शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

शामली: 27 सितंबर को महापंचायत करने की घोषणा

शामली: 27 सितंबर को महापंचायत करने की घोषणा

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। बुटराड़ा में दिल्ली देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर हाईवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि के एक प्रोजेक्ट एक रेट की मांग को लेकर चल रहा किसानों का धरना जारी रहा। धरना स्थल पर 27 सितंबर को महापंचायत करने की घोषणा की गई। शामली जिले के 22 गांवों के किसान बुटराड़ा करौदा हाथी स्टैंड के संघर्ष समिति के तत्वावधान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। धरना स्थल पर बृहस्पतिवार को नई किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष देशपाल मलिक करौदा हाथी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि एक प्रोजेक्ट एक मुआवजा की मांग जब तक पूरी नहीं होगी, तब तक किसान बरसात, गर्मी व सर्दी की परवाह किए बिना धरना स्थल पर डटे रहेंगे।

समिति के अध्यक्ष देशपाल मलिक ने धरने पर मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कहा की 27 सितंबर को धरना स्थल पर ही भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र मलिक लिसाढ़ तथा प्रवक्ता राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के नेतृत्व में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। महापंचायत में अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में किसान पहुंचेंगे। उन्होंने किसानों से गांव-गांव जाकर महापंचायत के प्रचार प्रसार करने का आह्वान किया। इस अवसर पर सुभाष, राजकुमार, रविंद्र, सुनील, ओमपाल, मैनपाल, बिलेंद्र, सुखबीर, लोकेंद्र आदि मौजूद रहे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-349, (वर्ष-05)

2. शनिवार, सितंबर 24, 2022

3. शक-1944, आश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:20, सूर्यास्त: 06:25। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै., उत्तर भारत में भारी बरसात की संभावना है।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

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गुरुवार, 22 सितंबर 2022

27 सितंबर को 'जापान' की यात्रा पर जाएंगे, पीएम 

27 सितंबर को 'जापान' की यात्रा पर जाएंगे, पीएम 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को जापान की यात्रा पर जाएंगे, जहां वह पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। जापान के सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले शिंजो आबे की आठ जुलाई को पश्चिमी इलाके में चुनावी कार्यक्रम के दौरान एक हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्तहिक प्रेस वार्ता में बताया कि शिंजो आबे का राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम है और यह बेहद मित्रवत देश में है। उन्होंने कहा कि यह काफी अच्छा है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर वहां जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह निजी संबंधों का भी विषय हो सकता है। लेकिन मेरे लिये इस पर कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है।’’ प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से अलग से मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और आबे के बीच काफी निकटता रही थी । आबे के निधन पर शोक प्रकट करते हुए मोदी ने उन्हें ‘प्रिय मित्र’ से संबोधित किया था और कहा था कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने दुनिया को बेहतर स्थान बनाने के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।

ईश्वर की पूजा करने का हमारा तरीका अलग: इलियासी 

ईश्वर की पूजा करने का हमारा तरीका अलग: इलियासी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद कहा कि हमारा डीएनए एक ही है, केवल ईश्वर की पूजा करने का हमारा तरीका अलग है। 

इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपिता भी बताया और कहा कि आरएसएस प्रमुख ने उनके निमंत्रण पर उत्तरी दिल्ली में मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा किया था और वहां बच्चों के साथ बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि सभी मानते हैं कि राष्ट्र पहले आता है।

छात्राओं के शारीरिक 'उत्पीड़न' की शर्मनाक घटना

छात्राओं के शारीरिक 'उत्पीड़न' की शर्मनाक घटना 

अमित शर्मा 

भरतपुर। पंजाब के एक गर्ल्स होस्टल में छात्राओं के शारीरिक उत्पीड़न की शर्मनाक घटना के बाद अब भरतपुर में भी मल्लखंभ की महिला खिलाड़ियों के कथित शारीरिक उत्पीड़न की शर्मनाक घटना सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भरतपुर में मल्लखंभ एकेडमी संभाल रहे मलखंभ फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश इन्दोलिया के खिलाफ सात लड़कियों और एक युवक ने शारीरिक उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली मल्लखंभ फेडरेशन में की है।

