विवाद खत्म करने में सहूलियत होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं से संबंधित अनुप्रयोगों के विकास के लिए 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इससे दूरसंचार एवं संबंधित क्षेत्रों में शोध एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रयोगशालाओं में कृत्रिम हीरों के विकास से संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को अनुदान दिया जाएगा। इससे हीरे के लिए आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...