गौरतलब है कि इन्दोलिया के खिलाफ मई, जून में शिकायतों का दौर शुरू हुआ था जिसके बाद मल्लखंभ की सात महिला खिलाड़ियों और एक युवा खिलाड़ी ने इन्दोलिया के खिलाफ शारीरिक उत्पीड़न की शिकायत दी है। बताया गया है कि 18 सितंबर को दिल्ली में मल्लखंभ फेडरेशन की एक बैठक में यह मुद्दा उठने के बाद इन्दोलिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इन्दोलिया का कहना है कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है जिसमे भारतीय जनता पार्टी के एक नेता का भी हाथ है। उन्होंने इस नेता के नाम का खुलासा नही किया है। इस शर्मनाक एवं सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद मल्लखंभ फेडरेशन ने सभी शिकायतों को लेकर एक कमेटी का गठन किया है।

सहयोग व सेवा को भारतीय संस्कारों का हिस्सा बताया 

सहयोग व सेवा को भारतीय संस्कारों का हिस्सा बताया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री मनसुख मांडविया ने सहयोग और सेवा को भारतीय संस्कारों का हिस्सा बताते हुए गुरुवार को कहा कि आबादी तक पहुंचने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मांडविया ने आज यहां भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के राज्य स्तरीय नेतृत्व सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में हाल ही में कोविड महामारी के दौरान देखी गई स्वास्थ्य सुविधाओं में हुई प्रगति के बारे में दुनिया भर में चर्चा है।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम हमेशा अन्य देशों के स्वास्थ्य सेवा मॉडल देखकर रोमांचित होते रहे हैं, लेकिन कोविड ने हमारी व्‍यवस्‍था की ताकत दर्शायी और उन्नत देशों की इस संबंध में कमजोरियों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत ने न सिर्फ कोविड का सफल क्षेत्रीय मॉडल के साथ प्रबंधन किया, बल्कि वैक्सीन मैत्री के तहत दवाओं और टीकों की आपूर्ति के रूप में कई देशों को अंतरराष्ट्रीय सहायता भी प्रदान की।

यह प्रशंसनीय है कि भारतीय दवाएं गुणवत्ता में कम साबित नहीं हुई और न ही उनकी कीमतें बढ़ाकर स्थिति का फायदा उठाया गया। यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन के प्रति भारत की गहरी आस्था दर्शाता है। श्री मांडविया ने अनूठे उद्यम अपनाने और आईआरसीएस के कामकाज के दायरे का विस्तार करने के लिए उपस्थित लोगों से सुझाव मांगे। उन्होंने कहा, “सेवा और सहयोग हमारी विरासत का हिस्सा हैं और वे हमारे संस्कार का एक अभिन्न अंग हैं।

ये भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के आदर्श वाक्य को भी रेखांकित और परिभाषित करते हैं जो जरूरत और आपात स्थिति में मानवता की सेवा और सहायता के प्रति अपने काम के लिए जाना जाता है।” श्री मांडविया ने कहा कि रेड क्रॉस लोगों के बीच उम्‍मीद और आशा की किरण के तौर पर पहचाना जाता है। यह भरोसे और सुनिश्चित उपस्थिति का प्रतीक है। लेकिन उन्होंने आगाह किया कि अगर आईआरसीएस बदलते समय के साथ तालमेल नहीं बिठाता तो इसकी प्रासंगिकता और पहचान खो सकती है। उन्‍होंने कहा कि आईआरसीएस को अपनी ताकत और कमजोरियों पर आत्मनिरीक्षण करने और समय के साथ बदलती भूमिका को अपनाने तथा इसके लिए खुद को फिर से परिभाषित करने की एक कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता है।

इसके लिए संरचनात्मक और संगठनात्मक संरचनाओं के बारे में गहरी समझ बनाने, आईआरसीएस क्षेत्रीय केंद्रों के कामकाज में अनुशासन पर ध्यान देने, नियुक्तियों में पारदर्शिता बरतने, बेहतर शिकायत निवारण तंत्र बनाने और अन्य बातों के साथ-साथ जन-केंद्रित गतिविधियों के लिए डिजिटल तकनीक का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...